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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 1 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
निर्देश
- इस प्रश्न- पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’ |
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए ।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’ (वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1×5=5)
राष्ट्रीयता का भाषा और साहित्य के साथ बहुत ही घनिष्ठ संबंध है। ऐसा होना स्वाभाविक है, क्योंकि राष्ट्रीयता और जातीयता के अंगों में सबसे अधिक आवश्यक अंग एकता है और वह एकता किसी विषय विशेष में नहीं है। एकता जितनी व्यापक होगी, उतनी ही राष्ट्रीयता स्थिर होगी और वह शक्तिशाली होगी। भावों की एकता सब प्रकार की एकताओं का मूल है। भावों की एकता तभी हो सकती है, जब वे विभिन्न व्यक्ति, जिनके द्वारा राष्ट्रीयता का निर्माण होता है, अपने भावों को किसी दूसरे पर व्यक्त कर सकें। इस महान कार्य के लिए एक भाषा की अत्यंत आवश्यकता है।
साहित्य मानव जाति के उच्च-से-उच्च तथा सुंदर-से-सुंदर विचारों और भावों का वह गुच्छा है, जिसकी बाहरी सुंदरता तथा भीतरी सुगंध दोनों ही मन को मोह लेते हैं। कोई जाति तब तक बड़ी नहीं हो सकती, जब तक कि उसके भाव तथा विचार उन्नत न हों। जाति और राष्ट्र के उत्थान के साथ-साथ उस जाति या राष्ट्र के साहित्य की उन्नति भी होती है। इस प्रकार, साहित्य की अवनति उस जाति के पतन का अटल और अटूट प्रमाण है। भारत के इतिहास को लीजिए।
महाभारत, रामायण तथा उपनिषद् अवश्य ही ऐसे समय में लिखे गए थे, जब यह देश बहुत उन्नत था। यह कल्पना असंभव नहीं तो दुष्कर अवश्य है कि ऐसे ग्रंथ किसी असभ्य, बर्बर जाति के आचार्यों द्वारा लिखे गए हों। जब बौद्धों का राज्य भारत के एक छोर से दूसरे छोर तक फैल गया और उनका प्रभुत्व तथा गौरव भारतवर्ष के बाहर भी फैल गया, तो पालि-साहित्य की उन्नति भी उस साम्राज्य की उन्नति के साथ-साथ होती गई।
(क) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पद्रिए उसके बाद विए गए विकल्यों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) साहित्य मनुष्य जाति के विकसित होने का मुख्य साथन है।
कारण (R) साहित्य के माध्यम से ही मनुष्य अपने भावों व विचारों को अभिव्यक्त कर पाता है।
(i) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ii) कथन (A) सही है, कितु कारण (R) गलत है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही ब्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) गलत है किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (A) दोनों सही है, लेकिन कारण (A) कथन (A) की सही व्याख्या करता है साहित्य मानव जाति के उच्च-से-्चच्च तथा सुददर-से-सुंदर विथारों और भावों का वह गुच्चा है, जिसकी बाहरी सुंदरता तथा भीतरी सुगंध दोनों ही मन को मोह लेते हैं। कोई जाति तब तक बड़ी नहीं हो सकती जब तक कि उसके भाव तथा विचार उन्नत न हों।
(ख) राष्ट्रीयता में स्थिरता तथा शक्ति का समावेश कब होता है?
(i) एकता की व्यापकता से
(ii) साहित्य की उदारता से
(iii) विचारों की भिन्तत से
(iv) मौलिक स्वत्त्रता से
उत्तर:
(i) एकता की व्यापकता से राष्ट्रीयता में स्थिरता तथा शक्ति का समापेश एकता की व्यापकता से होता है। एकता जितनी व्यापक होगी, उतनी ही राष्ट्रीयता स्थिर होगी और वह शक्तिशाली होगी। मावों की एकता सब प्रकार की एकताओं का मूल है।
(ग) गयांश के आधार पर बताइए कि किसी जाति द्वारा विशाल रूप ग्रहण करने के लिए क्या आवश्यक है?
(i) ज्ञाति विशेषन के लोगों से संपर्क बनाना
(ii) राष्ट्र निर्माण में सहयोगी होना
(iii) भावों और विचारों का श्रेष्ठ होना
(iv) भावों की एकता होना
उत्तर:
(iii) भावों और बिचारों का स्रेष्ठ होना गद्यांश के आधार पर किसी जाति द्वारा विशाल रूप ग्रहण करने के लिए भावों और विधारों का श्रेष्ठ होना आवश्यक है। कोई जाति तब तक बड़ी नहीं हो सकती है जब तक कि उसके भाव तथा विचार उन्नत न हों। जाति और राष्ट्र के उत्थान के साथ-साथ उस जाति या राष्ट्र के साहित्य की उन्नति भी होती है।
(घ) गद्यांश के अनुसार, जाति अथवा राष्ट्र की उन्नति किस प्रकार संभव है?
(i) साह्रित्चिक उन्नति द्वारा
(ii) एकांकी विकास द्वारा
(iii) सर्वाधिक प्रचार-प्रसार द्वारा
(ii) उच्च विचारों द्वारा
उत्तर:
(i) साहित्थिक उन्नति द्वारा गद्यांश के अनुसार, जाति अथवा राष्ट्र की उन्नति साहित्यिक उन्नति द्वारा सम्भव है। जाति और राष्ट्र के उत्थान के साथ-साथ उस जाति या राष्ट्र के साहित्य की उन्नति मी होती है। इस प्रकार साहित्य की अवनति उस जाति के पतन का अटल और अटूट प्रमाण है।
(ङ) राष्ट्रीयता और जातीयता के अवयवों में सबसे महत्त्वपूर्ण अवयव किसे माना जाता है?
