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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 10 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं। जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
इंटरनेट ने शिक्षा को इतना आसान बना दिया है कि कोई भी, किसी भी प्रकार की समस्या क्यों न हो, पल भर की प्रतीक्षा किए बिना ही उसका उत्तर हमें मिल जाता है। पुस्तकालयों में बैठकर घंटों माथापच्ची नहीं करनी पड़ती। विद्यालयों में स्मार्ट क्लासों का प्रचलन बढ़ रहा है, जिसमें नेट के माध्यम से छात्रों को अत्याधुनिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। इतना ही नहीं विद्यार्थी अपने घरों में रहकर विदेशी विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों से कम खर्च में पढ़ सकते हैं और किसी भी प्रकार की समस्या का हल निकाल सकते हैं।
परीक्षाओं एवं प्रतियोगिताओं की तैयारी में भी इंटरनेट का सहारा लेकर छात्र सफलता की नई ऊँचाइयाँ छू रहे हैं। आज भारतीय युवाओं की सफलता, शिक्षा और तकनीकी शिक्षण में इंटरनेट का बहुत बड़ा हाथ है। गाँव और छोटे शहरों में रहने वाले लोग इसके माध्यम से विश्वस्तरीय ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं और परिश्रम रूपी घोड़े की लगाम पकड़कर विकास की नई-नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं। सच ही कहा है-शिक्षा में कमाल, इंटरनेट का धमाल।
इंटरनेट मानवजाति के भूत, भविष्य और वर्तमान की गाथा भी सुनाने में सक्षम है। आप इतिहास के पन्नों को पलट सकते हैं, भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं और वर्तमान में क्या घट रहा है, यह भी देख और पढ़ सकते हैं। किसी भी रचनाकार की कृति को पढ़ सकते हैं, नई-नई खोजें कर सकते हैं, विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, भौगोलिक परिवर्तनों से रू-ब-रू हो सकते हैं; प्राकृतिक आपदाओं के विषयों में भविष्यवाणी कर सकते हैं और यहाँ तक कि अपने आचरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने के लिए सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा पा सकते हैं।
(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि इंटरनेट ने मानव जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया है?
(i) मानव जीवन को अत्यंत सहज बना दिया है
(ii) मानव जौवन को अत्यंत उलझा दिया है
(iii) मानव का विकास अवरुद्ध किया है
(iv) संबंधों में बदलाव ला दिया है
उत्तर :
(i) मानव जीवन को अव्यंत सहज बना दिया है गद्यांश के अनुसार, इंटरनेट ने मानव जीवन को अत्यंत सहुज बना दिया है। आज मनुष्य घर वेठे दूरस्थ लोगों के साथ संपर्क कर सकता है और विचारों का आदान-भदान कर सकता है।
(ख) इंटरनेट के माध्यम से हम धर बैठे कौन-सी सुविधा प्राप्त कर सकते हैं?
(i) वर्तमान में घटित होने वाली घटना की जानकारी प्राप्त कर सकते है
(ii) इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
(iii) भबिष्य का अनुमान लगा सकते हैं
(iv) उपरोक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपरोक्त सभी गद्याश के आधार पर कह सकते हैं कि इटरनेट के माथ्यम से हम घर बैठे अनेक सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं। इसके द्वारा दर्तमान में घटित होने वाली घटनाओं, दतिहास की जानकारी तथा मविध्य का अनुमान लगाया जा सकता है।
(ग) विविध प्रकार की समस्याओं का समाधान किसके माध्यम से किया जा सकता है?
(i) नवीन सोच के माध्यम से
(ii) इंटरनेट के माध्यम से
(iii) इतिहास के माध्यम से
(iv) शिक्षा के माध्यम से
उत्तर :
(ii) इंटरनेट के माध्यम से गध्यांश के अनुसार, विविच प्रकार की समर्याओं का समाधान इंटरनेट के मध्यम से सरलता से किया जा सकता है। इसके द्वारा क्षणभर में बिना प्रतीक्षा किए समस्याओं का हल प्राप्त किया जा सकता है।
(घ) गद्यांश के अनुसार, आचरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने के लिए आवश्यकता है
(i) इंटरनेट की
(ii) सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा की
(iii) तकनीकी शिक्षा की
(iv) मानवता की
उत्तर :
(ii) सामाजिक एवं नैतिक शिक्ष की गद्यांश के अनुसार, आदरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने के लिए सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा की आवश्यकता होती है। सामाजिक एवं नैतिक शिक्षा आघरण को शिष्ट एवं अनुशासित रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
(ङ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) वर्तमान में इंटरनेट के माध्यम से आप इतिहास के पन्नों को पलट सकते हैं तथा भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं। कारण (R) इंटरनेट मानवज्जाति के भूत, भविष्य और वर्तमान की गाथा सुनाने में सक्षम है।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की गलत्व व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) और कारज (A) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (A) कथन (A) की सही ब्याख्या करता है वर्तमान में इंटरनेट के माध्यन से हम मनुष्य जाति के इतिहास के विषय में ज्ञान माप्त कर सकते हैं, वर्तमान का अध्ययन कर सकते हैं तथा भविष्य का अनुमान लगा सकते है, क्योंकि इंटरनेट मानवजाति के मूत, भविष्य तथा वर्तनान की गाथा सुनाने में सक्षम है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वधधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्य चुनकर लिखिए। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। यदि हम समाज में सामाजिक परिवर्तन लाना चाहते हैं; तो शिक्षा उसका एक आवश्यक स्रोत है, क्योकि इसके बिना किसी भी स्तर पर कोई सामाजिक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता।
सामाजिक क्षेत्रों में बहुत से सुधार करने का प्रयत्न किया गया, परंतु लोगों में शिक्षा की कमी देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप व्यावहारिक रूप में सुधार प्रभावहीन रह जाते हैं। हमने बाल विवाह, बाल श्रम, दहेज प्रथा तथा अन्य सामाजिक बुराइयों के लिए बहुत से कानून बनाए, परंतु विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित अशिक्षा ने इन सुधारात्मक कानूनी उपायों को लगभग नकार दिया है, इसलिए शिक्षा के द्वारा इन बुराइयों को मिटाने का प्रयत्न करना चाहिए, जिससे सामाजिक परिवर्तन को तीव्रता प्रदान की जा सके।
देश में पिछड़ी तथा अनुसुचित जातियों का उत्थान, राष्ट्रीय तथा भावात्मक एकता, भाषा सुधार तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया आदि सभी का चलन बहुत धीमा है, इसलिए शिक्षा के द्वारा इनकी सफलता के लिए उचित उपाय प्रदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए। परिवर्तन लाने का सबसे प्रभावी तरीका शिक्षा है। इसके द्वारा लोगों के दृष्टिकोण, व्यवहार रीतियों, जीवन नीतियों तथा मूल्यों में परिवर्तन लाने और उनमें प्रगति करने के लिए इच्छा जागृत की जा सकती है। शिक्षा आधुनिक ज्ञान में वृद्धि करने में भी सहायक हो सकत्ती है।
(क) निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘उत्यान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाता है?
