Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 4 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 4 with Solutions
निर्देश
समय : 3 घंटे पूर्णांक : 80
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं–‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। ( 1 x 5 = 5)
उत्तर :
आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है और भाषा संस्कार से बनती है। जिसके जैसे संस्कार होंगे, वैसी उसकी भाषा होगी। जब कोई आदमी भाषा बोलता है, तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं। यही कारण है कि भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत गुरुतर और चुनौतीपूर्ण है। परंपरागत रूप में शिक्षक की भूमिका इन तीन कौशलों ‘बोलना, पढ़ना और लिखना तक सीमित कर दी गई है।
केवल यांत्रिक कौशल किसी जीती-जागती भाषा का उदाहरण नहीं हो सकते हैं। सोचना और महसूस करना दो ऐसे कारक हैं, जिनमें भाषा सही आकार पाती है। इनके बिना भाषा, भाषा नहीं है, इनके बिना भाषा संस्कार नहीं बन सकती, इनके बिना भाषा युगों-युगों का लंबा सफर तय नहीं कर सकती, इनके बिना कोई भाषा किसी देश या समाज की धड़कन नहीं बन सकती। केवल संप्रेषण ही भाषा नहीं है। दर्द और मुस्कान के बिना कोई भाषा जीवंत नहीं हो सकती ।
भाषा हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्त्वपूर्ण साधन है । भाषा के बिना मनुष्य पूर्ण नहीं है। भाषा में ही हमारे भाव, राज्य, संस्कार, प्रांतीयता झलकती है। इस झलक का संबंध व्यक्ति की मानवीय संवेदना और मानसिकता से भी होता है । जिस व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य और मानसिकता जिस स्तर की होगी, उसकी भाषा के शब्द और मुख्यार्थ भी उसी स्तर के होंगे । साहित्यकार ऐसी भाषा को आधार बनाते हैं, जो उनके पाठकों एवं श्रोताओं की संवेदना के साथ एकाकार करने में समर्थ हों।
(क) आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है, क्योंकि (1)
(i) मनुष्य की पूर्णता भाषा द्वारा ही संभव है
(ii) व्यक्ति के मनोभाव भाषा से ही व्यक्त होते हैं
(iii) भाषा का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता
(iv) दर्द और मुस्कान के बिना भाषा जीवित नहीं हो सकती
उत्तर :
(ii) आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है, क्योंकि व्यक्ति के मनोभाव भाषा से ही व्यक्त होते हैं।
(ख) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।कथन (A) जब कोई आदमी बोलता है, तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं।
कारण (R) भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसे कौशलों का विकास करना होता है। (1)
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है ।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) जब कोई आदमी बोलता है, तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं और भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसे कौशलों का विकास करना होता है।
अत: दिए गए विकल्पों में से विकल्प (iii), कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है, सही है।
(ग) गद्यांश में साहित्यकार द्वारा किए गए कार्य का उल्लेख इनमें से कौन-से विकल्प से ज्ञात होता है? (1)
(i) साहित्य समाज का दर्पण है
(ii) साहित्यकार साहित्य सृजन में व्यस्त रहता है
(iii) साहित्यकार सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान बनाता है
(iv) साहित्यकार जन सामान्य की अस्मिता का परिचायक होता है
उत्तर :
(iv) गद्यांश में साहित्यकार द्वारा किए गए कार्य का उल्लेख विकल्प (iv) साहित्यकार जन सामान्य की अस्मिता का परिचायक होता है, से ज्ञात होता है।
(घ) ‘दर्द और मुस्कान के बिना भाषा जीवंत नहीं हो सकती।’ लेखक द्वारा ऐसा कथन दर्शाता है (1)
(i) यथार्थ की समझ
(ii) सामाजिक समरसता
(iii) साहित्य-प्रेम
(iv) भाषा कौशल
उत्तर :
(i) ‘दर्द और मुस्कान के बिना भाषा जीवंत नहीं हो सकती’ लेखक द्वारा ऐसा कथन यथार्थ की समझ को दर्शाता है।
(ङ) भाषा तब सही आकार पाती है, जब (1)
(i) मनुष्य निरंतर उसका अभ्यास करता रहता है
(ii) भाषा को सरकारी समर्थन भी प्राप्त होता है
(iii) भाषा सामाजिक संस्थाओं से प्रोत्साहन प्राप्त करती है
(iv) भाषायी कौशलों के साथ मनुष्य सोचता और महसूस भी करता है
उत्तर :
(iv) भाषा तब सही आकार पाती है, जब भाषायी कौशलों के साथ मनुष्य सोचता और महसूस भी करता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
कृषि में हरी खाद उस सहायक फ़सल को कहते हैं जिसकी खेती मुख्यतः भूमि में पोषक तत्त्वों को बढ़ाने तथा उसमें जैविक पदार्थों की पूर्ति करने के उद्देश्य से की जाती है। प्रायः इस तरह की फ़सल को हरित स्थिति में हल चलाकर मिट्टी में मिला दिया जाता है। हरी खाद से भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और भूमि कौ रक्षा होती है। मृदा के लगातार उपयोग से उसमें उपस्थित पौधे की बढ़वार के लिए आवश्यक तत्त्व नष्ट होते जाते हैं। इनकी क्षतिपूर्ति के लिए और मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने के लिए हरी खाद एक उत्तम विकल्प है। बिना गले-सड़े हरे पौधे (फसलों अथवा उनके भाग) को जब मिट्टी की नत्रजन या जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए खेत में दबाया जाता है तो इस क्रिया को हरी खाद देना कहते हैं।
हरी खाद के उपयोग से न सिर्फ़ जीवांश भूमि में उपलब्ध होता है बल्कि मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा में भी सुधार होता है। वातावरण तथा भूमि प्रदूषण की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। लागत घटने से किसानों कौ आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, भूमि में सूक्ष्म तत्त्तों की आपूर्ति होती है साथ ही साथ मृदा की उर्वरा शक्ति भी बेहतर हो जाती है।
(i) हरी खाद का उपयोग खेतों में क्यों किया जाना चाहिए?
