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Class 1 Hindi Chapter 19 Chand Ka Bacha Question Answer
Chand Ka Bacha Class 19 Question Answer
चाँद का बच्चा के प्रश्न उत्तर
बातचीत के लिए :
प्रश्न 1.
यह कविता किसके विषय में है?
उत्तर :
चाँद के विषय में।
प्रश्न 2.
कविता का नाम ‘चाँद का बच्चा’ क्यों रखा गया होगा?
उत्तर :
क्योंकि बच्चे को चाँद छोटा दिखाई दे रहा है अतः उसने इसे चाँद का बच्चा समझ लिया।
प्रश्न 3.
आप इस कविता को क्या नाम देना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर :
छोटा चाँद।
प्रश्न 4.
क्या चाँद हमेशा गोल ही दिखता है?
उत्तर :
नहीं, चाँद केवल पूर्णिमा के दिन पूरा बड़ा और गोल दिखता है।
प्रश्न 5.
आपकी माँ आपको क्या कहकर पुकारती हैं?
उत्तर :
छात्र स्वयं बताएँ कि उनकी माँ उन्हें क्या कहकर पुकारती हैं।
शब्दों का खेल :
नीचे दी गई वस्तुएँ कैसी हैं- गोल, चौकोर, तिकोनी? रेखा खींचकर मिलाइए-
उत्तर :
तुक मिलने वाले शब्दों को खोजकर लिखिए-
उत्तर :
चित्र और बातचीत :
उत्तर :
एक बार एक प्यासा कौआ पानी की खोज में घूम रहा था। उसने एक घड़े में पानी देखा। घड़े में पानी बहुत कम था। उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकी। उसने कुछ कंकड़ घड़े में डाले। कंकड़ डालने से पानी ऊपर आ गया। कौए ने पानी पिया और उड़ गया।
आओं कुछ बनाएँ :
अपने आस-पास नीचे गिरे हुए फूल, पत्ते, डंडियाँ एकत्र कीजिए। छोटे समूह में बैठकर इनसे कुछ आकृतियाँ बनाइए। आप तितली, पेड़ आदि भी बना सकते हैं। आकृतियाँ बनाने के बाद कक्षा में सभी को बताइए कि आपने ये कैसे बनाईं। उत्तर : छात्र स्वयं करें।
चित्रकारी और लेखन :
दिए गए चित्र में आप क्या-क्या देख पा रहे हैं? कुछ नाम लिखिए-
उत्तर :
मोर
तोता
पेड़; घोंसला
फल; फूल
अब इन शब्दों से वाक्य बनाइए-
- यह एक पेड़ है।
- पेड़ के नीचे मोर नाच रहा है।
- पेड़ पर कुछ फल लगे हैं।
- पेड़ पर चिड़ियाँ का घोंसला है।
- पेड़ पर रंग-बिरंगे फूल खिले हैं।
खेल-खेल में :
दो समूह बनाइए। एक समूह प्रश्न पूछेगा और दूसरा समूह उत्तर देगा।
उत्तर :
शब्दों का खेल :
कविता में आए ‘कौन’ शब्द पर घेरा लगाइए। पेड़ पर लगे अक्षरों से शब्द बनाइए –
उत्तर :
पढ़िए और लिखिए –
कविता को आगे बढ़ाइए –
हमने तीन चीज़ें देखीं
हमने तीन चीज़ें देखीं, बाबा तीन चीज़ें देखीं
हमने बाग में देखी मकड़ी
वह तो खा रही थी ककड़ी
उसके पास पड़ी थी लकड़ी
हमने तीन चीज़ें देखीं, बाबा तीन चीज़ें देखीं
हमने बाग में देखा भालू
वह तो खा रहा था _________
नाम था उसका _________
हमने तीन चीज़ें देखीं, बाबा तीन चीज़ें देखीं
हमने बाग में देखा बंदर
वह तो खा रहा था _________
नाम था उसका _________
शब्दों में आए अक्षरों के अनुसार उन्हें ‘ठ’, ‘ध’, ‘ढ’ ‘ष’ के घर में छाँटकर लिखिए-
उत्तर :
