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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 9 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए।
भारत में जाति-व्यवस्था की जड़ें बहुत गहरी हैं। इतिहास में कभी एक समय ऐसा आया होगा जब जाति-व्यवस्था ने जन्म लेकर समाज को एक गतिमान स्वरूप प्रदान करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी। जातियों का निर्माण एक दिन में नहीं हुआ होगा। न जाने कितने समय तक संघर्ष करने के बाद विचारकों ने इसे जन्म दिया होगा। कितु आज यह व्यवस्था राष्ट्र के लिए भार बन गई है। यह राष्ट्र-विकास के पथ में विषबेल की तरह बिछी हुई है तथा पूरा देश जाति-संघर्ष की आग में झुलस रहा है। भ्रष्ट और सत्तालोलुप राजनीति में लिप्त लोगों ने जर्जर होती हुई दीवारों में सीमेंट लगाने का काम किया है, वरना तो स्वाधीनता की लड़ाई में जाति-भेद ही नहीं, सांप्रदायिक भेदभाव भी अपने कटु स्वरूप को मिटा चुका था।
आज भारतीय समाज जातियों के कठघरों में कैद है। हर जाति में अन्य जातियों पर शासन करने की, उन्हें नीचा दिखाने की प्रवृत्ति उग्र-रूप धारण कर चुकी है। जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र अछूता नहीं बचा है, जहाँ जाति-भेद दिखाई न देता हो। कुछ इने-गिने मनीषी और विचारक अवश्य चिंतित हैं, लेकिन उनकी सुनता कौन है? वोट की राजनीति ने ऐसा विकराल रूप धारण कर लिया है कि जाति-भेद का विरोध करने वाले किसी कोने में पड़े राष्ट्र की दुर्दशा पर आँसू बहा रहे हैं।
प्रकृति ने भारत को एक ऐसी सुरक्षा-रेखा में बाँध रखा है कि वह अखंड बना हुआ है, नहीं तो इस जाति-भेद ने पूरे समाज को अनेक खंड़ों में विभक्त कर दिया है। धर्म और शिक्षा जैसे पावन क्षेत्रों तक जाति-भेद ने अपने पाँव पसार लिए हैं। उसे राजनीति का संबल जो प्राप्त हो गया है। आज अगर राजनीति के जातिगत आधार को तोड़ दिया जाए तो जाति-भेद को नष्ट करने में बहुत सहायता मिल सकती है।
(क) जीवन का ऐसा कौन-सा क्षेत्र है, जो जाति व्यवस्था से अछूता बचा है?
(i) शिक्षा
(ii) राअनीति
(iii) धर्म
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iv) इनमें से कोई नहीं वर्तमान समय में जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा है, जहाँ जाति व्यवस्था ने अपने पैर न पसारे हों। हमारा पूर देश जाति संघर्ष की आग में झुलस रहा है और इसने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है।
(ख) राष्ट्र-विकास के मार्ग में विषवेल के समान किसे माना गया है?
(i) राजनीति को
(ii) इतिहास को
(iii) जाति-व्यवस्था को
(iv) धार्मिक स्वतांत्रता को
उत्तर :
(iii) जाति-व्यवस्था को गद्यांश में जाति-व्यवस्था को राष्ट्र-विकास के मार्ग में विषबेल के समान माना गया है। जाति-व्यवस्था लोगों के मन में विष भरने का कार्य करती है। जातिवाद देश की एकता और अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा है, इससे सांप्रदायिकता को भी बढ़ाव मिलता है।
(ग) स्वाधीनता संघर्ष के समय जाति-भेद की क्या स्थिति थी?
(i) जाति-भेद अपने चरम पर था
(ii) जति-भेद ने अपने पाँव जमाने आरंभ किए थे
(iii) जाति- भेद हिसक रूप धारण कर चुका था
(iv) जाति-भेद का कटु स्वरूप मिट चुका था
उत्तर :
(iv) जाति-भेद का कटु स्वरूप मिट चुका था स्वाधीनता संघर्ष के समय जाति-भेद का कटु स्वरूप मिट चुका था और लोग भावनात्मक रूप से एक हो गए थे, लेकिन बाद में राजनीति ने इसे पुनर्जीवित कर दिया।
(घ) जाति-भेद का विरोध करने वालों की क्या स्थिति है?
(i) राष्ट्र की दुर्दशा पर ऑसू बहा रहे हैं
(ii) राष्ट्र को इस संकट से उभार रहे है
(iii) राष्ट्र में जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं
(iv) राजनीतिज्ञ से सुधार की उम्मीद कर रहे हैं
उत्तर :
(i) राष्ट्र की दुर्दशा पर आँसू बहा रहे हैं गद्यांश में स्पष्ट किया गया है कि जाति-भेद का विरोध करने वालों की आज भी समाज में न के बराबर सुनी जाती है। उनके पास राष्ट्र की दुर्दशा पर चुपचाप आँसू बहाने के अतिरिक्त और कोई मार्ग नहीं है।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A)तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढिए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) जाति-भेद को राजनीति से सहारा मिलता है।
कारण (R) जाति-भेद ने शिक्षा और धर्म जैसे क्षेत्रों में भी अपने पाँव पस्तार लिए हैं।
(i) कथन (A)तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A)और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A)की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A)और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (A) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A)की सही व्याख्या करता है जाति-भेद को राजनीति से संबल मिलता है, इसके कारण ही शिक्षा और धर्म जैसे क्षेत्रों में भी जाति-भेद ने अपने पाँव पसार लिए हैं। अतः राजनीति के जातिगत आधार को तोड़कर ही समाज में व्याप्त जाति-भेद को नष्ट किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सवीधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के अभाव में मनुष्य का सर्वांगीण विकास बिल्कुल संभव नहीं है। लेकिन इस बात को लोग भूलते जा रहे हैं। पड़ोस सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्वपूर्ण आधार है। दरअसल पड्रोस जितना स्वाभाविक है, हमारी सामाजिक सुरक्षा के लिए तथा सामाजिक जीवन की समस्त आनंदपूर्ण गतिविधियों के लिए वह उतना ही आवश्यक भी है। यह सच हैं कि पड्रोसी का चुनाव हमारे हाथ में नहीं होता है, इसलिए पड़ोसी के साथ कुछ-न-कुछ सामंजस्य तो बिठाना ही पड़ता है।
हमारा पड़ोसी अमीर हो या गरीब, उसके साथ संबंध रखना सदैव हमारे हित में होता है। पड़ोसी से परहेज करना अथवा उससे कटे-कटे रहने में अपनी ही हानि है, क्योकि किसी भी आकस्मिक आपदा अथवा आवश्यकता के समय अपने रिश्वेदारों तथा परिवार वालों को बुलाने में समय लगता है। ऐसे में पड़ोसी ही सबसे अधिक विश्वस्त सहायक हो सकता है।
पड़ोसी चाहे कैसा भी हो, उससे अच्छे संबंध रखने चाहिए। जो अपने पड़ोसी से प्यार नहीं कर सकता, उससे सहानुभूति नहीं रख सकता, उसके साथ सुख-दु;ख का आदान-प्रदान नहीं कर सकता तथा उसके शोक और आनंद के क्षणों में शामिल नहीं हो सकता, वह भला अपने समाज अथवा देश के साथ भावनात्मक रूप से कैसे जुड़ेगा। विश्व-बंधुत्व की बात भी तभी मायने रखती है, जब हम अपने पड़ोसी से निभाना सीखें।
(क) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘सामंजस्य’ शद्ध के सही अर्थ को दर्शाता है?