(क) रासायनिक खाद की महँगी लागत से बचने के लिए।
(ख) रासायनिक खाद के जहर से बचने के लिए।
(ग) खेती के पारंपरिक तरीकों को बढ़ावा देने के लिए।
(घ) मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए।
उत्तर:
(क) रासायनिक खाद की महँगी लागत से बचने के लिए।
व्याख्या-हरी खाद का उपयोग करने से भूमि में पोषक तत्त्वों की पूर्ति तो होती ही है और इसके साथ ही किसान रासायनिक खाद की महँगी लागत से बच जाते हैं।
(ii) मिद्टी का उपजाऊपन कैसे कम हो जाता है? ॥।
(क) रासायनिक खाद के उपयोग से।
(ख) समय पर वर्षा न होने से।
(ग) मिट्टी के निरंतर उपयोग से।
(घ) तेज आँधी-तूफान के आने से।
उत्तर:
(ख) समय पर वर्षा न होने से।
व्याख्या-समय पर वर्षा न होने के करण मिट्टी का उपजाऊपन कम हो जाता है।
(iii) “हरी खाद देना ‘ क्रिया कहा जाता है-
(क) खेतों में हरे रंग की खाद का प्रयोग करने को।
(ख) खेतों में ताजी खाद का प्रयोग करने को।
(ग) गलने-सड़ने से पूर्व सहायक फ़सल को खेतों में दबाने को।
(घ) गलने-सड़ने के बाद सहायक फ़सल को खेतों में दबाने को।
उत्तर:
(ख) खेतों में ताजी खाद का प्रयोग करने को।
(iv) हरी खाद के उपयोग से भूमि में क्या परिवर्तन होता है? ह।
(क) भूमि में नमी बढ़ती है।
(ख) वातावरण शुद्ध होता है।
(ग) मिट्टी में जीवांश बढ़ते हैं।
(घ) भूमि की उर्वरता बढ़ती है।
उत्तर:
(ख) , (ग) और (घ) सही हैं।
व्याख्या-हरी खाद के उपयोग से वातावरण शुद्ध होता है तथा मिट्टी में जीवांश और भूमि की उर्वरता बढ़ती है।
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए, उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए: है
कथन (A) : मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने के लिए हरी खाद एक उत्तम विकल्प है।
‘कारण (R) : हरी खाद से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा में सुधार होता है और लागत घटती है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
(क)’ ‘सुलेमान केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे
छोटे-बड़े पशु-पक्षी
के भी हाकिम थे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iv) विशेषण पदबंध
उत्तर :
(i) संज्ञा पदबंध
(ख) ‘जीने मरने वाले मनुष्य तो हो सकते हैं पर सही अर्थों में नहीं।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध होगा
(i) मनुष्य तो हो सकते हैं
(ii) सही अर्थों में नहीं
(iii) जीने-मरने वाले मनुष्य
(iv) जीने-मरने वाले
उत्तर :
(iv) जीने-मरने वाले
(ग) क्रियाविशेषण पदबंध का उदाहरण छाँटिए ।
(i) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं
(ii) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं
(iii) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं।
(iv) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं
उत्तर :
(ii) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं
(घ) ‘अकसर हम या तो गुजरे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं।’ रेखांकित
पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदबंध
उत्तर :
(iv) क्रिया पदबंध
(ङ) खिड़की के बाहर अब असहाय दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तर :
(i) संज्ञा पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) निम्नलिखित में से मिश्र वाक्य चुनकर लिखिए-
(क) निकोबार द्वीप के विभक्त होने की एक लोककथा है जो आज भी दोहराई जाती है।
(ख) निकोबार द्वीप के विभक्त होने की एक लोककथा आज भी दोहराई जाती है।
(ग) आज भी दोहराई जाने वाली एक लोककथा निकोबार द्वीप के विभक्त होने की है।
(घ) निकोबार द्वीप के विभक्त होने की एक लोककथा है और वह आज भी दोहराई जाती है।
उत्तर:
(क) निकोबार द्वीप के विभक्त होने की एक लोककथा है जो आज भी दोहराई जाती है।
व्याख्या-इसमें एक प्रधान वाक्य और एक आश्रित उपवाक्य (जो आज भी दोहराई जाती है) है, इसलिए यह मिश्र वाक्य है।
(ii) “ठण्डी बयार समुद्र से चल रही थी और तताँरा को छू रही थी।’ वाक्य-रचना की दृष्टि से है-
(क) मिश्र वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) सामान्य वाक्य ह
(घ) संयुक्त वाक्य
उत्तर:
(घ) संयुक्त वाक्य
व्याख्या-यह वाक्य रचना की दृष्टि से संयुक्त वाक्य है क्योंकि इसमें दो सरल वाक्य ‘ और ‘ योजक द्वारा जुड़े हैं।
(iii) ‘कॉलम-1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलमा – 1 | कॉलमा – 2 | |
1 | रमन खेलता है और ईशा पढ़ती है। | सरल वाक्य |
2 | बादल घिरते ही मोर नाचने लगा। | संयुक्त वाक्य |
3 | आयुष जैसे ही आया वह, खेलने लगा | मिश्र वाक्य |
विकल्प
(क) 1-(ii), 2-(i), 3-(iii)
(ख) 1-(iii), 2-(ii), 3-(i)
(ग) 1-(i), 2-(ii), 3-(iii)
(घ) 1-(ii), 2-(iii), 3-(i)
उत्तर:
(क) 1-(ii), 2-(i), 3-(iii)
(iv) संयुक्त वाक्य कहलाते हैं-
(क) योजक शब्दों द्वारा जुड़े स्वतन्त्र वाक्य
(ख) योजक शब्दों द्वारा जुड़े आश्रित वाक्य
(ग) योजक शब्दों द्वारा जुड़े निरर्थक वाक्य
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(क) योजक शब्दों द्वारा जुड़े स्वतन्त्र वाक्य
व्याख्या-संयुकत वाक्य में दो स्वतंत्र (सरल) वाक्य योजक शब्दों जैसे-और, किन्तु, परन्तु, इसलिए, या आदि द्वारा जुड़े होते हैं।
(v) मिश्र वाक्य में कौन-से तीन आश्रित उपवाक्य होते हैं?
(क) संज्ञा उपवाक्य, सर्वनाम उपवाक्य, क्रियाविशेषण उपवाक्य
(ख) सर्वनाम उपवाक्य, विशेषण उपवाक्य, क्रियाविशेषण उपवाक्य
(ग) संज्ञा उपवाक्य, विशेषण उपवाक्य, क्रियाविशेषण उपवाक्य
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) संज्ञा उपवाक्य, विशेषण उपवाक्य, क्रियाविशेषण उपवाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
(क) ‘मार्गव्यय’ शब्द / समस्तपद कौन-से समास का उदाहरण है?
(i) द्विगु समास
(ii) कर्मधारय समास
(iii) तत्पुरुष समास
(iv) अव्ययीभाव समास
उत्तर :
(iii) तत्पुरुष समास
(ख) ‘महाजन’- समस्त पद का विग्रह होगा
(i) महान है जो जन
(ii) महा है जो जन
(iii) महान का जन
(iv) जन की महानता
उत्तर :
(i) महान है जो जन
(ग) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्त पद — समास
I. पराधीन — (a) तत्पुरुष समास
II. महात्मा — (b) अव्ययीभाव समास
III. नीलकंठ — (c) बहुव्रीहि समास
IV. सज्जन — (d) द्विगु समास
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?
