• NCERT Solutions
    • NCERT Library
  • RD Sharma
    • RD Sharma Class 12 Solutions
    • RD Sharma Class 11 Solutions Free PDF Download
    • RD Sharma Class 10 Solutions
    • RD Sharma Class 9 Solutions
    • RD Sharma Class 8 Solutions
    • RD Sharma Class 7 Solutions
    • RD Sharma Class 6 Solutions
  • Class 12
    • Class 12 Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Physics
      • NCERT Solutions for Class 12 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 12 Biology
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (C++)
      • NCERT Solutions for Class 12 English
      • NCERT Solutions for Class 12 Hindi
    • Class 12 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 12 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 12 Micro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Macro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Entrepreneurship
    • Class 12 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 12 History
      • NCERT Solutions for Class 12 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Sociology
      • NCERT Solutions for Class 12 Psychology
  • Class 11
    • Class 11 Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Physics
      • NCERT Solutions for Class 11 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 11 Biology
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 11 English
      • NCERT Solutions for Class 11 Hindi
    • Class 11 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 11 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Entrepreneurship
    • Class 11 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 11 Psychology
      • NCERT Solutions for Class 11 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Indian Economic Development
  • Class 10
    • NCERT Solutions for Class 10 Maths
    • NCERT Solutions for Class 10 Science
    • NCERT Solutions for Class 10 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 10 English
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sanchayan
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sparsh
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kritika
    • NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 10 Foundation of Information Technology
  • Class 9
    • NCERT Solutions for Class 9 Maths
    • NCERT Solutions for Class 9 Science
    • NCERT Solutions for Class 9 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 9 English
    • NCERT Solutions for Class 9 Hindi
    • NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 9 Foundation of IT
  • CBSE Sample Papers
    • Previous Year Question Papers
    • CBSE Topper Answer Sheet
    • CBSE Sample Papers for Class 12
    • CBSE Sample Papers for Class 11
    • CBSE Sample Papers for Class 10
    • Solved CBSE Sample Papers for Class 9 with Solutions 2023-2024
    • CBSE Sample Papers Class 8
    • CBSE Sample Papers Class 7
    • CBSE Sample Papers Class 6
  • Textbook Solutions
    • Lakhmir Singh
    • Lakhmir Singh Class 10 Physics
    • Lakhmir Singh Class 10 Chemistry
    • Lakhmir Singh Class 10 Biology
    • Lakhmir Singh Class 9 Physics
    • Lakhmir Singh Class 9 Chemistry
    • PS Verma and VK Agarwal Biology Class 9 Solutions
    • Lakhmir Singh Science Class 8 Solutions

LearnCBSE Online

NCERT Solutions | NCERT Books | RD Sharma Solutions | NCERT Exemplar Problems | CBSE Sample Papers

Learn CBSE

NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत्

August 13, 2019 by LearnCBSE Online

NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् (आश्चर्यों से भरा है विज्ञान का यह संसार)

पाठपरिचयः सारांशः च

प्रस्तावना
विद्यालय से सूचनापट्ट पर 15.07.05 को संस्कृतविज्ञानसंघ के सचिव की ओर से एक सूचना संस्कृत में लिखी गई है। यह सूचना मूल रूप से पाठ्यपुस्तक में दी गई है। इस सूचना के अनुसार 21 जुलाई गुरुवार को अर्धावकाश के बाद सभागार में प्राचीन भारतीय विज्ञान विषय पर एक संगोष्ठी होगी। सब छात्र समय पर वहाँ आने की कृपा करें। हमारी बारहवीं कक्षा के छात्रों द्वारा परियोजना के अन्तर्गत जो विशेष अध्ययन किया गया है उसका परिचय हमारे लिए अतीव लाभप्रद होगा।

पाठ-सन्दर्भ
प्रस्तुत पाठ सम्पादक मण्डल की ओर से लिखा गया प्रतीत होता है। इसमें प्राचीन विज्ञान के विषय में विशेष जानकारी प्रदान की गई है।

पाठ-सार
सभागार का दृश्य। सचिव महोदय सभा तथा सभापति सभी का प्रणाम करने के पश्चात् वहाँ उपस्थित उन प्रतिभाशाली छात्रों का उल्लेख करते हैं जिन्होंने ग्रीष्मावकाश की परियोजना कार्य के अन्तर्गत सर्वोत्तम अंक लाभ किया है। करतलध्वनि से सब छात्र उनका अभिनन्दन करते हैं।

सर्वप्रथम अभिनव नाम का छात्र भारद्वाज महर्षि के द्वारा बनाए गए विमानशास्त्र से विचित्र त्रिपुर विमान के विषय में जानकारी देता है। त्रिपुर विमान के तीन भाग थे। एक पृथ्वी पर चलता था। दूसरा जल के अन्दर तथा बाहर चलता था और तीसरा भाग अन्तरिक्ष में संचार करता था। सचिव महोदय ने बताया कि विमानशास्त्र में ऐसे लेप का वर्णन है जिसके प्रयोग से विमान अदृश्य हो जाता था।

शालिनी भारत के प्रमुख चिकित्सक सुश्रुत की शल्यक्रिया के विषय में हमारे ज्ञान की वृद्धि करती है। सुश्रुत विरचित ‘सुश्रुत संहिता’ के पाठ से कोई भी चिकित्सक उत्तम चिकित्सक बन सकता है। सुश्रुत संहिता में आठ प्रकार के शल्य कार्य का वर्णन है – (1) छेद्य (2) भेद्य (3) लेख्य (4) वेध्य (5) एष्य (6) आहार्य (7) विस्राव्य तथा (8) सीव्य। इसमें नासिका के प्रत्यारोपण का विस्तृत वर्णन है।

तत्पश्चात् मिहिर वराहमिहिर की ‘बृहत्संहिता’ से भूमि के नीचे कहाँ जल होता है इसकी सूचना देता है। एक पद्य गाकर उसका अर्थ करके मिहिर बताता है कि जामुन के वृक्ष की पूर्व दिशा में यदि बाम्बी होवे तो वृक्ष की दक्षिण दिशा में दो पुरुष की गहराई में स्वादिष्ट जल होगा।
सचिव महोदय वराहमिहिर के वृक्षायुर्वेद, वास्तुविज्ञान, ज्योतिष, पशुविज्ञान आदि विषयों के ज्ञाता होने का उल्लेख करते हैं। मिहिर के पास अन्य भी बहुत जानकारी है पर समयाभाव के कारण वह आज उसे प्रस्तुत नहीं कर पाएगा।

तत्पश्चात् आचार्य जी के संकेत पर भारती आर्यभट्ट के ‘आर्यभटीय’ ग्रन्थ की विशेषताओं का वर्णन करती है। यदि आर्यभट्ट द्वारा शून्य का आविष्कार न होता तो संगणकभाषा का जन्म ही न होता। संगणक में एक तथा शून्य इन दो ही संख्याओं का विशेष महत्त्व है। भारती कहती है कि सूर्य की ओर पूर्वाभिमुख पृथ्वी 365.25 बार प्रतिवर्ष घूमती है। पाई का मूल्य आर्यभट्ट ने सबसे पहले बताया था। तब नागार्जुन नाम का छात्र सचिव के कहने पर कौटिल्य के ‘अर्थशास्त्र’ से रसायनशास्त्र के विषय में बताकर सबकी ज्ञानवृद्धि करता है।

कौटिल्य ने कहा है कि ‘नातप्तं लोहं लोहेन सन्धत्ते’ अर्थात् बिना तपा लोहा लोहे से नहीं जुड़ता अतः ताप क्रिया से ही रसायन क्रिया सम्भव हो पाती है। यदि सुवर्ण अशुद्ध हो तो उसे चारगुणा सीसे के द्वारा शुद्ध किया जा सकता है। सुषमा ने कहा कि आज भी दिल्ली का मेहरौली लौहस्तम्भ बिना किसी विकार के वैसे का वैसा ही है। अहमदनगर में हिलते हुए स्तम्भ विस्मयकारक है। सुचिन्दर देवालय के संगीतमय स्तम्भ, गोलकुण्डा के किले में गूंज की ध्वनि वाले स्तम्भ हैं, फतेहपुरी सीकरी में ध्वनिवाहक स्तम्भ हैं जो दिग्दिगन्त भारतीय वैज्ञानिकों की गारव गाथाओं का वर्णन कर रहे हैं। अन्त में अग्रिम गोष्ठी में वही छात्र भाग ले सकेंगे जो विशेष उपलब्धियों के आधार पर अध्ययन करेंगे। जिन छात्रों ने आज प्रस्तुति की है उन्हें कल प्राचार्य महोदय पुरस्कृत करेंगे। अन्त में सब शान्तिपाठ करते हैं।

उद्देश्य – प्रस्तुत पाठ का उद्देश्य छात्रों में प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त विशिष्ट उपलब्धियों की जानकारी प्रदान कर उन्हें इस क्षेत्र में विशेषज्ञ बनाना है।

मूलपाठः अन्वयः, शब्दार्थः, सरलार्थश्च

(विद्यालयस्य सूचनापट्टे विज्ञप्तिः)
1.
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् 1
(सभागारस्य दृश्यम्)
सचिवः – नमः सभाभ्यः सभापतिभ्यश्च। अद्य अस्माकं मध्ये ग्रीष्मावकाशपरियोजनाकार्ये सर्वोत्तमान् अङ्कान् लब्धवन्तः प्रतिभाशालिनः छात्राः समुपस्थिताः। एते स्वाध्ययनस्य विशिष्टांशान् अत्र प्रस्तोष्यन्ति। करतलध्वनिना एतेषां स्वागतम् अभिनन्दनं च कुर्वन्तु।
(सर्वे करतलध्वनिना अभिनन्दनं कुर्वन्ति)
सर्वप्रथमम् अभिनवः भरद्वाजविरचितविमानशास्त्रात् विचित्रस्य त्रिपुरविमानस्य विषये सूचयिष्यति।
अभिनवः – श्रूयताम्। विमानशास्त्रे त्रिपुरविमानस्य एवं वर्णनं समुपलभ्यते।

भागत्रयं भवेदस्य त्रिपुरस्य यथाक्रमम्,
तेषु प्रथमभागस्य सञ्चारः पृथिवीतले।
द्वितीयभागस्सञ्चारो जलस्यान्तर्बहिः क्रमात्,
तृतीयभागस्सञ्चारस्त्वन्तरिक्षे भवेत् स्वतः॥

एवं त्रिपुरविमानस्य प्रथमः भागः पृथिव्याः तले सञ्चरति, द्वितीयभागः जलस्य अन्तः बहिः च विहरति, तृतीयः भागः तु स्वतः एव आकाशे सञ्चरति।