(i) सर्वागीण
(ii) समायोजन
(iii) सौहार्द
(iv) स्वीकृति
उत्तर :
(ii) समायोजन गद्यांश में दिए गए ‘सामंजस्य’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाने वाला शब्द है-समायोजन।
(ख) ‘विश्व-बंधुत्व की बात भी तभी मायने रखती है, जब हम अपने पड़ोसी से निभाना सीखें।’ पंक्ति के माध्यम से लेखक पड़ोसी से प्रेरणा दे रहे हैं।
(i) अंकांरी संबंध रखने की
(ii) ईव्य्या भाव रखने की
(iii) सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की
(iv) द्वेण भाव रखने की
उत्तर :
(iii) सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की प्रश्न में दी गई पंक्ति के माध्यम से लेखक पड़ोसी के साथ परस्पर सौहार्दपूर्ण संबंध रखने की प्रेरणा दे रहे हैं, क्योंकि यदि हम अपने पड़ोसी से प्रेम व सहानुभूति नहीं रख सकते, उनके सुख-दु:ख, शोक व आनंद के क्षणों में उनके साथ नहीं रह सकते, तो फिर हम अपने देश और समाज के साथ भी कैसे जुड़ सकते हैं। ऐसे में विश्व-बंधुत्व की बात तो अर्थहीन हो जाती है।
(ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि विश्वस्त सहायक’ से क्या अभिप्राय है?
(i) अविश्वासी व्यक्ति
(ii) विश्वास करने योग्य सहायक व्यक्ति
(iii) सहानुभूति वाला व्यक्ति
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) विश्वास करने योग्य सहायक व्यक्ति ‘विश्वस्त सहायक’ से अभिप्राय विश्वास करने योग्य सहायक व्यक्ति से है। गद्यांश में पड़ोसी के संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग हुआ है।
(घ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध हमारे हित में होते हैं।
2. आकस्मिक आपदा के समय पड़ोसी ही सबसे विश्वस्त सहायक हो सकता है।
3. मनुष्य सामाजिक ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण आधार है।
उषयुक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(ii) 1 और 2 गद्यांश के अनुसार, कथन 1 और 2 सही हैं। पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध हमारे हित में होते हैं, क्योंकि आकस्मिक आपदा या आवश्यकता के समय पड़ोसी ही सबसे अधिक विश्वस्त सहायक हो सकता है। पड़ोस सामाजिक ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण आधार होता है।
(ङ) निम्नलिखित में से किस कथन को गयांश की सीख के आधार पर कहा जा सकता है?
(i) अब पहताए होत क्या, जब चिड्रिया चुग गई खेत
(ii) विपदा के समय हमेशा पड़ोस याद आता है।
(iii) एकला में शक्ति होती है।
(iv) पड्रोसी के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए।
उत्तर :
(iv) पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए। गद्यांश हमें यह सीख देता है कि पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए। हमारा पड़ोसी गरीब हो या अमीर, उसके साथ अच्छे संबंध रखना सदैव हमारे हित में होता है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘माँ सरस्वती उदार मनुष्य का गुणगान करती है।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज़ा पद्बंध
(ii) सर्वनाम पदरंध
(iii) विशेषण पदरंध
(iv) क्रिया-विशेषण पद्रंध
उत्तर :
(i) संज़ा पद्बंध
(ख) ‘देश के सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए जान न्योछावर कर देते हैं। रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) सर्वनाम पदर्बं
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) विशेषण पद्धंध
(iv) संज़ा पदर्बंध
उत्तर :
(ii) क्रिया पदबंध
(ग) क्रिया पदर्वंध का उदाहरण छाँटिए
(i) अंडमान द्वीपसमूह का अंतिम द्वीपसमूह लिटिल अंडमान है।
(ii) ‘तीसरी कसम’ फिल्म को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक मिला था।
(iii) वामीहो एक श्रृंगार गीत गा रही थी।
(iv) लेखक की मां सदेव सुरज उलने पर पेड़ों से पत्ते तोड़े के लिए मना करती थी।
उत्तर :
(iii) वामीहो एक श्रृंगार गीत गा रही थी।
(घ) ‘अमेरिका से प्रतिस्पर्द्धा रखने के कारण जापानी निरंतर कार्यशील रहते हैं।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध है
(i) जापानी
(ii) अमेरिका
(iii) निरंतर
(iv) कार्यशील
उत्तर :
(iii) निरंतर
(ङ) विरोध करने वाले व्यक्तियों में कोई नहीं बोला। रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) विशेषण पदर्बंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) संज्ञा पद्धंध
(iv) क्रिया पद्वंध
उत्तर :
(ii) सर्वनाम पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘ईमानदार व्यक्ति कभी भी किसी से नहीं डरते।’ इस वालय का मिश्र वाक्य होगा
(i) इंमानदार व्यक्ति को कभी भी किसी से नहीं डरना चाहिए।
(ii) जो व्यक्ति ईमानदार होते हैं, वे कभी भी किसी से नहीं ड़रते।
(iii) ईमानदार व्यक्तियों का स्वभाव होता है कि बे कभी भी किसी से नहीं उरते।
(ii) ईमानदार ब्यक्ति ही किसी से नहीं डरते।
उत्तर :
(ii) जो व्यक्ति ईमानदार होते हैं, वे कभी भी किसी से नहीं ड़रते।
(ख) ‘बड़े भाई साहब ने भी उसी उद्र में पढ़ना शुरू किया था, उब्ब मैने शुरू किया था।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्रित वाक्य
(iv) विधानवाचक वाक्य
उत्तर :
(i) सरल वाक्य