(i) I और II
(ii) I और III
(iii) II और IV
(iv) III और IV
उत्तर :
(ii) । और III
(घ) ‘यथाशक्ति’ शब्द के लिए सही समास विग्रह और समास का चयन कीजिए ।
(i) यथा और शक्ति – द्वंद्व समास
(ii) यथा की शक्ति – तत्पुरुष समास
(iii) शक्ति के अनुसार अव्ययीभाव समास
(iv) यथार्थ शक्ति का धनी अर्थात् व्यक्ति विशेष – बहुव्रीहि समास
उत्तर :
(iii) शक्ति के अनुसार – अव्ययीभाव समास
(ङ) ‘तिरंगा’ का समास विग्रह एवं भेद होगा
(i) तीन में रंगा – तत्पुरुष समास
(ii) तीन रंग – द्विगु समास
(iii) तीन रंगों के समान कर्मधारय
(iv) तीन रंगों वाला अर्थात् भारत का राष्ट्र ध्वज – बहुव्रीहि समास
उत्तर :
(iv) तीन रंगों वाला अर्थात् भारत का राष्ट्र ध्वज – बहुव्रीहि समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार “मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) बीमारी ने मोहन को लोगों के सामने ………… मजबूर कर दिया।
(क) हाथ फैलाना
(ख) अपना उल्लू सीधा करना
(ग) आवाज उठाना
(घ) आँखें फेर लेना।
उत्तर:
(क) हाथ फैलाना
(ii) माली को देखते ही अमरूद तोड़ते बच्चे बगाचे से… ।
(क) खिलली उड़ाना
(ख) नौ दो ग्यारह होना
(ग) बगलें झाँकना
(घ) भाग जाना
उत्तर:
(ख) नौ दो ग्यारह होना
(iii) सैनिकों ने दुश्मन को ………………. ।
(क) आड़े हाथों लेना
(ख) राह दिखाना
(ग) नीचा दिखाना
(घ) नाकों चने चबाना।
उत्तर:
(घ) नाकों चने चबाना।
(iv) देर रात घर लौटते देखकर बड़े भाई साहब छोटे भाई पर ….. ।
(क) आग-बबूला होना
(ख) तलवार खींच लेना
(ग) बहुत क्रोध में आना
(घ) आवाज उठाना।
उत्तर:
(क) आग-बबूला होना
व्याख्या-देर रात घर लौटते देखकर बड़े भाई साहब छोटे भाई पर आंग-बबूला हो गए। आग बबूला होना अर्थात् क्रोध से उन्मत्त हो जाना है।
(v) रीता की सुन्दर लिखाबट देखकर शिक्षिका ने …………… ली।
(क) तलवार खींचना
(ख) आँखें बिछाना
(ग) दाँतों तले अँगुली दबाना
(घ) आँखे फेरना
उत्तर:
(ग) दाँतों तले अँगुली दबाना
(vi) शिक्षक के बार-बार ……………… पर भी श्याम ने अपनी शैतानी बन्द नहीं की।
(क) आँखें फोड़ना
(ख) दबे पाँव आना
(ग) आड़े हाथों लेना
(घ) आँखें दिखाना
उत्तर:
(घ) आँखें दिखाना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए ।
साँस थमसी गई, नब्ज ज़मती गई,
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया,
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं,
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया,
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों ।
जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
(क) ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ का अर्थ है
(i) हिमालय को सजाना
(ii) शहीदों
(iii) भारत के गौरव को बनाए रखना
(iv) देशवासियों
उत्तर :
(iii) ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ का अर्थ भारत के गौरव को बनाए रखना है।
(ख) कवि द्वारा ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग …………….. के लिए किया गया है।
(i) कवियों
(iii) सैनिकों
(ii) हिमालय की हिफाजत करना
(iv) भारत का गुणगान करना
उत्तर :
(iv) कवि द्वारा ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग देशवासियों के लिए किया गया है।
(ग) मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों’ कवि ने ऐसा कहा है, क्योंकि
(i) सैनिक धरती को दुल्हन की तरह सजा हुआ देखकर प्रसन्न हो गए
(ii) सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा हेतु जोश और साहस से युद्ध किया
(iii) देशवासियों को बार-बार पुकारकर सैनिकों ने उनमें देशभक्ति का भाव जगाया
(iv) सैनिकों ने कभी भी टेढ़ेपन से बातचीत नहीं की, देश रक्षा ही एकमात्र उद्देश्य रहा
उत्तर :
(ii) ‘मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों’ कवि ने ऐसा कहा है, क्योंकि सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा हेतु जोश और साहस से युद्ध किया।
(घ) ‘जान देने की रुत रोज आती नहीं’ का भाव है
(i) सैनिकों के हृदय में जीवित रहने की इच्छा नहीं
(ii) जीवित रहने का समय आनंददायक होना चाहिए
(iii) आत्म बलिदान द्वारा भी देश की रक्षा के लिए तत्पर
(iv) जीवन और मरण सब कुछ ईश्वर की इच्छा पर निर्भर
उत्तर :
(iii) ‘जान देने की रुत रोज आती नहीं’ पंक्ति का भाव यह है कि देश की रक्षा के लिए मर-मिटने के अवसर बार-बार नहीं मिलते और जीवन में जब भी कभी ऐसा अवसर मिले कि हमें अपने देश के लिए आत्म बलिदान करना पड़े, तो हमें उसके लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
(ङ) इस काव्यांश का संदेश यह है कि हमें
(i) हुस्न और इश्क को रुसवा करना चाहिए
(ii) देश को दूसरों के हवाले कर देना चाहिए
(iii) धरती को दुल्हन की तरह सजाना चाहिए
(iv) देश पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहना चाहिए
उत्तर :
(iv) प्रस्तुत काव्यांश का संदेश यह है कि हमें अपने देश पर कुर्बान होने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) तोप अपने बारे में क्या बता रही है?
(क) वह बहुत ही बड़ी है
(ख) वह अब कुछ नहीं कर सकती
(ग) वह अपने वक्त में बहुत शक्तिशाली थी
(घ) वह बहुत ही छोटी-सी है पर कार्य बड़े हैं।
उत्तर:
(ग) वह अपने वक्त में बहुत शक्तिशाली थी
व्याख्या-तोप अपने बारे में यह बता रही है कि वह अपने वक्त में बहुत ही शक्तिशाली थी। उसने अच्छे-अच्छे शूरवीरों के चिथड़े उड़ा दिए थे।
(ii) महर्षि दधीचि की अस्थियों का दिव्यास्त्र किस राक्षस का संहार करने के लिए बनाया गया था?
