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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 3 with Solutions
निर्देश
समय : 3 घंटे पूर्णांक : 80
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पदिए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़र इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1 x 5=5)
संस्कृतियों के निर्माण में एक सीमा तक देश और जाति का योगदान रहता है। संस्कृति के मूल उपादान तो प्रायः सभी सुसंस्कृत और सभ्य देशों के एक सीमा तक समान रहते हैं, किंतु बाह्य उपादानों में अंतर अवश्य आता है। राष्ट्रीय या जातीय संस्कृति का सबसे बड़ा योगदान यही है कि वह हमें अपने राष्ट्र की परंपरा से संपृक्त बनाती है, अपनी रीति-नीति की संपदा से विच्छिन्न नहीं होने देती। आज के युग में राष्ट्रीय एवं जातीय संस्कृतियों के मिलन के अवसर अति सुलभ हो गए हैं, संस्कृतियों का पारस्परिक संघर्ष भी शुरू हो गया है।
कुछ ऐसे विदेशी प्रभाव हमारे देश पर पड़ रहे हैं, जिनके आतंक ने हमें स्वयं अपनी संस्कृति के प्रति संशयालु बना दिया है। हमारी आस्था डिगने लगी है। यह हमारी वैचारिक दुर्बलता का फल है। अपनी संस्कृति को छोड़, विदेशी संस्कृति के विवेकहीन अनुकरण से हमारे राष्ट्रीय गौरव को जो ठेस पहुँच रही है, वह किसी राष्ट्रप्रेमी जागरूक व्यक्ति से छिपी नहीं है। भारतीय संस्कृति में त्याग और ग्रहण की अद्भुत क्षमता रही है। अत: आज के वैज्ञानिक युग में हम किसी भी विदेशी संस्कृति के जीवंत तत्त्वों को ग्रहण करने
में पीछे नहीं रहना चाहेंगे, किंतु अपनी सांस्कृतिक निधि की उपेक्षा करके नहीं। यह परावलंबन राष्ट्र की गरिमा के अनुरूप नहीं है। यह स्मरण रखना चाहिए कि सूर्य की आलोकप्रदायिनी किरणों से पौधे को चाहे जितनी जीवनीशक्ति मिले, किंतु अपनी जमीन और अपनी जड़ों के बिना कोई पौधा जीवित नहीं रह सकता। अविवेकी अनुकरण, अज्ञान का ही पर्याय है।
(क) राष्ट्रीय या जातीय संस्कृति का सबसे बड़ा योगदान है
(i) वह हमें अपने अतीत से जोड़े रखती है
(ii) वह हमें अपने राष्ट्र की परंपरा और रीति-नीति का केवल बोध कराती है
(iii) वह हमें अपने कर्त्तव्य से जोड़े रखती है
(iv) वह हमें अपने राष्ट्र की परंपरा और रीति-नीति से जोड़े रखती है
उत्तर :
(iv) वह हमें अपने राष्ट्र की परंपरा और रीति-नीति से जोड़े रखती है गद्यांश में स्पष्टतः कहा गया है कि राष्ट्रीय या जातीय संस्कृति का सबसे बड़ा योगदान यही है कि वह हमें अपने राष्ट्र की परंपरा से संपृक्त (संबद्ध) बनाती है और अपनी रीति-नीति की संपदा से विच्छिन्न नहीं होने देती अर्थात् उससे जोड़े रखती है।
(ख) गद्यांश हमें सीख देता है
(i) अपनी संस्कृति में पूर्ण विश्वास करने की
(ii) अपनी जमीन व जड़ों से जुड़े रहने की
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) विवेकहीन अनुकरण करने की
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों प्रस्तुत गद्यांश हमें अपनी संस्कृति में पूर्ण आस्था रखने का संदेश देता है और हमें हमेशा अपनी जमीन व जड़ों से जुड़े रहकर अन्य संस्कृतियों का विवेकहीन अनुकरण नहीं करना चाहिए।
(ग) आधुनिक युग में संस्कृतियों में परस्पर संघर्ष प्रारंभ होने का प्रमुख कारण क्या है?
(i) विरोधी संस्कृतियाँ एक-दूसरे के निकट आई हैं
(ii) विरोधी संस्कृतियों ने सीमाओं का अतिक्रमण प्रारंभ कर दिया है
(iii) भिन्न संस्कृतियों के निकट आने के कारण
(iv) कुछ संस्कृतियाँ संघर्ष की भावना से ग्रस्त रहती हैं
उत्तर :
(iii) भिन्न संस्कृतियों के निकट आने के कारण आधुनिक युग में राष्ट्रीय या जातीय संस्कृतियों के मिलन के अवसर अति सुलभ हो गए हैं, जिसके कारण संस्कृतियों का पारस्परिक संघर्ष शुरू हो गया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि भिन्न संस्कृतियों के निकट आने के कारण अतिक्रमण एवं विरोध स्वाभाविक है।
(घ) हम विदेशी संस्कृति के महत्त्वपूर्ण तत्त्वों को ग्रहण कर सकते हैं
(i) वैज्ञानिक युग की माँग के कारण
(ii) भारतीय संस्कृति के त्याग एवं ग्रहुण की अद्भुत क्षमता के कारण
(iii) भारतीय संस्कृति के लेन-देन में विश्वास रखने के कारण
(iv) विदेशी संस्कृति के जीवंत तत्त्वों द्वारा हमारी संस्कृति को समृद्ध करने के कारण
उत्तर :
(ii) भारतीय संस्कृति के त्याग एवं ग्रहण की अदुभुत क्षमता के कारण गद्यांश के अनुसार, हम विदेशी संस्कृति के महत्त्वपूर्ण तत्त्वों को ग्रहण कर सकते हैं, क्योंकि भारतीय संस्कृति में त्याग एवं ग्रहण की अद्भुत क्षमता है।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) हम अपनी सांस्कृतिक संपदा की उपेक्षा कर रहे हैं।
कारण (R) हम वैचारिक रूप से दुर्वल हो गए हैं।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है।
उत्तर :
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है विदेशी प्रभाव के कारण आज हम अपनी ही सांस्कृतिक संपदा की उपेक्षा करने में लगे हैं। वस्तुतः यह हमारी वैचारिक दुर्बलताओं का परिणाम है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
अनुभवी व्यक्तियों का कहना है, लक्ष्य चुनना ही काफ़ी नहीं होता, बल्कि उसे जितनी जल्दी चुना जाए, उतना ही बेहतर है। कई बड़े काबिल लोग लक्ष्य चुनने में इतनी देर कर देते हैं कि उसे हासिल करने के लिए जीवन में समय ही नही बचता। इसीलिए स्कूली स्तर पर ही भाषा, गणित, विज्ञान समेत सभी विषयों के साथ-साथ खेल-कूद, नृत्य-संगीत जैसी विधाओं को भी पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाता है, ताकि कच्ची उम्र से ही बच्चे अपनी रुचि के अनुरूप जीवन का लक्ष्य तय कर उस दिशा में आगे बढ़ सकें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अपने शौक को लक्ष्य और फिर पेशे के रूप में चुनने से सफ़लता सुनिश्चित हो जाती है, क्योंकि इन्हें हासिल करने में इंसान अपना दिल, दिमाग और ताकृत लगा देता है। लक्ष्य-निर्धारण में देरी का अर्थ ही दूसरों से पिछड़ना है। आमतौर पर बच्चे कहते हैं कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनियर या आई,ए.एस. बनूँगा, लेकिन इससे आगे बढ़ने का प्रयास नहीं करते। स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने तो किशोरावस्था में ही गायिका बनने का प्रयास शुरू कर दिया था और इतिहास रच दिया। तय है, लक्ष्य के साथ जीना सीखने वाले मुड़कर नहीं देखते। कई सारे उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि सफ़लता का बड़ा हिस्सा लक्ष्य निर्धारण में जल्दी या देरी पर टिका है। महज आठ वर्ष की आयु में अमेरिकी तैराक माइकल फेलप्स ने तैराकी में ओलिम्पिक पदक जीतने का लक्ष्य साधा और आगे चलकर कुल अट्ठाईस पदक जीतकर ओलिम्पिक रिकॉर्ड कायम कर दिया। शिवाजी महाराज ने कहा था ‘एक छोटा कदम लक्ष्य-निर्धारण की ओर बाद में सम्पूर्ण लक्ष्य हासिल करा देता है।” इसलिए सोच-विचार में समय गँवाने के बजाए लक्ष्य चुनिए और उड़ान भरना शुरू कीजिए।
(i) अनुभवी व्यक्तियों का लक्ष्य-चयन के विषय में क्या मत है?
