• NCERT Solutions
    • NCERT Library
  • RD Sharma
    • RD Sharma Class 12 Solutions
    • RD Sharma Class 11 Solutions Free PDF Download
    • RD Sharma Class 10 Solutions
    • RD Sharma Class 9 Solutions
    • RD Sharma Class 8 Solutions
    • RD Sharma Class 7 Solutions
    • RD Sharma Class 6 Solutions
  • Class 12
    • Class 12 Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Physics
      • NCERT Solutions for Class 12 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 12 Biology
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (C++)
      • NCERT Solutions for Class 12 English
      • NCERT Solutions for Class 12 Hindi
    • Class 12 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 12 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 12 Micro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Macro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Entrepreneurship
    • Class 12 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 12 History
      • NCERT Solutions for Class 12 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Sociology
      • NCERT Solutions for Class 12 Psychology
  • Class 11
    • Class 11 Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Physics
      • NCERT Solutions for Class 11 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 11 Biology
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 11 English
      • NCERT Solutions for Class 11 Hindi
    • Class 11 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 11 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Entrepreneurship
    • Class 11 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 11 Psychology
      • NCERT Solutions for Class 11 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Indian Economic Development
  • Class 10
    • NCERT Solutions for Class 10 Maths
    • NCERT Solutions for Class 10 Science
    • NCERT Solutions for Class 10 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 10 English
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sanchayan
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sparsh
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kritika
    • NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 10 Foundation of Information Technology
  • Class 9
    • NCERT Solutions for Class 9 Maths
    • NCERT Solutions for Class 9 Science
    • NCERT Solutions for Class 9 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 9 English
    • NCERT Solutions for Class 9 Hindi
    • NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 9 Foundation of IT
  • CBSE Sample Papers
    • Previous Year Question Papers
    • CBSE Topper Answer Sheet
    • CBSE Sample Papers for Class 12
    • CBSE Sample Papers for Class 11
    • CBSE Sample Papers for Class 10
    • Solved CBSE Sample Papers for Class 9 with Solutions 2023-2024
    • CBSE Sample Papers Class 8
    • CBSE Sample Papers Class 7
    • CBSE Sample Papers Class 6
  • Textbook Solutions
    • Lakhmir Singh
    • Lakhmir Singh Class 10 Physics
    • Lakhmir Singh Class 10 Chemistry
    • Lakhmir Singh Class 10 Biology
    • Lakhmir Singh Class 9 Physics
    • Lakhmir Singh Class 9 Chemistry
    • PS Verma and VK Agarwal Biology Class 9 Solutions
    • Lakhmir Singh Science Class 8 Solutions

LearnCBSE Online

NCERT Solutions | NCERT Books | RD Sharma Solutions | NCERT Exemplar Problems | CBSE Sample Papers

Learn CBSE

NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 15 चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

April 9, 2019 by LearnCBSE Online

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 15 चार्ली चैप्लिन यानी हम सब are part of NCERT Solutions for Class 12 Hindi . Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 15 चार्ली चैप्लिन यानी हम सब.

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 15 चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

पाठ के साथ

प्रश्न 1.
लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि अभी चैप्लिन पर करीब 50 वर्षों तक काफ़ी कुछ कहा जाएगा? (CBSE-2008, 2015)
उत्तर:
लेखक ने कहा कि अभी चैप्लिन पर करीब 50 वर्षों तक काफी कुछ कहा जाएगा उसके पीछे निम्नलिखित कारण हैं-

  1. चार्ली चैप्लिन की फ़िल्मों की कुछ रीलें मिली हैं जिनके बारे में अभी तक कोई कुछ नहीं जानता। अब इन रीलों पर चर्चा होगी।
  2. विकासशील देशों में टेलीविजन व वीडियो के प्रसार से वहाँ चार्ली की फिल्में देखी जा रही हैं। अत: वहाँ उस पर विचार होगा।
  3. पश्चिमी देशों में चालों के बारे में नए दृष्टिकोण से विचार किया जा रहा है।

प्रश्न 2.
चैप्लिन ने न सिर्फ फ़िल्म कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। इस पंक्ति में लोकतांत्रिक बनाने का और वर्ण व्यवस्था तोड़ने का क्या अभिप्राय है? क्या आप इससे सहमत हैं?
उत्तर:
लोकतांत्रिक बनाने का मतलब है कि चैप्लिन ने अपनी फ़िल्मों के माध्यम से कला को सभी के लिए अनिवार्य माना है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति विशेष के लिए कला नहीं होती। वास्तव में चैप्लिन भीड़ में खड़े उस बच्चे के समान हैं जो इशारों से बता देता है कि राजा और प्रजा समान हैं दोनों में कोई अंतर नहीं। वर्ण व्यवस्था तोड़ने से आशय है कि फ़िल्में किसी जाति विशेष के लिए नहीं बनती। उसे सभी लोग देख सकते हैं। चार्ली की फ़िल्में सभी वर्ग और वर्ण के लोगों ने देखी। हम इस बात से सहमत हैं कि लेखक ने चार्ली के बारे में ठीक कहा है।

