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चंद्रयान (संवाद) NCERT Class 3rd Hindi Veena Chapter 16 Question Answer
चंद्रयान (संवाद) Class 3 Question Answer
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास (पृष्ठ 133-137)
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
आप आकाश में सूरज, चाँद तारे एवं बहुत कुछ और भी देखते हैं। चाँद से जुड़ा अपना कोई अनुभव, कोई रोचक बात या कोई कविता सुनाइए।
उत्तर-
जब मैं अपने बचपन में चाँद को छूने की जिद करती थी तो माँ थाली में पानी भरकर मुझे उसमें चाँद की झलक दिखाती थी और उसको छूकर मैं बहुत खुश हो जाती थी। बचपन में माँ जब मुझे सुलाती तो ये कविता गाती।
चंदा मामा दूर के
बुए पकाए बुर के
आप खाए थाली में
मुन्ने को दे प्याली में।
प्रश्न 2.
आपने कक्षा दो की अपनी पाठ्यपुस्तक सारंगी 2 में चाँद के बारे में पढ़ा है न! कुछ याद करके सुनाइए कि क्या पढ़ा था?
उत्तर-
मैंने अपनी पाठ्यपुस्तक सारंगी -2 में चाँद पर आधारित दो पाठ पढ़े थे। पहला था ‘चंदा मामा’ तथा दूसरा था ‘गिरे ताल में चंदा मामा’ गिरे ताल में चंदा मामा एक बहुत मजेदार कविता है। वह मुझे याद है। वह मुझे बहुत अच्छी लगती है।
प्रश्न 3.
आपको कुछ ऐसे त्यौहारों के बारे में अवश्य पता होगा जिनका चाँद के दिखने से बहुत गहरा संबंध है। याद करके बताइए कि वे कौन-से त्यौहार हैं?
उत्तर-
करवाचौथ, तीज, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, ईद आदि कुछ ऐसे विशेष त्यौहार हैं जिनमें चाँद की पूजा-अर्चना की जाती है।
प्रश्न 4.
आपने चंद्रयान के बारे में जो कुछ सुना, पढ़ा या देखा है, बताइए।
उत्तर-
चंद्रयान 1, 2, 3 भारत द्वारा अंतरिक्ष में चाँद पर भेजे गए रॉकेट हैं। चंद्रयान-1 ने चाँद के चक्कर लगाकर पता लगाया कि चाँद पर पानी है। चंद्रयान-2 कुछ खराबी के कारण चाँद पर उतर नहीं पाया और अब कुछ समय पहले ही चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चाँद पर पहुँच गया। चंद्रयान-3 से जो मशीन चाँद पर उतरी उसका नाम विक्रम लैंडर है। इस लैंडर के साथ एक अन्य मशीन है जिसका नाम प्रज्ञान है जो कि चाँद की मिट्टी के विषय में पता लगाएगा।
सोचिए और लिखिए
प्रश्न 1.
यह पाठ अध्यापिका और विद्यार्थियों के बीच एक संवाद है। यह संवाद किस विषय पर है?
उत्तर-
यह संवाद भारत द्वारा चाँद पर भेजे गए राकेटों यानि चंद्रयान के विषय में है। उनकी सफलता व संघर्ष के विषय में है।
प्रश्न 2.
दिए गए प्रश्नों के उचित विकल्प का चयन कर सही (✓) का चिह्न लगाइए-
(i) चाँद पर जाने के लिए किस वाहन का प्रयोग किया जाता है?
(क) रॉकेट
(ख) बस
(ग) हवाई जहाज
उत्तर-
(क) रॉकेट
(ii) अभी हाल ही में चाँद पर सफलतापूर्वक उतरने वाले यान का क्या नाम है?
(क) चंद्रयान-1
(ख) चंद्रयान-3
(ग) चंद्रयान-2
उत्तर-
(ख) चंद्रयान-3
(iii) वैज्ञानिक चाँद पर क्यों जाना चाहते हैं?
(क) वैज्ञानिक समूची धरती घूम चुके हैं।
(ख) वैज्ञानिक चाँद के बारे में जानना चाहते हैं।
(ग) वैज्ञानिक चाँद पर कविता लिखना चाहते हैं।
उत्तर-
(ख) वैज्ञानिक चाँद के बारे में जानना चाहते हैं।
(iv) चंद्रयान-2 के विषय में कौन-सी बात सही है?
(क) चंद्रयान-2 चाँद की सतह पर नहीं उतर पाया।
(ख) चंद्रयान-2 चाँद के चारों ओर चक्कर नहीं लगा पाया।
(ग) चंद्रयान-2 चाँद पर जाने के लिए नहीं बनाया गया था।
उत्तर-
(क) चंद्रयान-2 चाँद की सतह पर नहीं उतर पाया।
प्रश्न 3.
कल्पना कीजिए कि आपको चाँद पर भेजा जा रहा है,
(क) अपने साथ किसे ले जाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर-
मैं अपने साथ अपने दोस्त राहुल को ले जाना चाहूँगा क्योंकि यदि हम दोनों दोस्त साथ-साथ रहेंगे तो चाँद पर एक-दूसरे के साथ खूब मजे करेंगे।
(ख) चाँद पर जाने से पहले किस तरह की व्यवस्था करेंगे?