(क) लक्ष्य सोच-विचार कर शीघ्र निर्धारित करना चाहिए।
(ख) लक्ष्य-निर्धारण करने में बड़ों की सलाह लेनी चाहिए।
(ग) लक्ष्य-निर्धारण करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
(घ) लक्ष्य-निर्धारण आर्थिक लाभ को देखकर किया जाना चाहिए।
उत्तर:
(घ) लक्ष्य-निर्धारण आर्थिक लाभ को देखकर किया जाना चाहिए।
(ii) स्कूली स्तर पर विभिन्न विषयों के साथ अन्य विधाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों बनाया जाता है?
(क) बच्चों के दिमाग को कुछ समय आराम मिल सके।
(ख) बच्चे रुचि के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ सकें।
(ग) बच्चों को अन्य विधाओं की जानकारी मिल सके।
(घ) बच्चों का पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन भी हो सके।
उत्तर:
(ग) बच्चों को अन्य विधाओं की जानकारी मिल सके।
(iii) गद्यांश में लेखक ने प्रसिद्ध व्यक्तियों के उदाहरण क्यों दिए हैं?
(क) उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करने के लिए।
(ख) सही उम्र में लक्ष्य-निर्धारण की महत्ता समझाने के लिए।
(ग) उनकी तरह परिश्रम कर महान् बनने के लिए।
(घ) उनके जीवन के इतिहास से परिचित कराने के लिए।
उत्तर:
(ग) उनकी तरह परिश्रम कर महान् बनने के लिए।
(iv) गद्यांश में प्रयुक्त ‘उड़ान भरना ‘ का अर्थ है-
(क) सपने देखना
(ख) कल्पना करना
(ग) हवाई यात्रा करना
(घ) कोशिश करना
उत्तर:
(ग) हवाई यात्रा करना
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए: ह॥
कथन (A) – अपने शौक को लक्ष्य और पेशा बनाने से सफ़लता सुनिश्चित हो जाती है।
कारण (R) – एक छोटा कदम लक्ष्य-निर्धारण की ओर बाद में सम्पूर्ण लक्ष्य हासिल करा देता है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
व्याख्यात्मक हल:
अनुभवी व्यक्ति का कहना है कि लक्ष्य चुनना ही काफ़ी नहीं होता बल्कि उसे जितनी जल्दी चुना जाए, उतना ही बेहतर है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4=4)
(क)
कबीरदास जी
के अनुसार कस्तूरी नामक सुगंधित पदार्थ हिरण की नाभि में ही होता है। रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(iv) विशेषण पदबंध
उत्तर :
(i) संज्ञा पदबंध
(ख) ‘मीराबाई श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य पर अत्यंत मोहित है।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध है
(i) मीराबाई
(ii) श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य
(iii) अत्यंत
(iv) मोहित
उत्तर :
(ii) श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य
(ग) क्रिया पदबंध का उदाहरण छाँटिए
(i)
बड़े भाई साहब
उपदेश देने की कला में निपुण थे।
(ii) बृजलाल गोयनका ने 200 आदमियों के साथ
जुलूस निकाला
।
(iii) सुभाष बाबू
बड़े जोर से
वंदेमातरम बोलते थे।
(iv) कलाकार का
कर्त्तव्य दर्शकों
की रुचि में सुधार करना है।
उत्तर :
(ii) बृजलाल गोयनका ने 200 आदमियों के साथ जुलूस निकाला।
(घ) “
जापान के अस्सी फीसदी लोग
तनाव के कारण मन से अस्वस्थ हैं।” रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया-विशेषण पदबंध
उत्तर :
(ii) सर्वनाम पदबंध
(ङ) ‘कर्नल की पूरी फौज
धीरे-धीरे
वज़ीर अली का पीछा कर रही है।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पद्बंध
(iv) क्रिया-विशेषण पदबंध
उत्तर :
(iv) क्रिया-विशेषण पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) “पढ़ाई और खेलकूद साथ-साथ चल सकते हैं” – वाक्य रचना की दृष्टि से है-
(क) मिश्र वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तर:
(ग) संयुक्त वाक्य
व्याख्यात्मक हल:
जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक स्वतन्त्र उपवाक्य किसी समुच्चय बोधक अतव्यय से जुड़े होते हैं उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
(ii) “उनकी नजर मेरी ओर उठते ही मेरे प्राण निकले।” – इसका संयुक्त वाक्य बनेगा-
(क) उनकी नजर मेरी ओर उठी नहीं कि मेरे प्राण निकले।
(ख) उनकी नजर मेरी ओर उठी और मेरे प्राण निकले।
(ग) जैसे ही उनकी नजर मेरी ओर उठी वैसे ही मेरे प्राण निकले।
(घ) जब उनकी नजर मेरी ओर उठी तब मेरे प्राण निकले।
उत्तर:
(ख) उनकी नजर मेरी ओर उठी और मेरे प्राण निकले।
(iii) कॉलम-1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1. | वह सफ़ल खिलाड़ी है इसलिए उसका कोई निशाना खाली नहीं जाता। | (i) | सरल वाक्य |
2. | सफ़ल खिलाड़ी वह है जिसका कोई निशाना खाली नहीं जाता। | (ii) | संयुक्त वाक्य |
3. | वह खिलाड़ी सफ़ल है और उसका कोई निशाना खाली नहीं जाता। | (iii) | मिश्र वाक्य |
विकल्प
(क) 1. (i), 2. (iii), 3. (ii)
(ख) 1. (ii), 2. (iii), 3. (i)
(ग) 1. (iii), 2. (ii), 3. (i)
(घ) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
उत्तर:
(क) 1. (i), 2. (iii), 3. (ii)
(iv) “तताँरा वामीरो की जो त्यागमयी मृत्यु थी वो इसी सुखद परिवर्तन के लिए थी” – रचना की दृष्टि से यह वाक्य है:
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) साधारण वाक्य
(घ) मिश्र वाक्य
उत्तर:
(घ) मिश्र वाक्य
(v) “मेरी माँ कहती थी कि सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे” – इसका सरल वाक्य बनेगा:
(क) मेरी माँ के अनुसार सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे।
(ख) मेरी माँ का ऐसा कहना था कि जब सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ोगे तब पेड़ रोएँगे।
(ग) मेरी माँ का कहना था कि सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते मत तोड़ो क्योंकि पेड़ रोएँगे।
(घ) सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे; माँ का कहना था।
उत्तर:
(क) मेरी माँ के अनुसार सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4=4)
(क) ‘जीवनमुक्त’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) बहुव्रीहि समास
(ii) द्विगु समास
(iii) तत्पुरुष समास
(iv) कर्मधारय समास
उत्तर:
(iii) तत्पुरुष समास
(ख) ‘आशाकिरण’ समस्त पद का विग्रह होगा
(i) आशा और किरण
(ii) आशा की किरण
(iii) आशा के लिए किरण
(iv) आशा में किरण
उत्तर:
(ii) आशा की किरण
(ग) सूची I को सूची II से मिलाइए और सही विकल्प चुनकर लिखिए
समस्त पद — समास
1. गृह प्रवेश — तत्पुरुष
2. नरसिंह — बहुव्रीहि
3. प्राणप्रिय — कर्मधारय
4. बेकाम — तत्पुरुष
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा युग्म सुमेलित है?