प्रश्न 3.
लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण किसे कहा और क्यों ? गांधी और नेहरू ने भी उनका सान्निध्य क्यों चाहा? (CBSE-2011, 2012, 2014, 2017)
उत्तर:
लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण राजकपूर द्वारा बनाई गई फिल्म ‘आवारा’ को कहा। राजकपूर ने भारतीय फ़िल्मों में पहली बार नायक को हँसी का पात्र बनाया। नायक स्वयं पर हँसता है। यह चार्ली की फिल्मों का प्रभाव था। लोगों ने उन पर चार्ली की नकल करने का आरोप लगाया, परंतु उन्होंने कभी परवाह नहीं की। गांधी व नेहरू भी चार्ली की तरह अपने पर हँसते थे। वे चार्ली की स्वयं पर हँसने की कला पर मुग्ध थे। इस कारण वे चार्ली का सान्निध्य चाहते थे।

प्रश्न 4.
लेखक ने कलाकृति और रस के संदर्भ में किसे श्रेयस्कर माना है और क्यों? क्या आप कुछ ऐसे उदाहरण दे सकते हैं जहाँ कई रस साथ-साथ आए हों?
उत्तर:
लेखक ने कलाकृति और रस के संदर्भ में ‘रस’ को श्रेयस्कर माना है। उसके अनुसार कलाकृति के आनंद को केवल अनुभव किया जा सकता है लेकिन रस तो साक्षात् आनंद है। जो एक बार हृदय में अवस्थित हो जाए तो असीम बन जाता है। फिर किसी अन्य वस्तु की कोई आवश्यकता नहीं रहती। कुछ रस कलाकृति के साथ आते हैं जो अपेक्षा से अधिक श्रेष्ठ होते हैं। कई रस एक साथ आए हों इससे संबंधित उदाहरण इस प्रकार हैं –
“वह अपनी माँ की लाडला था। माँ उसे बहुत प्यार करती, दुलारती। दुर्भाग्यवश पढ़ने-लिखने के बाद भी उसे नौकरी न मिली। वह धक्के खाता रहा। एक दिन नौकरी की तलाश में जाते हुए उसका एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में उसकी दोनों टाँग जाती रही। अब वह बूढ़ी माँ पर आश्रित हो गया।”
इस घटना में वात्सल्य, करुणा, शांत, भयानक आदि रसों की अभिव्यंजना हुई है।
“राहुल संजना को बहुत चाहता था। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। जब शादी की बाद चली तो संजना के पिता ने इंकार कर दिया। राहुल गम में डूबकर शराब पीने लगा। एक दिन इसी शराबी हालत में एक ट्रक ने उसके परखच्चे उड़ा दिए और वह मर गया। यह खबर सुनकर संजना भी पागल हो गई। वह विधवा का सा जीवन जीने लगी। जीवन भर शादी न करने का उसने निर्णय ले लिया।”
इस घटना में श्रृंगार रस के दोनों पक्षों का चित्रण हुआ है। साथ ही करुणा और वीभत्स रस भी आए हैं।

प्रश्न 5.
जीवन की जद्दोजहद ने चार्ली के व्यक्तित्व को कैसे संपन्न बनाया? (CBSE-2011, 2012, 2014, 2015, 2016, 2017)
उत्तर:
चार्ली का जीवन कष्टों में बीता। बचपन से ही उन्हें पिता का अलगाव सहना पड़ा। उनकी माँ परित्यक्ता थीं तथा दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री थीं। भयंकर गरीबी व माँ के पागलपन से भी उन्हें संघर्ष करना पड़ा। चार्ली को बड़े पूँजीपतियों व सामंतों ने बहुत दुत्कारा, अपमानित किया। इन जटिल परिस्थितियों से संघर्ष करने की प्रवृत्ति ने उन्हें ‘घुमंतू चरित्र बना दिया। उन्होंने बड़े लोगों की सच्चाई नजदीक से देखी तथा अपनी फिल्मों में उनकी गरिमामयी दशा दिखाकर उन्हें हँसी का पात्र बनाया।