(i) विचारों को
(ii) एकता को
(iii) सारित्य को
(iv) भाषा को
उत्तर:
(ii) एकता को राष्ट्रीयता का भाषा और साहित्य के साथ बहुत ही घनिष्ठ संबंध है। ऐसा होना स्वाभाविक है, क्योंकि राष्ट्रीयता और जातीयता के अंगों में सबसे अधिक आवश्यक अंग एकता है और वह एकता किसी विशेष विषय में नहीं है। एकत्ता जितनी व्यापक होगी, उतनी ही राष्ट्रीयता स्थिर होगी और वह शक्तिशाली होगी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
साहित्य को समाज का प्रतिबिंब माना गया है अर्थात् समाज का पूर्णरूप साहित्य में प्रतिबंबित होता रहता है। अनादिकाल से साहित्य अपने इसी धर्म का पूर्ण निर्वाह करता चला आ रहा है। वह समाज के विभिन्न रूपों का चित्रण कर एक ओर तो हमारे सामने समाज का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है और दूसरी ओर अपनी प्रखर मेधा और स्वस्थ कल्पना द्वारा समाज के विभिन्न पहलुओं का विवेचन करता हुआ यह भी बताता है कि मानव समाज की सुख-समृद्धि, सुरक्षा ओर विकास के लिए कौन-सा मार्ग उपादेय है? एक आलोचक के शब्दों में- “कवि वास्तव में समाज की व्यवस्था, वातावरण, धर्म-कर्म, रीति-नीति तथा सामाजिक शिष्टाचार या लोक व्यवहार से ही अपने काव्य के उपकरण चुनता है और उनका प्रतिपादन अपने आदर्शों के अनुरूप करता है।’”
साहित्यकार उसी समाज का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें वह जन्म लेता है। वह अपनी समस्याओं का सुलझाव, अपने आदर्श की स्थापना अपने समाज के आदर्शों के अनुरूप ही करता है। जिस सामाजिक वातावरण में उसका जन्म होता है, उसी में उसका शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास भी होता है। अत: यह कहना सर्वथा असंभव और अविवेकपूर्ण है कि साहित्यकार समाज से पूर्णतः निरपेक्ष या ‘तटस्थ रह कर साहित्य सृजन करता है। वाल्मीकि, तुलसी, सूर, भारतेंदु, प्रेमचंद आदि का साहित्य इस बात का सर्वाधिक सशक्त प्रमाण है कि साहित्यकार समाज से घनिष्ठ रूप से संबंध रखता हुआ ही साहित्य सृजन करता है। समाज की अवहेलना करने वाला साहित्य क्षणजीवी होता है।
(i) साहित्य समाज का प्रतिबिंब है क्योंकि यह –
(क) समाज की वास्तविकता का द्योतक है।
(ख) समाज में लोक व्यवहार का समर्थक है।
(ग) व्यक्ति की समस्याओं का निदान करता है।
(घ) साहित्य को दिशा प्रदान करता है।
उत्तर:
(क) समाज की वास्तविकता का द्योतक है।
व्याख्यात्मक हल:
साहित्य को समाज का प्रतिबिम्ब माना गया है अर्थात् समाज का पूर्णरूप साहित्य में प्रतिबिम्बित होता रहता है।
(ii) गद्यांश दर्शाता है-
(क) समाज एवं साहित्य का पारस्परिक संबंध
(ख) समाज एवं साहित्य की अवहेलना
(ग) साहित्यकार की सृजन शक्ति
(घ) सामाजिक शिष्टाचार एवं लोक व्यवहार
उत्तर:
(क) समाज एवं साहित्य का पारस्परिक संबंध
(iii) साहित्य की क्षणभंगुरता का कारण होगा-
(क) सामाजिक अवज्ञा
(ख) सामाजिक समस्या
(ग) सामाजिक सद्भाव
(घ) सामाजिक समरसता
उत्तर:
(क) सामाजिक अवज्ञा
(iv) वाल्मीकि, तुलसी, सूर के उदाहरण द्वारा लेखक चाहता है-
(क) भाव साम्यता
(ख) प्रत्यक्ष प्रमाण
(ग) सहानुभूति
(घ) शिष्टाचार
उत्तर:
(ख) प्रत्यक्ष प्रमाण
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्न्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : कवि अपने काव्य के उपकरणों का प्रतिपादन अपने आदर्शों के अनुरूप करता है।
कारण (R) : कवि हृदय अत्यधिक संवेदनशील होता है एवं सदैव देशहित चाहता है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4=4)
(क)
‘कबीर ने
ईश्वर का निवास सृष्टि के कण-कण में बताया है।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) सर्वनाम पदबंध
(ii) संज्ञा पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(iv) क्रिया-विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ii) संज्ञा पदबंध
(ख) ‘परमदानी राजा रंतिदेव ने एक भूखे व्यक्ति को अपनी भोजन की थाली दे दी थी।’ वाक्य में विशेषण पदबंध है
(i) व्यक्ति
(ii) भोजन
(iii) परमदानी
(iv) राजा रंतिदेव
उत्तर:
(iii) परमदानी
(ग) क्रिया-विशेषण पदबंध का उदाहरण छाँटिए
(i)
कवि वर्षा ऋतु
का अत्यंत सुंदर वर्णन करता है।
(ii) साथियों इस देश की रक्षा अब
तुम करना
।
(iii) बड़े भाई साहब ने
दिन-रात
एक करके पढ़ाई की।
(iv) पुलिस कमिश्नर का नोटिस
निकल चुका था
।
उत्तर:
(iii) बड़े भाई साहब ने दिन-रात एक करके पढ़ाई की।
(घ) ‘तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) विशेषण पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया पदबंध
(iv) क्रिया-विशेषण पदबंध
उत्तर:
(i) विशेषण पदबंध
(ङ) ‘यह वही कुत्ता है, जिसे नूह ने दुत्कार दिया था।’ रेखांकित पदबंध का भेद है
(i) क्रिया पदबंध
(ii) संज्ञा पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तर:
(iv) सर्वनाम पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) निम्नलिखित में से उपयुक्त सरल वाक्य छाँटिए-
(क) जो कहोगे उसका परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा
(ख) नूह ने जब उनकी बात सुनी तो दुःखी हो मुद्दत तक रोते रहे।
(ग) दूसरे गाँव के युवक के साथ संबंध परंपरा के विरुद्ध था।
(घ) मैं उनकी लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता।
उत्तर:
(ग) दूसरे गाँव के युवक के साथ संबंध परंपरा के विरुद्ध था।
(ii) ‘जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्रित वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तर:
(ग) मिश्रित वाक्य
व्याख्यात्मक हल:
जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
(iii) ‘कॉलम-1 कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1. | भाई साहब और मैं कनकौआ लूटने के लिए दौड़ रहे थे। | (i) | संयुक्त वाक्य |
2. | क्योंकि मुझे और भाई साहब को कनकौआ लूटना था इसीलिए हम दौड़ रहे थे। | (ii) | सरल वाक्य |
3. | मुझे कनकौआ लूटना था और भाई साहब मेरे साथ दौड़ रहे थे। | (iii) | मिश्र वाक्य |
विकल्प:
(क) 1. (iii), 2. (i), 3. (ii)
(ख) 1. (ii), 2. (iii), 3. (i)
(ग) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(घ) 1. (ii), 2. (i), 3. (iii)
उत्तर:
(ख) 1. (ii), 2. (iii), 3. (i)
(iv) निम्नलिखित बाक्यों में मिश्रित वाक्य है-
(क) जैसे ही वे घर से बाहर निकले, वैसे ही ज़ोर से धमाका हुआ।
(ख) वे लोग घर से बाहर निकले और जोर से धमाका हुआ।
(ग) धमाका होते ही घर से बाहर निकले।
(घ) उनके घर से निकलते ही ज़ोर से धमाका हुआ।
उत्तर:
(ग) धमाका होते ही घर से बाहर निकले।
(v) ‘जैलेंद्र का दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। ‘ रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद होगा-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) विधानावाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) मिश्र वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4=4)
(क) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए
समस्त पद — समास
1. हवन सामश्री — तत्पुरुष समास
2. देवमूर्ति — अव्ययीभाव समास
3. स्त्रीरत्न — बहुव्रीहि समास
4. वचनामृत — कर्मधारय समास
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 2 और 3
(iii) 3 और 4
(iv) 1 और 4
उत्तर:
(iv) 1 और 4
(ख) ‘चौराहा’ शब्द का सही समास-विग्रह क्या होगा?
