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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 11 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
विकास का उद्देश्य लोगों का आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक उत्थान है। विश्व में विकास के संबंध में अलग-अलग विचार हैं। विकास के पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में स्वतंत्रता को अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है, जिसका संबंध आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि से जुड़ा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में औद्योगीकरण, कंप्यूटरीकरण, उत्कृष्ट परिवहन व्यवस्था, स्वास्थ्य व शिक्षा की उपलब्धता, वैयक्तिक सुरक्षा इत्यादि को विकास का पर्याय माना जाता है, परंतु यह विकास का एकतरफ़ा प्रतीक है।
मानव विकास एक व्यापक संकल्पना है, जिसमें मानव के लिए स्वस्थ भौतिक पर्यावरण की उपलब्धता के साथ आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक स्वतंत्रता भी समाहित है। इसका लक्ष्य लोगों के उपलब्ध विकल्पों में विस्तार करते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य तक मानव की पहुँच सुनिश्चित करना है, ताकि सशक्तीकरण को सार्वभौमिक बनाया जा सके। साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान व मुक्ति का मार्ग है, परंतु इसके साथ समाज व पर्यावरण के बारे में भी व्यक्ति को ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान ही मुक्ति का मूलाधार है। विकास ने मनुष्य के जीवन में कई परिवर्तन लाए हैं। मानव
विकास का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य सभी मनुष्यों तक विकास के समान लाभ का वितरण करना है, परंतु भेदभाव, मानवाधिकारों का हनन तथा विस्थापन की समस्याओं ने मानव को विकास के वास्तविक लाभ से दूर कर दिया है।
(क) पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में ‘विकास’ से तात्पर्य है
(i) आधुनिकीकरण, अवकाश, सुविधा व समृद्धि
(ii) सांस्कृतिक विकास, सुख-सुविधाएँ व वैयक्तिक सुरक्षा
(iii) विचारों की आजादी, रोजगार, सिनेमा का उद्धार
(iv) राष्ट्रीब सद्भाव, पर्यावरण सुरक्षा, नारी सशक्तीकरण
उत्तर :
(i) आघुनिकीकरज, अवकाश, सुविधा व समृद्धि गद्यांश के अनुसार, पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विचार में ‘विकास’ से तात्पर्य आधुनिकीकरण, अवकारा, सुविधा व समृद्धि से है, क्योंकि विकास के पश्चिम अथवा यूरोप केंद्रित विधार में स्वतंत्रता को अधिक महत्व दिया जाता है।
(ख) गद्यांश हमें संदेश देता है
(i) विकास का उद्देश्य केवल लोगों का सांस्कृतिक उत्थान होना चाहिए
(ii) भारत में विकास के समान लाभ का वितरण हो रहा है
(iii) मानव विकास ऐसा हो कि सभी मनुष्यों में बिकास के लाभ का समान वित्तरण हो
(iv) मानव विकास एक संकुचित संकल्पना है
उत्तर :
(iii) मानब विकास ऐसा हो कि समी मनुष्यों में विकास के लाभ का समान वितरण हो गयांश हमें संदेश देता है कि मानव विकास ऐसा हो कि समी ननुष्यों में विकास के लाभ का समान वितरण हो और इसके लिए भेदभाव, मानवाधिकरों का हनन तथा विस्थाषन जैसी समस्याओं के समाधान की आवश्यकता है।
(ग) मानव के लिए साक्षरता क्यों अनिवार्य है?
(i) सार्वभौमिकता के लिए
(ii) ज्ञान और मुक्ति के लिए
(iii) विस्थापन के लिए
(iv) स्वतंत्रता के लिए
उत्तर :
(ii) ज्ञान और मुक्ति के लिए गद्यांश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि साक्षरता मानद के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान व मुक्ति का मार्ग है। इसके साथ समाज व पर्यावरण के बारे में भी व्यक्ति को ज्ञान होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान ही मुक्ति का मूलाधार है।
(घ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पदिए उसके बाद दिए गए विकर्यों में से कोई एक सही विकत्प्प चुनकर लिखिए। कथन (A) साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है।
कारण (R) विकास ने मनुष्य के जीवन में कई परिवर्तन लाए हैं।
(i) कथन (A) तथा कारण (B) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) क्यन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (A) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है। गद्यांश में बताया गया है कि साक्षरता मानव के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह ज्ञान और मुक्ति का मार्ग है।
(ङ) मानव विकास का महत्वपूर्ण उद्देश्य किसे माना गया है?
(i) शिक्षा का व्यापक प्रसार करना
(ii) सभी मनुष्यों तक खिकास के समान लाभ का वितरण करना
(iii) सामाजिक स्वतंत्रता प्रदान करना
(iv) अर्षिक रूप से मजबूत बनाना
उत्तर :
(ii) सनी मनुप्यों तक विकास के समान लाभ का वितरण करना गद्यांश में स्पष्ट किया गया हैं कि मानव विकास का महत्वपपूर्ण उद्देश्य समी मनुष्यों तक विकास के समान लाम का वितरण करना है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सवीधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्य चुनकर लिखिए। (1×5=5)
कहा जाता है कि हमारा लोकतंत्र यदि कहीं कमजोर है, तो उसकी एक बड़ी वजह हमारे राजनीतिक दल हैं। वे प्राय: अव्यवस्थित हैं, अमयादित हैं और अधिकाशत: निष्ठा और कर्मठता से संपन्न नहीं हैं।
हमारी राजनीति का स्तर प्रत्येक दृष्टि से गिरता जा रहा है। लगता है उसमें सुयोग्य और सचरित्र लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र के मूल में लोकनिष्ठा होनी चहिए, लोकमंगल की भावना और लोकानुभूति होनी चाहिए और लोकसंपर्क होना चाहिए। हमारे लोकतंत्र में इन आधारभूत तत्त्वों की कमी होने लगी है, इसलिए लोक्तंत्र कमजोर दिखाइं पड़ता है। हम प्राय: सोचते हैं कि हमारा देश-प्रेम कहाँ चला गया, देश के लिए कुछ करने, मर-मिटने की भावना कहाँ चली गईं? त्याग और बलिदान के आदर्श कैसे, कहाँ लुप्त हो गए? आज हमारे लोकतंत्र को स्वार्थधता का घुन लग गया है।