(i) 1 और 2
(ii) 2 और 3
(iii) 1 और 3
(iv) 1,2 और 4
उत्तर:
(iii) 1 और 3
(घ) ‘लालमणि’ शब्द के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) लाल है, जो मणि-कर्मधारय समास
(ii) मणियों में लाल-तत्पुरुष समास
(iii) मणियों का लाल-तत्पुरुष समास
(iv) लाल मणि का समाहार-द्विगु समास
उत्तर:
(i) लाल है, जो मणि-कर्मधारय समास
(ङ) ‘धर्मवीर’ शब्द के लिए सही समास विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) धर्म का वीर-अव्ययीभाव समास
(ii) धर्म और वीर-द्वंद्व समास
(iii) धर्म में वीर-तत्पुरुष समास
(iv) धर्म के लिए वीर-बहुब्रीहि समास
उत्तर:
(iii) धर्म में वीर-तत्पुरुष समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) ‘प्राण निकलना’ मुहावरे का सही अर्थ है-
(क) मर जाना
(ख) परलोक सिधार जाना
(ग) भयभीत हो जाना
(घ) जड़ हो जाना
उत्तर:
(ग) भयभीत हो जाना
(ii) ‘हिम्मत दूठना’ मुहावरे का सही अर्थ है-
(क) साहस समाप्त होना
(ख) धैर्य समाप्त होना
(ग) धन समाप्त होना
(घ) आशा समाप्त होना
उत्तर:
(क) साहस समाप्त होना
(iii) “नीरज चोपड़ा द्वारा ओलिम्पिक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर देश की ………….।” रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए-
(क) आँखें नाम हो जाना
(ख) छाती फैल जाना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) लॉटरी लग जाना
उत्तर:
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(iv) “आई, ए.एस. की परीक्षा करने के लिए ……….. ‘पड़ती है, तब कही जाकर सफूलता मिलती है।”- रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए-
(क) आँखें फोड़ना
(ख) दिन-रात एक करना
(ग) खून जलाना
(घ) लोहे के चने चबाना
उत्तर:
(ख) दिन-रात एक करना
व्याख्यात्मक हल:
“आई.ए.एस. की परीक्षा पास करने के लिए दिन- रात एक करनी पड़ती है तब कहीं जाकर सफ़लता मिलती है।”
(v) रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए-
“शिकारी की एक ही गोली ने आदमखोर शेर का …………….. दिया।”
(क) खाक में मिलाना
(ख) धूल चटाना
(ग) धूल में मिलाना
(घ) काम तमाम करना
उत्तर:
(घ) काम तमाम करना
(vi) “असंभव काम कर दिखाना “- इस अर्थ के लिए सही मुहावरा है-
(क) छोटा मुँह बड़ी बात
(ख) आसमान के तारे तोड़ना
(ग) पहाड़ चढ़ना
(घ) हथेली पर सरसों उगाना
उत्तर:
(ख) आसमान के तारे तोड़ना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 5=5)
‘मनुष्य मात्र बंधु है’ यही बड़ा विवेक है,
पुराणपुरुष स्वयंभू पिता प्रसिद्ध एक है।
फलानुसार कर्म के अवश्य बाह्य भेद हैं,
परंतु अंतरैक्य में प्रमाणभूत वेद है।
अनर्थ है कि बंधु ही न बंधु की व्यथा हरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
(क) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
1. सच्चा मनुष्य वही है, जो अन्य मनुष्यों के लिए जीता व मरता है।
2. कवि के अनुसार, जिस मार्ग पर भी चलना हो हँसी-खुशी से चलो।
3. जिसने जैसे कर्म किए, उसे वैसा ही जन्म मिला।
4. सहानुभूति के गुणों से सज्जित व्यक्ति को ही पूजनीय माना जाता है। पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) 1 और 2
(ii) 1,3 और 4
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 4
उत्तर:
(iii) 1 और 3 प्रस्तुत पद्यांश से मेल खाते हुए वाक्यों के अनुसार सच्चा मनुष्य वही है, जो अन्य मनुष्यों के लिए जीता व मरता है अर्थात् स्वार्थ से ऊपर परमार्थ में विश्वास रखता है तथा इस संसार में सबका पिता एक ही पिता है, जिनके अनुसार जिसने जैसे कर्म किए, उसे वैसा ही जन्म मिला।
(ख) पद्यांश के अनुसार, प्रत्येक मनुष्य अपना बंधु कैसे है?
(i) एक राष्ट्र में जन्म लेने के कारण
(ii) एक प्रांत में जन्म लेने के कारण
(iii) एक जैसा भोजन करने के कारण
(iv) एक परमेश्वर की संतान होने के कारण
उत्तर:
(iv) एक परमेश्वर की संतान होने के कारण पद्यांश के अनुसार, प्रत्येक मनुष्य अपना बंधु है, क्योंकि सभी मनुष्य का पिता एक ही परमात्मा है अर्थात् हम सभी मनुष्य परमेश्वर की संतान हैं।
(ग) मनुष्य-मनुष्य में बाहरी अंतर …….. दिखाई देता है।
(i) विचारों से अलग होने के कारण
(ii) रंग-रूप में अंतर होने के कारण
(iii) कर्म के अनुसार फल भोगने के कारण
(iv) विभिन्न जातियों में जन्म लेने के कारण
उत्तर:
(iii) कर्म के अनुसार फल भोगने के कारण कवि के अनुसार, मनुष्य-मनुष्य में बाहरी अंतर इसलिए दिखाई देता है, क्योंकि कर्म के फल अनुसार सब आपस में भिन्न हैं। जिसने जैसे कर्म किए हैं, उसे वैसा ही फल मिला है।
(घ) पद्यांश के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है?