(क) वृत्रासुर
(ख) मारीच
(ग) कबंध
(घ) कुम्भकरण।
उत्तर:
(घ) कुम्भकरण।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकत्प का चयन कीजिए। (1 x 5 =5)
क्रोध में उसने तलवार निकाली और कुछ विचार करता रहा। क्रोध लगातार अभि्न की तरह बढ़ रहा था। लोग सहम उठे। एक सन्नाटा-सा खिंच गया। जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोप दिया और ताकल से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा। सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया। वह हाँफ रहा था।
अचानक जहाँ तक लकीर खिंच गई थी, वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ों में बँटने लगी हो। एक गड़गड़ाहट-सी गूँजने लगी और लकीर की सीध में धरती फटती ही जा रही थी। द्वीप के अंतिम सिरे तक तताँरा धरती को मानो क्रोध में काटता जा रहा था। सभी भयाकुल हो उठे। लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्पना न की थी, वे सिहर उठे। उधर वामीरो फटती हुई धरती के किनारे चीखती हुई दौड़ रही थी – तताँरा ……….. तताँरा ………… तताँरा उसकी करुण चीख मानो गड़गड़ाहट में डूब गई। तताँरा दुर्भाग्यवश दूसरी तरफ था। द्वीप के अंतिम सिरे तक धरती को चाकता वह जैसे ही अंतिम छोर पर पहुँचा, द्वीप दो टुकझों में विभक्त हो चुका था। एक तरफ तताँरा था दूसरी तरफ वामीरो।
(क) लोगों का सहम जाना किस दात का परिचायक है?
(i) भय
(ii) करुणा
(iii) क्रोष
(iv) प्रसन्तता
उत्तर :
(i) लोगों का सहम जाना भय का परिचायक है।
(ख) तताँरा को कोई राह न सूझने के कारणों पर विचार कीजिए और उचित विकल्प का चयन कीजिए।
1. आत्मसमर्पण का भाय
2. वामीरो से अत्यधिक प्रेम
3. तलवार की दैवीय शक्ति
4. गाँव वालों के प्रति रोष
कृट
(i) 1 और 3
(ii) 1,3 और 4
(iii) केवल 3
(iv) 1,2 और 4
उत्तर :
(iv) तताँरा को कोई राह न सूझने के कारण आत्मसमर्पण का भाव, वामीरो से अत्यधिक प्रेम तथा गाँव वालों के प्रति रोष उत्पन्न होता है।
(ग) निम्नलिखित कथन (A) और कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकलों में से कोई एक विकल्प चुनकर लिखिए। (1)
क्थन (A) लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्यना न की थी।
कारण R ग्रामवासियों ने यह कदापि न सोचा था कि तताँरा की प्रतिकिया इतनी विनाशकारी सिद्ध हो सकती है।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण R कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्पना न की थी तथा ग्रामवासियों ने कभी कल्पना भी न थी कि तताँरा की प्रतिक्रिया इतनी विनाशकारी होगी।
(घ) तताँरा और वामीरो अलग कैसे हुए?
(i) अपमान के डर से
(ii) गाँव वालों के द्बाव में
(iii) पद्यु मेले की भौड्र के कारण
(iv) भूमि के दो भागों में कटने से
उत्तर :
(iv) तताँरा और वामीरो भूमि के दो भागों में कटने से अलग हुए।
(ङ) गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-सा विचार मेल खाता है?
(i) जो मनुष्ब अपने क्रोष को अपने वश में कर सेता है, वह दूसरों के क्रोध से स्वयंभेव बच जाता है- सुकरात
(ii) क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है- प्रेमचंद
(iii) वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है जो क्रोध में भी गलत बात मुँह से नहीं निकालता – शेखसादी
(iv) ईर्व्या, लोभ, क्रोध एवं कठोर वचन-इन चारों से सदा बचते रहना ही वस्तुत: धर्म है – तिरकवल्लुबर
उत्तर :
(ii) गद्यांश के आधार पर यह विचार मेल खाता है कि क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं करता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है- प्रेमचंद। शेष सभी विकल्प असंगत हैं।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए – (1 × 2 = 2)
(i) कौंसिल का सूक्ष्मदर्शी सरकारी विभाग के लिए क्या था? उचित विकल्प का चयन कीजिए।
(1) खुली चुनौती
(2) डराने-धमकाने
(3) एक अभिमंत्रण
(4) उपरोक्त सभी।
विकल्पः
(क) केवल (1)
(ख) केवल (2)
(ग) केवल (3)
(घ) (2) और (4)
उत्तर:
(क) केवल (1)
व्याख्या-कौंसिल की ओर से निकले नोटिस में चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराए जाने तथा स्वतन्त्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाने की बात सरकारी विभाग के लिए खुली चुनौती थी।
(ii) “अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ के लेखक की माँ उन्हें क्या करने के लिए प्रेरित करती थी?
