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एक जादुई पिटारा NCERT Class 3rd Hindi Veena Chapter 11 Question Answer
एक जादुई पिटारा Class 3 Question Answer
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास (पृष्ठ 94-99)
सोचिए और लिखिए
प्रश्न 1.
कविता के अनुसार पिटारा जब खोला गया तो उसमें से क्या-क्या निकला?
उत्तर-
कविता के अनुसार जब पिटारा खोला गया उसमें से गप्पू गोला, गोला, कठपुतली, नौ-सौ ऊँट, एक सुपारी, नौ-मन आटा, नारियल, एक घोड़ा, एक गुब्बारा, स्टेशन, एक इंजन, दौ भैंसे, बारह सौ सेर अनाज, दो दीवाने (किसान)।
प्रश्न 2.
कविता में गिनती के कौन-कौन से अंक आए हैं? ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर-
- एक – 1
- दो – 2
- नौ-सौ – 900
- नौ – 9
- बारह – 12
- बारह सौ – 1200
प्रश्न 3.
नौ मन आटा किसमें निकला?
उत्तर-
एक सुपारी को काटने से उसमें से नौ मन आटा निकला।
प्रश्न 4.
किसान खेतों को जोतने के लिए किसका सहारा लेते हैं?
उत्तर-
किसान खेतों को जोतने के लिए बैल/भैंस और हल का सहारा लेते हैं।
खोजिए और लिखिए
प्रश्न 1.
नीचे लिखे शब्दों से तुक मिलने वाले शब्द कविता से ढूँढ़कर लिखिए-
उत्तर-
खोला | गोला |
खूँट | ऊँट |
सवारी | सुपारी |
सुतली | कठपुतली |
प्रश्न 2.
जब एक हो तो ‘गोला’ कहलाता है और अनेक हों तो ‘गोले’। नीचे दिए गए शब्दों को भी एक से अधिक मानकर उनके लिए शब्द लिखिए-
उत्तर-
एकवचन | बहुवचन |
(क) पिटारा | पिटारे |
(ख) घोड़ा | घोड़े |
(ग) भैंस | भैंसे |
(घ) गुब्बारा | गुब्बारे |
प्रश्न 3.
नीचे दिए चित्रों को पहचानते हुए खेलों के नामों के साथ उनका मिलान कीजिए-
उत्तर-
प्रश्न 4.
कविता के आधार पर पंक्तियों का उचित मिलान कीजिए-
(क) गोले पर जब बाँधी सुतली | (i) आसमान ले पहुँचा भाई |
(ख) एक पिटारा हमने खोला | (ii) लगा नाचने बन कठपुतली |
(ग) उन ऊँटों पर हुई सवारी | (iii) उसमें से निकला गप्पू गोला |
(घ) घोड़े के जब ऐंड़ लगाई | (iv) मिली राह में एक सुपारी |
उत्तर-
(क) गोले पर जब बाँधी सुतली | (ii) लगा नाचने बन कठपुतली |
(ख) एक पिटारा हमने खोला | (iii) उसमें से निकला गप्पू गोला |
(ग) उन ऊँटों पर हुई सवारी | (iv) मिली राह में एक सुपारी |
(घ) घोड़े के जब ऐंड़ लगाई | (i) आसमान ले पहुँचा भाई |
प्रश्न 5.