शब्दार्थः पर्यायवाचिशब्दाः टिप्पण्यश्चः- विज्ञप्तिः – (वि + ज्ञा + क्तिन् स्त्री०, प्र०, ए०व) सूचना, घोषणा। सभागारे – (सभायाः आगारे, षष्ठी तत्पुरुषः) सभाभवने, सभाभवन में। लब्धवन्तः – (लभ् क्तवतु, प्र०पु०, ब०व०) प्राप्तवन्तः, प्राप्त करने वाले। अन्तर्बहिः – (अन्तः च बहिः च) जलमध्ये जलात् बहिः, पानी के अन्दर तथा बाहर। स्वतः – स्व + तसिल् स्वयमेव, अपने-आप।

सरलार्थः –
(विद्यालय के सूचनापट्ट पर सूचना)
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् 2
सचिवः – सभासदों तथा सभापतियों को नमस्कार! आज हमारे बीच में गर्मी की छुट्टियों में परियोजना कार्य में सर्वोत्तम अङ्क प्राप्त प्रतिशाली छात्र उपस्थित हैं। ये अपने अध्ययन के विशेष अंशों को यहाँ प्रस्तुत करेंगे। आप करतलध्वनि से इनका स्वागत एवं अभिनन्दन करें। (सब ताली बजाकर अभिनन्दन करते हैं।) सर्वप्रथम अभिनव भारद्वाज मुनि द्वारा रचित ‘विमानशास्त्र’ से विचित्र त्रिपुर विमान के विषय में सूचना देगा।
अभिनवः – विमानशास्त्र में त्रिपुर विमान का वर्णन इस प्रकार उपलब्ध होता है –
क्रमशः इस त्रिपुर (नामक विमान) के तीन भाग होने चाहिए। उनमें प्रथम भाग का सञ्चार पृथिवी तल पर, क्रम से द्वितीय भाग का सञ्चार जल के अन्दर तथा बाहर, (और) तीसरे भाग का सञ्चार तो स्वतः अन्तरिक्ष में होना चाहिए।
इस प्रकार त्रिपुर विमान का प्रथम भाग धरती तल पर चलता है। द्वितीय भाग जल के अन्दर और बाहर चलता है। तीसरा भाग तो अपने आप ही आकाश में चलता है।

2. सचिवः – धन्यवादः। विमानशास्त्रे एतादृशः लेपः अपि वर्णितः यस्य लेपनेन विमानम् अदृश्यतां गच्छति स्म। करतलध्वनिना
अभिनवस्य उत्साहवर्धनं कुर्वन्तु।
(करतलध्वनिना सभागारः गुञ्जति।)
इदानीं शालिनी भारतस्य प्रमुखचिकित्सकस्य सुश्रुतस्य शल्यक्रियामधिकृत्य अस्माकं ज्ञाने वृद्धिं करिष्यति।
शालिनी – प्रियसहपाठिनः! यदि वयम् उत्तमशल्यचिकित्सकाः भवितुम् इच्छामः तर्हि सुश्रुतविरचिता सुश्रुतसंहिता अवश्यमेव पठनीया। तत्र अष्टविधं शल्यकार्य वर्णितम् यथा –
छेद्यम्, भेद्यम्, लेख्यम्, वेध्यम्, एष्यम्, आहार्यम्, विस्राव्यम्, सीव्यम् इति। सुश्रुतसंहितायां नासिकाप्रत्यारोपणं विस्तरशः वर्णितम्। सुश्रुतः प्रथमः त्वक्प्रत्यारोपकः आसीत्।
सचिवः – बहुप्रसिद्धा खलु भगवतः सुश्रुतस्य शल्यक्रिया। धन्यवादः शालिनी। प्रशंसनीया एव भवत्याः प्रस्तुतिः।
(पुनः करतलध्वनिः भवति।)
सम्प्रति मिहिरः वराहमिहिरस्य बृहत्संहितातः भूमेः अधः कुत्र-कुत्र जलं भवति इति विषये सूचनां प्रदास्यति।

शब्दार्थः पर्यायवाचिशब्दाः – टिप्पण्यश्च:- छेद्यम्:-छिद् + यत्, नपुं०, प्र०, ए०व०, कर्तनम्, कृन्त् + ल्युट्, नपुं, प्र०वि०, ए०व० काटना। भेद्यम्-भिद् + यत्, नपुं०, प्र० ए०व०, विभाज्यम्, पृथक् करना। लेख्यम्-लिख् + यत्, नपुं०, प्र० व, ए०व०, आलेखनम्, छुरी से चीरा लगाना। वेध्यम्-विध् + यत्, नपुं०, प्र०, ए०व०, वेधनम्, बींधना। एष्यम्-इष् + यत्, नपुं०, प्र० ए०व०, वाञ्छनीयम्, मनचाहा। आहार्यम्-आ + हृ + णिच् + √यत्, नपुं०, प्र०, ए०व०, निष्कामस्य, बाहर निकालना। विस्त्राव्यम्-वि + सृ + णिच् + यत्, प्र०, ए०व०, पूयस्य निष्कासनम्, पीप निकालना। सीव्यम्-सिव् + ण्यत्, प्र०, ए०व०, सीवनम्, सीलना। त्वक्प्रत्यारोपकः-त्वचः प्रत्यारोपकः, षष्ठी तत्पुरुषः, यः त्वचः प्रत्यारोपणं करोति, खाल का प्रत्यारोपण करने वाला। शरीर के एक भाग से त्वचा लेकर दूसरे भाग पर लगानेवाला।

सरलार्थः –
सचिव – धन्यवाद। विमानशास्त्र में ऐसे लेप का भी वर्णन किया गया है जिसके लेपन से विमान अदृश्य (लोप) ,हो जाता है। ताली बजाकर अभिनव का उत्साह बढ़ाएँ। (ताली की ध्वनि से हॉल गूंजता है) अब शालिनी भारत के प्रमुख चिकित्सक सुश्रुत की शल्यक्रिया के विषय में हमारे ज्ञान में वृद्धि करेगी।
शालिनी – प्रिय सहपाठियो! यदि हम उत्तम शल्यचिकित्सक (सर्जन) बनाना चाहते हैं तो सुश्रुत द्वारा रचित ‘सुश्रुत संहिता’ को अवश्य पढ़ना चाहिए। वहाँ आठ प्रकार की सर्जरी का वर्णन है, जैसे-(1) छेद्य अर्थात् काटना, (2) भेद्य अर्थात् अलग करना, (3) लेख्य अर्थात् चीरा लगाना, (4) वेध्य अर्थात् बींधना, (5) एष्य अर्थात् इच्छानुसार करना, (6) आहार्य अर्थात् बाहर निकालना, (7) विस्राव्य अर्थात् पीप को बाहर निकालना, तथा (8) सीना। सुश्रुतसंहिता में नासिका (नाक) के प्रत्यारोपण का विस्तार से वर्णन है। सुश्रुत खाल का प्रत्यारोपण करनेवाले सर्जन थे।
सचिन – निश्चय ही भगवान् सुश्रुत की शल्यक्रिया अतीव प्रसिद्ध है। धन्यवाद; शालिनी। आपकी प्रस्तुति प्रशंसा के योग्य है। फिर से ताली की आवाज़ होती है। अब मिहिर वराहमिहिर की ‘वृहत्संहिता’ से भूमि के नीचे कहाँ-कहाँ जल है, इस विषय में सूचना देगा।

3. मिहिरः – (सस्वरं गायति)

जम्बूवृक्षस्य प्राग्वल्मीको यदि भवेत् समीपस्थः।
तस्मादक्षिणपार्वे सलिलं पुरुषद्वये स्वादु॥

(शोभनम्, अतिशोभनम् इति ध्वनिः तालिकावादनेन सह सभागारं पूरयति।)
अस्य पद्यस्य अयमर्थः यत् यदि जम्बूवृक्षस्य पूर्वदिशि वल्मीक: भवेत् तर्हि वृक्षस्य दक्षिणदिशि पुरुषद्वये स्वादु सलिलं भविष्यति। (पुरुषः = 7.5 फुट)
सचिव – शोभनं मिहिर! वस्तुतः वराहमिहिरेण स्वग्रन्थे विविधाः विषयाः वर्णिताः यथा वृक्षायुर्वेदः, वास्तुविज्ञानं ज्योतिषं, पशुविज्ञानम् इत्यादयः। मिहिरेण बहुमूल्या सामग्री सङ्कलिता परन्तु समयाभावात् तस्याः सर्वस्याः प्रस्तुतिः अत्र न भविष्यति। इदानीं भारती आर्यभट्टस्य आर्यभटीयम् इति ग्रन्थस्य वैशिष्ट्यं वर्णयिष्यति।
(पुनः करतलध्वनिः। भारती मञ्चम् आरोहति।)।
अन्वयः – यदि जम्बूवृक्षस्य प्राक् समीपस्थः वल्मीकः भवेत् तस्मात् दक्षिणपार्श्वे पुरुषद्वये स्वादु सलिलं (स्यात्)।

शब्दार्थः पर्यायवाचिशब्दाः टिप्पण्यश्चः- प्राक्-प्राच्यां दिशि, पूर्व दिशायाम्, पूर्व दिशा में। समीपस्थ:-समीपे स्थितः, पास में स्थित। दक्षिणपार्वे-दक्षिणभागे, दक्षिण दिशा के पास में। पुरुषद्वये-अधः द्विपुरुषं यावत् अर्थात् 15 फीट, इति दूरं यावत् नीचैः, भूमेरन्तः। वल्मीकः-बांबी, सांप का घर। सर्पनिवासस्थानम्।

सरलार्थ –
मिहिर – (स्वर के साथ गाता है)

जामुन वृक्ष के पूर्व में बांबी यदि हो पास।
दक्षिण दिशा में दो पुरुष नीचे, हो स्वादु सलिल विलास॥

(अच्छा, ‘सुन्दर’, ‘अति सुन्दर’ की ध्वनि ताली बजाने के साथ-साथ हॉल में भर जाती है।)
इस पद्य का यह अर्थ है कि यदि जामुन के वृक्ष की पूर्व दिशा में बांबी हो तो वृक्ष की दक्षिण दिशा में दो पुरुष (15 फुट) पर स्वादिष्ट जल होगा। (पुरुष = 7.5 फुट)
सचिव – अच्छा है, मिहिर! (वस्तुतः वराहमिहिर ने अपने ग्रन्थ में विविध विषयों का वर्णन किया है; जैसे-वृक्षायुर्वेद, वास्तु-विज्ञान, ज्योतिष, पशुविज्ञान इत्यादि) मिहिर के द्वारा बहुमूल्य सामग्री का सङ्कलन किया गया है, परन्तु समय के अभाव में उन सबकी प्रस्तुति यहाँ नहीं होगी। अब भारती आर्यभट्ट के ‘आर्यभटीयम्’ ग्रन्थ की विशेषता का वर्णन करेगी। (फिर से करतलध्वनि होती है। भारती मञ्च पर चढ़ जाती है।)

