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Class 2 Hindi Chapter 3 Mala Ki Chandi Ki Payal Question Answer
Mala Ki Chandi Ki Payal Class 2 Question Answer
माला की चाँदी की पायले के प्रश्न उत्तर
बातचीत के लिए :
प्रश्न 1.
माला सभी को क्यों डराती होगी?
उत्तर :
माला को सबको डराने में मज़ा आता होगा इसलिए वह सभी को डराती होगी।
प्रश्न 2.
माला से सभी क्यों डर जाते होंगे?
उत्तर :
माल चुपके से पास जाकर ज़ोर से आवाज़ निकालती होगी जिससे सभी डर जाते होंगे।
प्रश्न 3.
पायल उतारने के अतिरिक्त माला और क्या कर सकती थी?
उत्तर :
माला अपनी पायल के घुँघरू निकाल सकती थी। घुँघरू निकाल देने से पायल की आवाज़ आना बंद हो जाती।
प्रश्न 4.
माँ ने माला को पायल क्यों दी होगी?
उत्तर :
माँ ने माला को पायल इसलिए दी थी ताकि माला के पास आने का पता सबको चल जाए।
लिखिए :
प्रश्न 1.
माला की माँ ने उसे क्या दिया? माला की माँ ने उसे _________ दीं।
उत्तर :
माला की माँ ने उसे क्या दिया? माला की माँ ने उसे
चाँदी ‘की ‘पायल
दीं।
प्रश्न 2.
माला ने पायल क्यों उतार दीं? सही उत्तर चुनिए-
(i) पायल माला को चुभ रही थी।
(ii) पायल से सभी को माला के आने का पता चल जाता था।
(iii) पायल की आवाज़ से सभी को बहुत मज़ा आता था।
(iv) एक पायल खो गई थी और बस एक ही पायल रह गई थी।
उत्तर :
(ii) पायल से सभी को माला के आने का पता चल जाता था।
प्रश्न 3.
इन ध्वनियों को सुनिए और उन्हें शब्दों में लिखने का प्रयास कीजिए-
उत्तर :
प्रश्न 4.
माला किस-किस को डरा रही थी?
उत्तर :
माला बिल्ली को, नानी को, अपने छोटे भाई को और डाकिए को डरा रही थी।
प्रश्न 5.
विराम-चिह्न का सही प्रयोग करते हुए नीचे दिए गए वाक्यों को अपनी कॉपी में लिखिए-
उत्तर :
क्या माला को नई पायल मिली?
माला पायल पहनकर पूरे घर में घूमने लगी।
आओ बूझें पहेली :
माला की चाँदी की पायल खो गई है। अक्षरों को जोड़कर ‘माला की चाँदी की पायल’ बनाइए। रेखा खींचकर शब्दों को जोड़िए-
उत्तर :
Sarangi Class 2 Hindi Chapter 3 माला की चाँदी की पायले Summary
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 3 माला की चाँदी की पायले कहानी का सार
इस पाठ में माला नाम की लड़की के बारे में बताया गया है। माला को शरारत करना अच्छा लगता था। वह कभी बिल्ली को डराती तो कभी अपनी नानी को डराती। कभी ‘धण्प’ करके अपने छोटे भाई को तो कभी ‘भऊऊ ‘ करके डाकिए को डराती। एक दिन उसकी माँ ने उसे एक छोटी-सी डिब्बी दी जिसमें नीले कागज़ में लिपटी प्यारी-सी चाँदी की पायल थी। माला उसे पहनकर पूरे घर में घूमती और छोटे-छोटे घुँघरू झनकते। घुँघरुओं की आवाज़ से सबको पता चल जाता कि माला आ रही है। बिल्ली उसके पास आने से पहले ही कूद जाती, नानी पहले ही पलट जाती और माला की ‘धण्प’ से पहले ही छोटा भाई बाहर भाग जाता। डाकिया भी उसकी ‘भऊऊ’ से पहले ही निकल जाता। माला किसी को डरा नहीं पाती। अंत में माला ने अपनी पायल ही उतार दी।
शब्दार्थ :
डाकिया – सरकारी कर्मचारी (ऐसा व्यक्ति, जो घर-घर चिट्ठियाँ आदि पहुँचाता है।)
डिब्बी – डिबिया, छोटा डब्बा।