(क) दीया-बाती के समय पेड़ों के पत्ते नहीं तोड़ने के लिए।
(ख) दरिया को सलाम करने के लिए।
(गु) कबूतरों को नहीं सताने के लिए।
(घ) प्रकृति और जीव-जंतुओं से प्रेम करने के लिए।
उत्तर:
(क) दीया-बाती के समय पेड़ों के पत्ते नहीं तोड़ने के लिए।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) परिबार के अनुभवी जनो द्वारा दी गई सीख भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होती है। आयके द्वारा स्पर्श पाठ्यपुस्तक में पढ़े गए पाठ के माध्यम से भी है यह ज्ञात होता है। कहानी के पात्रों के माध्यम से कथन को सिद्ध कीजिए।
उत्तर :
परिवार के अनुभवी जनों द्वारा दी गई सीख भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होती है। बड़े भाई साहब ने लखक का अनुभव का महत्त्व बताते हुए कहा कि हमारे दादा और अम्मा अधिक पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन यह उनका हक है कि हमें समझाएँ। उन्होंने बताया कि तजुरबेदार व्यक्ति चाहे पढ़ा-लिखा न हो, फिर भी वह समझदार होता है। उन्होंने लेखक को समझाया कि पढ़ा-लिखा होना एक बात है और अनुभवी होना एक बात। मैं बड़ा और अनुभवी होने के नाते तुम्हें राह से भटकने नहीं दूँगा और यदि तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं थप्पड़ भी मार सकता हूँ, लेकिन लेखक ने प्रेमपूर्वक अपने भाई साहब की सारी बातें मान ली थीं।
(ख) पाठ्यक्रम में पढ़ी एकांकी द्वारा सिद्ध कीजिए कि मुट्ठी भर आदमी भी बड़ी फौज पर कादू पा सकते हैं।
उत्तर :
एकांकी के आधार पर मुट्ठी भर आदमी भी बड़ी फौज पर काबू पा सकते हैं इसका अर्थ यह है कि वजीर अली मुट्ठी भर लोगों की सहायता से पूरी ब्रिटिश फौज को परेशान कर रहा था। फौज का कर्नल वजीर अली के साहस तथा दृढ़ता से अत्यधिक प्रभावित था, उसने वजीर अली की बहादुरी को निकट से देखा था और उसे पता था कि वजीर अली ने अंग्रेजों को खुली चुनौती दी है। वह किसी से भी डरता नहीं है। इन सब बातों से ही स्पष्ट होता है कि मुट्ठी भर आदमी भी फौज पर काबू पा सकते हैं।
(ग) आशय स्पष्ट कीजिए ‘व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।’
उत्तर :
‘व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है’ इसका आशय यह है कि दुःख मनुष्य को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। शैलेन्द्र द्वारा लिखे गीत दु:ख और करुणा से व्यक्ति को जीवन से निराश होने का संदेश नहीं देते, अपितु वह उसे
कठिनाइयों से घबराए बिना आगे बढ़ने का संदेश देते हैं। कवि ने यही बताया है कि हमें जीवन में कभी भी कठिनाइयों से हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि उनका डटकर सामना करना चाहिए।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) कबीर ने सच्चा भक्त या पंडित किसे कहा है ? पंडित या भक्त होने के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर:
कबीर ने सच्चा भक्त या पंडित उसे कहा है जो प्रभु के विरह में बेहाल हो, प्रभु के प्रेम का अनुभव किया हो। उनका मानना है कि धार्मिक ग्रंथ पढ़ने से कोई सच्चा भक्त या पंडित नहीं बनता, अपितु जिसने ईश्वर-प्रेम का एक भी अक्षर पढ़ लिया है अर्थात् जिसने ईश्वर-प्रेम का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर लिया है वही संसार का सबसे बड़ा विद्वान और ज्ञानी है। इससे स्पष्ट है कि पंडित या भक्त होने के लिए ईश्वर-प्रेमी होना आवश्यक है।
(ii) “तोप’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
- 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम में प्रयुक्त तोप अंग्रेजी शासन की निरंकुशता/शक्ति का प्रतीक शवित पर अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि शक्ति स्थायी नहीं होती हक ः
- तोप अब शक्तिहीन, प्रदर्शन की वस्तु मात्र
- शक्ति को विनाश में नहीं, सृजन में लगाना सार्थक
- इतिहास में की गई गलतियों से सीख लेकर भविष्य में सजग और सतर्क रहने की प्रेरणा।
व्याख्यात्मक हल-
प्रस्तुत कविता शस्त्र शक्ति और बलपूर्वक दमन का विरोध करती है। प्रस्तुत कविता में वर्णित तोप 1857 के स्वतन्त्रता संग्राम में प्रयुक्त हुई है, जो अंग्रेज़ी शासन की निरंकुशता और शक्ति का प्रतीक है लेकिन अपनी इस निरंकुशता व शक्ति पर किसी को भी अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि ये शक्ति स्थायी नहीं होती। तोपों से, तलवारों से जनता की आवाज को कुछ समय के लिए दबाया जा सकता है, हमेशा के लिए नहीं। जनता का विद्रोह समय आने पर बड़ी-बड़ी तोपों का मुँह बन्द कर देता है, बड़े-बड़े अत्याचारियों को उखाड़ ‘फेंकता है। देश के स्वतन्त्रता सेनानियों ने भी निरंकुश अंग्रेजों का शासन उखाड़ फेंका। उसके बाद तो ये तोप भी शक्तिहीन हो चुकी है। केवल प्रदर्शन की वस्तुमात्र रह गई है। ये केवल बच्चों का खिलौना बन चुकी है। इसकी व्यर्थता का उपहास भी उड़ाया जाता है। इससे यह संदेश भी मिलता है कि अपनी शक्ति को कभी भी विनाश के कार्यों में नहीं लगाना चाहिए क्योंकि बुरे का अंत हमेशा बुरा ही होता है। सार्थक कार्यों में लगने पर यह शक्ति विध्वंसक नहीं, सृजनात्मक हो जाती है जो नए उज्ज्वल भविष्य को बनाती है। इस तोप से हमें इतिहास में की गई गलतियों से सीख लेकर भविष्य में सजग और सतर्क रहने की प्रेरणा मिलती है जिससे हम अतीत की गलतियों को फिर से न दोहरा पाएँ।
(iii) “आत्मत्राण’ कविता में किसी सहायक पर निर्भर न रहने की बात कवि क्यों कहता है? कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
-
कवि स्वावलम्बी है और वह अपने बलबूते जीवन की सभी बाधाओं और विपत्तियों का सामना करना चाहता है।
केन्द्रीय भाव- - विपत्ति के समय ईश्वर पर विश्वास बनाए रखना त
- सुख के समय भी ईश्वर को याद खखना
- अप और पुरुषार्थ के बल पर बाधाओं
-
सहायक न मिलने पर भी विचलित न होना।
(उपयुक्त विस्तार अपेक्षित)
व्याख्यात्मक हल-
आत्मत्राण’ कविता में किसी सहायक पर निर्भर न रहने की बात कवि इसलिए कहता है कि यदि ऐसी परिस्थिति आ जाए कि ‘कोई सहायक न भी मिले अर्थात् कोई सहायता करने वाला न हो तो भी उसमें आत्मबल, हिम्मत-साहस और बल पौरुष बना रहे क्योंकि कवि स्वावलंबी है और वह अपने बलबूते जीवन की सभी बाधाओं और विपत्तियों का सामना करना चाहता है। आत्मत्राण’ का अर्थ है-स्वयं अपनी सुरक्षा करना। इस कविता में कवि ईश्वर से सहायता नहीं माँगता। वह ईश्वर को हर दुःख से बचाने के लिए नहीं पुकारता। वह स्वयं अपने दुःख से बचने और उसके योग्य बनना चाहता है। इसके लिए वह केवल स्वयं ‘को समर्थ बनाना चाहता है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) ठाकुर हरिनाम सिंह के तीनो लइको को एहसास था कि वे कलेकटर के बेटे हैं। लेखक द्वारा ऐसा कहा जाना ठफुर हरिनाम सिंह के तीनों बेटों और टोपी के विषय में किस विचारधारा को स्पष्ट करता है?