(ग) ‘हमेशा यही सवाल इसी ध्वनि में पूषा जाता था और इसका जवाब मेरे पास केवल मौन था।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है (1)
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्रित वाक्य
(iv) सामान्व वाक्य
उत्तर :
(ii) संयुक्त वाक्य
(घ) ‘एकाएक एक ऊँची लहर उठी और उसे भिगो गई।’ इस वाक्य का सरल वावय होगा
(i) जैसे ही एकाएक ऊँची लहर उठी, उसे भिगो गई।
(ii) ऊँची लहर ने ठठकर उसे भिगो दिया।
(iii) एकाएक एक ऊँची लहर उठकर उसे भिगो गई।
(iv) एकाएक एक ऊँची लहर उठी तथा उसे भिगो गई।
उत्तर :
(iii) एकाएक एक ऊँची लहर उठकर उसे भिगो गई।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य है
(i) आखिर आदमी को कुछ तो अपनी पोजीशन का छ्याल रखना चाहिए।
(ii) मेरे और भाई साहब के बीच अब केवल एक दरजे का अंतर और रह गया।
(iii) मेरे रहते तुम बेराह न चलने पाओगे।
(iv) जब से माता जी ने प्रबंध अपने हाथ में ले लिया है, तब से घर में लक्षमी आ गई है।
उत्तर :
(iv) जब से माता जी ने प्रबंध अपने हाथ में ले लिया है, तब से घर में लक्षमी आ गई है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) पथभ्रष्ट शब्द उदाहरण है
(i) अव्ययीभाज समास
(ii) बहुत्रीहि समास
(iii) कर्मधारय समास
(iv) तत्पुरुष समास
उत्तर :
(iv) तत्पुरुष समास
(ख) ‘दिनोंदिन’ समस्त पब का विग्रह होगा
(i) दिन और रात
(ii) दिन ही दिन में
(iii) दिन का एक भाग
(iv) दिनों का समाहार
उत्तर :
(ii) दिन ही दिन में
(ग) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्त पद समास
1. भूखा-प्यासा – द्वंद्व समास
2. गृहागत – अव्ययीभाव समास
3. रोग मुक्त – तत्तुरुष समास
4. अयोग्य – द्विगु समास
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 1 और 3
(iii) 2 और 4
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(ii) 1 और 3
(घ) ‘देहलता’ शब्द के सही समास विग्रह का चयन कीजिए।
(i) देह और लता-द्वंद्व समास
(ii) देहरूपी लता-कर्मधारय समास
(iii) लता के समान देह-कर्मधारय समास
(iv) देह है जिसमें, वह लता-बहुव्रीहि समास
उत्तर :
(ii) देहरूपी लता-कर्मधारय समास
(ङ) ‘चंद्रशेखर’ शब्द के लिए सही समास विग्रह का चयन कीजिए
(i) शिखर रूपी चाँद-कर्मधारय समास
(ii) चंद्र है शिखर पर जिसके-बहुव्रीहि समास
(iii) चाँद है जो शिखर-तत्पुरुष समास
(iv) चाँद का शिखर-द्वंद्व समास
उत्तर :
(iv) चाँद का शिखर-द्वंद्व समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) इंजीनियरिग की पढ़ाई करना ‘ है। उपयुक्त मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) नाको चने चखाना
(ii) नानी याद आना
(iii) धणिजयाँ उड़ाना
(iv) दिल भर आना
उत्तर :
(ii) नानी याद आना
(ख) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) हक्का बक्का रह जाना-आश्चर्यंचकित रह जाना
(ii) आँख का उजाला-स्वागत सम्मान करना
(iii) आकाश-पाताल एक करना-बहुत पश्चाताप करना
(iv) गाँठ बाँधना-बहुत अनुभव प्राप्त करना
उत्तर :
(i) हक्का बक्का रह जाना-आश्चर्यंचकित रह जाना
(ग) ‘चालाक होना’ अर्थ के लिए सही मुहावरा है
(i) धुड़ी-थुड़ी होना
(ii) पेट में दाह़ी होना
(iii) दमड़ी के तीन होना
(iv) दूध का धुला होना
उत्तर :
(ii) पेट में दाह़ी होना
(घ) चीन अव भारत की सीमाओं पर ………… है। उपयुक्त मुहावरे से रिकत स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) औंख लगाए हुए,
(ii) कान लगाए हुए
(iii) मुँह लगाए हुए
(iv) नाक लगाए हुए
उत्तर :
(i) औंख लगाए हुए,
(छ) ‘बहुत खुश होना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) छाती भर आना
(ii) जामे से बाहर होना
(iii) डेका बजाना
(iv) फूला न समाना
उत्तर :
(iv) फूला न समाना
(च) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा? आज के युग में जिद्दी लोग पीछे रह जाते हैं।
(i) कुते की दुम
(ii) टेदी खीर
(iii) अडियल टद्द
(iv) अरण्य रोद्न
उत्तर :
(iii) अडियल टद्द
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (5×1=5)
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती, उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती। उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती। अखंड आत्म भाव जो असीम विश्व में भरे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।
(क) प्रस्तुत पद्यांश में कवि उन उदार मनुष्यों का गुणगान करता है, जो इस अनंत संसार के साथ अखंड आत्मीयता रखता है। इससे ज्ञात होता . है कि कवि के पक्षधर हैं।
(i) एकता
(ii) अखंडता
(iii) परोपकारिता
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी प्रस्तुत पद्यांश के अनुसार सरस्वती उसी उदार मनुष्य का गुणगान करती है, जो इस अनंत संसार के साथ अखंड आत्मीयता रखता है। पृथ्वी भी ऐसे उदार व्यक्तियों के प्रति कृतन होती है। संसार भर में उनकी कीर्ति का यशोगान होता है।
(ख) ‘कृतार्थ भाव’ से तात्पर्य है
(i) किए गए उपकार को मानने वाला भाव
(ii) किए गए उपकार को न मानने वाला भाव
(iii) परोपकार का भाव
(iv) संसार के प्रति प्रेम भाव
उत्तर :
(i) किए गए उपकार को मानने वाला भाव ‘कृतार्थ भाव’ से तात्पर्य किए गए उपकार को मानने वाला होता है। यहाँ पृथ्वी उदार्थ व्यक्तियों के प्रति कृतज्ञ है।
(ग) उदार व्यक्ति के प्रति पृथ्वी का क्या भाव रहता है?