(i) चार राहों वाला-तत्पुरुष समास
(ii) चार राहों का समाहार-द्विगु समास
(iii) चार हैं जो राहें-कर्मधारय समास
(iv) राहों में चार हैं जो-द्वंद्व समास
उत्तर:
(ii) चार राहों का समाहार-द्विगु समास
(ग) ‘स्वर्गनरक’ समस्तपद का विग्रह होगा
(i) नरक अथवा स्वर्ग
(ii) स्वर्ग और नरक
(iii) स्वर्गरूपी नरक
(iv) स्वर्ग है जो नरक
उत्तर:
(ii) स्वर्ग और नरक
(घ) ‘देशोद्धार’ शब्द के लिए सही समास-विग्रह और समास का चयन कीजिए
(i) देश का उद्धार — तत्पुरुष समास
(ii) देश के लिए उद्धार — बहुव्रीहि समास
(iii) देश में उद्धार — कर्मधारय समास
(iv) देश और उद्धार — द्वंद्व समास
उत्तर:
(i) देश का उद्धार-तत्पुरुष समास
(ङ) ‘शोकमग्न’ शब्द में कौन-सा समास है?
(i) तत्पुरुष समास
(ii) अव्ययीभाव समास
(iii) कर्मधारय समास
(iv) द्विगु समास
उत्तर:
(i) तत्पुरुष समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार मुहावरे पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (1 × 4 = 4)
(i) मुहाबरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए-
(क) तूती बोलना- मुसीबत में फँसना
(ख) दूध की मक्खी- अनुपयोगी
(ग) लोहा मानना- कठिन काम करना
(घ) टूट पड़ना- काम शुरू करना
उत्तर:
(ख) दूध की मक्खी- अनुपयोगी
(ii) ‘गहरी नींद से जाग जाना/ होश आना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है-
(क) सुध-बुध खोना
(ख) अलख जगाना
(ग) दिमाग होना
(घ) तंद्रा भंग होना
उत्तर:
(घ) तंद्रा भंग होना
(iii) ‘आड़े हाथों लेना’ मुहावरे का अर्थ है-
(क) घमंड करना
(ख) विरोध करना
(ग) खिंचाई करना
(घ) बेराह चलना
उत्तर:
(ग) खिंचाई करना
व्याख्यात्मक हल:
‘आड़े हाथों लेना’ मुहावरे का अर्थ खिंचाई करना होता है। वाक्य प्रयोग – चोरी करते पकड़े जाने पर मोहित को उसके घरवालों ने आड़े हाथ लिया।
(iv) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा?
‘तू मित्र है या शत्रु, जहाँ भी जाता हूँ, वहीं मेरे सामने
बाधा उत्पन्न कर देता
है।’
(क) मजा चखवाना
(ख) दीवार खड़ी करना
(ग) हावी होना
(घ) राह न सूझना
उत्तर:
(ख) दीवार खड़ी करना
(v) सेठ दीनदयाल अपने क्षेत्र के जाने-माने व्यापारी हैं। …………. के द्वारा ही उनकी गिनती चुने हुए धनवानों में होती है।
रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
(क) सातवें आसमान पर होने
(ख) नतमस्तक होने
(ग) हवा में उड़ने
(घ) दो से चार बनाने के गणित
उत्तर:
(घ) दो से चार बनाने के गणित
(vi) “परेशानी देखकर घबरा जाना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है-
(क) हाथ-पाँव फूल जाना
(ख) प्राण ले लेना
(ग) सिर फिरना
(घ) ठंडा पड़ना
उत्तर:
(क) हाथ-पाँव फूल जाना
पाठ्य-पुस्तक
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।
अनाथ कौन है यहाँ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ हैं।
अतीव भाग्यहीन है अधीर भाव जो करें,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
(क) प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने क्या प्रेरणा दी है?
(i) ईश्वर का स्मरण करने की
(ii) धन के उन्माद में अहंकारी न होने की
(iii) संघर्षों से न घबराने की
(iv) अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की
उत्तर:
(ii) धन के उन्माद में अहंकारी न होने की प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने हमें गर्व-रहित जीवन व्यतीत करने की सलाह दी है। हमें तुच्छ धन-सम्पत्ति पर अहंकार कर मनुष्यता की प्रवृत्तियों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए। अपनी मदांधता में स्वयं को वर्चस्वशाली तथा अन्य लोगों को अनाथ समझने की भूल कदापि नहीं करनी चाहिए।
(ख) पद्यांश के अनुसार हमें किस बात पर गर्व नहीं करना चाहिए?
(i) हम धनी हैं
(ii) हम अनाथ हैं
(iii) हम अपने आपमें पूर्ण हैं
(iv) हम उन्नति के लिए सक्षम हैं
उत्तर:
(ii) हम अनाथ हैं पद्यांश के अनुसार हमें अनाथ होने पर गर्व नहीं करना चाहिए। मनुष्य, मनुष्य को समान समझते हुए, सृष्टि की एकता को समझना जरूरी है। कवि का मानना है कि दयालु ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है और वह किसी को अनाथ नहीं रहने देता, क्योंकि उसकी विशाल भुजाएँ हमेशा सहायता के लिए उठी रहती है।
(ग) कवि ने अति भाग्यहीन किसे कहा है?
