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Class 2 Hindi Chapter 15 Kisan Question Answer
Kisan Class 2 Question Answer
किसान के प्रश्न उत्तर
बातचीत के लिए :
प्रश्न 1.
क्या आपके परिवार में कोई किसान है? वे दिन में क्या-क्या काम करते हैं?
उत्तर :
हाँ, मेरे चाचाजी किसान हैं। वे दिन में बहुत काम करते हैं जैसे खेतों में हल जोतना, बीज डालना, पानी देना और खेतों की रखवाली करना।
प्रश्न 2.
क्या आप कभी खेत में गए हैं? वहाँ क्या-क्या दिखाई देता है?
उत्तर :
हाँ, मैंने वहाँ एक हल, बैल और चिड़ियों को भगाने वाला पुतला देखा।
प्रश्न 3.
आपको कौन-सा काम करना सबसे अच्छा लगता है?
उत्तर :
मुझे खेतों में बैठी चिड़ियों को उड़ाना बहुत अच्छा लगता है।
प्रश्न 4.
लू चलने का पता आपको कैसे लगता है?
उत्तर :
जब मेरे मुँह और शरीर पर ज्यादा गरमी लगती है और त्वचा (स्किन) लाल हो जाती है, तब मुझे लू चलने का पता चल जाता है।
प्रश्न 5.
चिड़ियों को भगाने के लिए खेत में क्या लगाया जाता है? अपनी भाषा में उसका नाम बताइए?
उत्तर :
चिड़ियों को भगाने के लिए खेत में पुतला लगाया जाता है। हमारी भाषा में उसे हौआ कहते हैं।
प्रश्न 6.
आपको किसान की सबसे अच्छी बात क्या लगती है?
उत्तर :
किसान हम सबके लिए बिना आराम किए अन्न (खाना) उगाता है, उसकी यह बात मुझे बहुत अच्छी लगती है।
सोचिए और लिखिए :
प्रश्न 1.
खेत में उगने वाली कुछ वस्तुओं के नाम लिखिए-
- ______________
- ______________
- ______________
- ______________
- ______________
- ______________
उत्तर :
- गेहूँ
- चावेल
- आलू
- भिंड़ी
- टमाटर
- मक्का
प्रश्न 2.
ठंड से बचने के लिए आप किन-किन वस्तुओं का प्रयोग करते हैं? उनके नाम लिखिए-
___________ ___________
___________ ___________
___________ ___________
उत्तर :
शब्दों का खेल :
इस कविता में सन-सन, गड़-गड़-गड़ और चम-चम जैसे शब्द आए हैं। ऐसे ही अपनी पसंद के कुछ और शब्द बनाइए और कविता पूरी कीजिए-
उत्तर :
आइए, कुछ बनाएँ :
प्रश्न :
यह ‘बाघ बचाओ’ का पोस्टर है। बिंदुओं को मिलाकर पोस्टर को पूरा कीजिए और एक संदेश लिखिए-
संदेश- बाघ – भारत की शान।
चित्रकारी और लेखन :
प्रश्न :
कप्पू एक भूरे रंग का कुत्ता है जो एक खेत में रहता है। चित्र पूरा कीजिए और कण्पू की दिनचर्या के बारे में लिखिए-
- कप्पू सुबह उठकर सबसे पहले _________
- फिर वह किसान के साथ _________
- थोड़ी देर बाद कप्पू _________
- खाना खाने के बाद कप्पू कुछ देर के लिए ________
- शाम को कप्पू _______
- सोने से पहले कप्पू _________ और ऐसे ही कप्पू का दिन बीत जाता है! जाने कप्पू कल क्या करेगा!
उत्तर :
- कप्पू सुबह उठकर सबसे पहले दौड़ड लगाता है।
- फिर वह किसान के साथ गाय के पास जाता है।
- थोड़ी देर बाद कप्पू खाना खाता है।
- खाना खाने के बाद कप्पू कुछ देर के लिए आराम करता है।
- शाम को कप्पू किसान की मेड़ों के साथ खेलता है।
- सोने से पहले कप्पू परे घर का चक्कर लगाता है। और ऐसे ही कप्पू का दिन बीत जाता है! जाने कप्पू कल क्या करेगा!