(i) कृतघ्नता और निंदा का
(ii) सहनशीलता और क्षमा का
(iii) कृतज़ता और आभार का
(iv) घृणा और निंदा का
उत्तर :
(iii) कृतज्ञता और आभार का जो व्यक्ति इस अनंत संसार के साथ अखंड आत्मीयता रखता है, ऐसे उदार व्यक्ति के प्रति पृथ्वी कृतज्ञता और आभार का भाव रखती है।
(घ) वैश्विक एकता और अखंडता को नई दिशा किसके माध्यम से मिलती है?
(i) वैषमय के भाव से
(ii) उदारता के भाव से
(iii) घृणा के भाव से
(iv) परनिंदा के भाव से
उत्तर :
(ii) उदारता के भाव से वैश्विक एकता और अखंडता को नई दिशा उदारता के भाव के माध्यम से मिलती है। उदारता मनुष्य का श्रेष्ठतम गुण है। उदार व्यक्ति अपने भावों से संसार में एकता की भावना का प्रसार कर उसे नई दिशा प्रदान करता है।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
1. जो इस संसार के साथ अखंड आत्मीयता रखता है पृथ्वी ऐसे व्यक्तियों के प्रति कृतज होती है।
2. सच्चा मनुष्य वह है, जो संपूर्ण मनुष्यता के लिए जीता और मरता है।
3. उदार चेतना से वैश्विक एकता और अखंडता को एक नई दिशा मिलती है।
4. महर्षि दधीचि ने योगबल से अपने अस्थि-पंजर को भी दान कर दिया।
5. देश की बागडोर तुम्हारे हाथ में है, इसकी रक्षा करना तुम्हारा कर्तव्य है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) 1,2 और 3
(ii) 1,3 और 5
(iii) 2,3 और 4
(iv) 2,4 और 5
उत्तर :
(i) 1,2 और 3 कवि उदारता का भाव स्पष्ट करता हुआ कहता है कि जो इस अनंत संसार के साथ अखंड आत्मीयता रखता है, पृथ्वी ऐसे उदार व्यक्तियों के प्रति कृतझ होती है। वह व्यक्ति संपूर्ण मनुष्यता के लिए जीता और मरता है। इससे वैश्विक एकता और अखंडता को नई दिशा मिलती है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) कृषण की सेविका बनकर मीरा क्या करना चालती है?
(i) बाग सजाना, दर्शन करना, गीत गाना
(ii) प्रशंसा के गीत गाना और गोकुल में रहना
(iii) रोज उठफर उनके दर्शन करना और रोना
(iv) उनकी याद में रोना, दर्शन करना, गीत गाना
उत्तर :
(i) बाग सजाना, वर्शन करना, गीत गाना मीरा भीकृष्ण की सेखिका बनकर उनके लिए बाग-बगीये सजाना चाहती है। मीरा याहती है कि जब प्रथु प्रतिदिन सुबह वहाँ घूमा करें, तो वह उनके दर्शन कर्रें और गीत गाएँ।
(ख) कबीर जी के अनुसार, ईश्वर की साधना में सबसे बड़ा बाधक कौन है?
(i) लगे-संबंधी व परिवार वाले
(ii) मनुष्य के खुरे कर्म
(iii) विषय-विकार तथा सांसारिक मोह-माया रूपी घर
(iv) अज्ञानता के कायं
उत्तर :
(iii) विषय-विकार तथा सांसारिक मोह-माया रूपी घर कबीर जी के अनुसार, ईश्वर की साधना में सबसे बड़ा बाथक विषय-विकार तथा सांसारिक मोह-माया रूपी घर है। कबीर जी कहते है कि मनुष्य को उसकी विषय-वासनाओं के मति आसक्ति और संसार के प्रति मोह-माया ईश्वर की साधना से रोकते हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
किसी तरह रात बीती। दोनों के हुदय व्यथित थे। किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और उबाऊ दिन गुजरने लगा। शाम की प्रतीक्षा थी। तताँरा के लिए मानो पूरे जीवन की अकेली प्रतीक्षा थी। उसके गंभीर और शांत जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था। वह अचंभित था, साथ ही रोमांचित भी। दिन ढलने के काफी पहले वह लपाती की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच गया। वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था। उसके भीतर एक आशंका भी दौड़ रही थी। अगर वामीरो न आई तो ? वह कुछ निर्णय नहीं कर पा रहा था। सिर्फ प्रतीक्षारत था। बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी। वह बार-बार लपाती के रास्ते पर नज़रे दौड़ाता। सहसा नारियल के झुरमुटों में उसे एक आकृति कुछ साफ हुई। कुछ और …कुछ और। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।
(क) प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर बताइए कि तताँरा कोई भी निर्णय क्यों नहीं कर पा रहा था?
(i) उसका हुदय व्यथित था
(ii) उसके शांत जीवन में पहली बार ऐसा हो रहा था
(iii) उसे आशंका थी कि वामीरो आएगी या नहीं
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार तताँरा समुद्र के किनारे वामीरो की प्रतीक्षा कर रहा था तथा ऐसा उसके जीवन में पहली बार हो रहा था। वह रोमांचित था पर साथ ही अचंभित भी था। इसलिए वह कुछ निर्णय नहीं कर पा रहा था।
(ख) तताँरा लपाती की समुद्री चट्टान पर गया था
(i) पशु-पर्व में सम्मिलित होने के लिए
(ii) वामीरो से मिलने के लिए
(iii) अपने मन को शांत करने के लिए
(iv) गाँववासियों की सहायता करने के लिए
उत्तर :
(ii) वामीरो से मिलने के लिए तताँरा लपाती गाँव की वामीरो से प्रेम करने लगा था। वह वामीरो से मिलने के लिए लपाती की समुद्री चट्टानों पर गया था।
(ग) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) तताँरा और वामीरो दोनों एक-दूसरे से प्रेम करने लगे थे।
कारण (R) तताँरा और वामीरो दोनों का हुदय व्यथित हो रहा था।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है तताँरा और वामीरो एक-दूसरे से प्रेम करने लगे थे। अगले दिन एक-दूसरे से मिलने की उत्क्रठा के कारण दोनों के हृदय व्यथित थे।
(घ) “उसके भीतर एक आकांक्षा भी दौड रही थी”- पंक्ति में ‘उसके’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) वामीरो के लिए
(ii) तताँरा के लिए
(iii) वामीरो की माँ के लिए
(iv) निकोबारी के लिए
उत्तर :
(ii) तताँरा के लिए ‘उसके भीतर एक आकांक्षा भी दौड़ रही थी’ पंक्ति में ‘उसके’ शब्द तताँरा के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ङ) तताँरा की खुशी का ठिकाना किसलिए नहीं रहा?