(i) ईश्वर के प्रति कृतज्ञा का भाव
(ii) आपसी भाई-चारे का भाव
(iii) पर के प्रति अनय का भाव
(iv) पर के प्रति अपनत्व का भाव
उत्तर:
(iv) पर के प्रति अपनत्व का भाव प्रस्तुत पद्याश के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है कि हमें दूसरे व्यक्ति के प्रति अपनेपन का भाव रखना चाहिए, क्योंकि वास्तव में सच्चा मनुष्य वही है, जो अन्य मनुष्यों के लिए जीता और मरता है।
(ङ) संसार में सबसे बड़ा अनर्थ क्या है?
(i) जब कोई मनुष्य केवल अपने लिए ही जीता है
(ii) जब को व्यक्ति अपने ही बंधु के दु:खों को दूर नहीं करता
(iii) जब कोई व्यक्ति अपने ही बंधु के दु:ख हरता है
(iv) जब व्यक्ति दीन-दुखियों की सहायता करता है
उत्तर:
(ii) जब कोई व्यक्ति अपने ही बंधु के दुःखों को दूर नहीं करता कवि के अनुसार संसार में सबसे बड़ा अनर्थ यह है, जब कोई बंधु अपने ही बंधु के दुःख दूर नहीं करता। उसके कष्ट में उसके काम नहीं आता।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) तोप कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर क्यों रखी गई है?
(क) बाग की सुंदरता बढ़ाने के लिए
(ख) ताकि लोग फोटो खिंचवा सकें
(ग) ताकि सबको याद रहे कि ईस्ट इंडिया कंपनी दोबारा देश में न आ सके
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) ताकि सबको याद रहे कि ईस्ट इंडिया कंपनी दोबारा देश में न आ सके
व्याख्यात्मक हल:
तोप कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर रखी गई है ताकि सबको याद रहे कि ईस्ट इंडिया कंपनी दोबारा देश में न आ सके।
(ii) देवताओं की गोद में किसको आश्रय प्राप्त होता है?
(क) जो कलंकित हो
(ख) जिसे देवत्व प्राप्त हो
(ग) जो कलंक रहित हो
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) जो कलंक रहित हो
व्याख्यात्मक हल:
कवि का मानना है कि कलंक रहित होकर मनुष्य देवताओं की गोद में आश्रय पाकर आगे बढ़ सकता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 5=5)
वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं और क्यों न आएँ-जाएँ आखिर उनका भी घर है, लेकिन उनके आने-जाने से हमें परेशानी भी होती है। वे कभी किसी चीज को गिराकर तोड़ देते हैं। कभी मेरी लाइब्रेरी में घुसकर कबीर या मिर्जा गालिब को सताने लगते हैं। इस रोज-रोज की परेशानी से तंग आकर मेरी पत्नी ने उस जगह जहाँ उनका आशियाना था, एक जाली लगा दी है, उनके बच्चों को दूसरी जगह कर दिया है। उनके आने की खिड़की को भी बंद किया जाने लगा है। खिड़की के बाहर अब दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।
(क) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) लेखक की पत्नी ने कबूतरों से परेशान होकर उनका आशियाना दूसरी जगह कर दिया। कारण (R) लेखक की पत्नी को उनका आना-जाना अच्छा नहीं लगता था।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर:
(ii) कथन (A) गलत है कितु कारण (A) सही है लेखक की पत्नी ने कबूतरों से परेशान होकर उनके आशियाने पर एक जाली लगवा दी तथा उनके बच्चों को दूसरी जगह कर दिया, क्योंकि लेखक की पत्नी को कबूतरों का आना-जाना अच्छा नहीं लगता था।
(ख) कबूतर लेखक के घर में दिन में कई बार क्यों आते-जाते रहते थे?
(i) लेखक से घनिष्ठ प्रेम के कारण
(ii) अपने अंडों के कारण
(iii) लेखक की माता के स्नेह के कारण
(iv) अपने अधिकार के कारण
उत्तर:
(ii) अपने अंडों के कारण कबूतर ने लेखक के घर में घोंसला बना रखा था, जिसमें उसके अंडे भी थे, इसलिए कबूतर लेखक के घर में दिन में कई बार आया-जाया करते थे।
(ग) लेखक व उनकी पत्नी को कबूतरों का आना-जाना अच्छा क्यों नहीं लगता था?
(i) कबूतर उनका नुकसान करते थे
(ii) कबूतर के प्रति उनमें घृणा भाव था
(iii) वे कबूतर से डरते थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) कबूतर उनका नुकसान करते थे कबूतर लेखक के घर में चीजों को गिराकर तोड़ दिया करते या अन्य प्रकार से नुकसान पहुँचाते थे, इसलिए लेखक व उनकी पत्नी को कबूतरों का घर में आना-जाना अच्छा नहीं लगता था।
(घ) कबूतरों के आने से लेखक को क्या नुकसान झेलना पडा?
(i) पुस्तकालय की किताबें गंदी हो गई
(ii) चीजें गिरकर टूट गईं
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) भोजन खा जाते थे
उत्तर:
(iii) (i) और (ii) दोनों कबूतर लेखक की पुस्तकालय में रखी किताबों को गंदा कर दिया करते तथा चीज़ों को गिराकर तोड़ दिया करते थे।
(ङ) लेखक व उसकी पत्नी द्वारा कबूतरों के आशियाने पर जाली लगा दी गई व उनके बच्चों को दूसरी जगह कर दिया गया। उनके द्वारा किया गया कृत्य अन्य प्राणियों के प्रति दर्शाता है
(i) निर्ममता
(ii) ममता
(iii) प्रेम
(iv) भेदभाव
उत्तर:
(i) निर्ममता लेखक व उसकी पत्नी द्वारा कबूतरों के आशियाने पर जाली लगाना व उनके बच्चों को दूसरी जगह करना अन्य प्राणियों के प्रति निर्ममता व कठोरता को दर्शाता है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) ‘ध्वजारोहण रोकने के लिए पुलिस ने प्रबंध किया था। ‘ उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(1) पुलिस अपनी पूरी ताकत से गश्त देकर प्रदर्शन नहीं कर रही थी।
(2) पुलिस अपनी पूरी ताक़त से गश्त देकर शहर में प्रदर्शन कर रही थी।
(3) ट्रेफिक पुलिस व घुड़सवारों का भी प्रबन्ध किया गया।
(4) सारजेन्ट प्रत्येक मोड़ पर तैनात थे।
विकल्प:
(क) केवल (1)
(ख) केवल (2)
(ग) (2), (3) और (4)
(घ) (2) और (4)
उत्तर:
(ग) (2), (3) और (4)
व्याख्यात्मक हल:
पुलिस भी अपनी पूरी ताकृत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी। ट्रैफिक पुलिस व घुड़सवारों का भी प्रबंध किया गया था। मोटर गाड़ियों में गोरखे तथा सारजेंट प्रत्येक मोड़ पर तैनात थे।
(ii) पक्षी बस्तियों से क्यों चले गए?