(i) अभ्युद्य
(ii) अवनति
(iii) अपक्षय
(iv) अवनयन
उत्तर :
(i) अन्युदय गधांश में दिए गए ‘उत्थान’ शब्द के सही अर्थ को दर्शाने वाला शब्द है-‘अभ्युदय।
(ख) इसके द्वारा लोगों के दृष्टिकोण, व्यवहार रीतियों, जीवन नीतियों तथा मूल्यों में परिवर्तन लाने और उनमें प्रगति करने के लिए इच्छा जागृत की जा सकती है।’ पंक्ति के माध्यम से लेखक लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं।
(i) झूठ नहीं बोलने की
(ii) आडंबरों का त्याग करने की
(iii) वाल विबाह जैसी बुराइयों को समाप्त करने की
(iv) शिक्षित करने की
उत्तर :
(iv) शिक्षित करने की प्त्तुत पंक्ति के नाध्यम से लेखक लोगों को शिक्षित करने की प्रेरणा दे रहे हैं, क्योंकि शिक्षा ही परिवर्तन लाने का सबसे म्मादी तरीका है।
(ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि किसका चलन बहुत धीमा है?
(i) पिछड़ी तथा अनुसुचित जातियों के वस्थान का
(ii) राष्ट्रीय तथा भावाल्मक एकता का
(iii) भाषा सुधार तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया का
(iv) ये सभी
उत्तर :
(ii) ये सनी गध्यांश में बताया गया है कि देश में विछक्ती तधा अनुसूथित जात्वियों का उत्थान, राष्ट्रीय तथा भावात्मक एकता, भाषा सुभार तथा लोकतांत्रिक मक्रिया का चलन बहुत ही धीमा है।
(घ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. शिक्षा हमारा भविष्य उज्चल बनाती है।
2. शिक्षा सामाजिक परिवर्तन लाने में सध्रम है।
3. शिक्षा केवल प्राचीन ज्ञान में वृद्धि करने में सहायक है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-स//से सही है/है?
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(ii) 1 और 2 शिक्षा हमारा भविध्य उज्वल बनाती है। शिक्षा सामाजिक परिवर्तन लाने में सक्षम है। शिक्षा के बिना किसी भी स्तर पर कोई सामाजिक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है। शिक्षा प्राचीन झान में ही नहीं, अप्ति आघुनिक ज्ञान में भी वृद्धि करने में सहायक हो सक्ती है।
(ङ) निम्नलिखित में से किस कथ्थन को गद्यांश की सीख के आधार पर कहा जा सकता है?
(i) मन के हारे हार है, मन के जीते जौत
(ii) मेहनत से कल्पना साकार होती है
(iii) शिक्षा सामाजिक बुराइयों को मिटाने का साधन है
(iv) शिक्षा आस्तिक से नास्तिक बनने का माध्यम है
उत्तर :
(iii) शिक्षा सामाक्रिक दुराइयों को मिटाने का साधन है गधांश हमें यह सीख देता है कि शिक्षा सामाजिक बुराइयों को मिटाने का साथन है। किसी भी समाज में व्याप्त सामाजिक बुराइयो; जैसे-बाल विवाह, दहेज प्रथा, बाल अम आदि के कुप्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक कर इन्हें मिटाने का सबसे प्रभावी साधन शिक्षा हीं है।
व्यावहारिक व्याकरण
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘बाहर से आए मनुष्यों में कुछ शरारती तत्त्व भी हैं।’ वाक्य में रेखांकित पदबंध है
(i) विशेषण पद्बंध
(ii) क्रिया-विशेषण पदब्बंध
(iii) संज्ञा पदर्व
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर :
(iv) सर्वनाम पदबंध
(ख) तताँरा को मानो कुछ होश आया। वाक्वय में क्रिया पदबंध है
(i) तताँरा
(ii) होश आया
(iii) मानो
(iv) कुछ
उत्तर :
(ii) होश आया
(ग) ‘बड़ी देर से अपने को सँभालकर निखिल वोला।’ वाक्य में रेखांकित पदबंध है
(i) क्रिया-विशेषण पद्वंध
(ii) संज्ञा पदवंध
(iii) सर्वनाम पदर्बंध
(iv) विश्रेषण पद्वंघ
उत्तर :
(ii) संज्ञा पदब्ष
(घ) ‘वृजलाल गोयनका वंदे मातरम् बोलते हुए मोनुमेंट की ओर भागे।’ वाक्य में रेखांकित पदबंध है
(i) संज्ञा पद्बंध
(ii) सर्वनाम पदर्बंध
(iii) किया-विशेषण पद्बंध
(iv) क्रिया पदवंध
उत्तर :
(iii) क्रिया-विशेषण पदबंध
(ङ) संज्ञा पदबंध का उदाहरण छाँटिए
(i) बड़े भाई साइब लेखक की निडरता को भाप चुके थे
(ii) गीतकार गीत गा रहा है
(iii) वह सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता था
(ii) उन्होने ‘तीसरी कसम’ का निर्माण किसा था
उत्तर :
(i) बड़े भाई साहब लेखक की निडरता को भाप चुके थे
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘अधिक पढ़ने पर अधिक लाभ होगा।’ का मिश्र वाक्य बनेगा
(i) अधिक पढ़ोगे, तो अधिक लाभ होगा।
(ii) जो अधिक पढेगा उसे अधिक लाभ होगा।
(iii) अधिक पढ़ो, क्योकि इससे अधिक लाभ होगा।
(iv) अधिक पढ़ने से लाभ होता है।
उत्तर :
(i) अधिक पड़ोगे, तो अधिक लाभ होगा।
(ख) ‘जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद्द है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) विधानवाचक वाक्य
उत्तर :
(iii) मिश्र वाक्य
(ग) ‘वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाइ की तरह भारी था।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश वाक्य
(iv) सामान्य वाक्य
उत्तर :
(i) सरल वाक्य
(घ) ‘भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का जो भयंकर चित्र खींचा था, उसने मुले भयभीत कर दिया।’ इस वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा
(i) जब भाई साहब ने अपने दरजे की पद़ाई का भयंकर चित्र खींचा, तो उसने मुझे भयभीत कर दिया।
(ii) भाई साहव अपने दरजे की पड़ाई का चित्र खींचकर मुद्रे भखभीत कर चुके थे।
(iii) भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का भयंकर चित्र खींचा और उसने मुले भयभीत कर दिया।
(iv) भाई साहब ने अपने दरजे की पढ़ाई का चित्र खींचकर मुझे भयभीत कर दिया।
उत्तर :
(iii) भाई साहब ने अपने दरजे की पड़ाई का भयंकर चित्र खींचा और उसने मुझे भयभीत कर दिया।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों में से सरल वाक्य है
(i) इस तरह अंग्रेजी पढ्रोगे, तो जिदगी भर वक्ते रहोंगे।
(ii) अपराध तो मैने किया, लताड़ कौन सहे?