(i) वामीरो को देखकर
(ii) पशु-पर्व को देखकर
(iii) समुद्र की लहरों को देखकर
(iv) नारियल की आकृति को देखकर
उत्तर :
(i) वामीरो को देखकर गद्यांश के अनुसार, तताँरा वामीरो के उससे मिलने आने को लेकर शंकाग्रस्त था, इसलिए वामीरो को उससे मिलने आता देख तताँरा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का वयन कीजिए।
(क) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ से प्राप्त प्रेरणा को दर्शाति हैं? (1×2=2)
1. यदि मकान की नींव कमजोर हो तो उस पर मंजिलें खड़ी नहीं हो सकतीं।
2. जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
3. प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए हमें वृक्षों को कटने से रोकना चाहिए।
4. हमें प्रत्येक जीव के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए।
कूट
(i) 1 और 3
(ii) 1 और 4
(iii) 1,2 और 3
(iv) 2,3 और 4
उत्तर :
(iv) 2,3 और 4 ‘अब कहों दूसरों के दु:ख से दुखखी होने वाले’ पाठ से हमें प्रेरणा मिलती है कि जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है अर्थात् जो जितना बड़ा होता है, उसका हुदय भी उतना ही विशाल होता है। हमे माकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए कृष्कों को कटने से रोकना चाहिए तथा हमें प्रत्येक जीव के प्रति सहानुमूति रखनी चाहिए।
(ख) चाय पीने की विधि में लेखक को मुख्य वात वया लगी?
(i) कम लोगों का प्रवेश
(ii) स्ताफ-सफाई का विशेष ध्यान
(iii) शाति की व्यखस्था
(iv) चाय परोसने का छंग
उत्तर :
(iii) शांति की व्यवस्था लेखक को याय पीने की विधि में मुख्य बात हाति की व्यवस्था लगी। शाति बनाए रखने के लिए वहाँ तीन से अधिक आदमियों को प्रवेश नहीं दिया जाता था।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) जापान के अस्सी फीसदी लोग तनाव के कारण मन से अस्वस्थ हैं। इसका कारण उनके जीबन की दढ़ती रफ्तार है। अमेरिका से बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के कारण एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में ही पूरा करने की कोशिश की जाती है। ‘झेन की देन’ में किस बात को प्रतिपादित किया गया है? उस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
‘झेन की देन’ में वर्तमान के महत्व को प्रतिपादित किया गया है। मनुष्य के जीवन में मानसिक शांति महत्त्वपूर्ण है। इस शांति को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि मनुष्य अतीत की स्मृतियों तथा भविष्य की सुखद कल्पनाओं में न उलझे। साथ ही अपने सामर्थ्य के अनुसार काम करे और प्रतिस्पर्द्धा के कारण अत्यधिक तनाव न ले। यह तनाव ही मानसिक बीमारियों का कारण बनता है। प्रतिस्पर्द्धा जहाँ एक ओर मनुष्य को प्रगति करने का अवसर प्रदान करती है, वहीं दूसरी ओर इसका नकारात्मक परिणाम व्यक्ति को मानसिक रोगी बना देता है।
इसलिए यह आवश्यक है कि मनुष्य भौतिक उन्नति की दौड़ में इतना अधिक संलग्न न हो कि उसके जीवन की शांति ही भंग हो जाए। यहाँ वर्तमान काल में जीने की प्रेरणा दी गई है, क्योंकि वर्तमान में जीने वाले का जीवन सरल और आदर्शपूर्ण होता है। ऐसा मनुष्य भूत और भविष्य की चिता से मुक्त रहकर जीवन की सारी परेशानियौं सुलझा सकता है।
(ख) “वज़ीर अली की आजादी बहुत खतरनाक है” लेफ्टिनेंट ने ये किन कारणों से कहा? किन लोगों के लिए वज़ीर अली की आजादी सुकून देने वाली थी और क्यों?
उत्तर :
“वज़ीर अली की आजादी बहुत खतरनाक है” लेफ़्टिनेंट ने यह निम्नलिखित कारणों से कहा
- वज़ी अली अंग्रेजों से अत्यधिक नफ़रत करता था।
- उसने अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएँ बनाईं; जैसे-अफगानिस्तान के बादशाह शाहे-जमा को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत देना।
- वज़ीर अली के प्रयासों से अंग्रेजी शासन की समाप्ति का भय होना। बहुत प्रयासों के बाद भी उसे न पकड़ पाना। वजीर अली की आजादी ऐसे सभी देशभक्तों के लिए सुकून देने वाली थी, जो देश को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराना चाहते थे, क्योंकि उन्हें वज़ीर अली में उम्मीद दिखाई देती थी कि वह उन्हें अंग्रेजी शासन से अवश्य मुक्त कराएगा।
(ग) सभी को इस धरती पर रहने का पूरा अधिकार है। स्वार्थी प्रतृत्ति ने मानव को इतना अधिक लालची बना दिया है कि उसने अन्य जीवधारियों को इस धरती से बेदखल कर दिया है। अब वह मानव जाति की भी परवाह नहीं करता। पंक्ति के आधार पर ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दु:खी होने वाले’ पाठ में निहित उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
पाठ में निहित उद्देश्य है कि हमें स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ या उसके स्वरूप में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हमें मानव जाति के साथ-साथ इस धरती पर विद्यमान सभी जीव-जंतुओं से प्रेम-भाव रखना चाहिए। पृथ्वी के वातावरण को स्वच्छ रखने में सभी की भागीदारी होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त हमें बढ़ती आबादी पर रोक लगानी चाहिए, साथ ही प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए हमें वृक्षों को कटने से रोकना चाहिए तथा समय-समय पर नए वृक्ष लगाने चाहिए।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) सुमित्रानंदन पंत के काव्य की विशेष्ताओं पर प्रकाश दालिए। ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
