Students can benefit from Sarangi Class 2 Solutions Chapter 5 थाथू और मैं by practicing regularly and seeking help when needed.
Class 2 Hindi Chapter 5 Thathu Aur Main Question Answer
Thathu Aur Main Class 2 Question Answer
थाथू और मैं के प्रश्न उत्तर
बातचीत के लिए :
इस कहानी के आधार पर कुछ प्रश्न बनाइए और अपने मित्रों से पूछिए-
उत्तर :
- आप अपने दादा जी को क्या कह कर बुलाते हैं?
- क्या आपके दादा आपको सिनेमा दिखाने ले जाते हैं?
- आपको बारिश में भीगना कैसा लगता है?
- आप किसके जैसा बनना चाहते हैं?
शब्दों का खेल :
प्रश्न 1.
सही जगह पर चंद्रबिंदु लगाकर अपनी कॉपी में लिखिए-
(क) ऊची-नीची लहरें मेरे चारों तरफ उठती-गिरती हैं।
(ख) “थाथू क्यों न हम चाद पर चलें?”
(ग) मेरी उगलिया कुतरती हैं।
(घ) उनके साथ मैं कूदती-फादती घर आ जाती हूँ।
उत्तर :
(क) ऊँची-नीची लहरें मेरे चारों तरफ उठती-गिरती हैं।
(ख) “थाथू क्यों न हम चाँद पर चलें?”
(ग) मेरी उँगुलियाँ कुतरती हैं।
(घ) उनके साथ मैं कूदती-फाँदती घर आ जाती हूँ।
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए शब्द उलट-पलट हो गए हैं। शब्दों को सही क्रम में लगाकर वाक्य अपनी कॉपी में लिखिए-
(क) साथ के रहती हूँ मैं दादाजी।
(ख) तट समुद्र जाते हम पर हैं।
(ग) हैं थाथू मुस्कुराते।
(घ) हूँ मैं कहती ‘थाथा’ उन्हें।
उत्तर :
(क) मैं दादाजी के साथ रहती हूँ।
(ख) हम समुद्र तट पर जाते हैं।
(ग) थाथू मुस्कुराते हैं।
(घ) उन्हें मैं ‘थाथा’ कहती हूँ।
झटपट कहिए :
1. फूफा के फुगगा पर फिर
मिला फलाहारी
फाफड़ा।
2. भैया भाभी को भायी
भागलपुर की भारी भरकम भेंट।
उत्तर :
छात्र स्वयं बोलने का प्रयास करें।
Sarangi Class 2 Hindi Chapter 5 थाथू और मैं Summary
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 5 थाथू और मैं कहानी का सार
यह पाठ एक लड़की और उसके दादा जी के बारे में है। लड़की अपने दादा जी के साथ रहती है। वह उन्हें ‘थाथा’ कहकर बुलाती है। जब उसे अपने दादा जी पर प्यार आता है तो ‘थाथू’ कहकर बुलाती है। उसके थाथू उसे कभी-कभी सिनेमा दिखाने लेकर जाते हैं। वह उनकी गोद में बैठकर हार्न बजाकर बकरियों और गायों को रास्ते से दूर हटाती है। वह अपने थाथ से चाँद पर चलने की बात भी कहती है जिस पर थाथू हँस देते हैं। उनके दाँत नहीं हैं। जब वे हँसते हैं तो एक गुलाबी-सी दीवार दिखाई देती है और फिर एक गुलाबी-सी गुफा। थाथू के साथ लड़की बारिश होने पर बाहर जाती है। दोनों हमेशा कुछ अलग करते हैं। समुद्र-तट पर जाते हैं।
ऊँची-नीची लहरें उनके चारों तरफ उठती-गिरती हैं। मछलियाँ उन दोनों के पास चली आती हैं और लड़की की उँगुलियाँ कुतरकर उसे खेलने के लिए बुलाती हैं। चाँद उनके साथ-साथ चलता है और हवाएँ सीटी बजाती हैं। दोनों दौड़ लगाते हैं, कलाबाज़ियाँ खाते हैं। अँधेरा होने पर लड़की थाथू का हाथ पकड़कर कुदती-फाँदती घर आ जाती है। घर आकर थाथू अपनी मनपसंद किताब पढ़ने बैठ जाते हैं। लड़की उन्हें पूछती है कि क्या, थाथू कोई जादुई किताब पढ़ रहे हैं? थाथू मुस्कुरा देते हैं। लड़की पूछती है कि क्या वह भी जादूगर बनेगी? थाथ उसे सोने के लिए कहते हैं। वह उनकी गोद में सिर रखकर सो जाती है। वह अपने थाथू से बेहद प्यार करती है और एक दिन उनके जैसा बनना चाहती है।