(iii) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे।
(iv) अगर तुम्हे इस तरह उम्र गंवानी है, तो घर चले जाओ।
उत्तर :
(iii) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) ‘शास्त्रन’ शब्द के सही समास-विग्रह का चयन कीजिए
(i) झास्त्र के लिए वज-तत्तुरुष समास
(ii) शास्त्र का जाता है जो-कर्मधारख समास
(iii) शास्त्र और यज्ञ-दंद समास
(ii) शास्त्र में यड-तत्पुरुष समास्स
उत्तर :
(ii) शास्त्र का जाता है जो-कर्मधारख समास
(ख) ‘चंद्रमुख’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) कर्मधारय समास
(ii) तत्पुरुष समास
(iii) द्रिगु समास
(iv) अख्ययीधाव समास
उत्तर :
(i) कर्मधारय समास
(ग) विद्याथन’ समस्त पद का विग्रह है
(i) विद्या के लिए धन
(ii) धन के लिए विद्या
(iii) विद्यारुपी धन
(iv) धनरूपी विद्या
उत्तर :
(iii) विद्यारुपी धन
(छ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्त पद — समास
1. अनिच्छा — अव्ययीभाव
2. गृहागत — तत्पुरुष
3. देहलता — बहुत्रीहि
4. चार दीवार — द्विगु
उपयुक्त युग्मों में से कौन से सही सुमेलित हैं?
(i) केवल 1
(ii) 3 और 4
(iii) 2 और 4
(iv) 1 और 3
उत्तर :
(iii) 2 और 4
(ङ) ‘घनश्याम’ शब्द के लिए सही समास विग्रह और समास का चयन कीजिए।
(i) घन के समान र्याम – कर्मधारय समास
(ii) घन के लिए श्याम – तत्पुरुष समास
(iii) घ्रन और श्याम — द्वंद्व समास
(ii) घन है सो इ्याम- बहुव्रीं समास
उत्तर :
(i) घन के समान र्याम – कर्मधारय समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1×4=4)
(क) साइकिल की सवारी करना आजकल के युवाओं के लिए है। उपयुक्त मुहावरे से रिकत स्थान की पूर्ति कीजिए
(i) शान में बट्टा लगना
(ii) सिर द्युकाना
(iii) यम की यातना करना
(iv) मैदान मारना
उत्तर :
(i) रान में बट्टा लगना
(ख) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए
(i) सिर उठाना-बहुत तेज दौड़ना
(ii) हथेली पर सरसों उगाना-असंभव काम करना
(iii) दाल न गलना-बेइख्जली होना
(iv) चार चाँद लगाना-घमंड करना
उत्तर :
(ii) हथेली पर सरसों उगाना-असंभव काम करना
(ग) पुलिस की आहट सुनते ही योर
(i) भेड़िया धसान
(ii) भीगी बिल्ली
(iii) दल-बदल् बन जाते है। सटीक मुहावरे से रिकत स्थान की पूर्ति कीजिए
(iv) गोबर गणेश
उत्तर :
(ii) भौगी बिल्ली
(घ) ‘बहुत तंग करना’ अर्थ के लिए सही मुहावरा है
(i) टाँग अड़ाना
(ii) झंडा गाड़ना
(iii) नाकों चने चबवाना
(iv) धाक जमाना
उत्तर :
(iii) नाकों चने चबवाना
(ङ) ‘भयभीत हो जाना’ के लिए उपयुक्त महावरा है
(i) भीगी बिल्ली बन जाना
(ii) वाल-घाल बचना
(iii) कान का कच्चा होना
(iv) रफूचक्कर होना
उत्तर :
(i) भीगी बिल्ली बन जाना
(च) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा?
तुम किसे हरा रहे हो? मैं तुम्हारी व्यर्थ की धमकी से डरकर भागने वाला नहीं हूँ।
(i) खून का प्यासा
(ii) गीदड भभकी
(iii) औधी खोपड्री
(iv) बेपेंदी का लोटा
उत्तर :
(ii) गीदड भभकी
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
उड़ गया, अचानक लो, भूधर रव-शेष रह गए हैं निर्दरा उठ रहा धुआँ, जल गया ताल! था इंद्र खेलता इंद्रजाल।
(क) निम्न वाक्यों को ध्यानपूर्वक पदिए फड़का अपार पारद के पर! है टूट पड़ा भू पर अंबर! -यों जलद-यान में विचर-विचर
1. पूरा पर्वत आकाश में उड़ रहा है।
2. वर्षा ऋतु का वर्णन है।
3. पर्वत पर अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहे हैं।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित बिकल्प है/हैं
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 2 और 3
(iv) 1,2 और 3
उत्तर :
(iv) 1,2 और 3 प्रस्तुत वाक्यों के नाध्यम से कवि स्पष्ट करना चाह रहा है कि वर्षा इतु में पर्वत आकाश में उड़ता हुआ प्रतीत हो रहा है तथा ऐसा लग रहा है। अत्यधिक वर्षा के कारण पर्वत पर अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहे हैं।
(ख) पर्वत, झरने, शाल के वृक्ष आदि के दिखाई न देने का क्या कारण है?
(i) मूसलाधार वर्षा का होना
(ii) घना अँधकार छा जाना
(iii) चारों ओर धुआँ ही धुआँ होना
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सनी पद्यांश के अनुसार, पर्वत, झरने, शाल के वृक्ष आदि के न दिखाई देने का कारण मूसलाधार वर्षा का होना है। वर्षा इतनी तेज थी कि चारों ओर धुआँ ही घुआँ होने लगा और घना अँधकार छा गया।
(ग) कवि ने तालाब के जल से उठने वाले धुएँ को किसके समान बताया है?