4. भारती – वयं वर्तमानकाले सङ्गणकस्य प्रयोगं कुर्मः परन्तु यदि आर्यभट्टेन शून्यस्य आविष्कारः न कृतः स्यात् तर्हि सङ्गणकभाषायाः जन्म एव न अभविष्यत् यतः तत्र तु एकं शून्यञ्च द्वे एव संख्ये महत्त्वपूर्णे। अपि च सूर्य प्रति पूर्वाभिमुखा पृथिवी 365.25 वारं प्रतिवर्ष भ्रमति। आधुनिकैः वैज्ञानिकैरपि तथैव मन्यते। अपि च –
यथा नौकायां स्थितः मनुष्यः वृक्षादीन् पृष्ठं प्रति गच्छतः पश्यति, तथैव नक्षत्रादयः भूमध्यरेखास्थितस्य नरस्य कृते पश्चिमं प्रति धावन्तः प्रतीयन्ते।
सचिव: – भगवतः आर्यभटस्य महिमानं वयं जानीमः। ‘पाई’ इत्यस्य मूल्यं तेनैव सर्वप्रथमं स्पष्टीकृतम्। इदानीं नागार्जुनः कौटिल्यस्य अर्थशास्त्रात् रसायनशास्त्रम् अधिकृत्य अस्माकं ज्ञानवृद्धिं करिष्यति।
नागार्जुन: – सर्वेभ्यः नमो नमः। कौटिल्यस्य अर्थशास्त्रं तु अद्भुतः ग्रन्थः यत्र बहवः विषयाः वर्णिताः। अहं केवलं रसायनविषये किञ्चिद् वक्ष्यामि। कौटिल्यः कथयति –
नातप्तं लोहं लोहेन सन्धत्ते। अतः तापनेन एव रसायनक्रिया सम्भवति। यदि स्वर्णम् अशुद्धं भवेत्
तर्हि चतुर्गुणेन सीसेन शोधयेत्। (अर्थशास्त्रम् 2/13/16)

शब्दार्थः पर्यायवाचिशब्दाः टिप्पण्यश्चः- महिमानम्-महिमन्, द्वि०, ए०व०; महत्त्वम्, महिमा को। वक्ष्यामि-√ब्रू (√वच्) लृट्, उ० ए० प०; वदिष्यामि, बताऊँगी। सन्धत्ते-सम् + धा + लट्, प्र०, ए०व०, संयुक्तं भवति, जुड़ता है। चतुर्गुणेन-मात्रायाम् चतुर्गुणम्, चार गुणा (के द्वारा)। सीसेन-सीस, तृ०, ए०व०, सीसम् धातुना, सीसा धातु के द्वारा। पाई-सम्बन्धः वृत्तस्य ज्यापरिधिमध्ये सम्बन्धः। वृत्त (सर्कल) के रेडियस और परिधि का सम्बन्ध दिखानेवाला अनुपात, π = 22/7 = 3.147।

सरलार्थ –
भारती – हम वर्तमान काल में सङ्गणक का प्रयोग करते हैं। पर यदि आर्यभट्ट के द्वारा शून्य का आविष्कार न
किया गया होता तो सङ्गणकभाषा का जन्म ही न होता क्योंकि वहाँ तो ‘एक’ और ‘शून्य’-ये दो ही संख्याएँ महत्त्वपूर्ण हैं और भी, सूर्य के प्रति पूर्व की ओर मुख करके पृथिवी 365.25 बार प्रतिवर्ष भ्रमण करती है। आधुनिक वैज्ञानिक द्वारा भी वैसा ही माना जाता है। और भी जैसे नौका पर बैठकर मानव वृक्ष आदि को पीछे की ओर जाते हुए देखता है, वैसे ही नक्षत्र आदि भूमिरेखा पर स्थित मनुष्य के लिए पश्चिम की ओर दौड़ते हुए प्रतीत होते हैं।
सचिव – भगवान् आर्यभट की महिमा को हम जानते हैं। ‘पाई’ का मूल्य उनके द्वारा ही सबसे पहले स्पष्ट किया गया। अब नागार्जुन कौटिल्य विरचित ‘अर्थशास्त्र’ से रसायनशास्त्र विषय पर हमारे ज्ञान में वृद्धि करेगा।

नागार्जुन – सबको बार-बार नमस्कार। कौटिल्य का ‘अर्थशास्त्र’ तो अद्भुत ग्रन्थ है जहाँ बहुत विषयों का वर्णन
किया गया है। मैं केवल रसायन के विषय में कुछ कहूँगा-तपा हुआ लोहा लोहे से नहीं जुड़ता है। अतः तपाने से ही रसायन क्रिया सम्भव होती है। यदि सोना अशुद्ध हो तो चार गुणा सीसे के साथ उसे शुद्ध करना चाहिए।
(अर्थशास्त्र 2/13/6)

5. सचिवः – सम्यग् वर्णितम्। इदानीं सुषमा भारते उपलब्धानां विचित्रशिल्पकलाकृतीनां परिचयं प्रदास्यति।
सषमा – धन्यवादः। प्रियबान्धवाः! यूयं सर्वे दिल्लीस्थ-लौहस्तम्भेन परिचिताः एव। कोऽपि न अद्ययावत् जानाति कथं सः स्तम्भः विकृति विना तथैव तिष्ठति। अन्ये विस्मयकराः स्तम्भाः सन्ति-अहमदनगरे कम्पमानाः स्तम्भाः, सुचिन्दरं देवालये स्थिताः सङ्गीतमयाः स्तम्भा :, गोलकुण्डादुर्गे प्रतिध्वन्यात्मकाः स्तम्भाः, फतेहपुरसीकरीमध्ये स्थिताः ध्वनिवाहकाः स्तम्भाः अद्ययावत् दिग्दिगन्तेषु अस्माकं भारतीयवैज्ञानिकानां गौरवगाथां वर्णयन्ति।
सचिवः – अनुगृहीताः वयं भवत्याः सुषमायाः ज्ञानपूर्णेन सूचनाप्रदानेन। इदानीम् एषा गोष्ठी समाप्तिं याति। एवं ये छात्राः भारतीयविज्ञानक्षेत्रे विशिष्टाः उपलब्धी: आधृत्य अध्ययनं करिष्यन्ति, ते अग्रिमगोष्ठ्यां च प्रस्तुति करिष्यन्ति। अस्माकं प्राचार्यमहोदयः, अद्य यैः प्रस्तुतिः कृता, तेभ्यः श्वः प्रार्थनासभायां पारितोषिकरूपेण सम्मानपत्राणि प्रदास्यन्ति। सम्प्रति वयं सर्वे मिलित्वा शान्तिपाठं करिष्यामः।
(सर्वे मिलित्वा उच्चरन्ति)
ओ३म् द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः, पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः, वनस्पतयः शान्तिः विश्वे देवाः शान्तिः, ब्रह्म शान्तिः, सर्वं शान्तिः, शान्तिरेव शान्तिः, सामा शान्तिरेधि, ओ३म् शान्तिश्शन्तिश्शांन्तिः ओ३म्।

शब्दार्थः पर्यायवाचिशब्दाः टिप्पण्यश्चः- सम्यक्-सुष्ठु, भली प्रकार। वर्णितम्-वर्ण + क्त, वर्णन किया, वर्णनं कृतम्। उपलब्धानाम्-उप + √लभ् + क्त, षष्ठी, बहुवचनम्, प्राप्तानाम्, प्राप्त की गई (विचित्र शिल्पकलाकृतियों) का। प्रदास्यति-प्र √दा, लुट, प्रथम पुरुषः, एकवचनम्, वितरिष्यति, प्रदान करेगी। परिचिताः-परि + √चि + क्त, प्र०, बहुवचनम्, अवगताः, जानकार। तथैव-तथा + एव, तेनैव प्रकारेण, वैसे ही। विकृतिं विना-विकृति के विना, विना के योग में द्वितीया। उपलब्धीः – उपलब्धि, द्वितीया विभक्ति, बहुवचनम्, उपलब्धियों को। आश्रित्य- आ + √श्रि + ल्यप्, आधृत्य, आश्रित करके। मिलित्वा- मिल् + क्त्वा, संभूय, मिलकर। उच्चरन्ति-उत् + √चर् + लट्, प्र०, बहुवचनम्, उच्चारणं कुर्वन्ति, उच्चारण करते हैं।

सरलार्थ –
सचिव – भली प्रकार से वर्णन किया। अब सुषमा भारत में उपलब्ध विचित्र शिल्प कलाकृतियों का परिचय देगी।
सुषमा – धन्यवाद। प्रिय बन्धुओ! तुम सब दिल्ली के लौहस्तम्भ से परिचित हो ही। कोई आज तक नहीं जानता कि कैसे वह स्तम्भ बिना विकार के वैसे ही स्थित है। अन्य आश्चर्यजनक स्तम्भ ये हैं- (1) अहमदनगर में हिलते हुए स्तम्भ, (2) सुचिन्दर देवालय में स्थित संगीतमय स्तम्भ, (3) गोलकुण्डादुर्ग में गूंजध्वनि वाले स्तम्भ, (4) फतेहपुर सीकरी में स्थित ध्वनिवाहक स्तम्भ, आज तक दिक्-दिगन्त में हमारे भारतीय वैज्ञानिकों की गौरव गाथा का वर्णन कर रहे हैं।
सचिव – हम ज्ञानपूर्ण सूचना प्रदान करने के लिए आप सुषमा के आभारी हैं। अब यह गोष्ठी समाप्त हो रही है। इस प्रकार जो छात्र भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों के आधार पर अध्ययन करेंगे वे अगली गोष्ठी में प्रस्तुति करेंगे। हमारे प्राचार्य महोदय आज जिनके द्वारा प्रस्तुति की गई है, उन्हें कल प्रार्थना सभा में पारितोषिक रूप में सम्मान-पत्र प्रदान करेंगे। अब हम सब मिलकर शान्ति-पाठ करेंगे।

(सब मिलकर उच्चारण करते हैं।)
ओ३म् द्यौः शान्तिः इत्यादि
घुलोम में शांन्ति हो, अन्तरिक्ष में शान्ति हो, पृथिवी पर शान्ति हो, जल शान्तिवाले हों, औषधियाँ शान्तिवाली हों, वनस्पतियाँ शान्तिवाली हों, सभी देवता शान्ति प्रदान करें। ब्रह्म धुलोक में शान्ति हो, शान्ति करें। सब तरफ शान्ति ही शान्ति हो, वह शान्ति मुझे प्राप्त हो। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।

अनुप्रयोगः

प्रश्न 1.
(क) उच्चैः पठित्वा पुनः सञ्चिकायां लिखत –
विज्ञप्तिः, भागत्रयम्, त्वन्तरिक्षे, सुश्रुतः, पुरुषद्वये, यथाक्रमम्, सञ्चारः, जलस्यान्तर्बहिः, अदृश्यताम्, लाभप्रदः, विचित्रस्य, दक्षिणपार्वे, वैज्ञानिकैः।
उत्तरः
छात्र स्वयं करें।