(i) जो डरता रहता है
(ii) जो मदांध है
(iii) जो धैर्य नहीं रखता
(iv) जो उच्चता का भाव रखता है
उत्तर:
(iii) जो धैर्य नहीं रखता कवि ने अति भाग्यहीन ससे कहा है, जो धैर्य नहीं रखता है। अतः जो भी मनुष्य अपने मन में अधीरता रखता है, वह बहुत अभागा है। सच्चा मनुष्य तो वही है, जो दूसरे मनुष्यों के काम आता है। उनके लिए जीता और मरता है।
(घ) प्यांश के आधार पर बताइए कि यहाँ कोई अनाथ क्यों नहीं है?
(i) क्योंकि समाज सबका ध्यान रखता है
(ii) क्योंकि सबको परिवार का सहारा है
(iii) क्योकि ईश्वर सबके साथ है
(iv) क्योंकि हमें अपने परिश्रम पर विश्वास है
उत्तर:
(iii) क्योंकि ईश्वर सबके साथ है पद्यांश के आधार पर यहाँ कोई अनाथ इसलिए नहीं है, क्योंकि ईश्वर सबके साथ है। मनुष्य को अनाथ समझने की भूल कदापि नहीं करनी चाहिए। कवि का मानना है कि ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है और वह किसी को अनाथ नहीं रहने देता, क्योंकि उसकी विशाल भुजाएँ हमेशा सहायता के लिए उठी रहती हैं।
(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
1. कवि के अनुसार, धन प्राप्ति मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
2. इस संसार में ईश्वर सबका है।
3. पद्यांश में सहज, सरल एवं भावानुकूल भाषा का प्रयोग किया गया है।
4. अपने मन में अधीरता रखने वाला मनुष्य सौभाग्यशाली है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) केवल 1
(ii) 2 और 3
(iii) केवल 3
(iv) 2 और 4
उत्तर:
(ii) 2 और 3 दिए गए कथनों में से सही कथन हैं-इस संसार में ईश्वर सबका है। वह सबको सुरक्षा व सहारा देता है। पद्यांश में सहज, सरल एवं भावानुकूल भाषा का प्रयोग किया गया है। संस्कृतनिष्ठ खड़ीबोली का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए: (1 × 2 = 2)
(i) तोप के अतीत और वर्तमान का वर्णन करने के उपरांत कवि ने एक महत्त्वपूर्ण संदेश दिया है कि
(क) स्थिति सदैव एक जैसी नहीं रहती।
(ख) गौरैया जैसे पक्षी भी खेलते हैं।
(ग) कंपनी बाग में भी सजावट की गई है।
(घ) तोप बड़े-बड़े योद्धाओं के पसीने छुटा देती है।
उत्तर:
(क) स्थिति सदैव एक जैसी नहीं रहती।
व्याख्यात्मक हल:
तोप अतीत और वर्तमान का वर्णन करने के उपरान्त कवि ने एक महत्त्वपूर्ण सन्देश यह दिया है कि स्थिति सदैव एक जैसी नहीं रहती। वह समय के अनुसार बदल जाती है।
(ii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए और उपयुक्त कथन चुनिए।
(क) पशु प्रवृत्ति को बनाए रखना ही सुमृत्यु है।
(ख) सच्ची मनुष्यता ही सुमृत्यु के समान है।
(ग) सुमृत्यु वही है जिसमें व्यक्ति को कष्ट न हो।
(घ) सुमृत्यु वही है जिसे मरने के बाद भी लोग याद करें।
उत्तर:
(घ) सुमृत्यु वही है जिसे मरने के बाद भी लोग याद करें।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1×5=5)
मेरी माँ कहती थी, सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते मत तोड़ो, पेड़ रोएँगे। दीया-बत्ती के वक्त फूलों को मत तोड़ो, फूल बद्दुआ देते, हैं।…दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो, वह खुश होता है। कबूतरों को मत सताया करो, वे हजरत मुहम्मद को अजीज़ हैं। उन्होंने उन्हें अपनी मजार के नीले गुंबद पर घोंसले बनाने की इजाजत दे रखी है। मुर्गे को परेशान नहीं किया करो, वह मुल्ला जी से पहले मोहल्ले में अजान देकर सबको सवेरे जगाता है।
सबकी पूजा एक-सी, अलग-अलग है रीत।
मस्जिद जाए मौलवी, कोयल गाए गीत।।
(क) गुंबद से क्या तात्पर्य है?
(i) इमारत का अर्द्ध-गोलाकार शिखर
(ii) लोगों का समूह
(iii) पक्षियों के रहने का स्थान
(iv) नदियों की समतल भूमि
उत्तर:
(i) इमारत का अर्द्ध-गोलाकार शिखर गुंबद से तात्पर्य इमारत का अर्द्ध-गोलाकार शिखर से है।
(ख) माँ ने शाम के समय पेड़ों से पत्ते न तोइने के पीछे क्या तर्क दिया?
(i) उस समय पेड़ सोते हैं
(ii) उस समय पेड़ दूसरी दुनिया में होते हैं
(iii) ऐसा करने से पेड़ रोते हैं
(iv) उस समय पेड़ ध्यान लगाते हैं
उत्तर:
(iii) ऐसा करने से पेड़ रोते हैं लेखक की मों ने शाम के समय पेड़ों से पत्ते न तोड़ने के पीछे कारण बताया कि इस समय पत्ते तोड़ने से पेड़ रोते हैं।
(ग) निम्नलिखित कथन (S) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए। कथन (S) लेखक की माँ कबूतरों को सताने से, मुर्गें को परेशान करने से मना करती है। कारण (R) लेखक की माँ के मन में पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम भरा था।
(i) कथन (S) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (S) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (S) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (S) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर:
(i) कथ्थन (A) और कारण (P) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है। लेखक की मों कबूतरों को सताने से, मुर्ग को परेशान करने से मना करती है, क्योंकि लेख्यक की नां के मन में पशु-पक्षियों के प्रति मेन भरा था। जब कभी लेखक बच्चों को पशु-पक्षियों को सताते दुए देखता है, तो मों द्वारा दी गई सीख को याद करता है और सोचता है कि वे लोग कहां गए, जिनमें मनुष्य के प्रति ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षियों के बीच प्रेम भाव कूट-कूट कर भश हुआ था।
(घ) माँ के अनुसार, दीया-बाती के समय फूल तोड़ने से क्या होता है?