प्रश्न 6.
चार्ली चैप्लिन की फ़िल्मों में निहित त्रासदी/करुणा, हास्य का सामंजस्य, भारतीय कला और सौंदर्य शास्त्र की परिधि में क्यों नहीं आता? (CBSE-2009)
उत्तर:
चार्ली चैप्लिन की फ़िल्मों में करुणा का हास्य में बदल जाना एक रस सिद्धांत की तरह था जो शायद भारतीय फ़िल्मों में कभी भी न आ पाए। हमारे यहाँ बँधी बँधाई परंपरा अथवा परिपाटी है। जो अभिनेता जैसा अभिनय कर रहा है वह उसी इमेज में कैद होकर रह जाना चाहता है। करुणा से भरी फ़िल्म है तो अंत तक वही रस रहेगा। करुणा और हास्य का मिश्रित हो जाना या करुणा का हास्य में बदल जाना यह भारतीय फ़िल्म कला का सिद्धांत नहीं है। हाँ, राजकपूर जी ने अवश्य यह साहस किया था लेकिन उनके आलोचक भी अचानक बढ़ गए थे।

प्रश्न 7.
चार्ली सबसे ज्यादा स्वयं पर कब हँसता है? (CBSE-2011, 2015)
उत्तर:
चार्ली स्वयं पर सबसे ज्यादा तब हँसता है जब वह स्वयं को गर्वोन्नत, आत्मविश्वास से लबरेज, सफलता, सभ्यता, संस्कृति और समृद्ध की प्रतिमूर्ति, दूसरों से ज्यादा शक्तिशाली तथा श्रेष्ठ, अपने ‘वज्रादपि कठोराणि’ अथवा ‘मृदूनि कुसुमादपि’ क्षण में दिखता है। ऐसे समय में वह स्वयं को हास्य का अवलंब बनाता है।

पाठ के आसपास

प्रश्न 1.
आपके विचार से मूक और सवाक् फ़िल्मों में से किसमें ज्यादा परिश्रम करने की आवश्यकता है और क्यों?
उत्तर:
मेरे विचार से मूक और सवाक् फ़िल्मों में से मूक फ़िल्में करने में ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है। मूक फ़िल्में बनाने के लिए कलाकारों के चुनाव से लेकर फ़िल्म की पटकथा तक पर पूरी मेहनत करनी पड़ती है। यदि फ़िल्म सवाक् है तो डॉयलॉग गलत बोल दिए जाने पर रीटेक करके ठीक किए जा सकते हैं। लेकिन मूक फ़िल्म में संकेतों में सबकुछ कहना और बताना होता है। जिसके लिए विशेष अध्ययन और शैली की आवश्यकता होती है। भारतीय सिनेमा में अमिताभ बच्चन द्वारा अभिनीत ‘ब्लैक’ फ़िल्म का उदाहरण हमारे सामने हैं।

प्रश्न 2.
सामान्यतः व्यक्ति अपने ऊपर नहीं हँसते, दूसरों पर हँसते हैं। कक्षा में ऐसी घटनाओं का जिक्र कीजिए जब
(क) आप अपने ऊपर हँसे हों;
(ख) हास्य करुणा में या करुणा हास्य में बदल गई हो।
उत्तर:
(क) विद्यार्थी अपने अनुभव लिखें।
(ख) विद्यार्थी अपने अनुभव लिखें।

प्रश्न 3.
‘चार्ली हमारी वास्तविकता है, जबकि सुपरमैन स्वप्न’ आप इन दोनों में खुद को कहाँ पाते हैं?
उत्तर:
चार्ली ने जो कुछ अपनी फ़िल्मों और विज्ञापनों में दिखाया है वह यथार्थ है। इस यथार्थ को हम सभी लोग भोगते हैं। चार्ली ने जिस भी पात्र के माध्यम से बात कही वह हमारे समाज की, हमारे परिवेश की है। हम सभी लोग उससे कहीं न कहीं प्रभावित अवश्य हैं। सुपरमैन हमें कल्पना के अनंत आकाश में ले जाता है। जीवन की वास्तविकता से उसका कोई लेना-देना नहीं है। मैं स्वयं को चार्ली चैप्लिन के नजदीक पाता हूँ। यही होना भी चाहिए क्योंकि जो कुछ आपके सामने है वही यथार्थ है बाकी तो केवल कोरी कल्पनाएँ हैं जो जीवन के लिए उपयोगी नहीं हो सकतीं।