(ख) उपर्युक्तान् शब्दान अकारादिक्रमेण लिखत
(कोशक्रमः अं, अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अः, कवर्गः, चवर्गः, टवर्गः, तवर्गः, पवर्गः, अन्तः – स्थाः, ऊष्माः।)
उत्तरः
अकारादि-क्रमेण लिखिताः शब्दाः, यथा
(i) अदृश्यताम् – (अ)
(ii) जलस्यान्तर्बहिः – (चवर्गः)
(iii) त्वन्तरिक्षे – (तवर्ग:)
(iv) दक्षिण पार्वे – (तवर्ग:)
(v) पुरुषद्वये – (पवर्गः)
(vi) भागत्रयम् – (पवर्गः)
(vii) यथाक्रमम् – (अन्तःस्थाः , य्)
(viii) लाभप्रदः – (अन्तःस्था:-ल)
(ix) विचित्रस्य – (अन्तःस्था:-व्)
(x) विज्ञप्तिः – (अन्तः स्था:-)
(xi) वैज्ञानिकैः – (अन्तःस्था:-व्)
(xii) सञ्चारः – (ऊष्मा :-स्)
(xiii) सुश्रुतः – (ऊष्माः -स्)

प्रश्न: 2.
अधोलिखितवाक्येषु क्तान्तविशेषणानि पूरयत –
(i) …………….. खलु भगवतः सुश्रुतस्य शल्यक्रिया।
(ii) न …………………….. लोहं लोहेन सन्धत्ते।
(iii) यदि स्वर्णम् ………………. भवेत् तर्हि चतुर्गुणेन सीसेन शोधयितुं शक्यते।
(iv) सुषमा भारते ………………… विचित्रशिल्पकलाकृतीनां परिचयं प्रदास्यति।
(v) फतेहपुरसीकरीमध्ये ………………… ध्वनिवाहकाः स्तम्भाः सन्ति।
उत्तरः
(i) बहुप्रसिद्धा खलु भगवतः सुश्रुतस्य शल्यक्रिया।
(ii). न अतप्तं लोहं लोहेन सन्धत्ते।
(iii) यदि स्वर्णम् अशुद्धं भवेत् तर्हि चतुर्गुणेन सीसेन शोधयितुं शक्यते।
(iv) सुषमा भारते उपलब्धानां विचित्रशिल्पकलाकृतीनां परिचयं प्रदास्यति।
(v) फतेहपुरसीकरीमध्ये स्थिताः ध्वनिवाहकाः स्तम्भाः सन्ति।

प्रश्न: 3.
पाठात् चित्वा रिक्तस्थानेषु कर्तृपदानि क्रियापदानि च योजयत –
(i) त्रिपुरविमानस्य प्रथमः ……………….. पृथिव्याः तले ……………….. ।
(ii) यदि ……………….. उत्त्मशल्यचिकित्सकाः भवितुम् ……………….. तर्हि सुश्रुतसंहिता अवश्यमेव पठनीया।
(iii) ……………….. प्रथमः त्वक्प्रत्यारोपकः ……………….. ।
(iv) भूमेः अधः कुत्र कुत्र ……………….. भवति इति मिहिरः सूचनां ……………….. ।
(v) तर्हि वृक्षस्य दक्षिणदिशि पुरुषद्वये स्वादु ……………….. ।
(vi) ……………….. वर्तमानकाले संगणकस्य प्रयोगं
(vii) इदानीम् एषा ……………….. समाप्तिं ……………….. ।
उत्तरः
(i) त्रिपुरविमानस्य प्रथमः भागः पृथिव्याः तले सञ्चरति।
(ii) यदि वयम् उत्त्मशल्यचिकित्सकाः भवितुम् इच्छामः, तर्हि सुश्रुतसंहिता अवश्यमेव पठनीया।
(iii) सुश्रुतः प्रथमः त्वक्प्रत्यारोपकः आसीत्।
(iv) भूमेः अधः कुत्र कुत्र जलम् भवति इति मिहिरः सूचनां प्रदास्यति।
(v) तर्हि वृक्षस्य दक्षिणदिशि पुरुषद्वये स्वादु जलम भविष्यति।
(vi) वयम् वर्तमानकाले संगणकस्य प्रयोगं कुर्मः।
(vii) इदानीम् एषा गोष्ठी समाप्तिं याति।

प्रश्न: 4.
प्रकृतिप्रत्ययं योजयित्वा पदनिर्माणं कुरुत –
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q4
उत्तरः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q4.1

NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q4.2

प्रश्न: 5.
उपपदतत्पुरुषसमस्तपदानां रचनां कुरुत –
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q5
उत्तरः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q5.1

प्रश्न: 6.
अधोलिखितविशेषणैः सह विशेष्यपदानि मेलयत –
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q6
उत्तरः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q6.1

NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q6.2

प्रश्न: 7.
यथानिर्देशं पदं रेखाङ्कितं कुर्वन्तु –
(i) नमः सभापतिभ्यः। (नमः योगे चतुर्थ्यन्तपदम्)
(ii) भूमेः अधः जलं वर्तते। (अधः योगे षष्ठ्यन्तपदम्)
(iii) तस्माद् दक्षिणपाइँ सलिलम्। (अपादाने पञ्चम्यन्तपदम्)
(iv) पृथिवी सूर्य प्रति पूर्वाभिमुखा भ्रमति। (प्रति योगे द्वितीयान्तम्)
(v) सा मा शान्तिः एधि। (‘इ’ योगे द्वितीयान्तपदम्)
उत्तरः
(i) नमः सभापतिभ्यः।
(ii) भूमेः अधः जलं वर्तते।
(iii) तस्माद् दक्षिणपाइँ सलिलम्।
(iv) पृथिवी सूर्यं प्रति पूर्वाभिमुखा भ्रमति।
(v) सा मा शान्तिः एधि।

प्रश्नः 8.
रेखाङ्कितसर्वनामपदानि केभ्यः प्रयुक्तानि?
(i) करतलध्वनिना एतेषां स्वागतं कुर्वन्तु। ……………………….
(ii) प्रशंसनीया एव भवत्याः प्रस्तुतिः। …………………………..
(iii) अहं केवलं रसायन विज्ञाने किञ्चिद् वक्ष्यामि। …………………………..
(iv) विचित्राः स्तम्भाः अस्माकं भारतीयवैज्ञानिकानां गौरवगाथां वर्णयन्ति। …………………………..
(v) प्राचार्यमहोदयः तेभ्यः प्रमाणपत्राणि दास्यति। …………………………..
उत्तरः
(i) लब्धवद्भ्यः प्रतिभाशालिभ्यः छात्रेभ्यः
(ii) शालिन्यै.
(iii) नागार्जुनाय
(iv) भारतवासिभ्यः
(v) प्रस्तुतिकारेभ्यः/प्रस्तुतिकृद्भ्यः

प्रश्न 9.
प्रथमस्तम्भे विज्ञानक्षेत्राणि द्वितीयस्तम्भे वैज्ञानिकानां नामानि। एतेषां सम्यक् मेलनं कुरुतविज्ञानक्षेत्राणि
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q9
उत्तरः
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् Q9.1

प्रश्न: 10.
शान्तिपाठे कुत्र कुत्र शान्तिः भवेत्? तालिकां पूरयत
(i) द्यौः
(ii) …………………………..
(iii) पृथिवी
(iv) आपः
(v) …………………………..
(vi) वनस्पतयः
(vii) विश्वे देवाः
(viii) …………………………..
(ix) सर्वम्
(x) माम्
उत्तरः
(ii) अन्तरिक्षं,
(v) ओषधयः,
(viii) ब्रह्म।

पाठ विकासः
1. महर्षि भारद्वाज मुनि द्वारा विरचित ग्रन्थ का नाम ‘बृहद्विमानशास्त्रम्’ है। इसका सम्पादन स्वामी ब्रह्ममुनि परिव्राजक के द्वारा किया गया है। इस ग्रन्थ में 2853 श्लोक, 100 अधिकरण तथा 8 अध्याय हैं।
2. भगवान् सुश्रुत द्वारा विरचित ‘सुश्रुत संहिता’ में विविध (i) शल्य यन्त्रों (ii) शल्यविधियों व आरोग्यशालानिर्माण का विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। इस ग्रन्थ में कुशल वैद्य के लक्षण इस प्रकार दिए गए हैं।

शौर्यमाशुक्रिया शस्त्रतैक्ष्ण्यमस्वेदवेपथुः।
असम्मोहश्च वैद्यस्य शस्त्रकर्मणि प्रशस्यते॥

(i) शौर्य (ii) शीघ्र क्रिया (iii) शास्त्रज्ञान में तीखापन (iv) पसीना न आना (v) कम्पन न होना (vi) मोह, भ्रम या संशय ग्रस्त न होना-शल्यचिकित्सक के ये गुण प्रशंसनीय हैं।

शल्यशस्त्रों के लक्षण
(1) सुग्राह्य (अच्छी तरह पकड़ में आने योग्य), (2) सुलोह (अच्छे लोहे से निर्मित), (3) सुधार (अच्छी पैनी धारवाली, (4) सुरूप, देखने में सुन्दर, (5) सुसमाहित-मुखाग्र (सिरे पर अच्छी बनावट), (6) अकराल (भयोत्पादक न हो, सरल)। इसी तरह वक्र, कुण्ठ (खूडे), खण्ड (टूटे), खरधार (तीखीधार), अतिस्थूल, अतिदीर्घ-ये आठ शल्ययन्त्रों के दोष हैं।

आर्यभट – इनका जन्म पटना के पास कुसुमपुर में पाँचवीं शताब्दी में हुआ। इनका महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ ‘आर्यभटीयम्’ है। इस ग्रन्थ में 121 श्लोक हैं जिन्हें निम्न चार भागों में बाँटा गया है – (i) दशगीतिका (ii) गणितपाद (iii) कालक्रियापाद (iv) गोलपाद। इस ग्रन्थ में ‘प्रथम बार वर्गमूल, घनमूल, त्रिकोणों का क्षेत्रफल, चक्र की परिधि, व्यास, क्षेत्रफल, नक्षत्रज्ञान, ग्रह परिचय आदि विषयों को स्पष्ट किया गया है।

कौटिल्य – इनका दूसरा नाम चाणक्य भी है। तक्षशिला विश्वविद्यालय में आप राजनीति विषय के आचार्य थे। इनका ग्रन्थ ‘अर्थशास्त्र’ वर्तमान में भी वैसा ही उपयुक्त, सारगर्भित तथा विभिन्न विषयों का विश्वकोष ही है। इसमें 15 अधिकरण, 180 प्रकरण हैं। यहाँ राजनीति, दुष्ट व्यापारियों की भर्त्सना, कृत्रिम मूल्यवृद्धि, मिश्रण, अशुद्ध माप-तोल आदि विषय हैं।

वराहमिहिर – छठी शताब्दी में इनका जन्म हुआ। ये ‘बृहत्संहिता’ के लेखक हैं। इस ग्रन्थ में ज्योतिषशास्त्र का विस्तृत
विवरण हैं। इसकी तीन शाखाएँ बताई गई हैं- (i) तन्त्र गणित (ii) होरा (जन्मपत्री से संबद्ध) (iii) संहिता (प्राकृतिकगणितज्योतिष से संबद्ध)
प्राचीन समय की विस्मयकारक शिल्प कला-कृतियाँ उपलब्ध हैं, पर उनके निर्माताओं के नाम अज्ञात हैं।