(i) फूल मुरझा जाते हैं
(ii) फूल बदुदुआ देते हैं
(iii). फूल अपने आप गिर जाते हैं
(iv) फूलों की सुगंध समाप्त हो जाती है
उत्तर:
(ii) फूल बदुदुआ देते हैं मों के अनुसार, दीया-घाती के समय फूल तोड़ने से फूल बदुदुआ देते है।
(ङ) दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम करो, वह खुश होता है, कबूतरों को मत सताया करो, वे हजरत मुहम्मद को अज़ीज हैं। दीया-बत्ती के वक्त फूलों को तोइने से वे बदुदुआ देते हैं। पंक्ति के माध्यम से ज्ञात होता है कि लेखिका की माँ
(i) प्रकृति से अत्यंत प्रेम करती हैं
(ii) मन में प्राणी मात्र के प्रति द्या-भाव रखती हैं
(iii) पशु-पक्षियों की रक्षा करना अपना कर्त्तव्य मानती हैं
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये समी दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम करो, वह खुश होता है, कबूतरों को मत सताया करो, वे हुजरत मुहम्मद को अजीज हैं, दीया-बत्ती के वक्त पूल्लों को तोड़ने से वे बदुदुआ देते हैं। इन सनी पंकित के माध्यम से ज्ञात होता है कि मौ प्रकृति से अत्यन्त प्रेम करती हैं। मन में प्राणी मात्र के प्रति दया-भाव रखती हैं और पशु-पक्षियों की रक्षा करना अपना कर्त्त्य मानती हैं।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रएनों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य डायरी का एक पन्ना’ से मेल खाते हैं-
(i) पुरानी सभ्यता के बारे में ज़्यादा किस्से-कहानियाँ सुनने को मिलते हैं।
(ii) एक संगठित समाज कृत संकल्प हो तो वह कुछ भी कर सकता है।
(iii) यह पाठ हमारे क्रांतिकारियों की याद दिलाता है और देशभक्ति का भाव भरता है।
(iv) 26 जनवरी 1930 को गुलाम भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।
विकल्प:
(क) केवल (i)
(ख) (i) और (ii)
(ग) केवल (iv)
(घ) (ii), (iii), (iv)
उत्तर:
(घ) (ii), (iii), (iv)
(ii) ग्वालियर से मुंबई के बीच लेखक ने एक बदलाव महसूस किया कि-
(क) बस्ती ने जंगल का रूप ले लिया है।
(ख) जंगल ने बस्ती का रूप ले लिया है।
(ग) वर्सोवा नाम का शहर बस गया है।
(घ) पशु-पक्षी जंगलों को छोड़कर चले गए हैं।
उत्तर:
(ख) जंगल ने बस्ती का रूप ले लिया है।
व्याख्यात्मक हल:
ग्वालियर से मुम्बई के बीच लेखक ने एक बदलाव यह महसूस किया कि अब जंगल ने बस्ती का रूप ले लिया है। पहले वहाँ जंगल था, पेड़ थे, परिन्दे और दूसरे जानवर थे।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक-पुस्तक तथा लेखन से संबंधित वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पुस्तक
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3×2=6)
(क) वामीरो पर तताँरा का प्रभाव जम चुका था, उसकी आँखों के सामने बार-बार तताँरा का घेहरा आ जाता। उसने ततॉरा के विषय में बहुत-सी बातें सुनी थीं, कितु वह उन सबसे अलग था। ‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर तताँरा के स्वभाव की विशेषता बताइए और बताइए कि वे दोनों जीवनसाथी क्यों नहीं बन सकते थे?
उत्तर:
‘तताँरा-वामीरो क्था’ पाठ के आधार पर तताँरा में नायक होने के सभी गुण विद्यमान हैं। वह सुंदर, स्वस्थ, साहसी और परोपकारी है। उसकी शारीरिक विशिष्टताओं और आन्तरिक गुणों से हर कोई प्रभवित हो जाता है जब वानीरो ने उसे पहली बार देखा तो चसे लगा कि उसने अपने जीवनसाथी के रूप में ऐसे ही युवक की कल्पना की थी। तताँरा की कमर में लकड़ी की एक तलवार लटकी रहृती थी, जिसके बारे में लोगों को लगता था कि उस तलवार में कोई अद्मुत दैवीय शक्ति है।
वह सरल हृय का था। वह अपने गॉव के अलावा बाहर के गाँव की विपति के समय मदद क्रने पहुँच जाता था। वह स्वभाव से शांत व खुशमिजाज था। वह मकृति, गीत जैसे गुणों को पसंद करता था। इसी कारण उसने वामीरो का मधुर गीत सुना, तो वह तुरन्त ही उसकी ओर आकर्षित हो गया। लेकिन समाज में जातीय, धार्मिक और सामाजिक मेद के चलते प्रेम की खातिर उसने अपना बलिदान तक दे दिया परिण्मामस्वस्प ततॉरा-वमीरो जीवनसाथी नहीं बन सके।
(ख) बुजुगों द्वारा दी गई सीख भविष्य निर्माण में किस प्रकार सहायक होती है? ‘अव कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अब कहाँ दूसरे के दुखख से दुःखी होने वाले पाठ के आधार पर कह्हा जाए, तो प्रायीन काल की एक कह्हावत है ‘ नीव जितनी मजबूत होगी, इमारत भी उतनी मजबूत होगी” अर्थात् इमारत की मजबूती नींव की ईटट पर टिकी होती है। वही कहाइत हमारे इस कथन को स्पष्ट करती है कि जिस परिवार में बुजुर्गों की उपस्थिति होती है, उनको प्रमुखता दी जाती है, उनका मान-सम्मान किया जाता है, उस घर के लोगों का भदिष्य सदैव उज्ज्यल रहता है।
बुजुर्ग व्यक्ति अपनी उपरिथित केषल शारीरिक रूप से ही नहीं दर्शाते वरन् अपने वर्षो के अनुभवों को सीख के रूप में प्रसादस्वरूप सभी को बॉटते है। समय-समय पर चुनॉतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करते है। क्षमता अनुसार हरसंभव सहायता करते हैं। वे आघुनिक समय में व्यस्त माता-पिता की स्नेह की कमी को अपने प्यार-दुलार व आशीर्वाद से पूरा करते हैं। आज संवेदनहीन समाज में यदि नैतिक मूल्यों को जीवत रखना है, तो बच्चों पर बुजुर्गौ की छत्रछाया अनिवार्य है।