क्या राजनीतिज, क्या अफसर, अधिकांश यही सोचते हैं कि वे किस तरह से स्थिति का लाभ उठाएँ, किस तरह एक-दूसरे का इस्तेमाल करें। आम आदमी स्वयं को लाचार पाता है और ऐसी स्थिति में उसकी लोकतात्रिक आस्थाएँ डगमगानेलगती हैं। लोकतंत्र की सफलता के लिए हमें समर्थ और सक्षम नेतृत्व चाहिए, एक नई दृष्टि, एक नई प्रेरणा, एक नई संवेदना, एक नया आत्मविश्वास, एक नया संकल्प और समर्पण आवश्यक है। लोकतंत्र की सफलता के लिए हम सब अपने आप से पूछें कि हम देश के लिए, लोकतंत्र के लिए क्या कर सकते हैं? और हम सिर्फ पूछकर ही न रह जाएँ, बल्कि संगठित होकर समझदारी, विवेक और संतुलन से लोकतंत्र को सफल और सार्थक बनाने में लग जाएँ।
(क) राजनीतिक दल लोकतंत्र की असफलता के कारण बताए जाते है, क्योंकि वे प्रायः
(i) धन और पद-लोलुप है
(ii) निष्ठाहींन और कर्तब्यबिमुख हैं
(iii) संप्रदायवादी और जातीयतावादी हैं
(iv) केवल सत्ता-लालसी है
उत्तर :
(ii) निष्ठाहीन और कर्ताव्यविमुख हैं राजनीतिक दल लोक्तंत्र की असफलता का कारण बताए जाते हैं, क्योंकि दे प्राय: देश की प्रति निष्ठाहीन और कर्त्वव्यविमुख होते है।
(ख) लोकतंत्र का मूल तत्व नहीं है
(i) लोक-मंगल के प्रति उपेक्षा
(ii) लोक-निष्ठा की अपेक्षा
(iii) लोक-संपर्क की इच्छा
(iv) लोक के सुख-दु;ख की अनुभूत्ति
उत्तर :
(i) लोक-भंगल के प्रति उपेक्षा लोकलत्र का मूल तत्त्व लोक-मंगल की उपेक्षा करना नहीं है, यदि ऐसा किया जाता है, तो लोकलंत्र कमजोर दिखाई पड़ने लगता है।
(ग) आम आदमी की लोकतांत्रिक आस्थाएँ इगमाती है
(i) लोकतंत्र की गिरती मयांदाओं के समझ विवशता देखकर
(ii) नेताओं और अफसरों का उपयोग होते देखकर
(iii) भाई-भतीजावाद और पक्षपात देखकर
(iv) केवल धनार्जन को ही जीवन का लक्ष्य पाकर
उत्तर :
(iii) भाई-भतीजावाद और पक्षपात देखकर लोकतंत्र में स्वार्थधता का घुन लग गया है, आम आदमी स्वयं को लाचार पाता है। भाई-भतीजापाद और पक्षपात देखकर आम आदमी की लोकतांत्रिक आस्थाएँ ङगमगाने लगती हैं।
(घ) हमारा लोकतंत्र यदि कहीं कमजोर है, तो उसकी एक दड़ी वजह हमारे राजनीतिक दल हैं। पंकित के माध्यम से लेखक राजनीतिक दलों की ……….. और इशारा कर रहे हैं।
(i) अव्यवस्थित
(ii) अमयांदित
(iii) अकर्मण्य
(ii) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये समी गयांश के अनुसार, हमारा लोक्तंत्न यदि कहीं कमजोर है, तो उसकी एक बड़ी बजह हमारे राजनीतिक दल हैं, क्योंकि वे अव्यवरिणन्न, अमर्यादित और अकर्मण्य हैं। उसमें सुयोग्य व सच्चरित्र लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. लोकतंत्र की सफलता के लिए सफल व सक्षम नेतृत्व अनिवार्य है।
2. लोकतंत्र के मूल में स्वार्थपरता होनी चाहिए।
3. लोकतंत्र के मूल में लोकमंगल की भावना होनी चाहिए।
4. हमारे लोकतंत्र में आम आदमी स्वयं को लाचार पाता है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/है?
(i) केवस 1
(ii) 1,2 और 3
(iii) 1,3 और 4
(iv) 1 और 2
उत्तर :
(iii) 1,3 और 4 लोकतंत्र की सफलता के लिए हमें समर्थ और सक्षम नेतृत्य चाहिए तथा लोकतंत्र के मूल में स्वार्थपरता नहीं, अपितु लोकनिष्ठा व लोकमंगल की भावना होनी चाहिए, जिसके अतर्गत कोई भी व्यक्ति स्वयं को लाचार न समझे।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1x 4=4)
(क) ‘मैने इस विचार को दिल से बलपूर्वक निकाल डाला।’ रेखांकित पदबंध का भेद्द है
(i) संझा पद्बंध
(ii) सर्वनाम पदर्बंध
(iii) विशेषण पद्बंध
(iv) क्रिया विशेषण पदर्बंध
उत्तर :
(iv) क्रिध्या विशेषण पदबंध
(ख) ‘मैदान की वह सुखद हरियाली मुझे अज्ञात और अनिवार्य रूप से खींच ले जाती।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पद्बंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया पदर्बंध
उत्तर :
(i) संज्ञा पदरंध
(ग) ‘इस भवन की नुनियाद खूत्व मजबूत डालना चाहते थे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) संज्ञा पदर्ध
(ii) सर्बनाम पदरंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर :
(iii) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध का उदाहरण जाँटिए
(i) तुम्हें देखकर मेरी चेतना लुप्त हो गई थी
(ii) में यह लताइ सुनकर आँसू बहाने लगा
(iii) वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता
(iv) कोई अजनबी युखक उसे निःशब्द ताके जा रहा था
उत्तर :
(i) तुम्हें देखकर मेशी चेतना तुप्त हो गई थी
(छ) ‘दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम किया करो।’ इस वाक्य में सर्वनाम पदबंध है
(i) दरिखा पर
(ii) किया करो
(iii) दरिखा पर जाओ तो उसे
(iv) सलाम
उत्तर :
(iii) दरिया पर जाओ तो उसे
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) परिश्रमी मनुष्य के लिए इस संसार में कुए भी दुलभ नहीं है, का मिश्र वाक्य होगा
(i) इस संसार में परिश्रमी मनुष्य के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है।
(ii) जो व्यक्ति परिश्रमी है, उसके लिए इस संसार में कुछ भी दुल्लभ नहीं है।
(iii) मनुष्य परिक्रमी है, इसलिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं।
(iv) संसार में कुछ भी दुलम नहीं, क्योंकि मनुष्य परिश्रमी है।
उत्तर :
(ii) जो व्यक्ति परिक्रमी है, उसके लिए इस संसार में कुछ भी दुर्लम नहीं है।
(ख) निम्नलिखित में संयुक्त वाक्य है
(i) शीला बीमार है, इसलिए विद्यालब नहीं जाएगी।
(ii) बीमार शीला विद्यालय नहीं जाएगी।
(iii) अब्न शीला बीमार हुई, तब वह विद्यालय नहीं गई।
(iv) बीमारी के कारण ही शीला विद्यालय नहीं गई।
उत्तर :
(i) शीला बीमार है, इसलिए विद्यालय नहीं जाएगी।
(ग) सूर्योदय होने पर कुहासा जाता रहा, का मिश्र वाक्त्य होगा
(i) कुलासा जाने का कारण सूयोदय होना था।
(ii) सूरोदय हुआ, क्योंक कुहासा जाना धा।
(iii) जैसे ही सूर्योदय हुआ, वैसे ही कुहासा जाता रहा।
(iv) कुलासा गया, इसलिए सूयोंदय हुआ।
उत्तर :
(iii) जैसे ही सूर्योदय हुआ, बैसे ही कुल्हासा जाता रहा।
(घ) ज्यों ही मैं वियालय के द्वार पर पहुँचा, त्यों ही द्वार बंद हो गया-वाक्य रचना की दृष्टि से है
(i) सरल वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) आज़ार्षक वाक्य
उत्तर :
(ii) मिश्र वाक्य
(ङ) ‘उसने मेहनत नहीं की, इसलिए वह रह गया।’ रचना के आधार पर वाव्य का भेद है?