(i) सफेद हँस के
(ii) अभिन के
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) गहन अँषकार के
उत्तर :
(ii) अग्नि के कवि ने तालाब के जल से उठने वाले धुएँ को अग्नि के समान बताया है। कवि वर्णन करते हुए कहता है कि तालाब के जल से इस तरह धुआँ उठने लगा मानो उसमें आग लग गई हो।
(घ) ‘रब-शेष रह गए हैं निर्झर’ पंकित से क्या आशय है?
(i) अँघकार छा जाने के कारण कुछ नहीं दिखाई देता, केवल इरनों की आवाज ही सुनाई देती है
(ii) प्रकृति की सुंदरता का चित्रण झरनों के दृश्य के माध्यम से किया गया है
(iii) झरने बहुत सुंदर दिखाई दे रहे हैं
(iv) अंधकार में झरनों का दृश्य मनोरम दिखाई देता है
उत्तर :
(i) अँधकार छा जाने के कारण कुछ नहीं दिखाई देता, केवल झरनों की आवाज ही सुनाई देती है ‘रव-शेष रह गए हैं निईर’ पंक्ति का आशय यह है कि अत्यधिक तीव्र गति से वर्षा होने के कारण धरती पर अँधकार छा गया है, जिस कारण कुछ भी दिखाई नहीं देता, केवल झरनों की आवाज ही सुनाई देती है।
(ङ) प्रस्तुत पय्यांश में किस ऋतु की सुंदरता का वर्णन किया गया है?
(i) वर्षा ॠतु
(ii) और्मीष्म ऋतु
(iii) शरद अतु
(iv) बसंत खतु
उत्तर :
(i) वर्षा ऋतु प्रस्तुत पद्यांश में वर्षा ऋतु की सुंदरता का वर्णन करते हुए बताया गया है कि इसमें पर्वत उड़ता हुआ प्रतीत होता है वर्षा तेज होती है व तालाब से धुआँ उठता प्रतीत होता है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्य का चयन कीजिए। (1×2=2)
(क) ‘निदक नेड़ा राखिए’ का भाव है
(i) निंदक को दूर रखना चाहिए
(ii) निंद्क को अपने निकट रखना चाहिए
(iii) निदक पर विश्वास नहीं करना चहिए
(iv) निदक से सतर्क रहना चाहिए
उत्तर :
(ii) निंदक को अपने निकट रखना चाहिए ‘निंदक नेड़ा राखिए’ का भाव है-निंदक को अपने निकट रखना चाहिए, क्योंकि निंदक अपने निंदा रूपी वधनों से हमारे दोबों व कमियों को सुधारने का नौका देता है।
(ख) तोप ने किन सूरमाओं के धज्जे उड़ा दिए थे?
(i) जो देश पर हमला करने आए थे
(ii) जो देश के शत्रु चे
(iii) जिन्होने अंप्रेजों के विरुदा स्वतंत्रता संघर्ष में भाग लिया था
(iv) इनमें से कोड़ नहीं
उत्तर :
(iii) जिन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध स्वरत्रता संधर्ष में बाग लिया था तोप ने अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता संघर्ष में भाग लेने वाले सूरमाओं के धज्जे उड्डा दिए थे। यह तोप उस समय के बीरों के बलिदान और अंग्रेजी शासकों के अत्याचारों की गाथा कल्लती है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
राज कपूर ने एक अच्छे और सच्चे मित्र की हैसियत से शैलेंद्र को फिल्म की असफलता के खतरों से आगाह भी किया पर वह तो एक आदर्शवादी भावुक कवि था, जिसे अपार संपत्ति और यश की इतनी कामना नहीं थी जितनी आत्मसंतुष्टि के सुख की अभिलाषा थी।
‘तीसरी कसम’ कितनी ही महान फिल्म क्यों न रही हो, लेकिन यह एक दुःखद सत्य है कि इसे प्रदर्शित करने के लिए बमुश्किल वितरक मिले। बावजूद इसके कि ‘तीसरी कसम’ में राजकपूर और वहीदारहमान जैसे नामजद सितारे थे, शंकर-जयकिशन का संगीत था, जिनकी लोकप्रियता उन दिनों सातवें आसमान पर थी और इसके गीत भी फ़िल्म के प्रदर्शन के पूर्व ही बेहद लोकप्रिय हो चुके थे, लेकिन इस फ़िल्म को खरीदने वाला कोई नहीं था।
दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने का गणित जानने वाले की समझ से परे थी। उसमें रची-बसी करुणा तराजू पर तौली जा सकने वाली चीज़ नहीं थी। इसीलिए बमुश्किल जब ‘तीसरी कसम’ रिलीज हुई तो इसका कोई प्रचार नहीं हुआ। फिल्म कब आई, कब चली गई, मालूम ही नहीं पड्रा।
(क) आर्धिक खतरों से आगाह किए जाने के बाद भी शौलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ बनाने का निर्णय क्यों लिया?
(i) आत्मसंतुष्टि के लिए
(ii) मित्र के लिए
(iii) जिज्ञासा शांत करने के लिए
(iv) यश प्राप्ति के लिए,
उत्तर :
(i) आत्मसंतुष्टि के लिए आर्थिक खतरों से आगाह किए जाने के बाद मी शूलेंद्र ने ‘तीसरी कसम’ बनाने का निर्णय आत्मसंतुष्टि के लिए लिया।
(ख) ‘तीसरी कसम’ के लिए दुःदद सर्य किसे कहा गया है?
(i) फ़िल्म में गौतों का अभाव
(ii) प्रदर्शित करने के लिए वितरक न मिलना
(iii) लोकप्रियता की कमी
(iv) जाने-माने क़िल्मी सितारों का न होना
उत्तर :
(ii) प्रदर्शित करने के लिए वितरक न मिलना ‘तीसरी कसम’ के लिए दु:बद सत्य प्रदर्शित करने के लिए वितरक न मिलना को कहा गया।
(ग) ‘दो से चार बनाने’ का क्या अर्थ है?