(ग) चाय पीने की प्रक्रिया ने लेखक के दिमाग की गति धीमी कैसे कर दी? ‘पतझर में टूटी पत्तियाँ’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर:
‘पतझ्ञर में दूटी पतियाँ’ पाठ के आधार पर लेखक अपने दो मित्रों के साथ जापान की एक ‘टी-सेरेमनी’ में शामिल हुआ। यह चाय पीने की एक वियि है, जिसे जापानी ‘चा-नो-यू’ कहत्ते है। तनाव से नुक्ति दिलाने में चा-नो-यू की परंपरा को ‘एक बड़ी वेन’ इसतिए कहा गया है, क्योंकि चाय पीने की इस प्रक्रिया में मुख्य बात शांति है। चाय पीने के लिए बैठने का जो स्थान है, वहॉँ का वातादरण अत्यत शांत और गरिमापूर्ण होता है। वहाँ तीन से अधिक आदमी नहीं होते।
प्याले में दो घूँट से अधिक चाय नहीं होती, वे लोग होंठों से प्याला लगाकर एक-एक बूँद चाय पीते है। करीब डेढ़ घंटे तक यह सिलसिला चलता रहता है। दिमाग की रफ्तार धीरे-धीरे धीमी पड़ने लगती है। लोगों को लगता है मानो वह वर्तमान क्षण अनतकाल जितना विस्तृत है और वे लोग अनतकाल में जी रहे है। यहाँ तक कि उन्हे सन्नाटा भी स्पष्ट रूप से सुनाई देता है। इस अवस्था में पहुँचने पर वे व्यक्ति तनाव से नुक्ति माप्त कर लेते हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) कबीर ने निंदक को पास रखने की सलाह क्यों दी है? क्या यह सलाह आपको उचित प्रतीत होती है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- निंदक को सदा अपने समीप रखना चाहिए।
- उसके द्वारा निंदा होने के भय से हम कोई बुरा कार्य नहीं करेंगे।
- निंदकों की निंदा-भरी बातें सुन-सुनकर हमें आत्मसुधार करने का मौका मिलेगा।
व्याख्यात्मक हल:
कबीर ने निंदक को पास रखने की सलाह इसलिए दी है क्योंकि निंदक व्यक्ति सदैव हमारी बुराइयों को उजागर करता रहता है जिससे हम अपनी गलतियों में सुधार कर सकते हैं। निंदक व्यक्ति इंसान का स्वभाव शीतल बना देते हैं।
(ii) आपके द्वारा इस पाठ्यक्रम में पढ़ी गई किस कविता की अंतिम पंक्तियाँ आपको सर्वाधिक प्रभावित करती हैं और क्यों ? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
शिक्षार्थी अपने मतानुसार लिखेंगे
व्याख्यात्मक हल:
इस पाठ्यक्रम की तोप कविता की अन्तिम पंक्तियाँ ‘ये बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप, एक दिन तो होना ही है उनका मुँह बन्द ! ‘ने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया है। कवि ने गौरेये के माध्यम से बताया है कि मानो वह कह रही हों कि कोई कितना भी अत्याचारी और क्रूर हो उसका अंत एक-न-एक दिन जुरूर होता है। इसलिए हमें अपनी शक्ति और धन का घमंड नहीं करना चाहिए। सभी के साथ विनम्रतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए।
(iii) रवींद्रनाथ ठाकुर और मीरा की भक्ति का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
- रवींद्रनाथ ठाकुर – ईश्वर में अगाध विश्वास
- ईश्वर के सामर्थ्य से परिचित
- सफ़लता के लिए ईश्वर पर आश्रित नहीं होना
- प्रार्थना में मानव मन की कमजोरियों से मुक्ति
- भौतिक सुखों की माँग नहीं
- मीरा – दैन्य और माधुर्य भाव की भक्ति
- आरध्य से मनुहार और अवसर आने पर उलाहना भी
- कृष्ण के रूप – सौंदर्य का वर्णन
- गिरधर गोपाल के अनन्य और एकनिष्ठ प्रेम से अभिभूत
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2=6)
(क) ठाकुरबारी का-महंत जानता है कि हरिहर काका की अपनी कोई संतान नहीं है। इसी बात का फायदा उठाकर वह उनसे कहता है कि मोह-माया के जाल में नहीं पड़ना चाहिए और अपनी हिस्से की जमीन ठाकुरबारी के नाम कर देनी चाहिए। आम आदमी की धर्म के प्रति अंध शद्धा को ठेकेदार किस रूप में भुनाते हैं? ‘हरिहर काका’ कहानी में हरिहर काका किस प्रकार इसका शिकार हुए हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आम आदमी के प्रति अंघ भन्दा को ठेकेद्दार इस रूप में भुनाते है कि ‘हरिहर काका ‘ उनका शिकार हो जाते है, जब उाकुरबारी में महंत ने हरिहर काका को समझाया कि यदि वह अपनी जमीन को ठाकुरबारी के नाम लिख देंगे, तो उनका नाम अमर हो जाएगा और समाज़ में उनका सम्मान बद जाएगा। तद उन्हें लगा कि उन्हें इस पुण्य अवसर को तुक्राना नहीं चाहिए।
दूसरी ओर उन्होंने यह सोचा कि उसके भाइयों का परिबार भी तो अपना ही परिवार है। यदि वह अपने भाइयों को अपनी जमीन-जायदाद का हिस्सा नहीं देते, तो यह अपने परिवार से विश्वासधात करने जैसा होगा। चाहे कुछ भी हो जाए परियार के सदस्य ही तो अंतिम समय तक काम आते है। यही सब सोचकर हरिहर काका असमंजस की स्थिति में आ गए और किसी, को मी कुछ नहीं कह पाए।
(ख) ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर टोपी और इफ़फ्न की दादी के आत्मीय संबंधों को स्पष्ट कीजिए एवं यह भी बताइए कि इसके आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
टोपी और इफ्फन की दादी अलग-अलग धर्मों से होते हुए भी जिस तरह से स्तेह की डोर को एक-दूसरे से बॉधे रखती थीं, वह मानवीय मूल्यों की दृष्टि से प्रत्येक समाज के लिए अनुकरणीय आदर्श बन सकते हैं। टोपी कट्टर हिंदू परिवार से था, जदकि द्वप्न की दादी मुसलमान परिवार से जुड़ी थी।