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) सामान्य वाक्य
(iv) मिश्रित वाक्य
उत्तर :
(ii) संयुक्त वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘प्राणंप्रिय’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) दंद्व समास
(ii) द्विगु समास
(iii) कर्मधारय समास
(iv) बहुव्रीहि समास
उत्तर :
(iii) कर्मधारय समास
(ख) ‘भयभीत’ शद्ध के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) भय के कारण भीत-बहुल्रीहि समास
(ii) भय और भीत-घंड समास
(iii) भय हेतु भीत-अव्ययीभाव समास
(iv) भय से भौत-तत्पुरुप्य समास
उत्तर :
(ii) भय और भीत-घंड समास
(ग) ‘मनगढंत’ समस्त पद का विरह है
(i) मन से गढ़ा तुआ
(ii) मन के द्वारा गढ़ा हुआ
(iii) मन और गढ़ंत
(ii) मन है जिसका गढ़ा हुआ
उत्तर :
(i) मन से गढ़ा हुआ
(घ) ‘कुसुमायुप’ शब्द के सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) कुसुम और आयुध-द्दं समास
(ii) कुसुम है आयुध जिसका अर्थात् कामदेव-बहुव्रीहि समास
(iii) कुसुम के समान आयुध-कम्मधारय समास
(iv) कुसुम के लिए आयुध-तत्पुरुष समास
उत्तर :
(ii) कुसुम है आयुघ जिसका अर्थात् कमदेव-बहुव्रीहि समास
(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्तपद — समास
1. स्व्रीरल — कर्मधारच समास
2. पुण्यदान — अव्ययीभाव समास
3. सुख-दु:ख — द्रंद्र समास
4. चक्रपाणि — द्विगु समास
उपर्युक्त युग्मों — में से कौन-से सही सुमेलित है?
(i) 1 और 2
(ii) 2 और 3
(iii) 1 और 9
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(iii) 1 और 3
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) तुलसीदास कृत ‘रामधरितमानस’ जनता के लिए के समान है। उपयुक्त मुहावरे द्वारा रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
(i) गद्ष जीतना
(ii) गले का हार होना
(iii) घास कीलना
(iv) चाँद पर धूकना
उत्तर :
(ii) गले का हार होना
(ख) कक्षा 10 की परीक्ष पास करना रोहन के लिए छोटी-मोटी बात है, रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा उचित रहेगा?
(i) सिर फिरना
(ii) हैसी-खेल होना
(iii) हावी होना
(iv) लगती वात
उत्तर :
(ii) हैसी-खेल होना
(ग) ‘बेकार की वस्तु अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) फूटी आँख न सुहाना
(ii) दूध की मक्षी
(iii) तराजू पर तोलना
(iv) बे-सिर पैर की बातें
उत्तर :
(ii) दूघ की मक्खी
(घ) परिश्रमी व्यक्ति का मेरे काम में ही मेरी सफलता का कारण है। रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए।
(i) टाँग अड़ाना
(ii) हाथ डालना
(iii) मुंह फुलाना
(iv) नाक सिकोड़ना
उत्तर :
(ii) हाथ डालना
(ङ) मुहावरे और अर्ध के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) ठँगली पर नचाना — नाच नचाना
(ii) ओले पहुना — बारिश होना
(iii) राई का पहाइ बनाना — बड़ी बात होता
(iv) टका सा जवाब्ब देना — साफ इंकार कर देना
उत्तर :
(iv) टका सा जवाब देना-साफ इंकार कर देना
(च) ‘मकखी मारना’ मुहावरे का सही अर्थ है
(i) समय बचाना
(ii) व्यर्ष्ष में समय नष्ट करना
(iii) मक्षी मारने में रुचि
(iv) परेशान होना
उत्तर :
(ii) व्यर्थ में समय नष्ट करना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रूत रोज आती नहीं
हुस्न और इएक दोनों को रूस्वा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
(क) प्रस्तुत प्यांश में दुल्हन ……………. कहा गया है।
(i) धरती को
(ii) आकाश को
(iii) देशभक्त को
(iv) दुश्मन सैनिक को
उत्तर :
(i) धरती को प्रस्तुत पद्यांश में ‘दुल्हन’ धरती को कहा गया है। पद्यांश में साथी-सैनिकों का आह्वान कर कहा गया है कि धरती की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए।
(ख) पद्यांश के अनुसार, किसके लिए जान देने की रूत रोज नहीं आती?