(क) वृक्षों के कटाव के कारण
(ख) अपना आश्रय छिन जाने के कारण
(ग) बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्यात्मक हल:
मानव ने स्वार्थवश पेड़ों को तेजी से काटना शुरू कर दिया जिसके कारण पंछियों का आश्रय छिन गया। बढ़ते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) ‘वामीरो के रुदन के स्वर को सुनकर उसकी माँ वहाँ पहुँची और दोनों को एकसाथ देखकर आग बबूला हो उठी। उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया? वामीरो की माँ ने क्या देखकर तताँरा का अपमान किया तथा क्या उनके द्वारा किया गया यह बर्ताव ठीक था। अपने शब्दों में लिखिए।
(ख) ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के माध्यम से हमने गुलाम भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले सुभाषचंद्र बोस के संघर्ष को जाना। देश के प्रति इनके द्वारा किए गए संघर्ष को अपने शब्दों में लिखिए।
(ग) लेखक बड़े भाई साहब की किस बात से सहमत है? ‘बड़े भाई साहब’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
(क) पासा गाँव में जब पशु-पर्व का आयोजन हो रहा था, तब वहाँ भी तताँरा वामीरो को तलाश रहा था और जब वह वामीरो से मिला तो वामीरो उसे देखकर फूट-फूटकर रोने लगी, जिसे वामीरो की माँ ने देख लिया। इन दोनों को साथ देखकर उसने सबके सामने तताँरा का तरह-तरह से अपमान किया, जिसके कारण तताररा को क्रोध आ गया और उसने लकड़ी की तलवार निकालकर पूरी शक्ति के साथ जमीन में गाड़ दी। वामीरो की माँ द्वारा सबके सामने तताँरा के साथ किया गया अपमानजनक व्यवहार ठीक नहीं था, क्योंकि उससे उन दोनों को बहुत दु:ख पहुँचा था।
(ख) 26 जनवरी, 1931 को जब संपूर्ण भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा था, तब कलकत्ता में भी यह भव्य रूप में मनाया जा रहा था, इसलिए जब सुभाष जुलूस लेकर निकले, तो पुलिस ने लाठियाँ चलाना शुरू कर दीं, जिसमें कई लोग घायल हुए तथा सुभाष द्वारा जोर-जोर से वंदेमातरम बोलने पर उन पर भी लाठियाँ पड़ीं, परंतु वे पीछे नहीं हटे और जब स्त्रियों द्वारा मोनुमेंट की सीढ़ियों पर झंडा फहरा दिया गया, तब सुभाष को गिरफ्तार कर लॉकअप में डाल दिया गया। इस प्रकार, सुभाषचंद्र बोस ने देश की स्वतंत्रता में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
(ग) लेखक बड़े भाई साहब की इस बात से पूर्णतः सहमत है कि बड़ा और अधिक अनुभवी होने के नाते बड़े भाई साहब को उससे अधिक समझ है। वह समझ गया था कि बड़े भाई साहब को उसे डाँटने और समझाने का पूरा अधिकार है। लेखक की सहमति से बड़े भाई साहब बहुत खुश हुए और उन्होंने लेखक को प्रसन्नतापूर्वक गले लगा लिया व अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं तुम्हें पतंग उड़ाने के लिए मना नहीं करता, मेरा दिल भी पतंग उड़ाने को करता है, परंतु यदि मैं ऐसा करूँगा, तो तुम्हें किस प्रकार समझाँँगा। इस प्रकार, लेखक बड़े भाई साहब की बात is से पूर्णतः सहमत हो गया।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभंग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) ‘एके अषिर पीव का, पढ़े सु पंडित होय’ पंक्ति का आप क्या अर्थ समझते हैं ? प्रेम का एक अक्षर सभी ग्रन्थों से किस प्रकार भारी है, अपने जीवन के एक अनुभव के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- ‘प्रेम’ का एक अक्षर हृदय से पढ़ लेना सौ पुस्तकें पढ़ने के बराबर है।
- मानव जीवन का मूल मंत्र-मानव प्रेम |
- व्यक्तिगत अनुभव
व्याख्यात्मक हल:
“एके अषिर पीव का पढ़े सु पंडित होय’ पंक्ति का अर्थ है कि जिस व्यक्ति ने प्रेम के एक अक्षर को पढ़ लिया है, वह विद्वान हो जाता है। यह पूर्णत: सत्य है, क्योंकि संसार में लोग धार्मिक पुस्तकें पढ़ने में लगे रहते हैं परन्तु ईश्वर को प्राप्त नहीं कर पाते हैं और न ही सत्य को जान पाते हैं। कबीर दास जी का मानना है कि ईश्वर अनुभवगम्य है, अक्षरगम्य नहीं। वह केवल अपने अनुभव से ही जाना जा सकता है, दूसरों के अनुभवों से नहीं। मानव जीवन का मूल-मंत्र-मानव प्रेम है और प्रेम का अक्षर हृदय से पढ़ लेना सौ पुस्तकों को पढ़ने के बराबर होता है अतः स्पष्ट है कि प्रेम का एक अक्षर सभी ग्रन्थों पर भारी होता है। एक बार मैं अपने नानाजी के साथ ऑटो से जा रहा था। एक कॉलेज के पास हमारा एक्सीडेंट हो या। मैं और नानाजी दोनों घायल थे। नानाजी की स्थिति ज़्यादा खराब थी। चारों ओर कॉलेज के छात्र जमा हो गए लेकिन कोई सहायता को आगे न आया तब दो कचरा बीनने वालों ने किसी तरह हमें रिक्शे में बैठकर अस्पताल पहुँचाया। तब मुझे महसूस हुआ कि पुस्तकीय ज्ञान के स्थान पर प्रेम का अक्षर पढ़ने वाले ही असली ज्ञानी हैं।
(ii) कविता की पृष्ठभूमि में ‘तोप’ की अतीत में भूमिका और उसकी वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए। कवि को क्यों कहना पड़ा-
“कितनी ही बड़ी हो तोप एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।”
उत्तर:
- विवरण (अतीत)
- तोप ईस्ट इंडिया कंपनी की है।
- 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम को कुचलने में इसका प्रयोग किया गया था।
- अत्यन्त शक्तिशाली जिसने अनेक भारतीय सूरमाओं को मारा था।
(वर्तमान)
- कंपनी बाग के मुख्य द्वार पर प्रदर्शित
- शक्तिहीन, निस्तेज़
- ऐतिहासिक धरोहर जिसे साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चमकाया जाता है।
- बच्चे उस पर घुड़सवारी करते हैं, चिड़ियाँ गपशप करती हैं।
व्याख्यात्मक हल:
कविता के अनुसार, कविता की पृष्ठभूमि में स्थित तोप ईस्ट इंडिया कंपनी की है। 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को कुचलने में इसका प्रयोग किया गया था। ये तोप इतनी शक्तिशाली थी कि इसने स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेने वाले अनेक भारतीय सूरमाओं की धज्जियाँ उड़ा दी थीं।
वर्तमान में, यह तोप कंपनी बाग के मुख्य द्वार पर प्रदर्शित की गई है। अपने अतीत में इतनी शक्तिशाली रहने वाली यह तोप अब ‘शक्तिहीन एवं निस्तेज़ है। अब यह केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है जिसे साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर चमकाया जाता है। अब बच्चे उस पर घुड़सवारी करते हैं, चिड़ियाँ उस पर गपशप करती हैं। गौरैया भी उस तोप के मुँह में ही घुस जाती है। इससे हमें पता चलता है कि शस्त्र-शक्ति और बलपूर्वक दमन करके जनता को कुछ समय के लिए दबाया जा सकता है परन्तु जब जनता विद्रोह करती है तो बड़े-बड़े अत्याचारियों को उखाड़ फेंकती है और हमारे पूर्वजों ने भी अत्याचारी अंग्रेजों की सत्ता को उखाड़ फेंका और उनकी बड़ी तोपों का मुँह भी बन्द-कर दिया अर्थात् वह तोप अब गोले फेंकने या फिर आग उगलने लायक ही नहीं रहीं है, केवल बच्चों के लिए एक खिलौना बन गई है। इसके अलावा इसकी उपयोगिता शून्य है इसलिए कवि को कहना पड़ा-