दोनों के बीच धर्मों की निन्नता होने के बावजूद टोपी को इफ्फन की दादी से अत्यधिक अपनापन मिला। इस अकेलेपन को दोनों ने आपसी प्रेम व सम्मान की भाबना से एक-दूसरे के लिए बाँटकर साझा करके समाप्त किया। दोनों के बीच न तो धर्म की समानता थी, न संस्कृति की और न ही चस्त की। इसके बदले दोनों के प्रति अपार प्रेम व स्नेह की भावना थी। दोनों एक-दूसरे के बिना स्वर्य को अकेला महसूस करती थीं।
(ग) स्कूल जाने के प्रति लेखक के मन में निराशा के भाव थे, परंतु धीरे-धीरे स्कूल के प्रति उसका आकर्षण बढ़ने लगा, ऐसा कब संभव हुआ? ‘सपनों के-से दिन’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
लेखक को बचपन में स्कूल कभी भी खुशी से भागे जाने की जगह नहीं लगी। चौथी कक्षा तक लेखक अपने कुछ सहपाठियों की तरह रोते-चीखते ही स्कूल पह्हुंचता था। उसके मन में स्कूल के प्रति एक प्रकार का भय समाया हुआ था। कर्ई बच्चे तो तालाब में किताब-कोंपियों को फेंक पढ़ाई को ही तिलांजलि दे चुके थे। स्कूल में जीवन नीरस तथा कैदी-सा प्रतीत होता था। स्कूल के मति लेखक के मन में निराशा के भाव होते हुए भी धीरे-धीरे स्कूल उसे भाने लगा। यह तब संभव दुआ, जब स्काउटिंग के अभ्यास का अवसर लेखक को मिला। नीली-पीली झंड्धिर्यों को हिलाते हुए उसे परेड करना अच्छा लगता था और इस कारण स्कूल के मति हसका आकर्षण भी बढ़ गया।
लेखन
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) प्रकृति की रक्षा मानव की सुरक्षा
- मनुष्य प्रकृति का अंग.
- प्रकृति से खिलवाड़
- दुष्प्रभाव और दूर करने के उपाय
उत्तर:
‘प्रकृति की रक्षा मानव की सुरक्षा’
प्रकृति और मानव के बीच में बहुत गहरा संबंध है यह दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। मनुष्य के लिए धरती उसके घर के आँगन के समान और आसमान छत के समान है। मनुष्य को प्रकृति से अन्न, जल, हवा, धूप, आग आदि ग्राप्त होते हैं इनके बिना मनुष्य जीवित नहीं रह सकता। अत: मानव का कर्त्तव्य है कि वह प्रकृति की सुरक्षा करे। हमें अपनी प्रकृति से प्रेम करना चाहिए क्योंकि यहाँ पर पेड़-पौधे, पशु-पक्षी तथा जीव पनपते हैं लेकिन जब मनुष्य प्रकृति की सुरक्षा करने के बजाए प्रकृति से खिलवाड़ करता है तो इससे विनाश होता है। वृक्षों के लगातार कटने और घास के मैदानों को जलाने से पौधों व जानवरों का जीवन नष्ट हो जाता है। जब मानव जंगलों को ही समाप्त कर देगा तो जंगली जानवर कहाँ जाएँगे वह शहरों की तरफ़ पलायन करेंगे। इससे मनुष्यों को ही खतरा है इसलिए हमें अधिक-से-अधिक पेड़ लगाने चाहिए व प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। अभी भी मानव को सँभल जाना चाहिए जबकि पृथ्वी की ओजोन परत को फिर से नहीं बनाया जा सकता परन्तु मनुष्य प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दों को संबोधित करके इसके आगे की बर्बादी को रोक सकता है। हालाँकि हम लुप्त हो चुकी जानवरों की प्रजातियों को वापस नहीं ला सकते हैं लेकिन फिर भी हम लुप्त प्राय जानवरों की रक्षा कर सकते हैं अत: हम सभी को मिलकर प्रकृति की सुरक्षा का प्रयास करना चाहिए। तो चलो प्रकृति बचाएँ और स्वस्थ सुरक्षित जीवन पाएँ।
(ii) जी टबेन्टी और भारत
- जी 20 क्या है?
- गठन का कारण
- कार्यशैली और भारत की भूमिका
उत्तर:
‘जी दवेंटी और भारत’
G-20 यानी “ग्रुप ऑफ ट्वेन्टी’ यूगोपियन संघ और 19 देशों का एक समूह है जिसका मुख्य कार्य वैश्विक आर्थिक सहयोग प्रदान करना और आर्थिक स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखना है। यह समूह दुनिया की 85 प्रतिशत अर्थव्यवस्था और 75 वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करता है। इसके अलावा ये देश जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर भी बात करते हैं।
G-20 में वे देश शामिल हैं जो अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर हैं। हर वर्ष इन देशों द्वारा एक सम्मेलन किया जाता है। इस दौरान अलग-अलग देशों के प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री आदि सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं। मंत्री स्तर की बैठक में मंत्री, गर्वनर आदि शामिल होते हैं इसलिए इसे एक अहम् सम्मेलन का दर्जा दिया गया है। इस सम्मेलन में देशों के बीच शा तिप्रिय माहौल को कायम रखने पर बल दिया जाता है। इस वर्ष (2022) के सम्मेलन में भारत को इसका अध्यक्ष बनाया गया जहाँ अमेरिका के राष्ट्रपति ‘बाइडेन’, ब्रिटेन के प्धा नमंत्री ऋषि सुनक, चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो जैसे नेताओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
G-20 में शामिल सदस्य देशों के नाम- भारत, रूस, अमेरिका, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, चीन, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, मेक्सिको, इंडोनेशिया, इटली, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, तुर्की यूरोपीय सघ।
यदि इन सभी देशों की GDP को जोड़ा जाए तो यह दुनिया भर के देशों की 85 फीसदी है इसलिए इन्हें दुनिया के शक्तिशाली देशों में गिना जाता है क्योंकि दुनिया की 60 फीसदी आबादी इन 20 देशों से ही आती है।