(i) मित्र के लिए
(ii) धर्म के लिए
(iii) देश के लिए
(iv) प्रेम के लिए
उत्तर :
(iii) देश के लिए पद्यांश के अनुसार, देश के लिए जान देने का अवसर सदा प्राप्त नहीं होता है। यहाँ सैनिक स्पष्ट रूप से कहता है कि देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने के दिन हमेशा नहीं आते हैं, इसलिए देश की रक्षा करते समय अपने प्राणों की परवाह नहीं करनी चाहिए।
(ग) प्यांश में कैसी जवानी को व्यर्थ माना गया है?
(i) जो दूसरों को न सताए
(ii) जो जबरदस्ती किसी का धन न छीने
(iii) जो देश के लिए खून न बहाए
(iv) जो अपनी बहादुरी दूसरों को न दिखाए
उत्तर :
(iii) जो देश के लिए खून न बहाए पद्यांश में ऐसी जवानी को व्यर्थ माना गया है, जो देश के लिए खून न बहाए। कहने का अभिप्राय यह है कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान न देने वाली जवानी किसी काम की नहीं है।
(घ) बलिदान न देने वाला यौवन किन्हें बदनाम करता है?
(i) आलस और मेहनत को
(ii) दुष्टता और सज्जनता को
(iii) पुरुष और नारी को
(iv) सुदरता और प्रेम को
उत्तर :
(iv) सुंदरता और प्रेम को बलिदान न देने दाला यौवन, सुंदरता और प्रेम दोनों को ही बदनाम करता है। यौवनावस्था में सुंदरता और प्रेम का विशेष महत्त्व होता है, किंतु यदि यही जवानी देश के काम न आए तो वह सुंदरता और प्रेम को बदनाम करती है।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पदिए
1. देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
2. देश के लिए बलिदान करने का अवसर कभी-कभी आता है।
3. यह धरती दुल्हन की तरह है, इसकी लाज रखना सैनिकों का कर्त्तव्य है।
4. हमें अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
5. अपने दोषों को सुनकर व्यथित होने की अपेक्षा उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए। पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए
(i) 1,2 और 3
(ii) 1,3 और 5
(iii) 2,3 और 5
(iv) 2,4 और 5
उत्तर :
(i) 1,2 और 3 पद्यांश के अनुसार, देश की रक्षा के लिए सदेव तत्पर रहना याहिए। मनुष्य को जिंदा रहने के तो बहुत से अवसर मिलते हैं. लेकिन देश के लिए बलिदान करने का अबसर कभी-कभी आता है। यह धरती दुल्कन की तरह है, इसकी लाज रखना और इसकी रक्षा करना सैनिकों का कर्ताव्य है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) कबीर के अनुसार सच्चा भक्त है
(i) इंख्वर के प्रेम का अनुभव करने वाला
(ii) कर्तव्य का पालन करने वाला
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) पूजा-पाठ करने वाला
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों कबीर ने सच्चा भक्त उस व्यक्ति को कहा है, जिसने ईश्वर के प्रेम का अनुभव किया हो तथा जो अपना कर्त्तव्य पूरी निष्ठा के साथ पूर्ण करता हो।
(ख) मीरा श्रीकृष्ण के सान्निध्य में क्यों रहना चाहती है?
(i) हमेशा दर्शन होने के कारण
(ii) श्रीकृष्ण से प्रेम के कारण
(iii) भक्ति का साम्राज्य बड़ाने के कारण
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी मीरा श्रीकृष्ण के सान्निध्य में रहना चाहती हैं, क्योंकि वह श्रीकृष्ण से अत्यंत प्रेम करती हैं। उन्हें अपना सर्वस्व मानती हैं, इसलिए वह हमेशा उनके दर्शन करके भक्ति का साम्राज्य बढ़ाना चाहती हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
किस्सा क्या हुआ था उसको उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रुपया सालाना वजीफ़ा मुकर्रर कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता (कोलकाता) तलब किया।
वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया, जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की भी परवाह नहीं की उलटा उसे बुरा-भला सुना दिया। वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूटकर भरी है, उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया।
(क) “वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया, जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है?” कथन के माध्यम से वजीर अली के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता ज्ञात होती है?
(i) बज़ीर अली एक लाचार व्यक्ति था।
(ii) वज़ीर अली एक दार्शंनिक व्यक्ति था।
(iii) वज़ीर अली एक स्वाभिमानी व्यक्ति था।
(iv) वज़ीर अली एक देशभक्त व्यक्ति था।
उत्तर :
(iii) वज़ीर अली एक स्वामिमानी व्यक्ति था। प्रश्न में दिए गए क्थन के माध्यम से ज्ञात होता है कि वजीर अली एक स्वानिमानी व्यक्ति था। जब उसे अवध के नवाब के पद से हटा दिया गया, तो कंपनी के गवर्नर जनरल गे उसे कलकत्ता तलब किया, लेकिन वह वहीं नहीं गया। बह उसके स्वाभिमान के विरुद्ध था।
(ख) “वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंप्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूटकर भरी है।” यह दर्शाता है, वजीर अली का/की
(i) अभिमान
(ii) अपनत्व
(iii) कर्तव्यबोध
(iv) देशभक्ति
उत्तर :
(iv) देशमक्ति मश्न में दिचा गया क्यन वजीर अली की देशभक्ति दर्शाता है। वजीर अली देशभक्त है। वह हिंदुस्तान से अंग्रेजों को भगाने के प्रयास में जुट जाता है। उसे अंग्रेजों की गुतामी स्वीकार नहीं है, इसलिए उसके दिल में अंग्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूटकर भरी है।
(ग) पद से हृटाए जाने के बदले में वज़ीर अली को क्या द्विया गया?
(i) एक महल और दो रानियाँ दी गई थीं
(ii) तीन लाख रुपये सालाना दिया गया था
(iii) सरकारी पद पर नौकरी दी गई थीं
(iv) ये सभी
उत्तर :
(ii) तीन लाख रुपये सालाना दिया गया था अं्रेजों ने वज़ीर अली के चाचा सआदत अली को अद्य का नवाब बना दिया और वज़ीर अली को बनारस मेज दिया। पद से हटाए जाने के बदले बज़ीर अली को तीन लाख रुपये सालाना वर्तीफा देना तय किया गया।
(घ) “उसे उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचा दिया” इस पंकित में ‘हमने शब्द का प्रयोग किसके लिए हुआ है?