उत्तर :
ठाकुर हरिनाम सिंह के तीनों लड़कों को एहसास था कि वे कलेक्टर के बेटे हैं। लेखक द्वारा ऐसा कहा जाना ठाकुर हरिनाम सिंह के तीनों बेटों और टोपी के विषय में आज की व्यस्थ विचारधारा को स्पष्ट करता है, जैसे कि ठाकुर हरिनाम सिंह एक पढ़े-लिखे व्यक्ति थे। उसके तीन बेटे हैं-डब्बू, नीलू और गुड्डू। उन तीनों को अपने पिता के कलेक्टर होने का घमंड है। वे पढ़े-लिखे तथा अंग्रेजी भाषा बोलते हैं। वहीं दूसरी तरफ टोपी है, जिसका पढ़ने में मन नहीं लगता वह सीधा-साधा, भावुक और सरल हृदय वाला है। टोपी सिर्फ प्रेम की भाषा समझता है।
(ख) उनकी इस स्थिति ने मुझे चितित कर दिया है। जैसे कोई नाव बीध मझधार में फेसी हो और उस पर सवार लोग चित्ताकर भी अपनी रक्षा ना कर सकते हों, क्योंकि उनकी चिल्लाहट दूर तक फैले सागर के बीच उठती-गिरती लहरों में विलीन हो जाने के अतिरिक्त कर ही क्या सकती है। लेखक के इस क्थन की संदर्भ सहित विवेयना कीजिए।
उत्तर :
संदर्भ प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के (पूरक भाग) मिथिलेश्वर द्वारा रचित अध्याय 1 (हरिहर काका) से लिया गया है। इन पंक्तियों में लेखक ने हरिहर काका की स्थिति के विषय में बताया है। विवेचना प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक हरिहर काका से मिलने उनके घर गया और तबीयत के विषय में पूछा तब हरिहर काका ने सिर उठाकर एक बार लेखक की ओर देखकर सिर झुका लिया, इसके बाद उन्होंने दुबारा सिर नहीं उठाया। लेखक ने हरिहर काका से बात करना शुरू किया और उनकी आँखों में देखा तो उनकी यंत्रणा और मनोदशा के बारे में आँखों ने सब कुछ कह दिया। उनकी इस दशा ने लेखक को चिंतित कर दिया। उन्होंने अपने परिवार के लिए पूरा जीवन बिता दिया, लेकिन आज उनकी स्थिति सागर के बीच विलीन होने वाली नाव जैसी हो गई अर्थात् गाँव और परिवार में इतने सारे लोग होते हुए भी वे अकेले और असहाय हैं, इसीलिए वह निराश है।
(ग) ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर बताइए कि स्कूल की छुट्टियों के शुरू और आखिरी दिनों में बच्चों की दृष्टि में क्या अंतर होता था? क्या यही स्थिति आपकी भी होती है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर स्कूल की छुट्टियों के शुरू और आखिरी दिनों में बच्चों की दृष्टि में यह अंतर होता था कि जब छुट्टियाँ पड़ती हैं तो उन्हें बहुत खुशी होती है और वह अपनी योजना बनाते हैं कि इन छुट्टियों में हमें क्या-क्या मस्ती करनी है, उसी प्रकार जब हमारी स्कूल की छुट्टियाँ होती हैं तो हम भी यह सोचने लगते हैं कि इन छुट्टियों में हमें क्या-क्या काम करने हैं। हम ‘अपनी नानी के घर जाएँगे और बहुत मस्ती करेंगे और जैसे-जैसे छुट्टियाँ बीतने लगती हैं तो मास्टर जी द्वारा दिया गया गृहकार्य सारी मस्ती में बाधा डालने लगता है, तब हमारा मन भटकने लगता है कि स्कूल का काम करें या न करें। हमारे साथ वाले कुछ मित्र ऐसे होते हैं जो काम करने की बजाय मास्टर जी की पिटाई को अधिक सस्ता सौदा समझते हैं तो कभी-कभी हम भी उनको अपना नेता मान लेते हैं और काम की जगह पिटाई को महत्त्व देते हैं।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) नाटक मंचन के दौरान जब मैं अपने संवाद भूल गया/गई
मेरी मन स्थिति
दर्शकों का उत्साहवर्धन
सफ़लतापूर्वक नाटक की समाप्ति
उत्तर:
मुझे विद्यालय में नाटक खेलना बहुत आवश्यक था, क्योंकि विद्यालय में वार्षिकोत्सव में मेरा नाटक था। मुझे मंच पर नाटक करना था। मेरे मित्र भी अपना अभिनय सही-सही कर रहे थे। परन्तु एक मेरी मित्र रीना ऐसी ही थी। मुझे उसके अभिनय पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था। वह स्वयं अभिनय इसलिए नहीं कर पा रही थी क्योंकि वह खेलते समय गिर गई थी। उसे चोट लगी थी। समय केवल एक सप्ताह का शेष बचा था। मैंने अपने मित्रों को पूर्वाभ्यास के सात दिनों में अच्छी तरह नाटक के पात्रों का अभिनय समझा दिया था, जिसमें रीना, टीना अभिनय कर रहे थे। खैर मंच पर प्रदर्शन का दिन और समय भी आ गया। मेरा दिल तो बहुत जोरों से धड़क रहा था। जैसे ही नाटक शुरू हुआ नाटक करते-करते मैं अपने संवाद को भूल गई और चुप हो गई। उसके बाद सभी दर्शक मुझे ध्यान से देखने लगे। मैं सोचने लगी कि अब क्या होगा ? परन्तु मेरे मित्र अपने दिमाग से आगे-आगे खुद ही संवाद जोड़ते चले गए और नाटक पूरा कर दिया। सभी दर्शकों ने हम सभी का बहुत ही उत्साहवर्धन किया। मुझे यह सब देखने में बहुत मज़ा आया। इस प्रकार हमारे नाटक की सफलतापूर्वक समाप्ति हुई। मैं उस दिन को कभी भूल नहीं सकती।
(ii) वर्षा की पहली पुकार
तन-मन की प्रसन्नता
प्रकृति द्वारा वर्षा का स्वागत
आस-पास का दृश्य
उत्तर:
बरसात के दिन किसी भी अन्य दिन से अलग होते हैं। वे सभी के लिए अलग-अलग महत्त्व रखते हैं। लोगों के पास वर्षा ऋतु के आने का बेसब्री से इंतजार करने के अलग-अलग कारण होते हैं। आखिरकार, यह सभी के लिए एक राहत की साँस लाती है। मैं परीक्षा देने के डर से सुबह उठी, जिसके लिए मैं बिल्कुल तैयार नहीं थी। मैंने परीक्षा रद्द करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। जैसे ही मैं तैयार हुई तेज बारिश होने लगी। मैं तैयार होकर अपने पिता के साथ स्कूल गई, और मेरे आश्चर्य का ठिकाना ही नहीं था। जब हमें पता चला कि उस दिन बारिश के कारण स्कूल बंद था। मैं सातवें आसमान पर थी, अब मुझे परीक्षा उस दिन नहीं देनी थी। मैं अपने पिता के साथ वापस आ गई। घर आकर तुरंत मैंने अपनी स्कूल यूनिफार्म बदली और अपने घर के कपड़ों में आ गई फिर मैं अपनी छत पर बारिश की बूँदों का मजा लेने लगी। माँ बार-बार आवाजें लगा रही थी, कि बीमार हो जाओगी, लेकिन मैंने एक न सुनी। मुझे बारिश में भीगना बहुत ही अच्छा लगता है। मैंने अपने भाई-बहिनों के साथ बारिश में खूब मज़े किए। हमने कागज की नावें भी बनाई। माँ ने प्याज व आलू के पकौड़े बनाए। हमने गर्मागर्म पकौड़ों का आनंद लिया। यह वास्तव मैं मेरी सबसे यादगार बारिश के दिनों में से एक था। प्रकृति सुंदर है और इसके कई रूप और दृश्य हैं जिनमें से प्रत्येक एक-दूसरे से अलग होते हैं और उनकी सुंदरता में भिन्नता है। बारिश उनमें से एक है जो दुःख या शोकपूर्ण समय में खुशी और कृतज्ञता की वास्तविक भावना देती है। जगह-जगह वर्षा से तालाब व सड़कों पर पानी भरा दिखाई दे रहा था। बच्चे वर्षा का आनंद ले रहे थे। प्रकृति का दृश्य बहुत ही लुभावना था।