अतिरिक्त-अभ्यासः

प्रश्न: 1.
अधोलिखितम् नाट्यांशं पठित्वा तदाधारितानाम् प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – 5
भारती – वयं वर्तमानकाले सङ्गणकस्य प्रयोगं कुर्मः परन्तु यदि आर्यभटेन शून्यस्य आविष्कारः न कृतः स्यात् तर्हि सङ्गणकभाषायाः जन्म एव न अभविष्यत् यतः तत्र तु एकं शून्यञ्च द्वे एव संख्ये महत्त्वपूर्णे। अपि च सूर्यं प्रति पूर्वाभिमुखा पृथिवी 365.25 वारं प्रतिवर्ष भ्रमति। आधुनिकैः वैज्ञानिकैरपि तथैव मन्यते।
अपि च – यथा नौकायां स्थितः मनुष्यः वृक्षादीन् पृष्ठं प्रति गच्छतः पश्यति, तथैव नक्षत्रादयः भूमध्यरेखास्थितस्य नरस्य कृते पश्चिमं प्रति धावन्तः प्रतीयन्ते।
सचिवः – भगवतः आर्यभटस्य महिमानं वयं जानीमः। ‘पाई’ इत्यस्य मूल्यं तेनैव सर्वप्रथम स्पष्टीकृतम।

I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) कं प्रति पूर्वाभिमुखा पृथिवी 365.25 वारं प्रतिवर्ष भ्रमति?
(ii) कैः वैज्ञानिकैः अपि तथैव मन्यते?
(iii) शून्याविष्कारं विना कस्याः जन्म एव न अभविष्यत्?
(iv) शून्यस्य आविष्कारः केन कृतः?
उत्तरः
(i) सूर्यम्
(ii) आधुनिकैः
(iii) सङ्गणकस्य
(iv) आर्यभटेन

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 2 = 2)
(i) ‘पाई’ इत्यस्य मूल्यं सर्वप्रथमं केन स्पष्टीकृतम्?
(ii) सङ्गणकभाषायै के महत्त्वपूर्णे भवतः?
उत्तरः
(i) ‘पाई’ इत्यस्य मूल्यं सर्वप्रथम आर्यभटेन स्पष्टीकृतम्।
(ii) सङ्गणकभाषायै एकं शून्यं द्वितीयं संख्या च महत्त्वपूर्ण स्तः।

III. निर्देशानुसारम् उत्तरत (1/2 x 2 = 1)
(i) ‘पाई’ इत्यस्य मूल्यं तेनैव’ अत्र ‘तेन’ पदं कस्मै आगतम्?
(ii) ‘प्रतीयन्ते’ इत्यस्याः क्रियायाः कर्तृपदं लिखत?
उत्तरः
(i) आर्यभटाय
(ii) नक्षत्रादयः

प्रश्न: 2.
निम्न गद्यांश पठित्वा तदाधारितानां प्रश्नानामुत्तराणि लिखत –
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् III Q2
I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) कस्यां तारिकायां सङ्गोष्ठी भविष्यति?
(ii) सङ्गोष्ठी कुत्र भविष्यति?
(iii) कस्याः कक्षायाः छात्राः विशिष्टाहययनं कृतवन्तः?
(iv) कः विज्ञप्तिं अलिखत्:?
उत्तरः
(i) कविंशतिः
(ii) सभागारे
(iii) द्वादशकक्षायाः
(iv) सचिवः

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 1 = 1)
सचिवानुसारेण कः अतीव लाभप्रदः भविष्यति?
उत्तरः
सचिवानुसारेण द्वादशकक्षायाः छात्रैः परियोजनारूपेण यद् विशिष्टाध्ययनं कृतं तस्य परिचयः अतीव लाभप्रदः भविष्यति।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) अनुच्छेदे ‘छात्राः’ इति विशेष्य पदस्य विशेषणपदं किम्?
(ii) ‘पठनम्’ इत्यस्य पदस्य कः पर्यायः अनुच्छेदे आगतः?
(iii) ‘आगच्छन्तु’ इति क्रिया पदस्य कर्तृ पदं किम्?
(iv) ‘हानिकरः’ अस्य पदस्य कः विपर्ययः विज्ञप्त्याम् आगतः अस्ति?
उत्तरः
(i) सर्वे
(ii) अध्ययनम्
(iii) छात्राः
(iv) लाभप्रदः

(ख) नागार्जुनः – सर्वेभ्यः नमो नमः। कौटिल्यस्य अर्थशास्त्रं तु अद्भुतः ग्रन्थः यत्र बहवः विषयाः वर्णिताः। अहं केवलं रसायनविषये किञ्चिद् वक्ष्यामि। कौटिल्यः कथयति –
नातप्तं लोहं लोहेन सन्धत्ते। अतः तापनेन एव रसायनक्रिया सम्भवति। यदि स्वर्णम् अशुद्धं भवेत् तर्हि चतुर्गुणेन सीसेन शोधयेत्।

I एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 2 = 1)
(i) कः अद्भुतः ग्रन्थः वर्तते?
(ii) कम् चतुर्गुणेन सीसेन शोधयेत्?
उत्तरः
(i) अर्थशास्त्रम्
(ii) स्वर्णम्

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 2 = 2)
(i) कौटिल्यस्य अर्थशास्त्रे के वर्णिताः सन्ति?
(ii) तापेन किं सम्भवति?
उत्तरः
(i) कौटिल्यस्य अर्थशास्त्रे बहवः विषयाः वर्णिताः।
(ii) तापेन रसायन क्रिया सम्भवति।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) ‘स्वर्णम् अशुद्धम्’ अनयोः पदयोः विशेषणपदं किम्?
(ii) अनुच्छेदे ‘वर्णिताः’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
(iii) ‘वदिष्यामि’ इति अर्थ किं पदं प्रयुक्तम् अस्ति?
(iv) ‘तप्तम्’ पदस्य कः विपचर्यः अत्र आगतः?
उत्तरः
(i) अशुद्धम्
(ii) विषयाः
(iii) वक्ष्यामि
(iv) अतप्तम्

(ग) अभिनवः- एवं त्रिपुरविमानस्य प्रथमः भागः पृथिव्याः तले सञ्चरति, द्वितीयभागः जलस्य अन्तः बहिः च विहरति, तृतीयः भागः तु स्वतः एव आकाशे सञ्चरति।
सचिवः – धन्यवादः। विमानशास्त्रे एतादृशः लेपः अपि वर्णितः यस्य लेपनेन विमानम् अदृश्यतां गच्छति स्म। करतलध्वनिना अभिनवस्य उत्साहवर्धनं कुर्वन्तु।
(करतलध्वनिना सभागारः गुञ्जति।)
इदानीं शालिनी भारतस्य प्रमुखचिकित्सकस्य सुश्रुतस्य शल्यक्रियामधिकृत्य अस्माकं ज्ञाने वृद्धिं करिष्यति।

I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) त्रिपुर विमानस्य तृतीयः भागः कुत्र सञ्चरति?
(ii) विमानस्य कः भागः जलस्य अन्तः बहिः च विहरति?
(i) का सुश्रुतस्य शल्य क्रियायाम् प्रवचनं यच्छति?
(ii) छात्राः केन अभिनवस्य उत्साहवृद्धिं कुर्वन्ति?
उत्तरः
(i) आकाशे
(ii) द्वितीय भागः
(iii) शालिनी
(iv) करतलध्वनिना

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत (1 x 1 = 1)
विमान शास्त्रानुसारेण कथं विमानम् अदृश्यतां गच्छति?
उत्तरः
विमानशास्त्रे एतादृशः लेपः अपि वर्णितः यस्य लेपनेन विमानम् अदृश्यतां गच्छति।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत (1/2 x 4 = 2)
(i) ‘प्रथमः भागः’ इति कर्तृपदस्य क्रियापदं किम्?
(ii) अनुच्छेदात् ‘अन्तः’ पदस्य विपर्ययं चित्त्वा लिखत?
(iii) ‘एतादृशः लेपः’ इत्यनयोः पदयोः विशेषणपदं किम्?
(iv) ‘भूमेः’ इति पदस्य कः पर्यायः नाट्यांशे प्रयुक्तः?
उत्तरः
(i) सञ्चरति
(ii) वहिः
(iii) एतादृशः
(iv) पृथिव्याः

(ध) शालिनी – प्रियसहपाठिनः! यदि वयम् उत्तमशल्यचिकित्सकाः भवितुम् इच्छामः तर्हि सुश्रुतविरचिता सुश्रुतसंहिता अवश्यमेव पठनीया। तत्र अष्टविधं शल्यकार्यं वर्णितम् यथा –
छेद्यम्, भेद्यम्, लेख्यम्, वेध्यम्, एष्यम्, आहार्यम्, विस्त्राव्यम्, सीव्यम् इति। सुश्रुतसंहितायां नासिकाप्रत्यारोपणं विस्तरशः वर्णतम्। सुश्रुतः प्रथमः त्वक्प्रत्यारोपकः आसीत्।
सचिवः – बहुप्रसिद्धा खलु भगवतः सुश्रुतस्य शल्यक्रिया। धन्यवादः शालिनी। प्रशंसनीया एव भवत्याः प्रस्तुतिः।

I. एकपदेन उत्तरत (1/2 x 2 = 1)
(i) सुश्रुतसंहितायां कतिविधं शिल्पकार्यं वर्णितम्?
(ii) कस्याः प्रस्तुतिः प्रशंसनीया अस्ति?
उत्तरः
(i) अष्ट
(ii) भवत्याः (शालिन्याः)

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत (1 x 2 = 2)
(i) सुश्रुतसंहितायां किं विस्तरश: वर्णितम्?
(ii) अष्ट विधं शल्यकार्यं किम्-किम् अस्ति?
उत्तरः
(i) सुश्रुत संहितायां नासिका प्रत्यारोपणं विस्तरशः वर्णितम्।
(ii) अष्ट विधं शल्यकार्यं छेद्यम्, भेद्यम्, लेख्यम्, वेध्यम्, एष्यम्, आहार्यम्, विस्राव्यम् सीव्यम् च इति अस्ति ।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत (1/2 x 4 = 2)
(i) ‘अनुच्छेदे ‘इच्छामः’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
(ii) ‘प्रशंसनीया’ इत्यस्य विशेषणस्य विशेष्यपदं किम्?
(iii) ‘संक्षेयतः’ इति पदस्य कः विपर्ययः?
(iv) संवादे ‘भवत्याः ‘ पद कस्यै आगतम्?
उत्तरः
(i) वयम
(ii) प्रस्तुतिः
(iii) विस्तरशः
(iv) शालिन्यै