उत्तर-
चाँद पर जाने से पहले हम ऑक्सीजन का सिलेंडर, कुछ खाने का सामान तथा स्पेश शूट की व्यवस्था करेंगे।
प्रश्न 4.
‘यान’ जोड़कर शब्द बनाइए-
- चंद्र ____________
- वायु _____________
- जल _____________
उत्तर-
- चंद्र + यान = चंद्रयान
- वायु + यान = वायुयान
- जल + यान = जलयान
प्रश्न 5.
आपका अवलोकन और चाँद का आकार-
(i) रात्रि को लगभग 10 मिनट के लिए अपने घर के किसी बड़े सदस्य के साथ, पंद्रह दिनों तक आकाश में चाँद को देखें। अपनी दैनिकी में चाँद के आकार को लेकर अपना अवलोकन लिखें। अपने अवलोकन के आधार पर चाँद के बढ़ते घटते आकार का चित्र बनाएँ।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।
(ii) आपने अपने घर के बड़ों या फिर सहपाठियों से ‘अमावस्या’ और ‘पूर्णिमा’ के बारे में सुना होगा। ईद के त्यौहार को भी चाँद दिखने पर मनाया जाता है। पता लगाइए कि इन दिनों में चाँद का आकार कैसा होता है?
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 6.
यदि आपके विद्यालय में चंद्रयान-3 से जुड़े वैज्ञानिक आते हैं तो आप उनसे कौन-कौन से प्रश्न पूछना चाहेंगे? कोई तीन प्रश्न लिखिए-
उत्तर-
- पहला प्रश्न – यदि बड़ी होकर मैं भी वैज्ञानिक बनना चाहूँ तो कैसे बन सकती हूँ?
- दूसरा प्रश्न – चंद्रयान-3 को भेजने में कितना खर्चा हुआ?
- तीसरा प्रश्न – इससे भारत देश को क्या लाभ होने वाला है?
प्रश्न 7.
चाँद! तुम्हारे कितने नाम?
चाँद को बहुत से बच्चे चंदा मामा कहकर बुलाते हैं। कुछ लोग चंद्रमा भी कहते हैं। चाँद के कुछ और नामों का पता लगाइए और दिए गए स्थान में लिखिए-
उत्तर-
भाषा की बात
प्रश्न 1.
“अब चंद्रयान-3 चाँद पर घूम-घूमकर पता लगा रहा है…”
ऊपर लिखे वाक्य में ‘घूम-घूमकर’ शब्द पर ध्यान दें। हम अपनी बातचीत में कभी-कभी एक शब्द को दो बार कहते हैं। इस तरह के कुछ और शब्द बनाइए और दिए गए स्थान में लिखिए-
उत्तर-
हँस-हँसकर | बोल-बोलकर |
सुन-सुनकर | खा-खाकर |
रो-रोकर | चल चलकर |
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यों के लिए सही शब्द छाँटकर लिखिए-
उत्तर-
(क) विज्ञान की नई खोज करने वाले | वैज्ञानिक |
(ख) देश की रक्षा करने वाले | सैनिक |
(ग) शिक्षा देने वाले | शिक्षक |
(घ) रोग की चिकित्सा करने वाले | चिकित्सक |
(ङ) खेतों में अन्न उगाने वाले | कृषक |
समझिए और लिखिए
प्रश्न 1.
सही शब्द लिखकर वाक्य पूरा कीजिए-
(क) लगातार परिश्रम करने से कठिन काम भी ___________ हो जाता है।
उत्तर-
लगातार परिश्रम करने से कठिन काम भी
आसान
हो जाता है।
(ख) चंद्रयान-2 की असफलता पर वैज्ञानिक निराश थे, लेकिन चंद्रयान-3 की ___________ पर सभी प्रसन्न हुए।
उत्तर-
चंद्रयान-2 की असफलता पर वैज्ञानिक निराश थे, लेकिन चंद्रयान-3 की
सफलता
पर सभी प्रसन्न हुए।
(ग) आप तो बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन मैं ___________ नहीं जानता।
उत्तर-
आप तो बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन मैं
कुछ
नहीं जानता।
(घ) चाँद बादलों के साथ छुपन छुपाई खेलता होगा। कभी बादलों से झाँककर दिखाई देता तो कभी ___________ जाता।
उत्तर-
चाँद बादलों के साथ छुपन छुपाई खेलता होगा। कभी बादलों से झाँककर दिखाई देता तो कभी
छुप
जाता।
कुछ बनाइए
प्रश्न 1.