पँत के काख्य की सर्वाधिक महत्चपूर्ण विशेषता शब्दों का सुंदर चयन है, जिससे भावों, मुद्राओं एवं वस्तुओं वा सजीव चित्र उपस्थित हो जाता है। उनकी कोमल मधुर भाषा में तत्सम एवं देशज शब्दो का भरपूर प्रयोग हुआ है। कविता को जीवंत एवं प्रासंगिक बनाने के लिए चन्होंने अपनी कविता में अंग्रेज़ी शब्दों के अतिरिक्त उर्दू एवं फ़ारसी शब्दों का मी प्रयोग किच्या है। हिंदी के सूकुमार कवि पंत ने अपने काय्य में रूपक, उपमा, पुनरक्तिभकाश, अनुमास, मानवीकरण आदि अरंकारों का र्वतंत्र रूप से प्रयोग किया है। इसके कारण सहज एवं सरत भाषा मी अत्यधिक प्रभावी दन गई है। उनके काब्य को पढ़ने से प्रकृति के साक्षात्कार की अनुभूति होती है। प्रसंगवरा माषा ओजपूर्ण होने पर उसकी कोमलता अक्षुण्ण बनी रहती है। वस्तुतः पंत के काल्य का भावपक्ष एवं शिल्पफक्ष दोनों ही अत्यविक समृद्ध है।
(ख) आपके पाठ्यक्रम में किस कविता में मनुष्य को परोपकारी जीवन जीने की प्रेरणा दी गई है? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘मनुष्यता’ कविता में मनुष्य को परोपकारी जीवन जीने की प्रेरणा दी गई है। मैथिलीशरण गुप्त जी कहते हैं कि मनुष्य को परोपकारी जीवन व्यतीत करना चाहिए। उसे अपने या अपनों के हितनचितन से अधिक दूसरों के हित-चितन में संलग्न होना चाहिए। केवल अपने बारे में सोचना पशु-भवृति है अर्थात् जो मनुष्य केवल अपने बारे में सोचता है, वह पशु के समान जीवन जीता है। पशु जब चरागाह में होता है, तो केवल अपने चरने की घिता करता है। मनुष्यों को एक-दूसरे के बारे में सोचना चाहिए, यही मनुष्यता है। उदारता, सहानुमूति तथा बंदुत्व मानवता अर्थात् मनुष्यता के प्रमुख गुण हैं। परोपकारी तथा उदार मनुष्य को दुनिया सदेव याद् रखती है। वे व्यक्ति मरकर भी अमर हो जाते है, जो अपना संपूर्ण जीवन मानद हितार्थ समर्षित कर देते है।
(ग) आपके पाठ्ट्यक्म की कविता ‘आत्मत्राण’ में कवि की क्या कामनाएँ हैं? अपने शब्दों में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
‘आत्मत्राण’ कविता में कवि ईश्वर से यह कामना करता है कि वह उसकी दैनिक जीवन की विपदाओ को दूर करने में मले ही मदद न करें, पर वह इतना अवश्व चाहत्ता है कि वह इन विभदाओं से घबराए नहीं और इन पर विज़य म्राप्त कर सके। वह अपने बल-पौरुष पर भरोसा करता है, वह प्रभु से अठ्ठे स्वास्थ्य की कामना करता है। प्रभु उसे इतना निर्भय बना दें कि वह जीवन में उत्तरदायित्वों के भार को आसानी के साथ वहन कर सके कवि कामना कर्रता है कि प्रभु के प्रति उसकी आस्था अडिग बनी रहे और किसी भी परिस्थिति में वह उन पर संदेह न करे।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) आज की शिक्षा-व्यवस्था में विद्यार्थियों को अनुशासित बनाए रखने के लिए क्या तरीके निर्धारित हैं ‘सपनों के-से दिन’ पाठ में अपनाई गई विधियाँ आज के संदर्भ में कहाँ तक उचित लगती है? जीवन मूल्यों के आलोक में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
‘सपनों के-से दिन’ पाठ में लेखक ने अपने बचपन के दिनों के विद्यालय में अनुशासन के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों का वर्णन किया है। स्कूल में विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए उन्हें भयभीत किया जाता था। अनुशासन के नाम पर शिक्षक निरकुशता तथा निर्दयता की हद तक उतर जाते। ‘ चमड़ी उधेड़ने’ तथा ‘ खाल खींचने’ की धमकी से भी बच्चों को डराया जाता था।
पढ़ाई के नाम पर काम का बोझ विद्यार्थियों पर डाला जाता था। पाठ याद करके नहीं आने वाले विद्यार्थियों को कठोर शारीरिक दंड दिया जाता था। वर्तमान समय में विद्यार्थियों को शारीरिक सजा देने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसे अमानवीय माना गया है। विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए आर्थिक दंड तथा कुछ दिनों के लिए विद्यालय से निलंबन की कार्रवाई भी की जाती है।
(ख) हरिहर काका के भाई उनकी संपत्ति के लिए जान लेने पर उतर आए हैं, तो पुलिस प्रशासन सुरक्षा देने के नाम पर उनका शोषण कर रहा है। ठाकुरबारी और महंत की गतिविधियों से उनका भी स्वार्थी व्यवहार स्पष्ट हो जाता है। “हरिहर काका एक नए शोषित वर्ग के प्रतिनिधि के रूम में दिखाई देते है।” इस कथन पर अपने तर्क प्रस्तुत करते हुए विचार कीजिए।
उत्तर :
हमारी सामाजिक व्यवस्था का यह एक कटु यथार्थ है कि बुढ़ापे का सहारा कही जाने वाली संतानों या परिवार के अन्य लोगों की बेमेल विचारधारा से वृद्ध व्यक्ति त्रस्त होते हैं। सामान्यतः उनके पास कोई संपत्ति या अधिकार नहीं होता, लेकिन हरिहर काका की स्थिति इससे भिन्न दिखाई देती है। हरिहर काका के पास जमीन-जायदाद है, उनका अधिकार भी वास्तविक तौर पर सीमित नहीं है, परंतु वे इस रूप में भी एक नए शोषित वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में दिखाई देते हैं कि उनके सगे भाइयों के परिवार और सामाजिक व्यवस्था ने अपना स्वार्थ साधने के लिए उन्हें शोषण का शिकार एवं खिन्न मनोवृत्ति वाला बना दिया है।
भाई उनकी संपत्ति के लिए जान लेने पर उतर आए हैं, तो पुलिस-प्रशासन सुरक्षा देने के नाम पर उनका शोषण कर रहा है। सामाजिक व्यवस्था में सर्वाधिक पवित्र मानी जाने वाली धार्मिक संस्थाओं का चरित्र भी ठाकुरबारी और महंत की गतिविधियों से स्पष्ट हो जाता है। इस तरह संपत्ति एवं अधिकार संपन्न तथा स्वतंत्र होते हुए भी हरिहर काका परिवार, धर्म एवं समाज द्वारा शोषित एक नए वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में दिखाई देते हैं।