(i) अंग्रेजों के लिए
(ii) वकील के लिए
(iii) वज्ञोर अली के लिए
(iv) सआदत अली के लिए
उत्तर :
(iv) सआदत अली के लिए “चसे उसके पद से हटाने के बाद हमने वज़ीर अली को बनारस पहुँचँचा दिया” पंकित में ‘हमने’ शब्द का पयोग सआदत अली के लिए हुआ है। अंग्रेजों की मदद से सआदत अली ने दज़ीर अली से अवध की नदाबी छीन ली और उसे बनारस पहुँचा दिया।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके दाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए। कथन (A) वज़ीर अली ने कंपनी के वकील की हत्या कर दी।
कारण (R) वज़ीर अली अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहता था।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है वजीर अली ने कंपनी के वकील की हत्या कर दी, क्योंकि जब वजीर अली ने कंपनी के वकील से गवर्नर जनरल द्वारा कलकत्ता तलब किए जाने की शिकायत की, तो वकील ने शिकायत की परवाह किए बिना उसे ही बुरा-भला सुनाया था। वजीर अली अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहता था।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) लेखक को बड़े भाई साहब से हाँट क्यों सुननी पड़ती है?
(i) पदाई लिखाई न करने के कारण
(ii) छोटा भाई होने के कारण
(iii) बड़े भाई साहब के खुद पदाई में कमजोर होने के कारण
(iv) बड़े भाई साहब के क्ठोर व्यवहार के कारण
उत्तर :
(i) पढाई लिखाई न करने के कारण लेखक को बड़े भाई साहब से डॉँट सुननी पड़ती थी, क्योंकि वह हमेशा खेल-कूद में समय व्यतीत करता था और बिल्कुल भी पढ़ाई लिखाई नहीं करता था।
(ख) जीवन घरों में कैसे सिमटने लगा है?
(i) छोटे घर होने के कारण
(ii) दूरी अधिक होने के कारण
(iii) लोगों के एक-दूसरे से दूर होने के कारण
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) लोगों के एक-दूसरे से दूर होने के कारण जीयन घरों में सिमटने लगा है, क्योंकि अब लोग एक दूसरे से दूर जाने लगे हैं व एक दूसरे से अलग रहने लगे है तथा उनका जीवन बंद खिल्यों जैसे घरों में सिमटने लगा है।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुर्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘बड़े भाई साहब’ पाठ के माध्यम से आपने शिक्षा पद्धति के उन दोषों के बारे में जाना, जो बच्चों को किताबी कीड़ा बनाते हैं और जीवन के व्यावहारिक ज्ञान से अलग रखते हैं। इस पाठ से प्राप्त प्रेरणा का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘बड़े भाई साहब’ कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि सफल होने के लिए केवल किताबी ज्ञान होना ही महत्त्वपूर्ण नहीं होता। पढ़ाई सहज रूप से व्यावहारिक होनी चाहिए, ताकि उसे जीवन में भी आत्मसात् किया जा सके। कहानी में बड़े भाई साहब तोता रटंत विद्या के कारण बुद्धि का विकास नहीं कर सके। एक अच्छी शिक्षा पद्धति में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का भी महत्त्व होना चाहिए। खेलकूद भी जीवन में अहम है, जो पढ़ाई में भी सहायक होते हैं। बुद्धि के साथ-साथ व्यक्तित्व का विकास भी आवश्यक है।
(ख) इस वर्ष आपने पाठ्यक्रम में एक पाठ पढ़ा है, जो हमें अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली और उसके दुष्परिणामों से अवगत कराता है और यह संदेश देता है कि अधिक तनाव मनुष्य को पागल बना देता है। कथन का मूल्यांकन करते हूए अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
‘झेन की देन’ पाठ हमें अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली और उसके दुष्परिणामों से अवगत कराता है। पाठ में जापानियों की व्यस्त दिनचर्या से उत्पन्न मनोरोग की चर्चा करते हुए वहाँ की ‘टी-सेरेमनी’ के माध्यम से मानसिक तनाव से मुक्त होने का संकेत करते हुए यह संदेश दिया गया है कि अधिक तनाव मनुष्य को पागल बना देता है।
इससे बचने का उपाय है- मन को शांत रखना बीते दिनों और भविष्य की कल्पनाओं ; को भूलकर वर्तमान की वास्तविकता में जीना और वर्तमान का भरपूर आनंद लेना। मन से चिंता, तनाव और अधिक काम की बोझिलता हटाना आवश्यक है, जिससे शांति एवं चैन से जीवन व्यतीत हो सके।
(ग) शेख अयाज़ के पिता ने ऐसा क्यों कहा कि “मैने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेधर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।।’ ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
शेख अयाज़ के पिता सभी प्राणियों को ईश्वर का रूप मानते थे तथा उन्हें ईश्वर की संतान के रूप में ही देखते थे। एक दिन शेख अयाज़ के पिता कुएँ से नहाकर लौटे और खाना खाने बैठे, तभी उन्हें अपनी बाजू पर एक चींटा रेंगता हुआ दिखाई पड़ा। वह भोजन छोड़कर उठ गए। जब माँ ने बिना भोजन किए उठने का कारण पूछा, तो वे बोले, ” मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है, उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इससे प्रमाणित होता है कि शेख अयाज के पिता समदर्शी थे। उनकी भावनाएँ जीव-जंतुओं के लिए एकसमान करुणामयी थीं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2-6)
(क) ‘कवि मैचिलीशरण गुप्त ने मनुष्प को धन के उन्माद में अहंकारी न होने की प्रेरणा क्यों दी है?