(iii) समाचार-पत्रों का कोई विकल्प नहीं
जानकारी का सस्ता और सुलभ साधन
समाचार-पत्रों के प्रकार
समाचार-पत्रों के लाभ
उत्तर:
वर्तमानकाल में यदि संसार के किसी भी कोने में कोई घटना घटित हो तो उसके अगले दिन हमारे पास उसकी खबर आ जाती है। आज के समय में बिना समाचार-पत्र के जीवन की कल्पना करना भी काफ़ी कठिन है। समाचार-पत्र, राजनितिज्ञों, सामाजिक मुद॒दों, पूर्वाग्रहों, खेल अन्तर्राष्ट्रीय समाचार, विज्ञान, शिक्षा, व्यवसाय, अभिनेता, मेलों, त्योहारों, तकनीकों आदि की जानकारी हमें देता है। यह हमारा ज्ञान कौशल और तकनीकी जागरूकता को बढ़ाने में भी हमारी सहायता करता है। समाचार-पत्र जानकारी का सस्ता और सुलभ साधन है। समाचार पत्र कई प्रकार के होते है- प्रादेशिक या क्षेत्रीय समाचार, राष्ट्रीय समाचार, अंतर्राष्ट्रीय समाचार, विशिष्ट समाचार, व्यापी समाचार, डायरी समाचार, सनसनीखेज समाचार। समाचार-पत्र न केवल आस-पास के क्षेत्र के बारे में जानकारी देता है, बल्कि शब्दावली में सुधार, सामान्य जानकारी को उन्नत करने और मनोरंजन प्रदान करने सहित कई लाभ प्रदान करता है। समाचार-पत्र लोगों की आवश्यकताओं और जुरूरतों के अनुसार लोगों के एक से अधिक उद्देश्यों की निगरानी करता है। समाचार-पत्र बहुत ही प्रभावी व शक्तिशाली होते हैं। अपेक्षाकृत अन्य की तुलना में इसकी कौमत बहुत कम होती है यह हममें रिश्ते की स्थिति को विकसित करता है, हमारे प्रभाव में सुधार करता है।
प्रश्न 15.
आप विद्यालय के हिंदी संघ के सचिव रजत चट्टोपाध्याय और श्वेता बट्टोपाध्याय हैं। अपने वियालय के प्रधानाधार्य को पत्र लिखिए जिसमें पुस्तकालय में हिंदी की अच्ची पुस्तके व पत्रिकाएँ मैगवाने के लिए निवेदन किया गया हो। (5 x 1 = 5)
अथवा
आप शौर्य शर्मा/शारवी शर्मा हैं। नवभारत टाइम्स के संपादक को पत्र लिखिए जिसमें सझक दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव हों।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 20 जनवरी, 20XX
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी
डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल
दरियागंज
नई दिल्ली
विषय पुस्तकालय में हिंदी की अच्छी पुस्तकें व पत्रिकाएँ मँगवाने हेतु पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के हिंदी संघ का सचिव हूँ और मैंने पुस्तकालय की पुस्तकों को देखा है। जिनसे मुझे यह ज्ञात हुआ है कि पुस्तकालय में ज्ञान-विज्ञान व खेल संबंधी हिंदी की पुस्तक और पत्रिकाओं का अभाव है। यहाँ अंग्रेजी की अनेक पुस्तक तथा पत्रिकाएँ आती हैं, लेकिन कई बच्चे अंग्रेजी नहीं समझ पाते हैं। तो उनके लिए पुस्तकालय में हिंदी की पुस्तक और पत्रिकाओं का होना आवश्यक है।
अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि पुस्तकालय में हिंदी की अच्छी पुस्तकें तथा पत्रिकाएँ नियमित रूप से मँगवाई जाएँ, ताकि अधिक-से-अधिक छात्र उनको पढ़कर ज्ञान ग्रहण कर सकें।
सधन्यवाद।
भवदीय
रजत चट्टोपाध्याय
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 28 फरवरी, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय
नवभारत टाइम्स
दिल्ली।
विषय सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के द्वारा सरकार और समाज का ध्यान सड़क दुर्घटनाओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। आशा है कि आप इसे जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे। इन दिनों सभी जगहों पर सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है और वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं।
मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मेरी बातों को सरकार तथा जनता तक पहुँचाने का कष्ट करें। प्रातः 8: 00 से 12: 00 बजे तक और शाम को
5: 00 से 8:00 बजे तक सभी व्यस्त चौराहे पर यातायात पुलिस के सिपाही तैनात रहें व नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों का चालान काटें और उन्हें सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली हानि के विषय में बताएँ।
अतः मेरा सभी लोगों से अनुरोध है कि वाहन की गति सीमा निर्धारित रखें और अपने साथ-साथ दूसरों की भी जिंदगी बचाएँ। सधन्यवाद।
भवदीय
शौर्य शर्मा
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए- (4 × 1 = 4)
(i) आपकी सोसायटी में आगामी माह के अंतिम सप्ताह में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। सोसायटी सचिव की ओर से इस जानकारी को लोगों को पहुँचाने के लिए लगभग 60 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
अग्रदूत सोसायटी, आदर्श नगर दिल्ली
सूचना
xx/xx/xxxx
दिनाक – 20 मार्च, 20xx
निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर सूचना
सोसायटी के सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि आगामी माह के अंतिम समय में दिनांक 25/4/xx से 30/4/xx तक सोसायटी में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में आँख, नाक और कान के विशेषज्ञ चिकित्सक आएँगे। साथ ही निःशुल्क दवाइयाँ भी वितरित की जाएँगी।
सभी इच्छुक लाभार्थी शिविर में आकर जाँच करा सकते हैं। इस आयोजन का समय सुबह 10:00 बजे से साय॑ 4:00 बजे तक रहेगा।
सचिव
अथवा
(ii) आप दसवीं कक्षा के अर्पित/अर्पिता हैं। भोजनावकाश के दौरान खेल के मैदान में आपका ब्लेजर (कोट) कहीं छूट गया। उससे संबंधित जानकारी देते हुए लगभग 60 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
एस, एस. कॉन्वेंट विद्यालय
कमला नगर आगरा, उ.प्र.