(ग) इप़फ़न और टोपी में घनिष्ठ मित्रता थी। इनकी पहली मुलाकात तब हुई थी, जब टोपी चौथी कक्षा का छत्र था। टोपी के जीवन की यह पहली मित्रता थी। इक़फ़ और टोपी शुक्ला की मित्रता भारतीय समाज के लिए किस प्रकार प्रेरक है? ‘टोपी शुकला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
टोपी और इफ़्फ़न बहुत गहरे मित्र थे। टोपी एक हिंदू परिवार से था, जबकि इफ़्फ़न एक मुस्लिम परिवार से। इसके बावजूद उनकी दोस्ती धर्म और जाति की दीवारों से परे थी। वे एक अदूट बंधन की डोर से बैंधे थे। दोनों अपने सुख-दुख एक-दूसरे से बाँटते थे। टोपी इफ़्फ़न के घर भी जाता था तथा उसकी दादी से उसे बहुत लगाव था।
एक बार घर में माँ को ‘अम्मी’ बोलने व भाई के शिकायत लगाने पर कि टोपी कबाब खाने लगा है, टोपी की जमकर पिटाई होती है। परंतु फिर भी टोपी यह स्वीकार नहीं करता कि वह इफ़्फ़न के घर जाना व उससे मिलना छोड़ देगा। यहाँ लेखक ने यह बताने का प्रयास किया है कि बच्चों में आपसी प्रेम का आधार मजहब नहीं था। इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला की मित्रता भारतीय समाज के लिए प्रेरक है। वर्तमान समय में टोपी और इफ़्फ़न जैसी मित्रता सांप्रदायिक भावना, तनाव, झगड़ों को समाप्त करने में उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5×1=5)
(क) शिक्षक और छात्र का संबंध
संकेत बिंदु –
- शिक्षकों का समाज के लिए महत्व
- शिक्षकों के प्रति छात्रों की भावना
- शिक्षकों एवं छात्र के बीच मधुर संबंच की महता
- उपसंह्रार
उत्तर :
शिक्षक और छात्र का संबंच
किसी भी समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक समाज को एक उचित दिशा प्रदान करता है। शिक्षक केदल सदस्य मात्र न होकर समाज के लिए एक ऐसा महत्त्वपूर्ण वर्ग है, जो भविध्य का स्वरूप निर्धारित करता है। शिक्षक समाज के सदस्यों को सामाजिक रीतियों एवं मानवीय मूल्यों से परिचित करवाता है। वह समाज की नींव तैयार करता है। ऐसे में समाज के सभी सदस्यों का यह कर्ताख्य है कि वे शिक्षकों के प्रति आदर भाव रखें। शिक्षक का छात्रों के साथ प्रत्यक्ष संबब होता है।
कुछ छात्र तो अपने गुरु के प्रति आदर भाव रखते हैं, परंतु कुछ घात्र अपनी अबोधता के कारण शिक्षकों का अपमान करते है। छात्र और शिक्षकों के दीच मयुर संबंधों का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि असंतुष्ट शिक्षक कभी नी अपनी सर्वोतम क्षमता का पदर्शन नहीं कर सकता शिक्षक ही घात्रों का उचित मार्गदर्शन करके उनके मविष्य को उज्जवल बनाने में सहायता करते हैं। अतः छार्रों को सदैव शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि शिक्षक ही छात्रों के सुनहरे भविष्य का आधार है।
(ख) समाज निर्माण में नारी का योगदान
संकेत बिंदु –
- वर्तमान युग में नारी की स्थिति
- भारतीय नारी : शक्ति का पर्याय
- नारी की भूमिका
- उपसंहार
उत्तर :
समाज निर्माण में नारी का योगदान
दर्तमान युग में महिला-पुरुष समानता से संबंधित अनेक चर्चाऐं होती रहती है। वर्तमान युग में नारी की स्थिति पहले की तुलना में बहुत बेहतर हुई है। दे अपने अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति अत्यधिक जागरूक हो गई है। प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएँ पुरुषों के समान भूमिकाएँ निभा रही है। आज की नारी ने अपनी बुन्दि व कॉशल से अनेक भूमिकाओं का एक्साथ निर्वाह कर अपनी क्षमता, आय व प्रतिभा को स्थापित किया है। समाज के निर्माण में नारी की वही भूमिका है, जो पुरुष की है।
समाज का कोई नी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहाँ नारी ने अपनी उपरिथति दर्ज नहीं कराई। अब व्यवसथापिका आदि के रूप में उसने अपनी उपलध्धियों का सशक्त ममाण दिया है। उसने अपने अदम्य बल, शक्ति व साधना से इस पुरुम मधान समाज में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान बनाया है। नारी नवचेतना व नवजागृति की प्रतीक बन गई है। अतः आज जकरत है कि नारी जाति में व्याप्त अशिक्षा और आत्मविश्वास के अभाव को दूर किया जाए, जिससे वे अपनी क्षमताओं का उपयोग समाज निर्माण में कर सर्के।
(ग) मीठी वाणी बोलिए
संकेत बिंदु –
- वाणी की मयुरता का अर्थ
- मधुर वाणी की आवश्यकता
- साहित्यकार के कथन
- उपसंहार
उत्तर :
मीठी वाणी बोलिए
मधुर वाणी मनुष्य को ईश्वर द्वारा प्रदत्त सबसे बड़ा वरदान है। मधुर वबनों का प्रभाय ऐसा है कि हमसे घृणा करने वाला भी हमारे मृदु वच्नों से प्रभाबित होकर स्नेह प्रदर्शित करने लगता है। वाणी की मितास की महिमा का वर्णन हमारे कवियों एवं साहित्यकारों ने अनेक रुपों में किन्या है। क्वीर का क्यन है कि हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए, जिससे मन मसन्न हो जाए, जो दूसरों को भी मसन्न करे तथा जिसके बोलने से मनुष्य के मन में स्ययं भी शीतलता आए। वाणी के संदर्भ में कोयत अपने स्वर की मिठास के कारण सभी को प्रिय तथा कौआ अपने स्वर की कर्कशता के कारण सभी को अभिय लगता है।
यही नहीं, मीटे बोलों की महत्ता इतिहास में प्रसिद्ध है। मधुर वाणी अभ्यास एवं साधना की देन होती है। मधुर वाणी की आवश्यकता सभी को पड़ती है, क्योंकि क्रोध सभी को आता है, लेकिन जो क्रोध को छोड़ संयम के साथ मधुर वधनों का सहारा लेता है, उसके असंभव लगते कार्य भी सरलता से सिद्ध हो जाते हैं। मनुष्य को मीठी वाणी का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि यह बिगड़ी बात को भी बनाने वाली है। अतः हम कह सकले है कि समाज में प्रतिष्ठा, गौरारव ख्याति प्राप्त करने तथा जीवन में उन्नत बनने के लिए मीठी वाणी बोलना आवश्यक है।
प्रश्न 15.