(ङ) (शोभनम्, अतिशोभनम् इति ध्वनिः तालिका वादनेन सह सभागारं पूरयति।)
अस्य पद्यस्य अयमर्थः यत् यदि जम्बूवृक्षस्य पूर्वदिशि वल्मीकः भवेत् तर्हि वृक्षस्य दक्षिणदिशि पुरुषद्वये स्वादु सलिलं भविष्यति। (पुरुषः = 7.5 फुट)
सचिव – शोभनं मिहिर! वस्तुतः वराहमिहिरेण स्वग्रन्थे विविधाः विषयाः वर्णिताः यथा वृक्षायुर्वेदः, वास्तुविज्ञानं ज्योतिष, पशुविज्ञानम् इत्यादयः। मिहिरेण बहुमूल्या सामग्री सङ्कलिता परन्तु समयाभावात् तस्याः सर्वस्याः प्रस्तुतिः अत्र न भविष्यति। इदानीं भारती आर्यभट्टस्य आर्यभटीयम् इति ग्रन्थस्य वैशिष्ट्यं वर्णयिष्यति।

I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) केन स्वग्रन्थे विविधाः विषयाः वर्णिता?
(ii) वृक्षस्य कस्याम् दिशि पुरुषद्वये स्वादुसलिलं भविष्यति?
(iii) भारती कस्य ग्रन्थस्य वैशिष्ट्यं वर्णयिष्यति?
(iv) ‘आर्य भटीयम्’ इति कस्य ग्रन्थः अस्ति
उत्तरः
(i) वराहमिहिरेण
(ii) दक्षिणे
(iii) आर्यभटीयस्य
(iv) आर्यभटस्य

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 2 = 2)
वराहमिहिरेण स्वग्रन्थे के विषयाः वर्णिता?
उत्तरः
वराहमिहिरेण स्वग्रन्थे विविधाः विषयाः यथा-वृक्षायुर्वेदः, वास्तुविज्ञानं, ज्योतिष, पशुविज्ञानम् आदयः वर्णिताः।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) ‘सङ्कलिता’ इत्यस्याः क्रियायाः कर्तृपदं किम्?
(ii) ‘स्वादु सलिलम्’ अनयोः पदयोः विशेषण पदं किम्?
(iii) ‘तस्याः सर्वस्याः प्रस्तुतिः’ अत्र ‘तस्याः’ पदं कस्यै प्रयुक्तम्?
(iv) ‘जलम्’ पदस्य कः पर्यायः अत्र नाट्यांशे प्रयुक्तः?
उत्तरः
(i) मिहिरेण
(i) स्वादु
(iii) बहुमूल्यायै सामग्र्यै
(iv) सलिलम्

(च) भारती – वयं वर्तमानकाले सङ्गणकस्य प्रयोगं कुर्मः परन्तु यदि आर्यभटेन शून्यस्य आविष्कारः न कृतः
स्यात् तर्हि सङ्गणकभाषायाः जन्म एव न अभविष्यत् यतः तत्र तु एकं शून्यञ्च द्वे एव संख्ये महत्त्वपूर्णे। अपि च सूर्ये प्रति पूर्वाभिमुखा पृथिवी 365.25 वारं प्रतिवर्ष भ्रमति। आधुनिकैः वैज्ञानिकैरपि तथैव मन्यते। अपि च –
यथा नौकायां स्थितः मनुष्यः वृक्षादीन् पृष्ठं प्रति गच्छतः पश्यति, तथैव नक्षत्रादयः भूमध्यरेखास्थितस्य नरस्य कृते पश्चिमं प्रति धावन्तः प्रतीयन्ते।
सचिवः- भगवतः आर्यभटस्य महिमानं वयं जानीमः। ‘पाई’ इत्यस्य मूल्यं तेनैव सर्वप्रथमं स्पष्टीकृतम्। इदानीं नागार्जुनः कौटिल्य चितात् अर्थशास्त्रात् रसायनशास्त्रम् अधिकृत्य अस्माकं ज्ञानवृद्धिं करिष्यति।

I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) कः सर्वप्रथम ‘पाई’ इत्यस्य मूल्यं स्पष्टीकृतम्?
(ii) केन शून्यस्य आविष्कारः कृतः?
(iii) पृथिवी कं प्रति भ्रमति?
(iv) के पश्चिम प्रति धावन्तः प्रतीयन्ते?
उत्तरः
(i) आर्यभटेन
(ii) आर्यभटेन
(iii) सूर्यम्
(iv) नक्षत्रादयः

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 2 = 2)
(i) इदानीं नागार्जुनः कथं ज्ञानवृद्धिं करिष्यति?
(ii) सङ्गणकभाषायै के महत्त्वपूर्ण स्तः?
उत्तरः
(i) इदानीं नागार्जुनः कौटिल्यरचितात् अर्थशास्त्रात् रसायनशास्त्रम् अधिकृत्य अस्माकं-ज्ञानवृद्धिं करिष्यति।
(ii) सङ्गणकभाषायै एकं शून्यञ्च द्वे एवं संख्ये महत्वपूर्ण स्तः।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (1/2 x 2 = 1)
(i) ‘प्रतीयन्ते’ इत्यस्य क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
(ii) ‘मृत्युः’ इत्यस्य पदस्य कः विपर्ययः संवादे प्रयुक्तें?
उत्तरः
(i) नक्षत्रादयः
(ii) जन्म

(छ) सचिवः- सम्यग् वर्णितम्। इदानीं सुषमा भारते उपलब्धानां विचित्रशिल्पकलाकृतीनां परिचयं प्रदास्यति।
सुषमा – धन्यवादः। प्रियबान्धवाः! यूयं सर्वे दिल्लीस्थ-लौहस्तम्भेन परिचिताः एव। कोऽपि न अद्ययावत् जानाति कथं सः स्तम्भः विकृतिं विना तथैव तिष्ठति। अन्ये विस्मयकराः स्तम्भाः सन्ति-अहमदनगरे कम्पमानाः स्तम्भाः, सुचिन्दरं देवालये स्थिताः सङ्गीतमयाः स्तम्भा :, गोलकुण्डादुर्गे प्रतिध्वन्यात्मकाः स्तम्भाः, फतेहपुरसीकरीमध्ये स्थिताः ध्वनिवाहकाः स्तम्भाः अद्ययावत् दिग्दिगन्तेषु अस्माकं भारतीयवैज्ञानिकानां गौरवगाथां वर्णयन्ति।
सचिवः – अनुगृहीताः वयं भवत्याः सुषमायाः ज्ञानपूर्णेन सूचनाप्रदानेन। इदानीम् एषा गोष्ठी समाप्तिं याति। एवं ये छात्राः भारतीयविज्ञानक्षेत्रे विशिष्टाः उपलब्धी: आधृत्य अध्ययनं करिष्यन्ति, ते अग्रिमगोष्ठ्यां च प्रस्तुतिं करिष्यन्ति। अस्माकं प्राचार्यमहोदयः, अद्य यैः प्रस्तुतिः कृता, तेभ्यः श्वः प्रार्थनासभायां
पारितोषिकरूपेण सम्मानपत्राणि प्रदास्यन्ति। सम्प्रति वयं सर्वे मिलित्वा शान्तिपाठं करिष्यामः।

I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 2 = 1)
(i) सुचिन्दरं देवालये कीदृशाः स्तम्भाः स्थिताः?
(ii) सम्प्रति सर्वे मिलित्वा किं करिष्यन्ति?
(iii) ध्वनिवाहकाः स्तम्भाः कुत्र स्थिताः सन्ति?
(iv) विचित्राः स्तम्भाः अद्ययावत् केषां गौरवगाथां वर्णयन्ति?
उत्तरः
(i) सङ्गीतमयाः
(ii) शान्तिपाठम्
(iii) फतेहपुरसीकरीमध्ये
(iv) भारतीय-वैज्ञानिकानाम्

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 1 = 1)
श्वः प्रार्थनासभायाम् अस्माकं प्राचार्यमहोदया: किं करिष्यन्ति?
उत्तरः
श्वः प्रार्थनासभायाम् अस्माकं प्राचार्यमहोदयाः पारितोषिकरूपेण सम्मानपत्राणि छात्रेभ्यः प्रदास्यन्ति।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) ‘विशिष्टाः उपलब्धीः’ अनयोः पदयोः कः विशेष्यः?
(ii) ‘प्रदास्यति’ इति क्रिया पदस्य कर्तृपदं किम्?
(iii) ‘ते अग्रिमगोष्ठ्याम’ अत्र ‘ते’ पदं केभ्यः प्रयुक्तम्?
(iv) ‘हचः’ पदस्य कः विषर्ययः नाट्यांशे आगतः?
उत्तरः
(i) उपलब्धीः
(ii) सुषमा
(iii) छात्रेभ्यः
(iv) श्वः

(सभागारस्य दृश्यम्)
(ज) सचिवः – नमः सभाभ्यः सभापतिभ्यश्च। अद्य अस्माकं मध्ये ग्रीष्मावकाशपरियोजनाकार्ये सर्वोत्तमान् अङ्कान् लब्धवन्तः प्रतिभाशालिनः छात्राः समुपस्थिताः। एते स्वाध्ययनस्य विशिष्टांशान् अत्र प्रस्तोष्यन्ति। करतलध्वनिना एतेषां स्वागतम् अभिनन्दनं च कुर्वन्तु।
(सर्वे करतलध्वनिना अभिनन्दनं कुर्वन्ति)
सर्वप्रथमम् अभिनव: भरद्वाजविरचितविमानशास्त्रात् विचित्रस्य त्रिपुरविमानस्य विषये सूचयिष्यति।
अभिनवः – श्रूयताम्। विमानशास्त्रे त्रिपुरविमानस्य एवं वर्णनं समुपलभ्यते।

I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) सर्वप्रथमं कः सूचयिष्यति?
(ii) सचिवः कं नमस्करोति?
(iii) विमानशास्त्रे कस्य वर्णनम् उपलभ्यते?
(iv) छात्रः केन छत्राणां स्वागतं कुर्वन्तु?
उत्तरः
(i) अभिनवः
(ii) सभापतिम्/सभाम्
(iii) त्रिपुरविमानस्य
(iv) करतलध्वनिया

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 2 = 2)
(i) सभागारे कीदृशाः छात्राः समुपस्थिताः सन्ति?
(ii) कुत्र त्रिपुर विमानस्य वर्णनम् अस्ति?
उत्तरः
(i) सभागारे ग्रीष्मावकाश परियोजना कार्ये सर्वोत्तमान् अङ्कान् लब्धवन्तः प्रतिभाशालिनः छात्राः समुपस्थिताः सन्ति।
(ii) भरद्वाज विरचित विमानशास्त्रे त्रिपुर विमानस्य वर्णनम् अस्ति।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (2 x 2 = 1)
(i) ‘प्रस्तोष्यन्ति’ इति क्रियायाः अत्र कर्तृपदं किम्?
(ii) ‘प्रतिभाशालिनः छात्राः’ अत्र विशेषण पदं किम् अस्ति?
उत्तरः
(i) एते (छात्राः)
(ii) प्रतिभाशालिनः