प्रश्न 4.
भारतीय सिनेमा और विज्ञापनों ने चार्ली की छवि का किन-किन रूपों में उपयोग किया है। कुछ फ़िल्में (जैसे आवारा, श्री 420, मेरा नाम जोकर, मिस्टर इंडिया और विज्ञापनों (जैसे चौरी ब्लॉसम)) को गौर से देखिए और कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
भारतीय सिनेमा और विज्ञापनों ने चार्ली चैप्लिन की कई छवियों का प्रयोग किया। उसके कई रूपों को हमारे सामने प्रस्तुत किया है। कहीं वह बंजारे के रूप में हमारे सामने आता है तो कहीं अस्पताल में सफ़ाई करते नजर आता है, कहीं पालिश करते दिखाई देता है, तो कहीं सीढ़ी खींचता नज़र आता है। स्वर्गीय राजकपूर जी ने उनकी हू-ब-हू नकल अपनी फ़िल्मों में की। इसी प्रकार अनिल कपूर ने भी चार्ली चैप्लिन की भूमिका को ‘मिस्टर इंडिया’ नामक फ़िल्म के माध्यम से निभाया। वास्तव में जीवन और समाज से जुड़े प्रत्येक पात्र को अभिनय चार्ली ने किया था। इन्हीं विविध पात्रों को भारतीय सिनेमा और विज्ञापन जगत ने भुनाया। चैरी पालिश का विज्ञापन हमारे सामने है।

प्रश्न 5.
आजकल विवाह आदि उत्सव समारोहों एवं रेस्तराँ में आप भी चार्ली चैप्लिन का रूप धरे किसी व्यक्ति से टकराएँ होंगे। सोचकर बताइए कि बाज़ार ने चार्ली चैप्लिन का कैसा उपयोग किया है?
उत्तर:
मीडिया हो या बाज़ार वह हर उस शख्सियत को भुनाना चाहता है जो प्रसिद्ध है। जिसके नाम का डंका चारों ओर बजता है। विवाह हो या अन्य समारोह आज भी चार्ली चैप्लिन की छवि का प्रयोग किया जा रहा है। उसका रूप धारण कर व्यक्ति लोगों का मनोरंजन करते हैं। उन्हें हँसाते हैं। बड़ी-बड़ी मूंछे लगाकर या चार्ली चैप्लिन जैसा ऊँचा कोट पैंट डालकर लोगों को हँसाने के लिए मजबूर कर देते हैं। कुछेक समारोहों में तो वे चार्ली जैसी हरकतें भी करते हैं। विवाह समारोह का आयोजन करने वाले लोग सभी उम्र के लोगों का मनोरंजन करना चाहते हैं और इसके लिए चार्ली से बढ़कर व्यक्ति या पात्र नहीं है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
…. तो चेहरा चार्ली चार्ली हो जाता है। वाक्य में चार्ली शब्द की पुनरुक्ति से किस प्रकार की अर्थ-छटा प्रकट होती है? इसी प्रकार के पुनरुक्त शब्दों का प्रयोग करते हुए कोई तीन वाक्य बनाइए। यह भी बताइए कि संज्ञा किन स्थितियों में विशेषण के रूप में प्रयुक्त होने लगती है?
उत्तर:
इसका प्रयोग करने से अर्थवत्ता में वृद्धि हुई है। अर्थ और अधिक स्पष्ट रूप में हमारे सामने आता है। इस वाक्य का अर्थ बनता है कि चेहरा खिल जाता है। आनंद में डूब जाता है।  तीन वाक्य
1. उसे देखकर दिल गार्डन-गार्डन हो गया।
2. रामू ने श्यामू को खरी-खरी सुनाई।
3. वह संजना को देखकर खिल-खिल गया।
संज्ञा तब विशेषण का रूप धारण करती है जब वह विशेष भाव या अर्थ देने लगे। तब अर्थ की महत्ता बढ़ जाती है किंतु संज्ञा अपने मूल अर्थ को विशेषण भावों के साथ प्रस्तुत करती है।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यांशों में हुए भाषा के विशिष्ट प्रयोगों को पाठ के संदर्भ में प्रस्तुत कीजिए।
(क) सीमाओं से खिलवाड़ करनी
(ख) समाज से दुरदुराया जाना
(ग) सुदूर रूमानी संभावना
(घ) सारी गरिमा सुई चुभे गुबारे जैसी फुस्स हो उठेगी
(ङ) जिसमें रोमांस हमेशा पंक्चर होते रहते हैं।
उत्तर:
(क) सीमाओं से खिलवाड़ करने का अर्थ है कि सीमाएँ लांघ जाना। उनका अतिक्रमण कर देना ताकि समाज में लीक से हटकर चला जा सके। समाज को दिखाया जा सके कि हममें भी प्रतिनिधि बनने की क्षमता है। हम भी योग्य हैं।
(ख) समाज से दुरदुराया जाना मतलब ठुकरा दिया जाना। समाज उन्हीं लोगों को दुत्कारता या ठुकरा देता है जो गरीब और मजबूर हों। जिनकी हैसियत कुत्ते से बदतर हो। समाज से यदि किसी व्यक्ति को दुत्कार दिया जाता है तो वह उसके जीवन का सबसे बुरा समय है।
(ग) सुदूर रूमानी संभावना यानि कुछ न कुछ अच्छा होने की संभावना। यह आशा रहे कि कुछ अच्छा अवश्य होगा। यह संभावना यद्यपि शुरू में कल्पना होती है किंतु यथार्थ में भी बहुत जल्दी बदल जाती है।
(घ) जिस प्रकार गुब्बारे में सुई चुभो देने से उसकी सारी हवा निकल जाती है ठीक उसी प्रकार यदि एक बार चरित्र पर दाग लग जाए तो सारी गरिमा (इज्जत) खत्म हो जाती है। तब व्यक्ति की हालत सुई चुभे गुब्बारे जैसी हो जाती है।
(ङ) जिसमें रोमांस हमेशा पंक्चर होते रहते हैं। कहने का आशय यही है कि यदि भाग्य साथ न दे तो व्यक्ति का कोई भी काम सिरे नहीं चढ़ता। प्रत्येक परिस्थिति उसके प्रतिकूल हो जाती है। वह प्रत्येक कार्य में असफल रहता है। रोमांस (प्यार) की स्थिति भी लगभग ऐसी ही हो जाती है। नफ़रत के घरों में रोमांस का पंक्चर हो जाना स्वाभाविक है।