आप ग्यारहवीं कक्षा के छात्र हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को विषय परिवर्तन कराने हेतु एक प्रार्थना-पत्र लगभग 100 शब्द्वों में लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आवारा पशुओं के कारण बढ़ रहे हादसों का वर्णन करते हुए किसी दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
उत्तर :
457, शालीमार बाग,
दिल्ली।
दिनांक 8 जून, 20xx
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी
राजकीय इंटर कॉलिज
मोदीनगर,
गाजियाबाद।
विषय विषय परिवर्तन हेतु।
महोदय,
सादर निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय की ग्यारहवीं कक्षा का छात्र हूँ। मैंने इसी विद्यालय से दसवीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। परीक्षा पास करने के बाद मैं असमंजसता की स्थिति में यह निर्णय नहीं कर पाया था कि मेरे लिए कला, विज्ञान अथवा गणित वर्ग में से कौन-सा वर्ग ठीक रहेगा। मैंने अपने साथियों के आग्रह और अनुकरण से कला वर्ग चुन लिया है, लेकिन पिछले सप्ताह से मुझे यह अनुभव हो रहा है कि मैंने अपनी योग्यता के अनुकूल विषय का चयन नहीं किया है। मुझे गणित विषय में 98 अंक प्राप्त हुए हैं। अतः गणित विषय होना मेरी प्रतिभा के विकास के लिए अधिक उपयुक्त रहेगा। आशा है आप मेरी कला संकाय से गणित संकाय में स्थानांतरण की प्रार्थना स्वीकार करेंगे। मैं इसके लिए सदा आपका आभारी रहूँगा।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
उमाशंकर
कक्षा – ग्यारहवीं ‘अ’
अनुक्रमांक – 26
अथवा
424, मायापुरी,
दिल्ली।
दिनांक 29 मार्च, $20 X X$
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
सेक्टर 62 ,
नोएडा।
विषय आवारा पशुओं से बढ़ते हादसों हेतु।
महोदय,
इस पत्र के माध्यम से मैं सरकार का ध्यान कई इलाकों में आवारा पशुओं के कारण बढ़ रहे हादसों की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। इन दिनों सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार है। अधिकतर सड़क हादसों का कारण भी यही आवारा पशु बन रहे हैं। इनकी वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति बनना तो आम बात है। हालाँकि विगत वर्ष सरकार की ओर से आवारा पशुओं को सड़क से हटाने की व्यवस्था की गई थी। प्रमुख रूप से आवारा कुत्तों एवं गायों आदि को पकड़ने का अभियान चला था, लेकिन अब शायद सरकार भी इस समस्या को समस्या के रूप में नहीं देख रही है। मायापुरी, रघुवीर नगर, जहाँगीरपुरी, पंजाबी बाग, नांगलोई एवं शाहदरा के इलाकों में आवारा पशुओं को घूमते देखा जा सकता है। दो दिन पहले मेरे एक मित्र अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहे थे कि एक आवारा गाय उनके पीछे दौड़ पड़ी। मुश्किल से वे दोनों बचे और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। सरकार को चाहिए कि वह आवारा पशुओं को पकड़ने का बड़े स्तर पर अभियान चलाए ताकि ऐसे हादसों को होने से पहले ही रोका जा सके।
धन्यवाद।
भवदीय
केशव
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 50 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से विद्यार्थियों को विद्यालय परिसर में मोबाइल फोन न लाने संबंधी आदेश देते हुए लगभग 60 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
अथवा
गुमशुदा बच्चे की तलाश हेतु समाचार-पत्र में प्रकाशित करने हेतु लगभग 60 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर :
सेंट्रल स्कूल, कड़कड़डूमा, दिल्ली
दिनांक 28 नवंबर, 20xx मोबाइल फोन के प्रयोग के संदर्भ में आप सभी को सूचित किया जाता है कि किसी भी विद्यार्थी को विद्यालय परिसर में मोबाइल फोन लाने एवं उसका प्रयोग करने की अनुमति नहीं है। विद्यालय में विद्यार्थियों का मोबाइल फोन लाना उचित नहीं है। अतः यदि किसी छात्र या छात्रा के पास मोबाइल फोन पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी और उसे विद्यालय से निष्कासित भी किया जा सकता है। केवल किसी विशेष परिस्थिति में ही किसी छात्र या छात्रा को विद्यालय में मोबाइल फोन लाने की छूट दी जा सकती है, लेकिन उसके लिए प्रधानाचार्य की लिखित पूर्वानुमति अनिवार्य है।
विमल चतुर्वेदी
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अथवा
नेशनल समाचार-पत्र
दिनांक 8 मई, 20xx गुमशुदा बच्चे की तलाश सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि एक बच्चा, जिसका नाम शाहिद, पुत्र अमज़द खान, निवासी 4921 शास्त्री पार्क, दिल्ली, आयु तीन वर्ष, कद …………………. चेहरा गोल, रंग गोरा, आँखें काली, बाल काले, हरे रंग की कमीज और नीले रंग की पैंट तथा पैरों में काले रंग के जूते पहने है, जो दिनांक 2 मई, $20 X X$ से शास्त्री पार्क क्षेत्र से लापता है। उसके दोस्तों के अनुसार वह स्कूल से घर के लिए निकल गया था। इस गुमशुदा बच्चे की कोई सूचना मिलने पर निम्नलिखित ई-मेल पते पर सूचित करें। सूचना देने वाले को उचित पुरस्कार दिया जाएगा।
ई मेल-SP@ x x x . com
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प्रश्न 17.
आपके क्षेत्र में पार्क में लइकियों को आत्मरक्षा के गुण सिखाने हेतु एक कैंप लगाया जा रहा है। इस संबंध में लगभग 40 शब्दों में एक विझापन तैयार कीजिए। (3×1=3)
अथवा
दिल्ली पुस्तक मेले’ के संबंध में लगभग 40 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर :
प्रश्न 18.
‘भाग्य नहीं कर्म फलते हैं’ विषय पर लघु कथा लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आपके मोहल्ले के पार्क में कई अनधिकृत खोंमचे वालों ने डेरा जमा लिया है, उन्हें हटाने के लिए नगर-निगम के अधिकारी को एक ई-मेल लिखिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
उत्तर :