प्रश्न: 3.
निम्नलिखितं श्लोक /गद्यांश पठित्वा तदाधारिताम् प्रश्नान् उत्तरत – 5
(क) भागत्रयं भवेदस्य त्रिपुरस्य यथाक्रमम्,
तेषु प्रथमभागस्य सञ्चारः पृथिवीतले।
द्वितीयभागस्सञ्चारो जलस्यान्तर्बहिः क्रमात्,
तृतीयभागस्सञ्चारस्त्वन्तरिक्षे भवेत् स्वतः॥

I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(क) कस्य त्रिभागाः भवेयुः?
(ख) पृथिवीतले कः भागः सञ्चरेत्?
(ग) कस्य अन्तर्बहिः द्वितीयो भागः सञ्चरेत्?
(घ) तृतीय भागस्य स्वतः कुत्र सञ्चारः भवेत्?
उत्तरः
(i) त्रिपुरविमानस्य
(ii) प्रथमः
(iii) जलस्य
(iv) अन्तरिक्षे

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 2 = 2)
(i) अत्र कस्य वर्णनं समुपलभ्यते?
(ii) त्रिपुरमयानस्य द्वितीयस्य भागस्य सञ्चारः कुत्र भवति?
उत्तरः
(i) अत्र विमानशस्त्रे त्रिपुरविमानस्य वर्णनं समुपलभ्यते।
(ii) त्रिपुरमयानस्य द्वितीयस्य भागस्य सञ्चार : जलस्यान्तः बहिः भवति।

III. निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 x 2 = 1)
(क) ‘आकाश’ इत्यस्य पदस्य कः पर्यायः अत्र श्लोके प्रयुक्त:?
(ख) ‘तेषु’ इति पदं कस्य विशेषणपदम् अस्ति?
उत्तरः
(i) अन्तरिक्षे
(ii) भागेषु’ पदस्य

(ख) जम्बूवृक्षस्य प्राग्वल्मीको यदि भवेत् समीपस्थः।
तस्माद् दक्षिण पार्वे सलिलं पुरुषद्वये स्वादु॥

I. एकपदेन उत्तरत – ( 1/2 x 2 = 1)
(i) कस्य प्राग् वल्मीको भवेत्?
(ii) जम्बूवृक्षस्य दक्षिण पार्वे कीदृशं सलिलं भवितव्यम्?
उत्तरः
(i) जम्बूवृक्षस्य
(ii) स्वादु

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 x 1 = 2)
कुत्र स्वादु सलिलं भवेत्?
उत्तरः
यदि जम्बूवृक्षस्य प्राक् समीपस्थः वल्मीकः भवेत् तस्मात् दक्षिण पार्श्वे पूरुद्वये स्वादु सलिलं भवेत्।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) ‘जलम्’ इत्यस्य पदस्य कः पर्यायः श्लोके प्रयुक्तः?
(ii) ‘सलिलं स्वादु’ अनयोः पदयोः किं विशेषणम् अत्र प्रयुक्तम्?
(iii) ‘भवेत्’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम्?
(iv) श्लोकात् एकम् अव्ययपदं चित्त्वा लिखत।
उत्तरः
(i) सलिलम्
(ii) स्वादु
(iii) वल्मीकः
(iv) यदि

(ग) ओ३म् द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः, पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः, वनस्पतयः शान्तिः विश्वे देवाः शान्तिः, ब्रह्म शान्तिः, सर्वं शान्तिः, शान्तिरेव शान्तिः, सामा शान्तिरेधि, ओ३म् शान्तिरशन्तिश्शांन्तिः ओ३म्।
I. एकपदेन उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) सर्वप्रथमं कः शान्तिं यच्छेत्?
(ii) पञ्चमे स्थाने कः शान्तिं यच्छति?
(iii) ब्रह्म किं यच्छेत्?
(iv) विश्वे देवाः किं यच्छन्तु?
उत्तरः
(i) द्यौः
(ii) औषधयः
(iii) शान्तिम्
(iv) शान्तिम्

II. पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 x 1 = 1)
अन्तिमे स्थाने के पञ्चद्रव्याणि अस्मभ्यं शान्तिं यच्छेयुः?
उत्तरः
अन्तिमे स्थाने आपः, औषधयः, वनस्पतयः, विश्वे देवाः, ब्रह्म इति पञ्च द्रव्याणि अस्मभ्यं शान्तिं यच्छेयुः।

III. निर्देशानुसारेण उत्तरत – (1/2 x 4 = 2)
(i) ‘प्राप्नुहि’ इति पदस्य अर्थे अत्र किं पदं प्रयुक्तम्?
(ii) ‘सा शान्तिः’ अनयोः पदयोः विशेष्यः कः?
(iii) ‘सर्वे’ इत्यस्य पदस्य कः पर्यायः अत्र मन्त्रे प्रयुक्तः?
(iv) ‘अग्निः’ पदस्य कः विपर्ययः अत्र प्रयुक्तः?
उत्तरः
(i) एधि
(ii) शान्तिः
(iii) विश्वे
(iv) आपः

प्रश्न: 4.
I. कः कं कथयतिनिम्न वाक्यान् कः कम् प्रति कथयति इति लिख्यताम् – (1+1 = 2)
(i) विमानशास्त्रे त्रिपुर विमानस्य एवं वर्णनं समुपलभ्यते।
(ii) प्रशंसनीया एवं भवत्याः प्रस्तुतिः।
(iii) यदि जम्बूवृक्षस्य पूर्वदिशि वल्मीक: भवेत् तर्हि वृक्षस्य दक्षिणदिशि पुरुषद्वये स्वादु सलिलं भविष्यति।
(iv) यदि स्वर्णम् अशुद्धं भवेत् तर्हि चतुर्गुणेन सीसेन शोधयेत्।
(v) सम्प्रति वयं सर्वे मिलित्वा शान्ति पाठं करिष्यामः।
उत्तरः
(i) कः-अभिनवः कम्-सर्वे छात्राः
(ii) कः-सचिवः कम्-शालिनीम्
(iii) कः-मिहिरः कम्-सचिवम् (छात्रान्)
(iv) कः-नागार्जुनः कम्-छात्रान् ।
(v) कः-सचिवः कम्-सर्वान् छात्रान्

II. ग्रन्थस्य लेखकस्य च नामनी
(i) भागत्रयं भवेदस्य त्रिपुरस्य यथाक्रमम्।
(ii) छेद्यम्, भेद्यम, लेख्यम्, वेध्यम्, एष्यम्, आहार्यम्, विस्त्राव्यम्, सीव्यम् इति।
(iii) जम्बूवृक्षस्य प्राग्वल्मीको यदि भवेत् समीपस्यः, तस्माद् दक्षिण पार्वे सलिलं पुरुषद्वये स्वादु।
(iv). अपिच सूर्य प्रति पूर्वाभिमुखा पृथिवी 365.25 वारं प्रतिवर्ष भ्रमति।
(v) नातप्तं लोहं लोहेन सन्धत्ते।
उत्तरः
(i) ग्रन्थस्य नाम-आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् लेखकस्य नाम-सम्पादक मण्डल:
(ii) ग्रन्थस्य नाम-आश्चर्यमय विज्ञानजगत् लेखकस्य नाम-सम्पादक मण्डल:
(iii) ग्रन्थस्य नाम-आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् लेखकस्य नाम-सम्पादक मण्डल:
(iv) ग्रन्थस्य नाम-आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् लेखकस्य नाम-सम्पादक मण्डल:
(v) ग्रन्थस्य नाम-आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् लेखकस्य नाम-सम्पादक मण्डल:

प्रश्न: 5.
(क) निम्नलिखितानां पङ्क्तीनाम् उचितं भावं रिक्तस्थानेषु लिखत – (1/2 x 4 = 2)
I. “विमानशास्त्रे वर्णितेन लेपनेन विमानम् अदृश्यतां गच्छति स्म’।
अर्थात् –
महर्षिः भरद्वाजः स्वहस्तेन लिखते पुस्तके (i) …………… एवं लेपस्य वर्णनं कृतवान् अस्ति यस्य (ii)…………… विमानम् आकाशे एव (iii) …………… भवति भवितुं शक्नोति वा। तेन कारणेन तद् विमानं (iv)…………… दृष्ट्या सुरक्षितं भवति।
उत्तरः
(i) विमानशास्त्रे
(ii) लेपनेन
(iii) अदृश्यम्
(iv) शत्रूणाम्

II. ‘तत्र अष्टविधं शल्यकार्य वर्णितम्’। अस्य भावोऽस्ति यत् –
भारतस्य प्रथमेन (i)…………… सुश्रुतेन स्व ग्रन्थे सुश्रुतसंहितायां (ii)…………… प्रकारस्य शल्यकार्यस्य वर्णनं कृतम् यथा-छेद्यम्, (iii)……………लेख्यम् वेध्यम्, एष्यम्, आहार्यम्, सीव्यम् इत्यादयः। सः विश्वस्य प्रथमः (iv)……………आसीत्।
उत्तरः
(i) चिकित्सकेन
(ii) अष्ट
(iii) भेद्यम
(iv) त्वक् प्रत्यारोपकः

III. ‘जम्बू वृक्षस्य प्राग्वल्मीको यदि भवेत् समीपस्थः’। अर्थात्यदि जम्बू वृक्षस्य (i)…………… दिशायां सर्पस्य निवासं भवेत् तस्य (ii) …………… दिशि द्विपुरुषं यावत् (iii)…………… स्वादिष्टं जलम् अपि (iv)…………… इति विश्वासः क्रियते।
उत्तरः
(i) पूर्वस्यां
(ii) दक्षिणे
(iii) दूरम्
(iv) भवेत्

(ख) निम्नलिखितानां पङ्क्तीनाम् उचित भावरूपे उपयुक्त पङ्क्तेः चयनं कुरुत – (1 x 2 = 2)
I. ‘नातप्तं लोहं लोहेन सन्धत्ते’ अर्थात् –
(i) तप्तम् एव लोह लोहेन संयुज्यते।
(ii) अंतप्तम् एव स्वर्णं लोहेन सह प्रयुज्यते।
(iii) अतप्तम् एव लोहं लोहेन सह संयुज्यते।
उत्तरः
(i) तप्तम् एव लोहं लोहेन संयुज्यते।

II. ‘ओ३म् शान्तिः, शान्तिः शान्तिः ओ३म्’ अर्थात् –
(i) त्रयः लोकाः एव अस्मभ्यं शान्तिं यच्छन्तु।
(ii) अस्मभ्यं दिवसे त्रिवार शान्तिः लभेत।
(iii) तिस्रः शान्त्यः अस्माकं समीपे भवन्तु।।
उत्तरः
(i) त्रयः लोकाः एव अस्मभ्यं शान्तिं यच्छन्तु।

