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Class 1 Hindi Chapter 13 Mela Question Answer
Mela Class 1 Question Answer
मेला के प्रश्न उत्तर
बातचीत के लिए :
प्रश्न 1.
आप भी इस मेले में होते, तो क्या-क्या करते?
उत्तर :
मैं भी अगर मेले में होता तो बच्चों की तरह ही झूले झूलता और खिलौने लेता पर साथ ही साथ गुब्बारे भी जरूर लेता। खाने में चाट के साथ-साथ मिठाई भी खाता।
प्रश्न 2.
मेले में छोटू ने किसका हाथ पकड़ा होगा और क्यों?
उत्तर :
मेले में छोटू ने गुड़िया और गुनगुन दोनों का हाथ पकड़ा हुआ था और दोनों के बीच में था। उसने हाथ इसलिए पकड़ा था क्योंकि मेले में अक्सर गुम हो जाने का डर होता है और वह गुम होना नहीं चाहता था।
प्रश्न 3.
चाट के अतिरिक्त ठेले पर रखकर क्या-क्या बेचा जाता है?
उत्तर :
चाट के अलावा ठेले पर रखकर सब्ज़ी, फल, गोलगप्पे, सजावट का सामान और फूल आदि बेचे जाते हैं।
प्रश्न 4.
आप अपने यहाँ लगने वाले मेले के विषय में बताइए।
उत्तर :
छात्र स्वयं बताएँ।
प्रश्न 5.
कविता में देखकर इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए। छोटे समूह में अपने के साथ मिलकर लिखिए-
(i) मेला कहाँ लगा था?
उत्तर :
घर के पास।
(ii) बच्चों ने मेले में क्या खाया?
उत्तर :
चाट।
(iii) बच्चों ने मेले में क्या खरीदा?
उत्तर :
खिलौने।
शब्दों का खेल :
प्रश्न 1.
‘मेला-ठेला’ जैसे और शब्दों की जोड़ी बताइए और लिखिए-
उत्तर :
झूले-फूले
हाट-ठाट
गुड़िया-बुढ़िया
प्रश्न 2.
कविता में इन शब्दों को खोजकर घेरा लगाइए-
उत्तर :
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए चित्रों के नाम बताइए और अनुमान लगाकर पढ़ने का प्रयास कीजिए-
उत्तर :
प्रश्न 4.
शब्द बनाइए, लिखिए और पढ़कर सुनाइए-
उत्तर :
चित्रकारी :
प्रश्न :
मान लीजिए कि आप भी इस मेले में गए हैं। आप वहाँ क्या-क्या करेंगे? अपने मित्रों के साथ बात-चीत कीजिए।
चित्र बनाइए और कुछ शब्द भी लिखिए-
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।
चलिए, कछ बनाते हैं :
त्योहारों में तोरण से घर की सजावट करते हैं। आपने भी अलग-अलग वस्तुओं से बने तोरण देखे होंगे। तोरण पत्ते, फूल, कागज़ की आकृतियों, ऊन, छोटे मोती आदि से बनाए जाते हैं। आप भी कक्षा में अपने मित्रों के साथ मिलकर तोरण बनाइए। आपके आस-पास की जो वस्तुएँ आपको सुविधा से मिल जाएँ, उन्हीं से आप तोरण बना सकते हैं। अपने घर पर ये तोरण सभी को दिखाएँ। सभी को बताएँ कि आपने ये कैसे बनाए।
Sarangi Class 1 Hindi Chapter 13 मेला Summary
Sarangi Hindi Book Class 1 Chapter 13 मेला कविता का सार
प्रस्तुत कविता ‘मेला’ के (कवि) ‘श्री रमेश थानवी’ जी हैं। कवि कहते हैं कि बच्चे के घर के पास ही मेला लगा हुआ था। उस मेले में चाट का ठेला भी आया था, जिसे बच्चों ने बड़े स्वाद से खाया। इसके अतिरिक्त मेले की शान देखते ही बनती थी। मेले में झूलेवाला और खिलौनेवाला भी आया था। सबने झूले-झूले और खिलौने देखकर बहुत खुश हुए। बच्चों ने खिलौनेवाले से चार बहुत सुंदर रंग-बिरंगे खिलौने लिए। मेले में छोटू का हाथ गुड़िया और गुनगुन ने एक-एक तरफ से पकड़ा हुआ था ताकि वो कहीं गुम न हो जाए। मेले की शान देखते ही बनती थी। मेले में तरह-तरह के झूले और सुंदर सजी हुई दुकानों से भरा बाज़ार बहुत सुंदर लग रहा था।
Sarangi Hindi Book Class 1 Chapter 13 मेला काव्यांश की व्याख्या
1. घर के पास लगा था मेला,
उसमे आया चाट का ठेला।
हमने जाकर खाई चाट,
ऐसे थे मेले के ठाठ।
घर के पास लगा था मेला,
उसमें आया झूले वाला।
हमने जाकर झूले झूले,
मन में नहीं समाये फूले।
घर के पास लगा था मेला,
उसमें एक खिलौने वाला।
लाए जाकर चार खिलौने,
रंग-बिरंगे बड़े सलोने।
घर के पास लगा था मेला,
हमने देखा मन भर मेला।
गुड़िया गुनगुन दोनों साथ,
छोटू ने पकड़ा हाथ
मेले के थे ऐसे ठाट
झूला, झूले, सुंदर हाट।
शब्दार्थ :
- चाट- चटपटी खाने की चीज।
- ठाठ- शोभा, शान।
- मन में फूला न समाना – बहुत अधिक खुश होना।
- हाट- बाज़ार
व्याख्या – कवि कहते हैं कि घर के पास ही मेला लगा हुआ था। उस मेले में चटपटी चाट का ठेला भी आया था। चाट का स्वाद लेने के साथ-साथ सबने झूले भी लिए और बहुत खुश हुए। मेले की शोभा देखते ही बनती थी। मेले में एक खिलौने वाला भी आया था। उससे बहुत ही सुंदर चार खिलौने लिए। चूँकि मेला घर के पास था तो सबने उसे जी-भरकर देखा। मेले में भीड़ के कारण छोटू कहीं खो न जाए इसलिए गुड़िया और गुनगुन ने उसका एक-एक हाथ पकड़ रखा था। मेले के सुंदर-सुंदर झूले और बाज़ार देखते ही बनता था।