गौर करें

(क) दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है।
उत्तर:
लेखक के कहने का अभिप्राय यही है कि कला कभी जन्म नहीं लेती बल्कि यह तो नैसर्गिक होती है। यह प्रकृतिजन्य होती है। सिद्धांतों ने कभी कला को जन्म नहीं दिया है। कला के अपने सिद्धांत होते हैं। इन्हीं सिद्धांतों से अन्य सिद्धांत बनते हैं। कला ही सिद्धांतों को जन्म देती है।

(ख) कला में बेहतर क्या है-बुद्धि को प्रेरित करने वाली भावना या भावना को उकसाने वाली बुधि।
उत्तर:
कला में बेहतर है बुधि को प्रेरित करने वाली भावना है अर्थात् जब कला में बुद्धि को प्रेरित करने की शक्ति आ जाए तो उसकी सार्थकता सिद्ध हो जाती है। कला ही वह प्रेरणा शक्ति है जो बुद्धि को हर कोने से प्रभावित और प्रेरित करती है। इसी के आधार पर मूल्य और सिद्धांत निर्धारित हो जाते हैं।

(ग) दरअसल मनुष्य स्वयं ईश्वर का या नियति का विदूषक, क्लाउन जोकर या साइड किक है?
उत्तर:
बिलकुल मनुष्य ईश्वर के अधीन है। जो कुछ होना है वह होकर ही रहेगा। ईश्वर की इच्छा के बिना कुछ भी होना संभव नहीं। तुलसीदास जी ने भी कहा है-“होई है वही जो राम रचि राखा।” मनुष्य तो ईश्वर का या भाग्य का विदूषक मात्र है। वह तो क्लाउन जोकर या साईडकिक है। इसलिए परमात्मा जैसे चाहे उसे खिला सकता है।

(घ) सत्ता, शक्ति, बुद्धिमता, प्रेम और पैसे के चरमोत्कर्ष में जब हम आईना देखते हैं तो चेहरा चार्ली-चार्ली हो जाता है? उत्तर- लेखक का यह कथन बिलकुल ठीक है। यदि व्यक्ति के पास सत्ता, शक्ति, बुद्धि, प्रेम और पैसे जैसी मूलभूत सुविधाएँ हों तो वह हर तरह से खुश रहता है। उसको दुख-दर्द नहीं रहता। उसका चेहरा खिला-खिला रहता है।

(ङ) मॉडर्न टाइम्स द ग्रेट डिक्टेटर आदि फ़िल्में कक्षा में दिखाई जाएँ और फ़िल्मों में चार्ली की भूमिका पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
इन फ़िल्मों ने चार्ली चैप्लिन को नई दशा एवं दिशा दी। देखते ही देखते वे लोकप्रिय कलाकार बन गए। इन फ़िल्मों के माध्यम से चार्ली ने बेहद गंभीर विषयों को सहजता से प्रस्तुत किया है। उनके कैरियर में इन फ़िल्मों ने चार चाँद लगा दिया थ। समाज और फ़िल्म दोनों क्षेत्रों में स्थापित करने में इन फ़िल्मों का बहुत योगदान रहा।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
चार्ली चैप्लिन का व्यक्तित्व कैसा था?
उत्तर:
चार्ली चैप्लिन का व्यक्तित्व सुलझा हुआ था। वह हँसमुख आदमी था। दूसरों को हँसाना बहुत आसान है लेकिन खुद पर हँसना उतना ही मुश्किल। चार्ली ने ऐसा कठिन कार्य भी कर दिखाया। वह फ़िल्मों में गंभीर से गंभीर विषय पर स्वयं पर ही हँसता था। करुणा कब हास्य में बदल जाती, पता ही न चलता।