(i) अप्पषिक बनाबटी होना
(ii) अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त करना
(iii) सामान्ब से घहुत अधिक चाहना
(iv) बिना कारण बहस करना
उत्तर :
(ii) अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त करना ‘दो से धार दनाने’ का अर्थ अधिक-से-अधिक लाम पाप्त करना है।
(घ) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पझिए। उसके बाद दिए गए विकत्पों में से कोई एक सही विकल्प धुनकर लिखिए। (1) कथन (A) ‘तीसरी कसम’ फिल्म को खरीदने वाला कोई नहीं था।
कारण (R) ‘तीसरी कसम’ फिल्म में राजकपूर और वहीदा रहमान जैसे प्रसिद्ध सितारे तथा शंकर-जयकिशन का मधुर संगीत था।
(i) कष्न (A) और कारण (R) दोनों गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) सही है, कितु कारण (R) कथन (A) की गलत व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R)दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iii) कघन (A) सही है, कितु कारण (R) क्थन (A) की गलता व्याख्या करता है ‘तीसरी कसम’ फिल्म को खरीदने वाला कोई नहीं था। यह सत्य है, परंतु तीसरी क्सम फिल्म में राजक्यूर और वहीदा रहमान जैसे मसिद्ध सितारे तथा यह शंकर-जयकिशन की एक रोधक फिल्म थी, न की मधुर संगीत।
(ङ) ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म में तराजू पर तोली जा सकले वाली चीज़ क्या नहीं थी?
(i) उसका संगीत
(ii) उसमे रुची-बसी करुणा
(iii) उसके नायक-नाषिका
(iv) उसके संवाद्द एवं भाषा-शैली
उत्तर :
(iii) लोगों के एक-दूसरे से दूर होने के कारण जीयन घरों में सिमटने लगा है, क्योंकि अब लोग एक दूसरे से दूर जाने लगे हैं व एक दूसरे से अलग रहने लगे है तथा उनका जीवन बंद खिल्यों जैसे घरों में सिमटने लगा है।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्य का चयन कीजिए।
(क) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ से प्राप्त प्रेरणा को दर्शाते हैं? (1×2=2)
1. हमें प्रकृति के स्वरूप में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
2. हमें पशु-पक्षियों के सुख-दुःख की भी चिता करनी चाहिए।
3. अत्यधिक इच्छाएँ व्यक्ति के जीवन में वनाख बढ़ाती हैं।
4. राजनीति में दुश्मन के प्रति गहरी चालें भी सोच-समझकर चलनी चाहिए। कूट
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) 1,2 और 3
(iv) 2,3 और 4
उत्तर :
(ii) 1 और 2 ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ हमें प्रकृति के स्वरूप में हस्तक्षेप नहीं करने की प्रेरणा देता है। वहीं यह प्रेरणा भी देता है कि हमें पशु-पक्षियों के सुख-दुःख की भी चिंता करनी चाहिए, क्योंकि इस धरती पर उनका भी उतना ही अधिकार है, जितना हमारा है।
(ख) राजक्मूर की किस बात पर शैलैद्र का चेहरा मुरझा गया?
(i) जब उन्होंने पारिश्रमिक माँगा
(ii) जब उन्होंने गायन छोड़ दिया
(iii) जब उन्होने उनसे हट जाने को कहा
(iv) जब उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया
उत्तर :
(i) जब उन्होंने पारिश्रमिक माँगा जब शैलेंद्र ‘तीसरी कसम’ फिल्म की कहानी सुनाने राजकपूर के पास गए, तो उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए अपना पारिश्रमिक एडवांस माँगा और यह सुनकर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के आधार पर वृजलाल गोयनका का संघर्ष अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के अनुसार, वृजलाल गोयनका 26 जनवरी, 1931 को कलकत्ता में रवतंत्रता दिवस मनाने में जुटे थे, इसलिए जब वह वंदे मातरन् बोलवे हुए मोनुमेंट की ओर भागे, तब पुलिस ने उन्हें पकळकर कुछ दूर ले जाकर छोड़ दिया। इसके बाद वह स्त्रियों के जुलूस में घुस गया और वहीं से दो सौ लोगों का जुलूस लेकर लाल बाजार गया, जहाँ उसे गिरफ्तार कर लिया गया, यहीं पर मदालसा को भी पकड़ लिया गया और उससे मालूम हुआ कि उसे थाने में नी पीटा गया।
(ख) तताँरा खूब परिशम करने के बाद समुद्र के किनारे टहतने के लिए निकल पड़ा। वह समुदी बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों को निहारता है व प्राकृतिक सौदर्य का आनंद लेता है। ‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर समुद्र के किनारे के प्राकृतिक सौदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर :
‘तताँरा-वामीरो क्था’ पाठ के अनुसार, समुद्र के किलारे का वातावरण अत्यंत मनमोहक था। वहाँ पर ठड़ी बयारें आ रही थी् समुद्री बालू भी ठडी हो चुकी थी। पक्षियों की चहचहाट धीरे-धीरे कम हो रही थी। सूर्य की अंतिम रंग-बिरगी किरणें समुद्र के जल में पड़ती हुई बहुत सुंदर लग रही थी। इस प्रकार, सूर्य अस्त के समय समुद्र के आस-पास का वातावरण शांत और रंगीन हो गया था।
(ग) पहले जमीन के बड़े भाग में जंगल थे। पेड़-पौधों व पशु-पक्षियों से थरती हरी-भरी थी, परंतु धीरे-धीरे सब नष्ट होता जा रहा है। बढ़ती हुई आबादी से पर्यावरण में क्या परिवर्तन आए है? ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ के आयार पर लिखिए।
उत्तर :
बढती हुई आबादी से पर्यावरण में अत्यधिक परिवर्तन आए हैं। पहले जमीन के बड़े भाग पर जंगल थे, चारों ओर हरियाली व पक्षियों की चहचहाट थी, परंतु बढ़ती आबादी के कारण लोगों के स्थान विस्तारित करने हेतु जंगलों को काटा गया, इससे पेड़-पौधों तथा पक्षियों का पलायन हुआ, प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा, जिससे प्रकृति ने कई विस्सतियों को जन्भ दिया; जैसे-अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बाक, तूफान, सुनामी आदि।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) आपके पाठ्यक्रम की कविता ‘पद’ के पहलेे पद में मीरा ने हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती किस प्रकार की है? लगभग 60 शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