प्रश्नः 6.
निम्नलिखितानां श्लोकानां रिक्त स्थान पूर्ति माध्यमेन अन्वयं लिखत – (1 x 4 = 4)
I. भागत्रयं भवेदस्य त्रिपुरस्य यथाक्रमम्
तेषु प्रथमभागस्य सञ्चारः पृथिवीतले।
द्वितीयभागस्सञ्चारो जलस्यान्तर्बहिः क्रमात्
तृतीयभागस्सञ्चारस्त्वन्तरिक्षे भवेत् स्वतः॥
अन्वयः –
अस्य (i) …………… यथाक्रमम् भागत्रयं भवेत्, तेषु (ii) …………… पृथिवी तले सञ्चारः (भवेत्), द्वितीय भागः क्रमात् (iii)……………सञ्चारः (भवेत्) तृतीय भागः (च) स्वतः अन्तरिक्षे (iv) …………….. भवेत्
उत्तरः
(i) त्रिपुरस्य
(ii) प्रथमभागस्य
(iii) जलस्यान्तर्बहिः
(iv) संञ्चारः

II. जम्बूवृक्षस्य प्राग्वल्मीको यदि भवेत् समीपस्थः।
तस्मादक्षिण पार्श्वे सलिलं पुरुषद्वये स्वादु॥
अन्वयः –
यदि (i) …………… प्राक् समीपस्थः (ii) …………… भवेत् तस्मात् दक्षिण पार्श्वे (iii) …………… स्वादु (iv)…………… (भवेत्)।
उत्तरः
(i) जम्बूवृक्षस्य
(ii) बल्मीकः
(iii) पुरुषद्वये
(iv) सालिलम्

III. ओ३म् द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं, शान्तिः पृथिवी, शान्तिरापः, शान्तिरोषधयः, शान्तिवनस्पतयः शान्तिः विश्वे देवाः, शान्तिः ब्रह्मा, शान्तिः सर्वं, शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः, सा मा शान्तिरेधि, ओ३म् शान्तिः शान्तिः शान्तिः ओ३म्।
अन्वयः –
ओ३म् द्यौः शान्तिः (i)…………… शान्तिः पृथिवी शान्तिः आपः शान्तिः (ii) …………… शान्तिः वनस्पतयः शान्तिः (iii) …………… देवाः शान्तिः ब्रह्मा शान्तिः सर्वं शान्तिः (iv) …………… एव शान्तिः सा मा शान्तिः एधि, ओ३म् शान्तिः शान्तिः शान्तिः ओ३म्।
उत्तरः
(i) अन्तरिक्षं
(ii) ओषधयः
(iii) विश्वे
(iv) शान्तिः

प्रश्न: 7.
प्रदत्त वाक्यांशानां समुचित रूपेण मेलनम् कृत्वा लिखत – (1/2 x 8 = 4)
I.
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् III Q7
उत्तरः
(i) 6
(ii) 5
(iii) 7
(iv) 8
(v) 1
(vi) 3
(vii) 2
(viii) 4
II.
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत् III Q7.1
उत्तरः
(i) 4
(ii)5
(iii) 7
(iv) 1
(v) 3
(vi) 8
(vii) 2
(viii) 6

प्रश्न: 8.
रेखाकितानां पदानां प्रसङ्गानुसारेण समुचितम् अर्थचयनम् कुरुत – (1/2 x 8 = 4)
(क) सर्वोत्तमान् अङ्कान् लब्धवन्तः प्रतिभाशालिनः छात्राः अत्र समुपस्थिताः।
(i) प्राप्ताः
(ii) लब्धुम्
(iii) गताः।
उत्तरः
(i) प्राप्ताः

(ख) यस्य लेपनेन विमानम् अदृश्यतां गच्छति स्म।
(i) सूक्ष्मताम्
(ii) स्थूलताम्
(iii) लोपम्।
उत्तरः
(iii) लोपम्।

(ग) सुश्रुत-संहितायां नासिका प्रत्यारोपणं विस्तरशः वर्णितम्।
(i) संक्षेपतः
(ii) विस्तारशः
(iii) विस्तरतः।
उत्तरः
(iii) विस्तरतः।

(घ) जम्बूवृक्षस्य प्राग वल्मीको यदि भवेत् समीपस्थः।
(i) पूर्वम्
(ii) प्रथमम्
(iii) पूर्वस्याम् दिशायाम्।
उत्तरः
(iii) पूर्वस्याम् दिशायाम्।

(ङ) नक्षत्रादयः भूमहध्यखास्थितस्य नरस्य कृते पश्चिमं प्रति धावन्तः प्रतीयन्ते।
(i) पश्चात्
(i) प्रत्यक्
(iii) चिरात्।
उत्तरः
(i) प्रत्यक्

(च) नातप्तं लोहं लोहेन सन्धत्ते।
(i) तापयुक्तम्
(ii) तापरहितम्
(iii) तपनशीलम्।
उत्तरः
(ii) तापरहितम्

(छ) ये छात्राः भारतीयविज्ञानक्षेत्रे विशिष्टाः उपलब्धीः आधृत्य अध्ययनं करिष्यन्ति।
(i) सफलताम्
(ii) उपलब्धाः
(iii) क्रियाकलापम्।
उत्तरः
(i) सफलताम्

(ज) पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः।
(i) फलम्
(ii) जलम्
(iii) पवनः।
उत्तरः
(ii) जलम्

NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit

AI CONTENT END 2 <rdf:RDF xmlns:rdf="http://www.w3.org/1999/02/22-rdf-syntax-ns#" xmlns:dc="http://purl.org/dc/elements/1.1/" xmlns:trackback="http://madskills.com/public/xml/rss/module/trackback/"> <rdf:Description rdf:about="https://www.LearnCBSE.online/ncert-solutions-for-class-12-sanskrit-chapter-8/" dc:identifier="https://www.LearnCBSE.online/ncert-solutions-for-class-12-sanskrit-chapter-8/" dc:title="NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Chapter 8 आश्चर्यमयं विज्ञानजगत्" trackback:ping="https://www.LearnCBSE.online/ncert-solutions-for-class-12-sanskrit-chapter-8/trackback/" /> </rdf:RDF>

Filed Under: CBSE

  • NCERT Solutions
    • NCERT Library
  • RD Sharma
    • RD Sharma Class 12 Solutions
    • RD Sharma Class 11 Solutions Free PDF Download
    • RD Sharma Class 10 Solutions
    • RD Sharma Class 9 Solutions
    • RD Sharma Class 8 Solutions
    • RD Sharma Class 7 Solutions
    • RD Sharma Class 6 Solutions
  • Class 12
    • Class 12 Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Physics
      • NCERT Solutions for Class 12 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 12 Biology
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (C++)
      • NCERT Solutions for Class 12 English
      • NCERT Solutions for Class 12 Hindi
    • Class 12 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 12 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 12 Micro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Macro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Entrepreneurship
    • Class 12 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 12 History
      • NCERT Solutions for Class 12 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Sociology
      • NCERT Solutions for Class 12 Psychology
  • Class 11
    • Class 11 Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Physics
      • NCERT Solutions for Class 11 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 11 Biology
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 11 English
      • NCERT Solutions for Class 11 Hindi
    • Class 11 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 11 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Entrepreneurship
    • Class 11 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 11 Psychology
      • NCERT Solutions for Class 11 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Indian Economic Development
  • Class 10
    • NCERT Solutions for Class 10 Maths
    • NCERT Solutions for Class 10 Science
    • NCERT Solutions for Class 10 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 10 English
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sanchayan
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sparsh
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kritika
    • NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 10 Foundation of Information Technology
  • Class 9
    • NCERT Solutions for Class 9 Maths
    • NCERT Solutions for Class 9 Science
    • NCERT Solutions for Class 9 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 9 English
    • NCERT Solutions for Class 9 Hindi
    • NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 9 Foundation of IT
  • CBSE Sample Papers
    • Previous Year Question Papers
    • CBSE Topper Answer Sheet
    • CBSE Sample Papers for Class 12
    • CBSE Sample Papers for Class 11
    • CBSE Sample Papers for Class 10
    • Solved CBSE Sample Papers for Class 9 with Solutions 2023-2024
    • CBSE Sample Papers Class 8
    • CBSE Sample Papers Class 7
    • CBSE Sample Papers Class 6
  • Textbook Solutions
    • Lakhmir Singh
    • Lakhmir Singh Class 10 Physics
    • Lakhmir Singh Class 10 Chemistry
    • Lakhmir Singh Class 10 Biology
    • Lakhmir Singh Class 9 Physics
    • Lakhmir Singh Class 9 Chemistry
    • PS Verma and VK Agarwal Biology Class 9 Solutions
    • Lakhmir Singh Science Class 8 Solutions
  • Student Nutrition - How Does This Effect Studies
  • Words by Length
  • NEET MCQ
  • Factoring Calculator
  • Rational Numbers
  • CGPA Calculator
  • TOP Universities in India
  • TOP Engineering Colleges in India
  • TOP Pharmacy Colleges in India
  • Coding for Kids
  • Math Riddles for Kids with Answers
  • General Knowledge for Kids
  • General Knowledge
  • Scholarships for Students
  • NSP - National Scholarip Portal
  • Class 12 Maths NCERT Solutions
  • Class 11 Maths NCERT Solutions
  • NCERT Solutions for Class 10 Maths
  • NCERT Solutions for Class 9 Maths
  • NCERT Solutions for Class 8 Maths
  • NCERT Solutions for Class 7 Maths
  • NCERT Solutions for Class 6 Maths
  • NCERT Solutions for Class 6 Science
  • NCERT Solutions for Class 7 Science
  • NCERT Solutions for Class 8 Science
  • NCERT Solutions for Class 9 Science
  • NCERT Solutions for Class 10 Science
  • NCERT Solutions for Class 11 Physics
  • NCERT Solutions for Class 11 Chemistry
  • NCERT Solutions for Class 12 Physics
  • NCERT Solutions for Class 12 Chemistry
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2
  • Metals and Nonmetals Class 10
  • carbon and its compounds class 10
  • Periodic Classification of Elements Class 10
  • Life Process Class 10
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 7
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 8
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 9
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 10
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 11
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 12
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 14
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 15
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 16

Free Resources

RD Sharma Class 12 Solutions RD Sharma Class 11
RD Sharma Class 10 RD Sharma Class 9
RD Sharma Class 8 RD Sharma Class 7
CBSE Previous Year Question Papers Class 12 CBSE Previous Year Question Papers Class 10
NCERT Books Maths Formulas
CBSE Sample Papers Vedic Maths
NCERT Library

NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 10
NCERT Solutions for Class 9
NCERT Solutions for Class 8
NCERT Solutions for Class 7
NCERT Solutions for Class 6
NCERT Solutions for Class 5
NCERT Solutions for Class 4
NCERT Solutions for Class 3
NCERT Solutions for Class 2
NCERT Solutions for Class 1

Quick Resources

English Grammar Hindi Grammar
Textbook Solutions Maths NCERT Solutions
Science NCERT Solutions Social Science NCERT Solutions
English Solutions Hindi NCERT Solutions
NCERT Exemplar Problems Engineering Entrance Exams

LearnCBSE Online

Telegram Twitter Reddit Discord