पुराने समाचार पत्रों से चंद्रयान मिशन से जुड़े समाचार और चित्र काटकर पुस्तिका में चिपकाएँ। इस तरह से एक चित्र पुस्तिका तैयार करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
Class 3 Hindi Chapter 16 चंद्रयान (संवाद) पाठ का सार
‘चंद्रयान’ पाठ संवाद शैली में लिखा गया है। इसमें अध्यापिका और बच्चों की बातचीत के द्वारा चंद्रयान के बारे में जानकारी दी गई है। अध्यापिका कक्षा में प्रवेश करती है तथा सभी विद्यार्थी उन्हें सुप्रभात कहते हैं। अध्यापिका उन्हें बताती है कि आज वे सब चाँद के बारे में बातचीत करेंगे। वे कहती हैं कि आप सब ने चाँद पर बहुत सी कविताएँ गाई हैं। इस पर बच्चे कहते हैं कि चाँद कभी दिखाई देता है और कभी नहीं। अध्यापिका के पूछने पर कि ऐसा क्यों होता है तो एक बच्चा उत्तर देता है कि चाँद का मन है वह दिखे या न दिखे। दूसरा विद्यार्थी कहता है कि वह छुप-छुपाई खेलता होगा। इस पर एक अन्य विद्यार्थी चाँद पर जाने की इच्छा प्रकट करता है।
अध्यापिका इस पर प्रश्न पूछती हैं कि क्या हम चाँद पर जा सकते हैं? इस पर बच्चे उत्तर देते हैं कि हम रॉकेट से चाँद पर जा सकते हैं। अध्यापिका फिर पूछती हैं कि क्या कोई रॉकेट अभी तक चाँद पर गया है? इस पर सभी बच्चे बताते हैं कि एक नहीं बल्कि कई गए हैं अर्थात् चंद्रयान 1, 2, 3 गए हैं। अध्यापिका उन्हें शाबाशी देते हुए बताती हैं कि हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा है और ऐसा करने वाला भारत पहला देश है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। फिर बच्चे के पूछने पर अध्यापिका दक्षिणी ध्रुव के बारे में बताती हैं कि जैसे धरती का दक्षिणी ध्रुव दक्षिण दिशा में है, वैसे ही चंद्रमा का भी दक्षिणी ध्रुव है। वहाँ कोई भी यान उतारना मुश्किल है पर हमारे वैज्ञानिकों ने यह कार्य कर दिखाया।
हमारे देश के वैज्ञानिक रॉकेट भेजकर पता लगाने का प्रयत्न कर रहे हैं कि चाँद पर क्या-क्या है? अध्यापिका के पूछने पर बच्चे बताते हैं कि चाँद पर पानी मिट्टी आदि मिले होंगे। वे बताती हैं कि चाँद धरती से बहुत दूर है। इसलिए वैज्ञानिकों ने एक रॉकेट चाँद पर भेजा ताकि पता चल सके कि चाँद पर क्या-क्या है। इसी को उन्होंने ‘चंद्रयान मिशन’ का नाम दिया। चंद्रयान ने चाँद के चारों ओर चक्कर लगाया और पता लगाया कि चाँद पर पानी है। अध्यापिका ने बताया कि वैज्ञानिक चाँद के रहस्यों का पता लगाने गए थे। बाद में उन्होंने और जानकारी हेतु एक ओर दूसरा रॉकेट भेजा और इसे ‘चंद्रयान-2’ का नाम दिया। परंतु यह कुछ खराबी के कारण चाँद पर उतर नहीं पाया। लेकिन वैज्ञानिकों ने हार नहीं मानी और फिर ‘चंद्रयान-3’ आखिरकार चाँद पर पहुँच ही गया।
सबने अध्यापिका को बताया कि किसी ने इसे टीवी पर देखा तो किसी ने इसकी खबर रेडियो पर सुनी। इतने में एक बच्चे ने उत्सुकता से पूछा कि अब चाँद पर क्या चल रहा है? इस पर अध्यापिका ने बताया कि जो मशीन चाँद पर उतरी है उसका नाम ‘विक्रम लैंडर’ है। यह लैंडर अपने साथ एक अन्य मशीन को लेकर गया है जिसका नाम ‘प्रज्ञान’ है। यही ‘प्रज्ञान’ चाँद पर घूम-घूम कर पता लगा रहा है कि चाँद की मिट्टी पृथ्वी जैसी है या नहीं, चाँद पर रहना संभव है या नहीं। एक विद्यार्थी आश्चर्य से कहता है कि हमें तो यह पता ही नहीं था। अध्यापिका उन्हें समझाती हैं कि लगातार प्रयास करने से कठिन से कठिन कार्य भी सफल हो जाता है। फिर सभी मिलकर चाँद वाला गाना गाते हैं। “चंदा के गाँव में हम चंद्रयान से जाएँगे।”
शब्दार्थ : चंद्रयान – चाँद पर जाने वाला यान। आगमन – प्रवेश। शाबाश – बहुत अच्छा। गौरव – गर्व। मुश्किल – कठिन। जुटना – फिर से लगना। संभव – मुमकिन। सैर – घूमना।
- इस पाठ को पढ़कर छात्र चाँद के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।
- चंद्रयान 1, 2 और 3 के विषय में जान सकेंगे।
- चाँद के आधार पर मनाए जाने वाले त्यौहारों के विषय में जानेंगे।
- छात्र और शिक्षक के बीच होने वाले संवाद की भाषा और महत्व को समझेंगे।