‘पद’ कविता में मीरा श्रीकृष्ण को संबोधित करते हुए कहती है कि हे कृष्ण! आप तो सदैव अपने भक्तों की पीड़ा को दूर करते हैं। वह अनेक उदाहरणों के माध्यम से श्रीकृष्ण को अपनी पीड़ा हरने की बात कहती है। जैसे-भरी सभा में कौरवों द्वारा अपमानित होने पर जब द्रौपदी ने रक्षा के लिए पुकारा, तो आपने वस्त्र बढ़ाकर उसके मान-सम्मान की रक्षा की। इसी प्रकार भक्त प्रह्नाद को बचाने के लिए नरसिह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप को मारा। मुसीबत में पड़े ऐरावत हाथी को मगरमच्छ के मुँह से बचाया। मीरा इन सब उदाहरणों के माध्यम से अपनी पीड़ा हरने के साथ-साथ सांसारिक बंधनों से मुक्ति के लिए भी विनती करती है।
(ख) आपके पाठ्यक्रम की किस कविता में पावस ऋतु में प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों के बारे में बताया गया है? ये परिवर्तन कौन-कौन-से हैं? अपने शद्यों में उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में वर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेश में प्रकृति प्रतिपल नया वेश ग्रहण करती दिखाई देती है। इस ऋतु में प्रकृति में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं
- विशाल आकार वाला पर्वत तालाब के स्वच्छ जलरूपी दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखता है।
- पर्वत पर असंख्य फूल खिल जाते हैं।
- झरनों का पानी मोती की लड़ियों के समान सुशोभित होता है।
- ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर एकटक देखते हैं।
- बादलों के छा जाने से पर्वत अदृश्य हो जाता है।
- ताल से उठते हुए धुएँ को देखकर लगता है, मानो आग लग गई हो।
- आकाश में तेजी से इधर-उधर घूमते हुए बादल अत्यंत आकर्षक लगते हैं।
(ग) आपके पाठ्यक्म की किस कविता में कवि को ईश्वर के अतिरिक्त अपनी बुद्धि और कौशल पर विश्वास है और क्यों? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘आत्मत्राण’ कविता में कवि को ईश्वर के अतिरिक्त अपनी बुद्धि और कौशल पर विश्वास है। उन्हें अपनी शक्ति व कठिनाइयों का सामना करने के लिए बुद्धि के बल पर बनाई गई योजनाओं और कुशलता के बल पर उनका सामना करने की क्षमता पर विश्वास है, क्योंकि कवि का मानना है कि मनुष्य अपना उद्धार स्वयं ही कर सकता है, अपनी कठिनाइयों से खुद छुटकारा प्राप्त कर सकता है। कोई और उसकी सहायता नहीं कर सकता। यदि मनुष्य स्वयं कर्म नहीं करेगा और केवल ईश्वर के भरोसे बैठा रहेगा, तो वह कभी भी कठिनाइयों का सामना नहीं कर पाएगा। इसके विपरीत यदि वह अपनी समस्त शक्तियों का उचित प्रयोग करेगा, तो कठिनाइयाँ निश्चय ही दूर होंगी।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) ‘हरिहर क्राका’ की अपने परिवार के सदस्वों से मोहभंग की शुरआआत किस प्रकार हुई? आप हरिहर काका के इस मोहभंग को उचित मानते हैं अथवा अनुचित? ‘हरिहर काका’ पाठ के आथार पर अपने विदार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
हरिहर काका का अपने परिवार के सदस्यों से मोहभंग तब हुआ, जब उनके भाइयों की पलियों, बहुओं और बच्चों द्वारा उन्हें उपेक्षित किया जाने लगा। बीमारी के समय में भी उन्हें अपनी आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए स्वयं ही उठना पड़ता था, जिसके कारण हरिहर काका का उन लोगों से मोहभंग हो गया, जो सर्वथा उचित है, क्योंकि यदि उनके भाइयों के परिवार के सदस्य उनकी बीमारी में भी देखभाल नहीं कर सकते, तो फिर ऐसे परिवार का क्या लाभ।
(ख) ‘बाल शिक्षा’ विर्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह बाल केंदित होती है और इसमें अनुशासन लचीला होता है। कथन के आधार पर बताइए कि विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों के विकास हेतु शिक्षा व्यवस्था में किस प्रकार के सुपार की आवश्यकता है। ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत पाठ में शिक्षा का परंपरावादी रूप दिखाई पड़ता है, किंतु आधुनिक समय में विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों के विकास हेतु शिक्षा व्यवस्था को प्रयोगवादी बनाए जाने की आवश्यकता है। इसमें शिक्षा बाल केंद्रित होती है। इस पद्धति में अनुशासन बनाए रखने के लिए शारीरिक दंड का प्रयोग नहीं किया जाता तथा विद्यार्थियों को महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति से परिचित कराया जाता है, जिससे प्रेरित होकर वह र्वयं के व्यक्तित्व को विकसित करने का प्रयास करता है और शिक्षक उसके मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। प्रस्तुत पाठ में हेडमास्टर शर्मा जी मार्गदर्शक के रूप में तो दिखाई पड़ते हैं, किंतु वहीं दूसरी ओर प्रीतमचंद सर का शारीरिक दंड के रूप में कठोर व्यवहार भी देखने को मिलता है। अतः आज परंपरावादी शिक्षा प्रणाली के स्थान पर प्रयोगवादी शिक्षा अपनाए जाने की आवश्यकता है।
(ग) ‘टोपी शुकला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि “इफ़क्रन को अपनी दादी से विशेष लगाव था।”
उत्तर :
इफ़फ़ को अपनी दादी से बड़ा प्यार था। उसे अपने पिता, बहन, माता तथा छोटी बहन नुजहत से भी लगाय था, किंतु दादी में तो जैसे उसके प्राण बसते थे। घर के अन्य सदस्य उसे कभी-कभार डाँटते-डपटते या फिर पिटाई भी कर डालते। छोटी बहन भी उसकी कॉपियों के पन्नों से हवाई जहाज बनाने लगती। बस एक दादी थीं, जिन्होंने कभी इफ़्फ़ का दिल नहीं दुखाया।
वह रात को उसे ढेर सारी कहानियाँ सुनाया करती थीं। उसे दादी की ग्रामीण बोली बड़ी अच्छी लगती थी। इक़्फ़न भी अपनी दादी की तरह बोलना चाहता था, पर उसके अब्बू उसे नहीं बोलने देते थे। इफ़्फ़ अपनी दादी के प्रेम तथा उनकी सादगी से अत्यधिक प्रभावित था। दादी के प्रति उसका स्नेह पारिवारिक परिस्थितियों तथा उसकी भावुकता के कारण विकसित हुआ था।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5×1=5)
(क) प्रातःकाल की सैर
संकेत बिंदु –
- प्रातःकाल का दृश्य
- मातःकाल सैर करने के लाभ
- प्रातःकाल सैर न करने से हानि
उत्तर :
प्रातःकाल की सैर