Sarangi Class 1 Hindi Chapter 19 चाँद का बच्चा Summary
Sarangi Hindi Book Class 1 Chapter 19 चाँद का बच्चा कविता का सार
‘चाँद का बच्चा’ कविता श्री अफ़सर मेरठी जी द्वारा लिखी गई है। इसमें एक बच्चा आधे चाँद (छोटे आकार वाले) को देखकर जो प्रश्न उसके मन में उठते हैं उनके उत्तर अपनी माँ से पाने को उत्सुक है। बच्चा समझता है कि चाँद भी उसकी ही तरह छोटा-सा मुन्ना है। वह माँ से पूछता है कि चाँद इतना दुबला-पतला कब होता है और गोल चाँद कब निकलेगा।
उसे लगता है कि चाँद ने अपने बच्चे को भेजा है तभी तो यह बादल के साथ हँस रहा है और कभी छुप जाता है तो कभी निकल आता है। बच्चा कहता है कि यह चाँद का बच्चा एक दिन बड़ा गोल चाँद बन जाएगा। वह फिर अपनी माँ से पूछता है कि कल माँ ने उसे अपना चाँद क्यों कहा था? अक्सर माएँ अपने बच्चे को चाँद कहती हैं किंतु बच्चा इस बात से अन्जान है।
Sarangi Hindi Book Class 1 Chapter 19 चाँद का बच्चा काव्यांश की व्याख्या
1. वह देखो वह निकला चाँद,
अम्माँ तुमने देखा चाँद!
यह भी क्या बच्चा है अम्माँ,
छोटा-सा मुन्ना-सा चाँद।
इतना दुबला, इतना पतला,
कब होता है ऐसा चाँद!
अम्माँ उस दिन जो निकला था,
वह था गोल बड़ा-सा चाँद।
बादल से हँस-हँसकर उस दिन,
कैसा खेल रहा था चाँद।
व्याख्या – बच्चा अपनी माँ को निकलता हुआ चाँद दिखाकर पूछता है कि क्या आपने चाँद देखा है और क्या यह चाँद का बच्चा है? इतना छोटा-मुन्ने जैसा चाँद निकला है। दरअसल बच्चे ने पहले पूर्णिमा (इस दिन चाँद पूरा गोल होता है।) का चाँद देखा होगा इसलिए उसे यह चाँद छोटा लग रहा है। उसे यह चाँद बहुत दुबला-पतला लग रहा है। वह माँ से पूछता है कि ऐसा चाँद कब होता है? पूर्णिमा का चाँद धीरे-धीरे घटने लगता है, इसलिए उसे चाँद छोटा लग रहा है। धीरे-धीरे अमावस्या (काला दिन) के दिन चाँद पूरा गायब हो जाता है और फिर उसके बाद बढ़ने लग जाता है। पूर्णिमा के दिन पूर्णूूप पा लेता है। बच्चा माँ को बताता है कि उस दिन चाँद हँस-हँसकर बादल के साथ खेल रहा था।
2. छुप जाता था, निकल आता था,
करता था यह तमाशा चाँद।
अपने बच्चे को भेजा है,
घर में बैठा होगा चाँद।
यह भी एक दिन बन जाएगा,
अच्छा गोल बड़ा-सा चाँद।
शब्दार्थ :
- तमाशा- खेल।
- गोल बड़ा सा चाँद- पूरा चाँद जो पूर्णिमा के दिन होता है।
व्याख्या – बच्चा माँ को बताता है कि चाँद कभी बादलों में छुप जाता था और कभी उनके पीछे से बाहर निकल आ रहा था मानो खेल-खेल रहा हो । बच्चा कहता है कि चाँद अपने घर में आराम से बैठा होगा और उसने अपने बच्चे को भेज दिया होगा। उसे लगता है कि एक दिन यह छोटा चाँद भी अच्छा गोल बड़ा-सा चाँद बन जाएगा। फिर वह माँ से पूछता है कि माँ तुमने भी तो कल मुझे अपना चाँद कहा था। बच्चा इस बात को नहीं जानता कि माँ के लिए उसका बच्चा चाँद की ही तरह सुंदर और प्यारा होता है।