प्रश्न 2.
मेकिंग ए लिविंग’ फ़िल्म की विशेषता बताइए।
उत्तर:
‘मेकिंग ए लिविंग’ की सबसे बड़ी विशेषता तो यही है कि इसने अभी 75 वर्ष पूरे किए हैं। पौन शताब्दी से उनकी फ़िल्म दुनिया के सामने है। यह फ़िल्म पाँच पीढ़ियों को मुग्ध कर चुकी है। इसकी लोकप्रियता आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। यह फ़िल्म न केवल फ़िल्म जगत की बल्कि चार्ली चैप्लिन के जीवन में भी मील का पत्थर साबित हुई।

प्रश्न 3.
चार्ली चैप्लिन की छवि कैसी थी?
उत्तर:
फ़िल्मों में चार्ली चैप्लिन की छवि एक ट्रैम्प की थी। वह कई रूपों में हमारे सामने आया किंतु वह सबसे ज्यादा प्रिय तभी लगा जब वह फ़िल्मों में बुधू, खानाबदोश या आवारागर्द बना। इन भूमिकाओं ने उसे प्रत्येक वर्ग के आदमी से जोड़ दिया। इन रूपों की जीवंत भूमिका ने उसे विश्व में लोकप्रिय कलाकार बना दिया। चार्ली चैप्लिन अब अभिनेता (हास्य कलाकार) न रहकर ट्रैम्प बन चुका था। यही उसकी लोकप्रियता थी।

प्रश्न 4.
चार्ली के जीवन पर किस घटना का प्रभाव ज्यादा था?
उत्तर:
चार्ली के जीवन को एक घटना ने बहुत प्रभावित किया। एक बार चार्ली बहुत बीमार पड़ गया तब उसकी माँ ने उसे बाइबल पढ़कर सुनाई। यह बाइबल उसकी माँ ने ओकले स्ट्रीट के तहखाने के अंधेरे कमरे में सुनाई थी। इसे पढ़कर चार्ली के मन में तीन बातें प्रमुख रूप से समा गई स्नेह, करुणा एवं मानवता।

प्रश्न 5.
चार्ली के बारे में लेखक ने क्या कहा है?
उत्तर:
लेखक कहता है कि चार्ली पर कई फ़िल्म समीक्षकों ने नहीं फ़िल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए यह भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता हैं। करोड़ों लोग चार्ली को देखकर अपने पेट दुखा लेते हैं। वे स्वाभाविक रूप से हँसने को मजबूर हो जाते हैं।

प्रश्न 6.
चार्ली की फ़िल्मों के बारे में परिचय दीजिए।
उत्तर:
चार्ली ने अपने जीवन में कई फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने फ़िल्म जगत में बहुत योगदान दिया। चार्ली चैप्लिन ने मेकिंगए लिविंग, मेट्रोपोलिस, दी कैबिनेट ऑफ डॉक्टर कैलिगारी, द रोवंथ सील, लास्ट इयर इन मारिएनवाड, द सैक्रिफाइस, दि टैम्प आदि में काम किया।

प्रश्न 7.
‘चार्ली की फ़िल्में भावनाओं पर टिकी हुई हैं, बुद्धि पर नहीं’–’चार्ली चैप्लिन यानी हम सब’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (CBSE-2013)
उत्तर:
चार्ली की फ़िल्में भावनाओं पर टिकी हुई हैं, बुद्धि पर नहीं। उनकी मेट्रोपोलिस, दी कैबिनेट ऑफ डॉक्टर, कैलिगारी आदिफ़िल्में दर्शकों से एक उच्चतर अहसास की माँग करती हैं। उनकी फ़िल्में हर वर्ग के लोगों को पसंद आती हैं। उनकी फ़िल्मों को पागलखाने के मरीज, विकल मस्तिष्क वाले तथा आइन्स्टाइन जैसे महान प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं।

प्रश्न 8.
जीवन की जद्दोजहद ने चार्ली के व्यक्तित्व को निखारी तो नानी की ओर से उन्हें कुछ अंशों में भारतीयता से मिलते-जुलते संस्कार मिले’-पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (CBSE-2013)
उत्तर:
चार्ली चैप्लिन की नानी खानाबदोश थी। ये खानाबदोश कभी भारत से ही यूरोप में गए थे। वहाँ इन्हें जिप्सी कहते थे। चार्ली ने भी घुमंतुओं जैसा जीवन जिया तथा फ़िल्मों में उसे प्रस्तुत किया। इस कारण उनके जीवन में भारतीयता के संस्कार भी मिलते हैं।