उत्तर :
कवि ने धन के उन्माद में अहंकारी न होने की पेरणा इसलिए दी है, क्योंकि धन प्राप्ति कोई बहुत बही उपलचि नहीं हैं। यह मात्र एक तुच्छ उपलक्थि है। इस पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए, इसलिए थन के बत पर या सासारिक दृष्टि से स्वयं को सुरक्षित अनुमद करके अपने मन में अभिमान करना गलत है, व्योंकि संसार में सबके सिर पर त्रिलोकीनाथ का साया है। वह गरीबों का सहारा है, दयालु है। उसकी शक्ति बहुत अधिक है, वह सबको सुरक्षा और सहारा देता है, इसलिए हमें धन प्राप्ति पर धमंड नहीं करना चाहिए।
(ख) पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि ने पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ऋतु वा दर्णन किया है। पर्वतीय म्रदेश में वर्षा त्रतु आने पर प्रकृति क्षाण-क्षण में अपना रूप बदलती रहती है। कवि ने ऐसी ही अपनी एक अनुभूति को कविता के रूप में अभिव्यक्त करते हुए तालाब व झरनों का सुदर वंग से घित्रण किया है। कवि ने मकृति का उत्कृष्ट मानवीकरण किया है तथा पहाड़ की चोटी पर सड़े दिशाल दृक्षों के माध्यम से मन की आकाक्षाओं को मूर्त रूप में व्यक्त किया है।
(ग) ‘तोप’ कविता में कवि ने किस तोप का वर्णन किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि ने 1857 ई. के प्रथम स्वतत्रता संग्राम में प्रयोग में लाई गई तोप का दर्णन किया है। यह तोप अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचार की प्रतीक है। इस तोप को अब केणनी बाग में विरासत की भौति संमालकर रखा गया है। यह तोप आने-जाने वालों को बताती है कि उसने बढे-बड़े वीरों की धक्जियों उड़ा दी थीं, परंतु वर्तमान में इसकी स्थिति ददल गई है। अब यह रांत हो गई है और यह सीख देती है कि अत्याचार करने वाली प्रबल शक्तियों को मी एक दिन पराजय का मुँह देखना पड़ता है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) लेखक के अधिकांश मित्र राजस्थान, हरियाणा के मूल निवासी थे, जो व्यापार के उद्देश्य से परिवार के साथ यहॉ रहते थे। उनकी बोली क्रम समझ में आती थी। ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि जहाँ आत्मीयता या अपनेपन की भावना प्रबल होती है, वहाँ भिन्न भाषा जैसी समस्याएँ द्वाधक नहीं बन पार्तीं।
उत्तर :
‘सपनों के-से दिन’ पाठ में लेखक के आधे से अधिक साथियों के घर वाले राजस्थान या हरियाणा से मंडी में व्यापार या दुकानदारी करने आए थे। इन सबकी संस्कृति, भाषा, रहन-सहन, पहनावा, रीति-रिवाज़ आदि सब वहाँ के स्थानीय लोगों की तुलना में भिन्न थे। इन परिवारों के बच्चे जिस भाषा का प्रयोग करते, वह लेखक या अन्य स्थानीय लोगों को समझ में नहीं आती थी। इसके पश्चात् भी लेखक की इनमें से अनेक लड़कों के साथ अच्छी मित्रता हो गई थी। सहृदयता होने के कारण उनके बीच भाषा कभी भी दीवार बनकर खड़ी नहीं हुई।
(ख) ठाकुरबारी से घर वापस तौटने पर हरिहर काका के मन में महंत जी के प्रति आदर और श्रद्धा का भाव क्यों बढ़ गया? ‘हरिहर काका’ कहानी के आधार पर बताइए।
उत्तर :
ठाकुरबारी से घर आने के पश्चात् हरिहर काका ने जो बदलाव देखा, उसने उन्हें सुखद आश्चर्य में डाल दिया। घर के छोटे-बड़े सब उन्हें सिर-आँखों पर उठाने को तैयार थे। भाईयों की पत्लियों ने उनके पैर पर माथा रख गलती के लिए क्षमा-याचना की। फिर उनकी आवभगत और खातिर शुरू हुई। हरिहर काका की इच्छा के मुताबिक दोनों वक्त खाना और नाश्ता तैयार किया जाने लगा। उन्हें जिस किसी वस्तु की इच्छा होती, आवाज़ लगाते ही उपस्थित हो जाती। हरिहर काका को उनकी इच्छा के अनुसार परिवार में मान-सम्मान मिल रहा था। वे समझने लगे थे कि यह सब महंत जी के चलते ही हो रहा है। इसलिए महंत जी के प्रति उनके मन में आदर और श्रद्धा भाव बढ़ गया था।
(ग) “टोपी और इफ़फल की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के थे पर एक अनजान अदूट रिश्ते से बँचे थे।” ‘टोपी शुक्ता’ पाठ के आधार पर अपने विच्चार लिखिए।
उत्तर :
‘टोपी शुक्ला’ पाठ में टोपी कट्टर हिंदू परिवार से था और इफ़्फन की दादी मुसलमान थीं, किंतु फिर भी टोपी और इफ़्फन की दादी में एक अटूट मानवीय रिश्ता था। दोनों आपस में स्नेह के बंधन में बँधे थे। टोपी को इफ़्फन के घर में अपनापन मिलता था। दादी के आँचल की छाँव में बैठकर वह स्नेह का अपार भंडार पाता था। उसके लिए रीति-रिवाज, सामाजिक हैसियत, खान-पान आदि कोई महत्त्व नहीं रखता था।
इफ़्फन की दादी भी घर में अकेली थीं, उनकी भावनाओं को समझने वाला भी कोई नहीं था। अतः दोनों का रिश्ता धर्म और जाति की सीमाएँ पार कर प्रेम के बंधन में बँध गया। अतः स्पष्ट है कि टोपी और इफ़्फन की दादी अलग-अलग मजहब और जाति के होने पर भी वे दोनों आपस में प्रेम और स्नेह की अदृश्य डोर से बँधे हुए थे।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5×1=5)
(क) दिल्ली मेट्रो
संकेत बिंदु –
- मेट्रो रेल : वरदान
- मेट्रो रेल में प्राप्त सुदिधाएँ
उत्तर :
दिल्ली मेट्रो
दिल्ली की मेट्रो रेल यातायात के लिए अत्याधुनिक सुविधा है, जो राजधानी के लाखों-करोड़ों लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। 24 दिसंबर, 2002 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली की पहली मेट्रो रेल की परियोजना को आरंभ किया। इसका पहला चरण शाहदरा से तीसहजारी तक प्रारंभ किया गया था।
दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राजधानीवासियों को अच्छी परिवहन सुविधा उपलथ्थ करवाने के साथ-साथ यातायात की स्थिति को सुधारना तथा लोगों के लिए यात्रा को सुविधाजनक बनाना था। मेट्रो रेल अत्याधुनिक संचार व नियंत्रण प्रणाली से सुसज्जित है। इसके कोच वातानुकूलित हैं। यह नियमित अंतराल पर पूरे नियमानुसार चलती है।