प्रात:काल घूमते हुए उगते सूर्य की लालिमा के साथ-साथ, चिड़ियों की चहचहाहट और धीमी-धीमी बहती हवा शरीर को एक अद्भुत आनंद से भर देती है। उस समय चारों ओर का वातावरण शांत होता है। प्रकृति अपने सुंदरतम रूप में होती है। पशु-पक्षी उल्लास भरे वातावरण में इधर से उधर फुदकते एवं कुलाँचे (छलांग) भारते दिखाई देते हैं, जिसे देखकर बहुत खुशी होती है।
पेड़-पौधों के पत्तों पर पड़ी हुई ओस की बूँदें मन को मोह लेती हैं। जो लोग प्रातःकाल सैर करने जाते हैं, उनका पूरा दिन ताज़गी से भरा रहता है। सुबह-सुबह की ताज़ी हवा फेफड़ों में जाकर पूरे शरीर को ताजगी से भर देती है, जिसका प्रभाव पूरे दिन रहता है। सुबह-सुबह प्रकृति का मनोरम दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो जाता है, जिससे पूरा दिन प्रसन्नता में व्यतीत होता है। घूमते समय व्यक्ति को सुंदर-सुंदर विचार आते हैं, जो निराशा को दूर करके आशा का संदेश देते हैं।
विद्यार्थियों का मन प्रसन्न होने के कारण उन्हें पढ़ाई करने की प्रेरणा मिलती है। जो लोग प्रातःकाल की सैर नहीं करते, उनका शरीर आलस्य से भरा रहता है। वे दिनभर उदास रहते हैं और काम करने में उनका मन नहीं लगता। वे बात-बात पर क्रोध करते हैं और समाज में लोकप्रिय नहीं हो पाते। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता। वे डॉक्टरों के चक्कर काटते रहते हैं और दवाइयाँ उनकी मित्र बन जाती हैं। अतः हम कह सकते हैं कि प्रातःकालीन भ्रमण का हमारे जीवन में अत्यंत महत्त्व है, इससे हमें नई चेतना मिलती है।
(ख) धर्म और राजनीति
संकेत बिंदु –
- धर्म का अर्थ और महत्त्व
- धर्म के गुण
- धर्म और राजनीति
उत्तर :
धर्म और राजनीति
‘धर्म’ शब्द का अर्थ है-‘धारण करना।’ धर्म का विस्तृत अर्थ है-मानव मात्र में एकता की स्थापना करना। धर्म मानव मात्र में एकता, स्वतंत्रता, उदारता तथा समानता की भावना का विकास करने पर बल देता है। धर्म किसी का बुरा करने के विषय में नहीं सोचता। धर्म मानव को भलाई के कार्य सिखाता है। वह मनुष्य को मनुष्य से अलग करके देखने में विश्वास नहीं करता। उसे एक मनुष्य द्वारा दूसरे मनुष्य पर होने वाले अत्याचार उचित नहीं लगते। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च जाने से धर्म की प्राप्ति नहीं होती है। दुर्भाग्य से आज धर्म का यही बाह्य रूप स्वीकार किया जाने लगा है। धर्म की भाँति ही राजनीति का उद्देश्य भी समाज और मानव मात्र की निःस्वार्थ सेवा करना है।
राजनीति समाज का विकास करते हुए भ्रष्टाचार, कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों से बचने का रास्ता बताती है। यदि राजनीति को धर्म के साथ जोड़कर देखा जाए, तो इससे राज्य और राजनीति दोनों का ही कल्याण होता है, क्योंकि धर्म कभी किसी का बुरा नहीं चाहता। राजनीति धर्म के रूप में और भी स्वच्छ हो जाती है, क्योंकि इससे धर्म आधारित राजनीतिक सिद्धांतों का बोलबाला होता है। चोरी, हत्या, अपहरण, लूटपाट आदि अनैतिक कार्यों को पूरी तरह से रोका जा सकता है, क्योंकि कोई भी धर्म इन कार्यों का समर्थन नहीं करता।
(ग) ईं-कचरा
संकेत बिंदु
- ई-कचरा से तारपर्य
- ई-कचरा बढने के कारण
- ईकचरा से उत्पन्न समस्याऐ
- निपटान के उपाय
उत्तर :
ई-कचरा
इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट अर्थात् ई-कचरा आधुनिक समय की एक गंभीर समस्या है। वर्तमान समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी कार्य हो रहे हैं। इसके फलस्वरूप आज नित नए-नए उन्नत तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों का उत्पादन हो रहा है। जैसे ही बाज़ार में उन्नत तकनीक वाला उत्पाद आता है, वैसे ही पुराने यंत्र बेकार पड़ जाते हैं। इसी का परिणाम है कि आज कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फ़ोन, टी.वी, रेडियो, प्रिंटर, आई-पैड्स आदि के रूप में ई-कचरा बढ़ता जा रहा है। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि ई-कचरे का निपटान उस दर से नहीं हो पा रहा है, ज़ितनी तीव्रता से यह उत्पन्न हो रहा है।
इससे पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में आर्सेनिक, कोबाल्ट, मरकरी, बेरियम, लिथियम, कॉपर, क्रोम, लेड आदि हानिकारक अवयव होते हैं। इन्हें खुले में जलाना या मिट्टी में दबाना अत्यंत खतरनाक हो सकता है। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ गया है। अब समय आ गया है कि ई-कचरे के उचित निपटान और पुनःचक्रण पर ध्यान दिया जाए, अन्यथा पूरी दुनिया शीघ्र ही ई-कचरे का ढेर बन जाएगी। इसके लिए विकसित देशों को आगे आना होगा और विकासशील देशों के साथ अपनी तकनीकों को साझा करना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एक होना चाहिए।
प्रश्न 15.
अपने क्षेत्र में पेयजल की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5×1=5)
अथवा
आपकी कक्षा की अनुशासनहीनता एवं अभद्र व्यवहार के कारण आपके कक्षा अध्यापक आपकी कक्षा से बहुत नाराज़ हैं। आप पूरी कक्षा की ओर से किए गए दुर्व्यवहार की क्षमा माँगते हुए अध्यापक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 27 फरवरी, 20xX
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी,
दिल्ली नगर निगम,
नई दिल्ली।
विषय पेयजल की समस्या के संबंध में।
महोदय,
इस पत्र के माध्यम से में आपका ध्यान पूर्वी दिल्ली में पेयजल की समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। पूर्वी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल का अभाव होने के कारण सार्वजनिक नलों तथा पेयजल वाहनों के निकट भारी भीड़ जमा हो रही है। इसका कारण सुबह के समय मात्र एक घंटे के लिए पानी का आना है। ऊपरी मंजिल पर पानी नहीं पहुँचने से समस्या और अधिक बढ़ गई है। सुबह के समय आने वाला पानी भी गंदा तथा अशुद्ध होता है। अतः आपसे अनुरोध है कि शीघ्र ही इस स्थिति का मूल्यांकन करें और पेयजल की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ। धन्यवाद।
भचदीय
क.ख.ग.