नीचे लिखे अक्षरों के क्रम को व्यवस्थित करके सही शब्द लिखिए-
उत्तर-
(क) चा/ना | नाचा |
(ख) रा/टा/पि | पिटारा |
(ग) ला/क/नि | निकला |
(घ) ला/गो | गोला |
(ङ) श/का/आ | आकाश |
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए चित्रों में रंग भरिए। यदि आपको इनमें से किसी की सवारी करने का अवसर मिले तो आप किसी सवारी करना चाहेंगे? उसके बारे में चार-पाँच पंक्तियों में अपने विचार लिखिए-
उत्तर-
घोड़ा-
- घोड़ा एक पालतू, घरेलू और शाकाहारी जानवर है। वह बहुत तेज़ गति से दौड़ता है।
- घोड़े सफेद, लाल, भूरे, काले, स्लेटी रंग के होते हैं। अरबी घोड़ा बहुत तेज़ दौड़ने के लिए प्रसिद्ध है।
- घोड़ा जहाँ रहता है उसे अस्तबल कहते हैं। आमतौर पर घोड़ा घास वाले क्षेत्रों या मैदानों में रहना पसंद करते हैं।
- घोड़े का जीवनकाल लगभग 25 से 30 वर्ष का होता है। मनोरंजन के लिए, सरकस में, सामान ढोने के कार्यों में भी घोड़े काम में लाए जाते हैं।
- मुझे घोड़े की सवारी करना बहुत अच्छा लगता है। घोड़े अपनी बफादारी के लिए सदैव याद किए जाते रहेंगे।
ऊँट-
- ऊँट को ‘रेगिस्तान का जहाज़’ भी कहा जाता है। ऊँट एक शाकाहारी जानवर है।
- ऊँट कई दिनों तक बिना पानी के भी रह सकता है। ये सूखे क्षेत्रों में आसानी से रह सकते हैं।
- ऊँट की तीन पलकें होती हैं जिसके कारण रेगिस्तान में चलने वाली तेज़ हवाओं और धूल से उसकी आँखें सुरक्षित होती हैं।
- ऊँट के कूबड़ होते हैं उसमें वसा जमा होती है, जिसका उपयोग ऊर्जा के स्रोत के लिए होता है।
- ऊँट की औसत आयु 40 से 50 वर्ष होती है। मुझे अरबी ऊँट की सवारी करना बहुत पसंद है।
प्रश्न 7.
नीचे जादुई पिटारे का एक चित्र दिया गया है। उसमें अपनी पसंद के रंग भरिए। आप भी अपना एक जादुई पिटारा बनाइए और बताइए कि आप उसमें क्या-क्या रखना चाहेंगे?
मैं अपने जादुई पिटारे में ये वस्तुएँ रखूँगा-
उत्तर-
मैं अपने जादुई पिटारे में ये वस्तुएँ रखूँगा-
- एक खुशबू वाली रबड़।
- एक पेंसिल।
- दो छोटी सुंदर गुड़िया।
- दस पेजों की एक डायरी।
- पाँच सुंदर-सुंदर कंचे।
- हाजमोला खट्टी-मीठी।
- कप-प्लेट वाले खिलौने।
- एक छोटी सुराही खिलौने वाली
- एक चारपाई छोटी-सी।
- इमली वाली गोली।
मेरी कलाकारी
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चित्रों में तीलियों वाले पुतले दिखाए गए हैं। आप भी अपनी पसंद के फल, फूल, साग, पशु-पक्षियों व जानवरों के पुतले तैयार कीजिए। कठपुतलियों का एक पिटारा तैयार करने में अपने शिक्षक को सहयोग दीजिए-
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।
Class 3 Hindi Chapter 11 एक जादुई पिटारा कविता का सार (Summary of the Poem)
इस कविता में एक जादुई पिटारा है। उस जादुई पिटारे से बहुत सारे अनोखे ढंग-बेढंग वस्तुएँ एक-के-बाद-एक निकलती हैं। जैसे ही पिटारा खोला उसमें से गप्पू गोला, कठपुतली, नौ-सौ ऊँट, सुपारी, नौ मन आटा, नारियल, घोड़ा, गुब्बारा, स्टेशन, इंजन, दो भैंसे निकलीं। किसान ने भैंसे लेकर खेत को जोता और बारह सौ सेर अनाज पैदावार हुआ। इन अनाजों को खाकर मस्त होकर मस्ताने चल पड़े।
Class 3 Hindi Chapter 11 एक जादुई पिटारा काव्यांशों की व्याख्या
1. एक पिटारा हमने खोला,
उसमें से निकला गप्पू गोला।
गोले पर जब बाँधी सुतली,