Sarangi Class 2 Hindi Chapter 15 किसान Summary
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 15 किसान कविता का सार
इस कविता में किसान के बारे में बताया गया है। किसान सुबह होने से पहले ही पूरब दिशा की लाली को देखकर ही उठ जाता है। वह चिड़ियों के जगने से पहले ही खाट (बिस्तर) छोड़ देता है। अपने बैलों को खिला-पिलाकर वह खेत पर चल पड़ता है। उसकी न तो कोई छुट्टी होती है और न ही त्योहार। उसको कभी आराम नहीं मिलता। जब लू (गरम हवा) तेज़ी से चलती है और धरती तवे की तरह जल रही होती है तब भी किसान आराम किए बिना खेत पर काम करता है।
इस तरह चाहे बादल गरजे, बिजली चमके या लगातार पानी बरसता रहे, किसान रुककर आराम करने की नहीं सोचता है। जब लोगों के हाथ-पैर ठंड के मारे काँप रहे होते हैं और वे घर से निकलते तक नहीं, तब भी किसान आग जलाकर चुपचाप खेतों की रखवाली करता है। किसान को घड़ी-भर का भी चैन नहीं है। वह हरदम काम करता रहता है। उसने कभी भी घर पर रहकर आराम करने की नहीं सोची।
शब्दार्थ :
- सवेरा – सुबह।
- पूरब – एक दिशा।
- खाट – चारपाई।
- त्योहार – पर्व, उत्सव, वह दिन जिस दिन उत्सव (खुशी) मनाते हैं जैसे होली का त्योहार।
- लू – गरम हवा।
Sarangi Hindi Book Class 2 Chapter 15 किसान काव्यांशों की व्याख्या
1. नहीं हुआ है अभी सवेरा,
पूरब की लाली पहचान,
चिड़ियों के जगने से पहले,
खाट छोड़ उठ गया किसान।
खिला-पिलाकर बैलों को ले,
करने चला खेत पर काम,
नहीं कभी त्योहार न छुट्टी,
उसको नहीं कभी आराम।
व्याख्या – कवि कहता है कि किसान सुबह होने से पहले ही सिर्फ पूरब दिशा की लाली देखकर ही पहचान जाता है कि दिन निकलने वाला है। वह चिड़ियों के जागने से पहले ही अपनी चारपाई छोड़कर उठ जाता है। वह अपने बैलों को खिला-पिलाकर खेत पर काम करने चल पड़ता है। उसे न तो कोई छुट्टी मिलती है, न ही त्योहार। वह कभी भी आराम नहीं करता।
2. गरम-गरम लू चलती सन-सन,
धरती जलती तवे समान,
तब भी करता काम खेत पर,
बिना किए आराम किसान।
बादल गरज रहे गड़-गड़-गड़,
बिजली चमक रही चम-चम,
मूसलाधार बरसता पानी,
ज़रा न रुकता लेता दम।
व्याख्या- कवि कहता है कि जब गरम-गरम लू चलती है, धरती तवे के समान जलती है, तब भी किसान बिना आराम किए काम करता रहता है। चाहे बादल गरजे, बिजली चमके या लगातार बारिश होती रहे। किसान रुककर दम भी नहीं लेता है।
3. हाथ-पाँव ठिठुरे जाते हैं,
घर से बाहर निकले कौन,
फिर भी आग जला, खेतों की,
रखवाली करता वह मौन।
है किसान को चैन कहाँ,
वह करता रहता हरदम काम,
सोचा नहीं कभी भी उसने,
घर पर रह करना आराम।
व्याख्या – जब सब अपने-अपने घरों में बैठे होते हैं। हाथ-पाँव ठंड के मारे ठिठुर जाते हैं। लोग अपने घर से निकलने की भी नहीं सोचते, ऐसे समय में भी किसान आग जलाकर चुपचाप खेतों की रखवाली करता है। किसान को आराम कहाँ, वह हर समय काम ही करता रहता है। वह कभी भी घर पर रहकर आराम करने की नहीं सोचता।