अथवा
परीक्षा भवन,
मेरठ।
दिनांक 11 फरवरी, 20XX
सेवा में,
कक्षा अध्यापक महोदय,
केंद्रीय विद्यालय, मेरठ।
विषय कक्षा में अनुशासनहीनता एवं अभद्र व्यवहार हेतु क्षमा याचना पत्र।
माननीय गुरुजी,
यह सत्य है कि कल विदालय में भोजनावकाश के तुरंत बाद वाली कक्षा में हमारी कक्षा ने अत्यंत शोर तथा दुर्व्यवहार से अनुशासनहीनता का परिचय दिया। कुछ विद्यार्थियों ने पंखे व खिड़की इत्यादि को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया। में छात्रनायक (मॉनीटर) होने के नाते यह अपराध स्वीकार करता हूँ। हमारा विद्यालय अनुशासनप्रिय है, इसी कारण हमें अपने इस कृत्य पर अत्यंत खेद है। हमारे इस कृत्य के कारण प्रधानाचार्य तक को कष्ट पहुँचा, इसके लिए हम अत्यंत लज्जित हैं। हम आपको आश्वासन देते हैं कि भविष्य में इस प्रकार की शिकायत का अवसर पुन: नहीं देंगे। हम आपसे तथा प्रधानाचार्य से पुन: याचना करते हैं कि हमें क्षमा कर दिया जाए। हम सब आपकी इस कृपा दृष्टि के लिए अत्यंत आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
क.ख.ग.
छात्रनायक, कक्षा X(क)
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4×1=4)
विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन से संबंधित बैठक के लिए एक सूचना तैयार कीजिए।
अथवा
आप अपने विद्यालय की संगीत अकादमी के सचिव ‘अर्जुन श्रीवास्तव’ हैं। वियालय की ओर से होने वाली संगीत प्रतियोगिता की सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर :
दिल्ली पब्लिक स्कूल, इंदिरापुरम
दिनांक 17 मई, 20xx विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन संबंधी बैठक
विद्यालय के सभी शिक्षकों एवं स्कूल कैप्टन को सूचित किया जाता है कि 19 मई, 20xx को अपराह्न 3 बजे प्रधानाचार्य कक्ष में विद्यालय दिवस समारोह के आयोजन से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करने हेतु एक बैठक आयोजित की जाएगी। आगामी विद्यालय दिवस समारोह में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए आप सभी के सुझाव आमंत्रित हैं। सभी शिक्षक अपने साथ उन विद्यार्थियों के नामों की सूची अवश्य लाएँ, जो नृत्य, संगीत, चित्रकला या किसी अन्य कला में प्रवीण हैं। बैठक में सभी शिक्षकों और स्कूल कैप्टन की उपस्थिति अनिवार्य है। यदि कोई शिक्षक या स्कूल कैप्टन बैठक में अनुपस्थित रहने वाले हैं, तो उन्हें इसकी लिखित सूचना एक दिन पूर्व देनी होगी। सौरभ द्विवेदी
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ज्ञान भारती विद्या मंदिर, केशवनगर
दिनांक 3 जुलाई, 20xx संगीत प्रतियोगिता के संदर्भ में सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय के स्थापना दिवस अर्थात् 20 जुलाई को विद्यालय की ओर से संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को प्रधानाचार्य महोदय द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के इच्छुक विद्यार्थी 15 जुलाई, 20xx तक अपने नाम संगीत अकादमी के उपसचिव के पास लिखवा दें, ताकि शीघ्र ही प्रतियोगिता की आरंभ प्रक्रिया पूर्ण की जा सके। नियत तिथि पश्चात् किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
अर्जुन श्रीवास्तव
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प्रश्न 17.
किसी दूर एंड ट्रैवल्स कंपनी की ओर से गाड़ी की बुकिंग के लिए 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए। (3×1=3)
अथका
गर्मियों की छुट्टियों में किसी संस्थान द्वारा ‘कत्थक नृत्य’ सीखने हेतु 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए।
उत्तर :
प्रश्न 18.
‘एकता में बल होता है।’ विषय पर लघुक्था लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5×1=5)
अथवा
अपने नगर/क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारी को एक ई-मेल लिखकर अपने क्षेत्र में ‘खाने की वस्तुओं में मिलावट’ की घटनाओं के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट कीजिए। (शब्द-सीमा लगभग 100 शब्द)
उत्तर :
एकता में बल होता है
कथा एक समय की बात है, एक छोटा-सा गाँव था रामगंज। उस गाँव में डाकू का एक दल प्रतिदिन रात को आता और डरा-धमकाकर किसी-न-किसी परिवार की संपत्ति को लूट ले जाता था। उस दल के आगे गाँव के लोग स्वयं को असहाय समझते थे। कोई भी उस दल का विरोध नहीं करता था, क्योंकि यदि कोई उनसे मुकाबला करने का प्रयास करता, तो वह मौत के घाट उतार दिया जाता था।
सभी गाँव वाले प्रतिदिन की इन घटनाओं से परेशान हो गए थे। एक दिन गाँव के मुखिया ने गाँव वालों से कहा कि हम सभी को एकजुट होकर डाकुओं के दल का सामना करना चाहिए अन्यथा इस गाँव में कोई भी जीवित नहीं बच पाएगा। हम सभी मिलकर उस दल का सामना कर सकते हैं। वह तो केवल सात-आठ व्यक्तियों का दल है और हम सब गाँव वाले उनकी संख्या में बहुत अधिक हैं। हम सभी को मिलकर साहस के साथ उनका सामना करना चाहिए, तभी इस डाकू-दल का अंत किया जा सकता है। सभी गाँव वालों ने मुखिया की बात पर स्वीकृति जताई।
उस रात सभी गाँव वालों ने मिलकर गाँव को चारों ओर से घेर लिया और जैसे ही डाकू-दल ने गाँव के अंदर घुसने का प्रयास किया, सभी गाँव वालों ने मिलकर उन पर हमला बोल दिया। गाँव वालों के साहस और एकजुटता को देखकर डाकू दल भयभीत हो उठा। गाँव के सभी लोगों ने मिलकर उस दल का अंत कर दिया। सभी लोग यह तथ्य भली-भाँति समझ चुके थे कि जब तक हम एकजुट हैं, कोई भी मुसीबत हमारे सामने नहीं टिक सकती। सीख इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में एकजुट रहकर ही बड़ी-से-बड़ी विपत्ति का सामना कर उसे हराया जा सकता है।
अथवा