प्रश्न 9.
चार्ली चैप्लिन के व्यक्तित्व की तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (CBSE-2011)
उत्तर:
चार्ली चैप्लिन की अधिकांश फ़िल्में भाषा का इस्तेमाल नहीं करतीं, इसलिए उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा मानवीय होना पड़ा। सवाक् फ़िल्मों पर कई बड़े-बड़े कामेडियन हुए हैं, लेकिन वे चैप्लिन की सार्वभौमिकता तक नहीं पहुँच पाए। चार्ली का चिर युवा होना या बच्चों जैसा दिखना एक विशेषता तो है ही, सबसे बड़ी विशेषता शायद यह है कि वे किसी भी संस्कृति को विदेशी नहीं लगते यानी उनके आसपास जो भी चीजें, अडंगें, खलनायक, दुष्ट औरतें आदि रहते हैं, वे एक सतत ‘विदेश’ या ‘परदेश’ बन जाते हैं और चैप्लिन हम बन जाते हैं।

प्रश्न 10.
बचपन की किन दो घटनाओं ने चार्ली के जीवन पर गहरा व स्थायी प्रभाव डाला? ( सैंपल पेपर-2013)
उत्तर:
चार्ली के जीवन पर दो घटनाओं ने स्थायी प्रभाव डाला। पहली, बचपन में चार्ली का बीमार होना और उनकी माँ के द्वारा ईसा मसीह का जीवन बाइबिल से पढ़कर सुनाते समय दोनों का एक साथ रो पड़ना। दूसरी घटना में एक कसाई के साथ से एक भेड़ का छुड़ाकर भागने की घटना भेड़ को पकड़ने वाला कई बार फिसलकर गिरा। सड़क पर लोगों ने ठहाके लगाए। अंत में उस भेड़ को पकड़कर कसाई के पास ले जाया गया। भेड़ के संभावित भविष्य को देखकर चार्ली रोने लगा। वह माँ के पास दौड़ा। इस घटना ने उनकी फ़िल्मों की दिशा तैयार की त्रासदी और हास्योत्पादक तत्वों का मेल।

प्रश्न 11.
‘चार्ली चैप्लिन’ का जीवन किस प्रकार हास्य और त्रासदी का रूप बनकर भारतीयों को प्रभावित करता है? उदाहरण सहित लिखिए। (सैंपल पेपर-2015)
उत्तर:
‘चार्ली चैप्लिन’ का जीवन हास्य और त्रासदी के रूप में भारतीयों को प्रभावित करता है। चार्ली चैप्लिन के असंख्य भारतीय प्रशंसक हैं। राजकपूर, दिलीप कुमार, देवानंद, अमिताभ बच्चन आदि कलाकारों ने उनकी नकल करने की कोशिश की। कलाकार जीवन की त्रासद घटनाओं को हास्य के द्वारा अभिव्यक्त करके भारतीयों को प्रभावित करता है।

NCERT

AI CONTENT END 2 <rdf:RDF xmlns:rdf="http://www.w3.org/1999/02/22-rdf-syntax-ns#" xmlns:dc="http://purl.org/dc/elements/1.1/" xmlns:trackback="http://madskills.com/public/xml/rss/module/trackback/"> <rdf:Description rdf:about="https://www.LearnCBSE.online/ncert-solutions-for-class-12-hindi-aroh-chapter-15/" dc:identifier="https://www.LearnCBSE.online/ncert-solutions-for-class-12-hindi-aroh-chapter-15/" dc:title="NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 15 चार्ली चैप्लिन यानी हम सब" trackback:ping="https://www.LearnCBSE.online/ncert-solutions-for-class-12-hindi-aroh-chapter-15/trackback/" /> </rdf:RDF>