इस प्रकार मेट्रो रेल सभी प्रकार की सुविधाओं से संपन्न है। मेट्रो रेल की सभी सुविधाओं को देखते हुए नागरिकों का कर्त्तव्य है कि वह मेट्रो को स्वच्छ रखने में सहयोग करें, स्टेशन परिसर में खाने की वस्तुओं को न लाएँ, रेल की पटरियों पर न चलें। मेट्रो रेल के दरवाजों को खोलने के लिए जबरदस्ती न करें आदि।
(ख) जीवन में खेलों का महत्त्व
संकेत बिंदु —
- खोलो का महत्व
- समप्र व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक
- मेट्रो रेल का चुद्देश्य
- नागरिकों के कर्त्तख्य
- खेलों से लाभ
- कन्या-ध्रूण हत्या : अमान्दीय कार्य
- कन्या-धूण हत्या रोक्थाम के उपाय
उत्तर :
जीवन में खेलों का महत्व
जीवन में खेलकूद का महत्त्वपूर्ण स्थान है। स्वस्थ तन और स्वस्थ मन प्रत्येक व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है। हमें ये दोनों चीजें उपलब्य कराने में खेलों की विशेष भूमिका होती है। खेल, स्वास्थ्य और मनोरंजन, दोनों दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होते हैं। ये जीवन की नीरसता को समाप्त करते हैं। खेल हमारे शरीर को सुगठित बनाते हैं तथा हमारी कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।
ये हमारे अंदर ‘मिलकर कार्य करने की भावना’ का विकास करते हैं। इससे सामूहिकता के साथ कार्य करने की आदत विकसित होती है। इस प्रकार खेल हमारे अंदर संगठन और सहयोग, परस्पर विश्वास, अनुशासन और आझ्ञाकारिता, साहस, सहनशीलता आदि अनेक गुणों का विकास करते हैं। हारने वाला खिलाड़ी मुस्कराते हुए विजयी खिलाड़ी को बधाई देता है तथा आगे अच्छा खेलने का संकल्प लेता है। इस प्रकार, ‘खेल’ हमें विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा देता हो जाता है, इसलिए मनुष्य को स्वस्थ जीवन जीने के लिए खेलों को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए।
(ग) कन्या-शण हत्वा : एक अभिशाप
संकेत बिंदु –
- कन्या-सुण हत्या का अर्थ
- क्वास्मूण हत्या के कारण
उत्तर :
कन्या-भुण हत्या : एक अभिशाप
गर्भस्थ शिशु के लिंग की जाँच के पश्चात् मादा भूर होने की स्थिति में उसे माँ के गर्भ में ही समाप्त कर देना, कन्या-भूण हत्या कहलाता है। स्त्री-पुरुष लिंगानुपात में गिरावट का मुख्य कारण कन्या-भूरण हत्या है। आधुनिक युग में प्रौद्योगिकीय प्रगति के फलस्वरूप अब गर्भस्थ शिशु के लिंग की जाँच कराना आसान हो गया है। लोग अपनी संकुचित मानसिकता के कारण लड़कियों को बोझ समझते हैं, उनकी भूण के रूप में ही हत्या कर देते हैं, जो एक अमानवीय कार्य है।
भारत में कन्या-भूण हत्या के अनेक कारण हैं, जिनमें से एक बड़ा कारण दहेज-पथा भी है। लड़कियों को पराया धन समझना तथा वैज्ञानिक तकनीकों का दुरुपयोग भी इसके मुख्य कारण हैं। कन्या-भूण हत्या रोकने के लिए कठोर कानूनी नियमों का निर्माण होना आवश्यक है। सभी नागरिकों को इन नियमों का पालन करना चाहिए तथा इस क्रूरतम अपराध के लिए अपराधी व्यक्ति को निश्चित रूप से दंड मिलना चाहिए। कन्या-भूग हत्या एक सामाजिक अभिशाप है और इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। यह समस्या लोगों की भागीदारी द्वारा ही समाप्त की जा सकती है।
प्रश्न 15.
अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखकर अपने एक सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार के लिए उसे सम्मानित करने का अनुरोथ कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द) (5×1=5)
अथवा
आपके मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम के अध्यक्ष को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर बाल उद्यान (पार्क) बनवाने की प्रार्थना कीजिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
हरियाणा।
दिनांक 22 मार्च, 20xx
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
दिगंबर जैन पब्लिक स्कूल,
पलवल, हरियाणा।
विषय सहपाठी के प्रशंसनीय और साहसिक व्यवहार के लिए उसे सम्मानित करने के संदर्भ में।
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि मंगलवार को अवकाश के बाद हम चार छात्राएँ बस की प्रतीक्षा में खड़ी थीं, तभी अचानक ही लाल रंग की एक कार हमारी ओर तेज़ी से बढ़ने लगी। इससे पहले कि हम कुछ सोच पातीं, वह कार हमारे साथ खड़ी छात्रा से टकरा गई और वह छात्रा नीचे गिर पड़ी, उसके सिर से खून निकलने लगा।
हमने पास से आते-जाते बहुत-से लोगों से सहायता के लिए विनती की, किंतु किसी ने हमारी सहायता नहीं की। ऐसे में साइकिल पर जाते हुए एक लड़के ने हमारी आवाज़ सुनी। वह दौड़कर हमारे पास आया और घायल छात्रा को कुछ लोगों की सहायता से पास के एक अस्पताल ले गया। समय पर उपचार हो जाने पर उस छात्रा की जान बच गई, अन्यथा उसे कुछ भी हो सकता था। बाद में पता चला कि वह लड़का हमारे विद्यालय का ही एक छात्र अभय वर्मा है। आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारे विद्यालय के इस साहसी छात्र अभय वर्मा को ऐसे प्रशंसनीय कार्य के लिए सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाए।
धन्यवाद।
आपकी आज्ञाकारिणी
कक्षा दसवीं ‘ब’ की छात्राएँ
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 15 मार्च, 20xx
सेवा में,
अध्यक्ष महोदय,
नगर निगम, दिल्ली।
विषय बच्चों के खेलने के लिए पार्क की व्यवस्था करने हेतु।
माननीय महोदय,
हम सब कमला नगर क्षेत्र के स्थायी निवासी हैं। हम आपका ध्यान ‘बच्चों के लिए पार्क न होने’ की समस्या की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। हमारे क्षेत्र की जनसंख्या 10 हज़ार से अधिक है, इसके पश्चात् भी बच्चों के खेलने हेतु मोहल्ले में एक भी बाल-उद्यान नहीं है, जिसके अभाव में बच्चे घर में ही रहते हैं। इस कारण उनका शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध होता है।