सूचना
दिनांक ……… खोया-पाया के संदर्भ में
सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय मैदान में दसर्वी कक्षा कौ अर्पिता का (मेरा) भोजनावकाश के दौरान ब्लेज़र (कोट) कहीं छूट गया है। उस ब्लेजर में मेरी लाल रंग की एक सोनाटा की घड़ी रखी हुई है तथा आधार कार्ड भी रखा हुआ है जो मेरी आगामी परीक्षा के लिए अत्यन्त आवश्यक है। जिस किसी को मिले तो खोया-पाया विभाग में शर्मा सर को दे दें।
आज्ञा से
अर्पिता
कक्षा दसर्वी
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4 x 1 = 4)
आपकी एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक विद्यालय में कहीं खो गई है। उसे लौटाने की अपील करते हुए 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
अथवा
आप बाल भवन के निदेशक अतुल अग्निहोत्री हैं। ग्रीष्मावकाश में बाल भवन द्वारा आयोजित बाल चित्रकला कार्यशाला के लिए 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
उत्तर:
केन्द्रीय विद्यालय, द्वारका, नई दिल्ली
दिनांक : 15 मई, 20xx गणित की महत्त्वपूर्ण पुस्तक खो जाने के संबंध में विद्यालय के सभी छात्रगण, मेरे प्रिय सहपाठी व विद्यालय के कर्मचारीगण कृपया ध्यान दें। मैं कविता कक्षा 10 वीं ‘ब’ की छात्रा हूँ मेरी गणित की पुस्तक दुर्भाग्यवश मेरी लापरवाही के कारण विद्यालय में कहीं खो गई है। जिस किसी भी छात्र सहपाठी व कर्मचारी को वह पुस्तक मिले तो कृपया वह पुस्तक मेरी कक्षा के रूम नंबर 19 , दूसरी मंजिल ‘ए’ ब्लॉक में पहुँचाने का कष्ट करें या फिर विद्यालय कार्यालय में जमा करा दें। आपकी अति कृपा होगी।
पुस्तक का नाम : 10 वीं कक्षा गणित
|
अथवा
बाल भवन, नई दिल्ली
दिनांक : 5 जून, 20xx
बाल भवन में आने वाले सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि 11 जून, 20xx को बाल भवन सभागार में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जो इच्छुक छात्र चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं, तो वह भाग ले सकते हैं। कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक छात्रों को पहले नाम पंजीकरण कराना आवश्यक है। इच्छुक छात्र कमरा नंबर 16 में जाकर अपना नाम लिखवा सकते हैं।
धन्यवाद
|
प्रश्न 17.
योग को बढ़ावा देते हुए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए। (3 x 1 = 3)
अथवा
अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर :
अथवा
प्रश्न 18.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में लघचुकथा/ई-मेल लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) “रमेश बाबू ने बड़े ही मन से पुत्र के लिए मोबाइल खरीदा।’ पंक्ति को आधार बनाकर लगभग 100 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए।
उत्तर:
लघुकथा लेखन
रमेश एक शहर में रहता था। उसका परिवार बहुत ही खुशहाल था। परिवार में एक बेटा व एक बेटी थी। बेटे का नाम रोहन व बेटी का नाम रीता था। रमेश पुत्री से अधिक पुत्र को प्यार करता था। उसे यह मालूम था कि वह उसका सहारा बनेगा। रोहन कक्षा छठी का छात्र था। पिता ने उसे लाड़-प्यार में बिगाड़ दिया। रोहन के जन्मदिन पर पिता ने स्मार्टफ़ोन उपहार में दिया। रोहन का मन पढ़ाई से दूर हो गया था। वह दिन भर मोबाइल पर लगा रहता। न ही स्कूल का काम करता न ही पढ़ाई करता। वह पढ़ाई में कक्षा के विद्यार्थियों से पिछड़ गया और परीक्षा में फ़ेल हो गया। रीता पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। समय से अपना गृहकार्य तथा पढ़ाई करती थी। वह कक्षा पाँच में प्रथम श्रेणी में पास हुई। यह देखकर रमेश को बहुत ही दुःख हुआ। परन्तु अब कया करता। क्योंकि मोबाइल तो पुत्र को उसने ही दिलाया था। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उस दिन से वह रीता को अधिक प्यार करने लगा। एक दिन उसने रोहन की बहुत पिटाई की और उससे मोबाइल छीन लिया तथा अपने पुत्र, को पास बिठाकर समझाया। कुछ ही दिनों में रोहन सँभल गया, और पढ़ाई पर ध्यान देने लगा तथा वह परिश्रमी छात्र हो गया। इसलिए हमें बच्चों की जिद पूरी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उपहार भी सोच समझकर दिलाना चाहिए।
अथवा
(ii) मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी जारी किए जाने के कारण जिला प्रशासन ने दो दिन के लिए शिक्षण-संस्थाओं को बंद रखने का निर्देश दिया है। स्कूल प्रधानचार्य की ओर से लगभग 100 शब्दों में, अभिभावकों तक इस जानकारी को पहुँचाने के लिए विद्यालय की वेबसाइट पर डालने हेतु एक ई-मेल तैयार कीजिए।
उत्तर:
ई-मेल लेखन
To,
[email protected]
From:
[email protected]
CC: …….
BCC: ……
प्रिय अभिभावक,
जनपद में अत्यधिक बारिश होने के कारण जल भराव व ओलावृष्टि की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन अधिकारी महोदय के आदेशानुसार स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। क्योंकि इस समय बारिश की वजह से सड़कों पर पानी भर जाता है तथा सीवर लाइन के गड्डे तक दिखाई नहीं देते जिस कारण दुर्घटना होने की सम्भावना अधिक रहती है। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश के कई भागों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। डी.एम. ने स्कूलों को दो दिन दिनांक 10 अक्टूबर 20xx से 11 अक्टूबर 20xx तक कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है।
आज्ञा से
प्रधानचार्य