Filed Under: CBSE

  • NCERT Solutions
    • NCERT Library
  • RD Sharma
    • RD Sharma Class 12 Solutions
    • RD Sharma Class 11 Solutions Free PDF Download
    • RD Sharma Class 10 Solutions
    • RD Sharma Class 9 Solutions
    • RD Sharma Class 8 Solutions
    • RD Sharma Class 7 Solutions
    • RD Sharma Class 6 Solutions
  • Class 12
    • Class 12 Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Physics
      • NCERT Solutions for Class 12 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 12 Biology
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 12 Computer Science (C++)
      • NCERT Solutions for Class 12 English
      • NCERT Solutions for Class 12 Hindi
    • Class 12 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 12 Maths
      • NCERT Solutions for Class 12 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 12 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 12 Micro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Macro Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Entrepreneurship
    • Class 12 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 12 History
      • NCERT Solutions for Class 12 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 12 Economics
      • NCERT Solutions for Class 12 Sociology
      • NCERT Solutions for Class 12 Psychology
  • Class 11
    • Class 11 Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Physics
      • NCERT Solutions for Class 11 Chemistry
      • NCERT Solutions for Class 11 Biology
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Computer Science (Python)
      • NCERT Solutions for Class 11 English
      • NCERT Solutions for Class 11 Hindi
    • Class 11 Commerce
      • NCERT Solutions for Class 11 Maths
      • NCERT Solutions for Class 11 Business Studies
      • NCERT Solutions for Class 11 Accountancy
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Entrepreneurship
    • Class 11 Humanities
      • NCERT Solutions for Class 11 Psychology
      • NCERT Solutions for Class 11 Political Science
      • NCERT Solutions for Class 11 Economics
      • NCERT Solutions for Class 11 Indian Economic Development
  • Class 10
    • NCERT Solutions for Class 10 Maths
    • NCERT Solutions for Class 10 Science
    • NCERT Solutions for Class 10 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 10 English
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sanchayan
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Sparsh
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz
    • NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kritika
    • NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 10 Foundation of Information Technology
  • Class 9
    • NCERT Solutions for Class 9 Maths
    • NCERT Solutions for Class 9 Science
    • NCERT Solutions for Class 9 Social Science
    • NCERT Solutions for Class 9 English
    • NCERT Solutions for Class 9 Hindi
    • NCERT Solutions for Class 9 Sanskrit
    • NCERT Solutions for Class 9 Foundation of IT
  • CBSE Sample Papers
    • Previous Year Question Papers
    • CBSE Topper Answer Sheet
    • CBSE Sample Papers for Class 12
    • CBSE Sample Papers for Class 11
    • CBSE Sample Papers for Class 10
    • Solved CBSE Sample Papers for Class 9 with Solutions 2023-2024
    • CBSE Sample Papers Class 8
    • CBSE Sample Papers Class 7
    • CBSE Sample Papers Class 6
  • Textbook Solutions
    • Lakhmir Singh
    • Lakhmir Singh Class 10 Physics
    • Lakhmir Singh Class 10 Chemistry
    • Lakhmir Singh Class 10 Biology
    • Lakhmir Singh Class 9 Physics
    • Lakhmir Singh Class 9 Chemistry
    • PS Verma and VK Agarwal Biology Class 9 Solutions
    • Lakhmir Singh Science Class 8 Solutions
  • Student Nutrition - How Does This Effect Studies
  • Words by Length
  • NEET MCQ
  • Factoring Calculator
  • Rational Numbers
  • CGPA Calculator
  • TOP Universities in India
  • TOP Engineering Colleges in India
  • TOP Pharmacy Colleges in India
  • Coding for Kids
  • Math Riddles for Kids with Answers
  • General Knowledge for Kids
  • General Knowledge
  • Scholarships for Students
  • NSP - National Scholarip Portal
  • Class 12 Maths NCERT Solutions
  • Class 11 Maths NCERT Solutions
  • NCERT Solutions for Class 10 Maths
  • NCERT Solutions for Class 9 Maths
  • NCERT Solutions for Class 8 Maths
  • NCERT Solutions for Class 7 Maths
  • NCERT Solutions for Class 6 Maths
  • NCERT Solutions for Class 6 Science
  • NCERT Solutions for Class 7 Science
  • NCERT Solutions for Class 8 Science
  • NCERT Solutions for Class 9 Science
  • NCERT Solutions for Class 10 Science
  • NCERT Solutions for Class 11 Physics
  • NCERT Solutions for Class 11 Chemistry
  • NCERT Solutions for Class 12 Physics
  • NCERT Solutions for Class 12 Chemistry
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 1
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 2
  • Metals and Nonmetals Class 10
  • carbon and its compounds class 10
  • Periodic Classification of Elements Class 10
  • Life Process Class 10
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 7
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 8
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 9
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 10
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 11
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 12
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 13
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 14
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 15
  • NCERT Solutions for Class 10 Science Chapter 16

Solutions

RD Sharma Class 12 Solutions RD Sharma Class 11
RD Sharma Class 10 RD Sharma Class 9
RD Sharma Class 8 RD Sharma Class 7
CBSE Previous Year Question Papers Class 12 CBSE Previous Year Question Papers Class 10
NCERT Books Maths Formulas
CBSE Sample Papers Vedic Maths
NCERT Library

for

NCERT Solutions for Class 10
NCERT Solutions for Class 9
NCERT Solutions for Class 8
NCERT Solutions for Class 7
NCERT Solutions for Class 6
NCERT Solutions for Class 5
NCERT Solutions for Class 4
NCERT Solutions for Class 3
NCERT Solutions for Class 2
NCERT Solutions for Class 1

Classification:

English Grammar Hindi Grammar
Textbook Solutions Maths NCERT Solutions
Science NCERT Solutions Social Science NCERT Solutions
English Solutions Hindi NCERT Solutions
NCERT Exemplar Problems Engineering Entrance Exams

LearnCBSE Online

Telegram Twitter Reddit Discord