“कितनी ही बड़ी हो तोप
‘एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।”
(iii) “आत्मत्राण’ शीर्षक का अर्थ बताते हुए उसकी सार्थकता, कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- ‘आत्मत्राण’ का अर्थ है-स्वयं की रक्षा।
- यहाँ कवि ईश्वर से सामर्थ्यवान बनने की कामना करता है। ईश्वर में सब कुछ संभव करने का सामर्थ्य है, लेकिन कवि नहीं चाहता कि प्रभु उसकी रक्षा करें। कवि ईश्वर की कृपा से अपना संघर्ष स्वयं करना चाहता है।
- श्षिक में संक्षिप्तता, आकर्षण के गुण और कंविता के मूलभाव से संबद्धता है।
व्याख्यात्मक हल :
‘आतत्राण’ का अर्थ है-स्वयं अपनी सुरक्षा करना। इस कविता में कवि ईश्वर से सहायता नहीं माँगता। वह ईश्वर को हर दुःख से बचाने के लिए नहीं पुकारता। वह स्वयं अपने दुःख से बचने और उससे सामना करने योग्य बनना चाहता है इसके लिए वह केवल स्वयं को समर्थ बनाना चाहता है इसलिए यह शीर्षक विषय वस्तु के अनुरूप बिल्कुल सही और सटीक है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) हेडमास्टर साहब लेखक को प्रत्येक वर्ष किसी धनी लड़के की पुस्तकें दिलवा देते थे, यद्यपि लेखक मध्यमवर्गीय था, पर उसके लिए एक रुपये की कीमत भी बहुत थी।
‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर बताइए कि आप किस प्रकार गरीब व मध्यमवर्गीय बच्चों की अध्ययन में सहायता कर सकते हैं?
(ख) “अम्मी शब्द सुनकर टोपी के घरवालों की प्रतिक्रिया संकीर्ण मानसिकता की द्योतक है।” ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर उक्त कथन के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
(ग) महंत द्वारा हरिहर काका का अपहरण किया जाना, महंत के चरित्र की किस सच्चाई को सामने लाता है? ठाकुरबाड़ी जैसी संस्थाओं से कैसे बचा जा सकता है? विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
(क) लेखक के अनुसार, गरीब व मध्यमवर्गीय बच्चों की हम अनेक प्रकार से सहायता कर सकले हैं
- हम ऐसे बच्चों की पुस्तकें, कॉपियाँ व पुरानी व सस्ती वेशभूषा दिलाकर सहायता कर सकते हैं।
- बच्चों के लिए विद्यालय की ओर से छात्रवृत्ति की व्यवस्था कर सकते हैं।
- उनकी शिक्षा को सरकार के अधिनियम द्वारा नि:शुल्क करवा सकते हैं।
- माता-पिता को शिक्षा के अधिकार के प्रति जागरूक कर उनके बच्चों को विद्यालय भेज सकते हैं।
- घर पर कुछ गरीब बच्चों को नि:शुल्क अध्ययन करा सकते हैं।
(ख) एक दिन जब टोपी अपने घर में सभी घरवालों के साथ बैठकर खाना खा रहा था, तब अचानक टोपी के मुँह से ‘अम्मी ‘ शब्द सुनाई दिया। अम्मी शब्द सुनकर टोपी की दादी और उसकी माँ के चेहरे की हवाइयाँ उड़ चुकी थी। इसके पश्चात् दोनों ने टोपी के साथ अमानवीय व्यवहार किया। घरवालों की यह प्रतिक्रिया उनकी संकीर्ण सोच (मानसिकता) का प्रतिनिधित्व करती है। में घरवालों की इस प्रतिक्रिया को अनुचित मानता हुँ, क्योंकि किसी भाषा को किसी धर्म से जोड़ने पर सदैव गलत धारणा प्रतिपादित होती है। अतः हमें धर्म, जात, वर्ण आदि से ऊपर उठकर मानवीय रिश्तों को अहमियत देने की आवश्यकता है।
(ग) महंत द्वारा हरिहर काका का अपहरण महंत के चरित्र की इस सच्चाई को सामने लाता है कि महंत स्वार्थी एवं धनलोलुप व्यक्ति है। महंत ने हरिहर काका की जमीन-जायदाद हड़पने के लिए पहले उन्हें फुसलाया और जब इससे काम न बना, तो उन्होंने उनका अपहरण कर लिया। उनके इस व्यवहार से यह सच्चाई उजागर होती है कि धर्म के क्षेत्र में दुर्जनों एवं दुराचारी लोगों का प्रवेश हो चुका है और ऐसे ही लोगों के कारण धर्म के क्षेत्र में अनाचार की प्रवृत्तियाँ बढ़ती जा रही हैं। ठाकुरबाड़ी जैसी संस्थाओं से व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण ही उसे बचा सकता है, क्योंकि व्यक्ति का विवेक ही उसे सही निर्णय लेने में सहायता करता है और उसे धर्म के ठेकेदारों के स्वार्थों से बचा सकता है।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) इंटरनेट की दुनिया
संकेत-बिन्दु-
- इंटरनेट का तात्पर्य
- सूचना का मुख्य साधन
- लाभ तथा हानि
उत्तर:
इंटरनेट की दुनिया
विज्ञान ने मनुष्य को अनेक शक्तियाँ, सुख-सुविधाएँ तथा क्रांतिकारी उपकरण दिए हैं, जिनमें इंटरनेट एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण, बलशाली एवं गतिशील सूचना का माध्यम है। यह अनेक कम्प्यूटरों का एक जाल है, जिसके सहयोग से आज का मनुष्य विश्व के किसी भी भाग से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त कर सकता है। सन् 1986 में इंटरनेट का आरम्भ हुआ था। इंटरनेट से ज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत क्रांति आ गई है। ज्ञान, विज्ञान, खेल, शिक्षा, संगीत, कला, फ़िल्म, चिकित्सा आदि सबकी जानकारी इंटरनेट से उपलब्ध हो जाती है। इससे देश-विदेश के समाचार, मौसम, खेल संबंधी ताज़ा जानकारी प्राप्त होती है। आजकल इन्टरनेट के कार्यक्रमों की बहुत अधिक माँग है। इंटरनेट से विज्ञान, व्यवसाय व शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य होने लगे हैं, जिससे समाज में बेरोज़गारी समाप्त हो सकती है। इससे उद्योग, प्रोद्योगिकी शिक्षा, राजनीति, व्यापार, खेल-कूद, स्वास्थ्य, धर्म, योग, वास्तुकला प्रबन्धन, सूचना प्रोद्योगिकी आदि अनेक विषयों के बारे में सूचनाएँ और आँकड़े प्राप्त होते हैं। इससे मौसम विज्ञान और भूकंप विज्ञान से संबंधित पूर्वानुमान लगाने, तेल एवं प्राकृतिक गैस के भंडारों का पता लगाने, दूर-संवेदी आकलन करने में सहायता मिलती है। साथ ही अस्पतालों एवं चिकित्सा से संबंधित नवीनतम जानकारी और भौगोलिक सूचनाओं से संबंधित जानकारी भी मिलती है। इंटरनेट सभी के लिए उपयोगी है, लेकिन इसका प्रयोग करते समय सावधानी की आवश्यकता होती है जिससे हमारा डाटा सुरक्षित रह सकता है। इसका दुरुपयोग होने से भी बचाया जा सकता है। जल्दबाज़ी करने से हमारी सूचना व धन किसी दूसरे के पास पहुँच सकते हैं, अत: हमें इंटरनेट का प्रयोग करते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।
(ii) शिष्टाचार
संकेत-बिन्दु-
- शिष्टाचार कया है?