लगा नाचने बन कठपुतली। (पृष्ठ 92)
शब्दार्थ : सुतली – धागा।
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वीणा भाग-1’ में संकलित कविता ‘एक जादुई पिटारा’ से ली गई है। इस कविता में एक ऐसे जादुई पिटारे के बारे में बताया गया है जिसे खोलते ही अनेकानेक भिन्न-भिन्न अजीबोगरीब वस्तुएँ निकलती हैं। इन वस्तुओं से संबंधित जानकारी इस कविता में दी गई है।
व्याख्या – कवि कह रहे हैं कि बच्चों ने एक जादुई पिटारा खोला। बड़े शान से उसमें से गप्पू गोला निकला। गोले पर जब बच्चों ने सुतली बाँधी, तब वह कठपुतली बनकर नाचने लगा। यह देख बच्चे प्रसन्न हो उठे।
2. ‘कठपुतली ने गाड़े खूँट,
उसमें निकले नौ सौ ऊँट।
उन ऊँटों पर हुई सवारी,
मिली राह में एक सुपारी। (पृष्ठ 92)
शब्दार्थ : राह – रास्ता।
प्रसंग – पूर्ववत्।
व्याख्या – कवि कह रहे हैं कि कठपुतली ने एक खूँटा गाड़ा। उसमें से नौ सौ ऊँट निकले। अब इन ऊँटों पर चढ़कर जब सवारी निकली पर तब चलते हुए रास्ते में एक सुपारी (पान में डलने वाला) मिला।
3. उसी सुपारी को जब काटा,
उसमें निकला नौ मन आटा।
उस आटे पर नारियल फोड़ा,
उसमें निकल पड़ा एक घोड़ा। (पृष्ठ 92)
प्रसंग – पूर्ववत्।
व्याख्या – कवि कह रहे हैं कि जब सुपारी को काटा गया उसमें से नौ मन (तौल इकाई) आटा निकला। बच्चों ने जब उस आटे पर नारियल फोड़ा तो उसमें से एक शानदार घोड़ा निकला।
4. घोड़े को जब ऐंड़ लगाई,
आसमान ले पहुँचा भाई।
पाया वहाँ एक गुब्बारा,
जिस पर छेद हुए थे बारा। (पृष्ठ 93)
प्रसंग – पूर्ववत्।
व्याख्या – कवि कहते हैं कि जब बच्चों ने घोड़े को धक्का दिया वह सीधे आसमान में उछलकर चला गया। वहाँ जाकर देखा तो एक गुब्बारा था जिसमें बारह छेद थे। जिसे देखकर सब हैरान हो गए।
5. एक छेद पर था इस्टेशन,
जिस पर खड़ा हुआ था इंजन।
उस इंजन को धोया ऐसे,
उसमें निकल पड़े दो भैंसे। (पृष्ठ 93)
शब्दार्थ : इस्टेशन – स्टेशन।
प्रसंग – पूर्ववत्।
व्याख्या – कवि कहते हैं कि बारह छेदों में एक छेद ऐसा था जिस पर स्टेशन था। उस स्टेशन में इंजन खड़ा था। अब इंजन को रगड़-रगड़ के ऐसे धोया कि उसमें से दो भैंसे निकल पड़े।
6. भैंसे लाकर जोता खेत,
नाज हुआ बारह सौ सेर।
खा-खा नाज हुए दीवाने,
चले चाल, बेहद मस्ताने। (पृष्ठ 93)
प्रसंग – पूर्ववत्
व्याख्या – कवि कहते हैं कि दो भैंसो को देखकर किसान बहुत खुश हुए। उन्होंने भैंसों को लाकर खेत जोता, हल चलाया और बारह सौ सेर अनाज उगाया। इन अनाजों को देखकर किसान बहुत खुश हुए और मस्ती की चाल में चलकर के खुशी से दीवाने बने फिरने लगे।
- खेल और बचपन दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
- इस पाठ से बच्चे अत्यंत सरलता के साथ खेल-खेल में ही बहुत-सी चीजें सीख पाएँगे जैसे कि मिलते-जुलते शब्द, अंक ज्ञान और सुपारी, नारियल इत्यादि फलों के बारे में जान पाएँगे।
- बच्चे कल्पनाशील होते हैं और जादू इत्यादि विषय उन्हें स्वाभाविक रूप से आकर्षित करते हैं।
- इसी कारण उनकी कल्पनाएँ भी उड़ान भरती हैं।
- इस पाठ से उनकी कल्पना के साथ-साथ जिज्ञासा भी बढ़ेगी और इसी के चलते वे कुछ-न-कुछ नया सोचकर प्रयोग करने के लिए तत्पर होंगे।
- इस पाठ से उनका शब्द भंडार भी विकसित होगा।
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