इसके अतिरिक्त, पर्यावरण व अन्य नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी उद्यान की आवश्यकता अनुभव की जा रही है। बच्चे देश का भविष्य हैं, उनका खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें उनके विकास के लिए पूर्ण अवसर प्रदान करना चाहिए। उन्हें खाली समय में मनोरंजन के लिए तथा खेलने के लिए स्थान मिलना चाहिए। इसलिए पार्क की बहुत आवश्यकता है। शहर के बीचों-बीच काफी खाली स्थान उपलब्ध है। यह इम्पूरमेंट ट्रस्ट के कब्जे में है। इसे आसानी से पार्क में तब्दील किया जा सकता है। अतः हम सब निवासी आपसे विनम्र अनुरोध करते हैं कि इस समस्या का समाधान किया जाए तथा बाल उद्यान की व्यवस्था की जाए। हम सब हार्दिक रूप से आपके अत्यंत आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीय
समस्त निवासीगण
कमला नगर, दिल्ली।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
आपका नाम रोहित खन्ना है और आप दसवीं कक्षा में पढते हैं। विद्यालय परिसर में आपकी अंग्रेज़ी की नोटबुक कहीं गिर गई है। इस संदर्भ में 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
अथवा
आप राजकीय विद्यालय, दिल्ली के प्रधानाचार्य अभिज्ञान वर्मा हैं। विद्यालय की पुस्तक प्रदर्शनी में आने के लिए विद्यार्थियों को 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
उत्तर :
डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल, द्वारका
दिनांक 14 सितंबर, $20 x x$
सभी को सूचित किया जाता है कि 13 सितंबर, 20XX को विद्यालय परिसर में मेरी अंग्रेज़ी की नोटबुक गलती से कहीं गिर गई है। जिस किसी को भी यह प्राप्त हुई हो, वे कृपया इसे मुझे लौटा दें या प्रधानाचार्य के कक्ष में जमा करा दें। नोटबुक पर ब्राउन रंग का कवर चढ़ा है तथा उस पर मेरा नाम भी लिखा है। नोटबुक में मेरा परीक्षा का पूरा पाठ्यक्रम है।
रोहित खन्ना
|
अथवा
राजकीय विद्यालय, दिल्ली सूचना
पुस्तक प्रदर्शनी में आमंत्रण हेतु सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में नवीन संस्करणों की पुस्तकों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इसमें विद्यार्थियों के उपयोग की अनेक पुस्तकें हैं, जिन्हें पढ़कर अपने अध्ययन को आसान व रोचक बना सकते हैं। सभी पुस्तकों पर 35 की विशेष छूट भी मिलेगी। अतः विद्यार्थी अधिक-से-अधिक संख्या में आकर इस अवसर का लाभ उठाएँ।
समय – प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक
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प्रश्न 17.
किसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट कंपनी की ओर से एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (3×1=3)
अथवा
किसी नाट्य संस्था की ओर से आपके शहर में नाटक का मंचन होना है। इसका विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर :
अथवा
प्रश्न 18.
‘सादा जीवन, उच्च विचार’ उवित को आधार बनाकर लगभग 100 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आप नेहा कुमारी/नमन कुमार है। आपके क्षेत्र में जल की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो रही है। नगर योजना अधिकारी को इस समस्या से अवगत कराते हुए एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
उक्ति का अर्थ ‘सादा जीवन उच्च विचार’ उक्ति का अर्थ सादगीपूर्ण जीवन शैली तथा उच्चतम अथवा श्रेष्ठ विचारों से है। यह उक्ति किसी भी प्रकार के दिखावे के बिना एक साधारण जीवन जीने के महत्त्व पर बल देती है, किंतु इसके साथ ही अपने जीवन तथा आस-पास के सकारात्मक बदलावों के बारे में भी सोचने के लिए प्रेरित करती है।
कथा एक राजा था, जो अपने सारे फैसले अपने मंत्री से पूछकर किया करता था। वह अपने मंत्री के विवेकपूर्ण निर्णयों से बहुत प्रसन्न था तथा उपहारस्वरूप उसे अनेक कीमती आभूषण, मोहरें इत्यादि देता रहता था, किंतु वह जब भी राजा की सभा में आता तो अत्यंत सादगीपूर्ण वस्त्रों में ही आता था। वह न तो कोई आभूषण धारण करता और न ही बाह्य वेशभूषा, साज-सज्जा पर अधिक ध्यान देता। वह प्रतिदिन साधारण-से धोती-कुर्ते में ही राज्यसभा में उपस्थित होता था।
एक दिन राजा की पत्नी ने राजा से कहा- मुझे लगता है कि यह मंत्री आपसे धन ऐंठने के लिए इतने सादे वस्त्र पहनता है, ताकि आप इसकी दशा देखकर इसे धन-दौलत देते रहें। राजा ने रानी की बातों का कोई जवाब न दिया। अगले दिन सुबह जब राजसभा आयोजित हुई, तो राजा ने मंत्री के निर्णय से प्रसन्न होकर पुनः उसे बहुत-सा धन, वस्त्र आदि दिए। जब मंत्री राजसभा से जाने लगा, तब राजा ने रानी से कहा, चलो, आज हम देखते हैं कि मंत्री इतने सारे धन का क्या करता है? राजा-रानी उसका पीछा करने लगे। उन्होंने देखा कि मंत्री ने सारा धन, वस्त्र इत्यादि गरीब बच्चों और जरूरतमंद लोगों में बाँट दिया।
राजा ने मंत्री से उसके इस कार्य का कारण पूछा, तो उसने कहा कि आपके द्वारा दिए गए उपहार में से मैं उतना धन ले लेता हूँ, जितना मेरे जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक है। शेष बचा धन, वस्त्र आदि मैं इन गरीब और जरूरतमंद लोगों में बाँट देता हूँ, जिससे ये सभी अपना जीवनयापन उचित तरीके से कर सकें तथा अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। राजा मंत्री के सादगीपूर्ण और मर्यादित जीवन तथा उत्तम विचारों से बहुत प्रसन्न हुआ और उसे गले लगा लिया तथा रानी अपने कुवचनों पर लज्जित होते हुए उससे क्षमा माँगने लगी। सीख इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन की सार्थकता और वास्तविक सुंदरता सादगी और शुद्ध आचरण में ही निहित है।
अथवा