- महत्त्व एवं लाभ
- बाधक तत्त्व एवं निगाकरण
उत्तर:
शिष्टाचार
शिष्टाचार कया है? शिष्ट या सभ्य पुरुषों का आचरण शिष्टाचार कहलाता है। दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार करना, घर आने वाले का आदर करना, आवोभगत करना, बिना द्वेष और निःस्वार्थ भाव से किया गया सम्मान शिष्टाचार कहलाता है। शिष्टाचार से जीवन महान् बनता है। शिष्टाचार का क्षेत्र उतना ही व्यापक है जितना हमारे जीवन-व्यवहार का। समाज में जहाँ-जहाँ भी हमारा दूसरे व्यक्ति से संपर्क होता है, वहीं शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है। घर में परिवार के छोटे से लेकर बड़े सदस्यों के साथ, सभी जगह तो हमें शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है, हमारा सम्पूर्ण जीवन, कार्य, व्यापार, मिलना-जुलना सभी में शिष्ट व्यवहार की आवश्यकता पड़ती है। सद्व्यवहार, सदाचार आदि शिष्टाचार के ही अंग हैं। शिष्टाचारी मन, वचन, कर्म से किसी को हानि नहीं पहुँचाता। इसके विपरीत अशिष्ट व्यवहार दूसरों में घृणा, द्वेष पैदा करता है। अशिष्ट व्यक्ति को शायद ही कोई आत्मीय सहयोगी मिलता है। अशिष्टता का अभिशाप हमारे व्यक्तित्व के विकास को अवरुद्ध कर देता है साथ ही हमें समाज में अकेला छोड़ देता है तथा शिष्ट व्यवहार से सहज ही दूसरों की सदभावनाएँ अर्जित की जा सकती हैं जो जीवन पथ पर आगे बढ़ने के लिए बड़ी उपयोगी और आवश्यक हैं। शिष्टाचार आत्मा की अभिव्यक्ति है। जिस शिष्टाचार में हमारा हृदय नहीं उमड़ता, जिससे एक-दूसरे में प्रसन्नता, आनन्द, सुख की लहरें नहीं उठती वह शिष्टाचार व्यर्थ है। एक-दूसरे के लिए धोखा है और तथाकथित चालाकी, कूटनीति या छल का ही एक अंग है। इसे छोड़कर हमें जीवन में सच्चे, आत्म-प्रेरित शिष्टाचार को स्थान देना चाहिए।
(iii) मेरा मनपसंद रियल्टी शो
संकेत-बिन्दु-
- रियल्टी शो का अर्थ
- विविध प्रकार के शो के नाम
- मनपसंद शो का नाम।
उत्तर:
मेरा मनपसंद रियल्टी शो
रियलटी शो का तात्पर्य होता है दूरदर्शन पर प्रस्तुत होने वाले ऐसे कार्यक्रम जिनमें प्रतिभागी भाग लेते हैं और इस प्रक्रिया में वे बारी-बारी से हारने पर बाहर होते हैं अंत में मात्र विजेता ही शेष रहता है, अन्य सभी प्रतिभागी कार्यक्रम से बाहर होते जाते हैं। जब से रियल्टी शो का प्रचलन बढ़ा है दूरदर्शन की दुनिया में भूचाल-सा आ गया है। इसका व्यापारिक लाभ दोगुना हो गया है। आज लगभग प्रत्येक चैनल पर कोई-न-कोई रियल्टी शो आता ही रहता है। इसके द्वारा अनेक प्रकार की प्रतिभाओं को भी देखने का अवसर मिलता है। आजकल टेलीविज़न पर इस प्रकार के कार्यक्रमों की होड़-सी लगी हुई है। प्रत्येक चैनल पर कोई-न-कोई रियल्टी शो प्रदर्शित होता ही रहता है। इंडियन आइडल, डांस इंडिया डांस, बिग बॉस, झलक दिखला जा, मास्टर शेफ आदि अनेक रियल्टी शो हैं जो टेलीविज़न पर दिखाए जाते हैं और दर्शक भी उत्सुकता और उत्साहपूर्वक उन शो को देखते हैं। वे सभी अपने मनपसंद प्रतिभागी को जीतते हुए देखना चाहते हैं। इसी प्रकार “डांस इंडिया डांस’ मेरा मनपसंद रियल्टी शो है। इसमें प्रतिभागी अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। मुझे भी नृत्य करना पसंद है। मैं भी एक कलाकार बनना चाहती हूँ और इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को सभी के समक्ष प्रस्तुत करना चाहती हूँ, इसलिए यह मेरा मनपसंद र्यिल्टी शो है।
प्रश्न 15.
बस में यात्रा करते हुए आपके कुछ आवश्यक कागज़ात बस में ही छूट गए। उन्हें प्राप्त करने हेतु बस सेवा के ‘खोया-पाया’ अनुभाग के कार्यालय में अधिकारी को अपने कागज़ों का विवरण देते हुए एक पत्र लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5×1=5)
अथवा
अपने नगर के स्वास्थ्य अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर अपने क्षेत्र में खाने की वस्तुओं में मिलावट की घटनाओं के प्रति उनका ध्यानाकृष्ट कीजिए।
उत्तर:
परीक्षा भवन, मेरठ।
दिनांक 19 मार्च, 20XX
सेवा में,
श्रीमान मुख्य प्रबंधक महोदय,
‘खोया-पाया अनुभाग’, परिवहन विभाग, मेरठ।
विषय बस में यात्रा के दौरान खोए हुए आवश्यक कागज़ात की पूछताछ हेतु।
महोदय,
मैं दिनांक 18 अप्रैल, 20xx को प्रात: 10 बजे मेडिकल कॉलेज से सिटी रेलवे स्टेशन की लो-फ्लोर बस (बस संख्या UP-15F 89XX) में यात्रा कर रहा था। मुझे ठीक 11:30 बजे सहारनपुर पैसेंजर गाड़ी पकड़नी थी और मैं बहुत जल्दी में था। मुझे सहारनपुर में अपनी घायल बहन को जिला अस्पताल में देखने जाना था और मेरा सारा ध्यान उसी ओर लगा हुआ था। यही कारण था कि सिटी रेलवे स्टेशन आने पर मैं अपने बैग को बस में ही भूल गया। यह बैग हल्के नीले रंग का था। इसमें मेरे बहुत से आवश्यक कागजात रखे हुए थे। इस बैग पर ‘स्माइल प्लीज़’ लिखा हुआ था। इसमें मेरे नाम तथा पते की एक स्लिप भी लगी हुई थी। महोदय, यदि किसी संवाहक ने इस प्रकार का कोई बैग इस अनुभाग में जमा कराया हो, तो नीचे लिखे पते पर सूचित करने की कृपा करें।
धन्यवाद।
प्रार्थी
दीपेंद्र रावत
दीप विला H-125
शास्त्रीनगर, मेरठ।
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 15 जुलाई, 20xx
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी महोदय,
नगर निगम, दिल्ली।
विषय खाद्य वस्तुओं में मिलावट की सूचना हेतु पत्र।
माननीय महोदय,
मैं आपके सामने एक गंभीर समस्या प्रकाश में लाना चाहता हूँ। हमारे नगर में खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या बढ़ती ही जा रही है। कल शाम 6 बजे मैंने अपने क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित दुकान से मिठाइयाँ खरीदीं। घर आने पर मैंने देखा कि मिठाइयों में मिलावटी तेल व अन्य दोषपूर्ण सामग्री प्रयोग की गई है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों से निर्दोष नागरिकों की जान तक चली जाती है, परंतु ये लालची और निर्दयी दुकानदार केवल अपना हित साधते हैं। मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि दिन के व्यस्त वातावरण में दुकानों पर जाकर निरीक्षण करें तथा सभी खाद्य पदार्थों की जाँच कराएँ। इस अच्छे कृत्य के लिए हम सब आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय
क. ख. ग.
कमला नगर, दिल्ली।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए- (4 × 1 = 4)
(i) एक सूचना तैयार कीजिए जिसमें सभी विद्यार्थियों से निर्धन बच्चों के लिए ‘पुस्तक-कोष’ में अपनी पुरानी पाठ्य-पुस्तकों का उदारतापूर्वक योगदान देने हेतु अनुरोध किया गया हो।
उत्तर:
आवश्यक सूचना
विद्यालय में पुस्तक-कोष की स्थापना
दिनांक ……….
समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि निर्धन बच्चों के लिए विद्यालय में “पुस्तक कोष’ की स्थापना की गई है ताकि शिक्षा प्राप्ति में उन्हें सहायता दी जा सके, अतः सभी विद्यार्थियों से अनुरोध है कि वे अपनी पुरानी पाठ्यपुस्तकें पुस्तक-कोष में जमा कर इस नेक कार्य में भागीदार बनें। इच्छुक विद्यार्थी पुस्तकालयाध्यक्ष से संपर्क करें।
धन्यवाद
आज्ञा से
अ. ब. स. (हेड ब्वॉय)
अथवा
(ii) आप विद्यालय के छात्र संघ के सचिव हैं। विद्यालय में मोबाइल निषेध है। इससे संबंधित सूचना जारी करते हुए 60 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
आवश्यक सूचना
मोबाइल के संदर्भ में
दिनांक …………
समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में छात्रों को मोबाइल लाना सख्त मना है। जो भी-छात्र-छात्रा अगर विद्यालय में मोबाइल लाएँगे, तो उनके खिलाफ़ कड़ी-से-कड़ी कार्यवाही की जाएगी व जुर्माना भी लगेगा।
आज्ञा से
अ. ब. स.
छात्र संघ (सचिव)
प्रश्न 17.
पेंसिल बनाने वाली किसी प्रसिद्ध कंपनी की ओर से 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए। (3 x 1 = 3)
अथवा
दीपावली के उत्सव पर किसी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की कंपनी की ओर से धमाका सेल का विज्ञापन 40 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
संकेत के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) संकेत-मदन एक कार ड्राइवर ………. अनुशासन व नियमों का पालन करने वाला ………. सेठ के पास नौकरी ………. लाल बत्ती पर गाड़ी रोकना ………. सेठ का गाड़ी (कार) चलाने को कहना ……… मीटिंग के लिए लेट होना ……… सेठ की बात न मानना ……. सेठ का दूसरा ड्राइवर …….. लाल बत्ती पार करना ……… ट्रक की चपेट में आना ………. सेठ का सकते में आ जाना …….. अनुशासन व नियमों का महत्त्व जानना।
उत्तर:
कहानी-(अनुशासन का महत्त्व) मदन पिछले छह महीनों से सेठजी के यहाँ ड्राइवर की नौकरी कर रहा था। वह बहुत अनुशासनप्रिय तथा नियमों का पालन करने वाला व्यक्ति था। अपनी इसी अनुशासन प्रियता के कारण वह प्राय: सिग्नल पर लाल बत्ती होने के कारण गाड़ी रोक देता था, जिससे उसका सेठ कई बार मीटिंग के लिए लेट हो जाता। मदन का सोचना था कि अगर समय पर पहुँचना है तो उसके सेठ को घर से जल्दी निकलना चाहिए। लेकिन वह सेठजी से यह नहीं कह सकता था।
मदन की नौकरी खतरे में थी। सेठ जी दूसरा ड्राइवर तलाश कर रहे थे, मगर मदन को इसका कोई अफ़सोस नहीं था। नौकरी के आखिरी दिन थे। एक दिन वह सेठ जी को लेकर मीटिंग के लिए निकला। सड़क पर चौराहे पर लगे सिग्नल पर लाल बत्ती जलते ही मदन ने कार रोक दी।
“मदन मैं मीटिंग के लिए लेट हो जाऊँगा। गाड़ी चलाओ।” मदन के सेठ ने घड़ी देखते हुए मदन से कहा।
“लेकिन सेठ जी अभी रेड लाइट है।”
“रेड लाइट है तो क्या हुआ”
अभी सेठजी ने इतना ही कहा था कि उनके बगल से निकलकर एक कार जैसे ही लालबत्ती के उस पार गई, दूसरी तरफ़ से आते ट्रक से उसकी जोरदार भिड़ंत हो गई। अगर मदन ने कार आगे बढ़ाई होती तो उस ट्रक की चपेट में उनकी ही कार आती। अपनी आँखों के सामने यह घटना देखकर सेठजी सदमे में आ गए।
उसके बाद पूरे रास्ते मदन ने “कहाँ गाड़ी रोकी, कैसे चलाई ?” सेठजी ने कुछ नहीं कहा। अब उन्हें नियमों व अनुशासन का महत्त्व समझ आ गया था।
मीटिंग से वापिस लौटते समय उन्होंने मदन का आभार व्यक्त किया और उसे नौकरी से भी न हटने का फैसला किया।
अथवा
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महोदय,
मैं सपना कुमारी बारहवीं कक्षा की विद्यार्थी हूँ। मैं सेन्ट कॉलमबस इंटर कॉलेज में बारहवीं कक्षा में अध्ययन कर रही हूँ। मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि आप विभिन्न विषयों की ट्यूशन की जानकारी उपलब्ध कराते हैं। मुझे अपने लिए एक गणित विषय की ट्यूशन तथा अंग्रेज़ी विषय के ट्यूशन शिक्षिका की आवश्यकता है।
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धन्यवाद
सपना कुमारी
कक्षा-12th
मो. xxxx