G-20 के कार्यों को दो ट्रैक में बाँठ गया है- पहला फाइनेंस ट्रैक, दूसरा शेरपा ट्रैक। फाइनेंस ट्रैक के अन्तर्गत सदस्य देशों के वित्तमंत्री, केंद्रीय बैंक के गवर्नर और उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की जाती हैं, जहाँ मौद्रिक और राजकोषीय मुद्दों, वित्तीय विनियमों इत्यादि पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। ये बैठकें साल में कई बार होती हैं। शेरपा ट्रैक के अंतर्गत व्यापक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जैसे राजनीतिक जुड़ाव, भ्रष्टाचार विरोधी, विकास इत्यादि। प्रत्येक देश को इसके शेरपा (सिविल सेवक या राजनयिक) द्वारा ही रिप्रजेन्ट किया जाता है, जो अपने संबंधित देश के नेता की ओर से योजना बनाना, गाइड करना और लागू करना जैसे कार्य करता है। G-20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है। भारत ने इसकी अध्यक्षता । दिसंबर 2022 को ग्रहण की है। G-20 में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो एक ‘अगुवा राष्ट्र’ की भूमिका निभाएगा।
(iii) करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान
- सूक्ति का आशय
- जीवन में अभ्यास का महत्त्व
- सफ़लता का मूलमंत्र
उत्तर:
‘करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान’
‘करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान’ अर्थात् निरंतर अभ्यास के द्वारा मूर्ख-से-मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान बन सकता है यानी कोई भी व्यक्ति अपने अन्दर किसी भी प्रकार की कुशलता का निर्माण कर सकता है यदि वह निरंतर परिश्रम करे। अपने-अपने क्षेत्रों में जिस व्यक्ति ने भी सफ़लता प्राप्त की है उसके जीवन में अभ्यास की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। अभ्यास के द्वारा मूर्ख व्यक्ति भी विद्वान बन सकता है जैसे कालीदास निरंतर अभ्यास के द्वारा संस्कृत के मह्ान् विद्वान बन गए थे। आज यदि हम बल्ब की रोशनी प्राप्त कर रहे हैं तो उसके पीछे भी अभ्यास की शक्ति निहित है। एडिसन ने बार-बार असफ़ल होने के बावज़ूद अभ्यास करना नहीं छोड़ा और एक दिन उस वस्तु का आविष्कार कर दिया जिसने दुनिया को प्रकाश दिया। सफ़लता के लिए हमें जिन मूलमंत्रों का पालन करना चाहिए वह इस प्रकार हैं- सीखने की आदत, चुनौती का सामना करना और खुद का मूल्यांकन करना। जीवन में चमत्कार नहीं वरन् परिश्रम काम आता है। आगे बढ़ने के लिए खुद पर विश्वास रना चाहिए तथा किसी भी परिस्थिति से घबराना नहीं चाहिए।
प्रश्न 15.
बिजली अधिकारियों का ध्यान बिजली वितरण की अव्यवस्था की ओर आकर्षित करने के लिए प्रमुख दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5 x 1=5)
अथवा
मनीऑर्डर खो जाने की शिकायत करते हुए तिलक नगर क्षेत्र, दिल्ली के डाकपाल को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
परीक्षा भवन
– दिल्ली।
दिनांक 5 जुलाई, 20xx
सेवा में,
संपादक महोदय
दैनिक जागरण
दिल्ली।
विषय बिजली पितरण की आवशयकता पर ध्यान आकर्षित करने हेतु।
महोदय,
में आपके समाचास्थत्र की नियमित पाठक हूं। मैं अपनी समस्या इस पत्र के माध्यम से संबंधित अधिकारियों तक पाँचाना चाहती हैं। आशा है आप अपने संपादकीय में इसे जरूर स्थान देंगे। मैं इस क्षेत्र की एक जिम्मेदार नागरिक हैं। हमारे यहाँ लगातार बिजली की कटौती हो रही है। जून माह में गर्मी अपने घरम पर होती है। लगातार कई घंटों की कटौती अनेक समस्याएँ पैदा करती है। बच्चे प्रीज्ञायकाश में कम्पटीशन की तैयारी कर रहे होते है। अधिक गर्मी के कारण पढ़ाई में मन नहीं लगता, जब कभी बिजली आती भी है, तो उसका वोल्टेज बहुत कम होता है। में अपने इस पत्र के माध्यन से बिजली अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करना चाहती हैं। आशा है कि आप इसे अपने समाचार-पत्र में अवश्य स्थान देंगे। सधन्यवाद।
भवदीया
क,ख.ग.
अथवा
परीक्षा भवन, नई दिल्ली।
दिनांक 21 मई, 20xx
सेवा में,
डाक्याल महोदय
मुख्य द्वाकघर
तिलक नगर क्षेत्र
दिल्ली।
विष्य मनीओर्डर खो जाने की शिकायत हैतु।
महोदय,
नियेदन यह है कि 10 दिन पहले मैने आपके मुख्य डाकघर से ₹ 12,000 का मनीओंर्डर (घनादेश) करदाया था। यह धनादेश मैंने अपने पिताजी के पास श्री वेदापकाश, मथुरा के पते पर भेजा था। 15 दिन हो गए है, लेकिन अभी तक वह धनादेश मेरे पिताजी के पास नहीं पहुँचा है और न ही धनादेश वापिस मुझे प्राप्त हुआ है। हतने दिन बीत जाने के बाद भी मुझे इस विषय की सूबना प्राप्त नहीं हुई है। धनादेश न मिलने के कारण हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसलिए, में आपको धनादेश का विवरण दे रहा हूं ताकि आप इस पर कार्यवाही जल्द से जल्द करें। धनादेश रसीद संख्या : 1035, दिनांक 11 मई, 20xx में इस धनादेश की एक छायाजति/फोटोकोपी भी आपके पास मेज रहा हूँ।
कृपया आप शीय अतिशीघ इस लापता घनादेश की जाँच करके उक्त पते पर थेजें तथा मुद्धे सूचित करें। मुझे आशा है कि आप शीम्र इस पर उचित कार्रवाई करेंगे।
धन्धवाद
भवदीय
राकेश कुमार
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए- (4 × 1 = 4)
(i) विद्यालय द्वारा चिकित्सा जाँच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। स्वास्थ्य संगठन के सचिव होने के नाते कक्षा छठी से बारहवीं तक के सभी विद्यार्थियों को कार्यक्रम के विवरण सहित इसकी सूचना प्रदान कीजिए।
उत्तर:
सेन्ट कॉलम बस स्कूल
कमला नगर, आगरा
सूचना
दिनांक ; 28/xx/2xxx
चिकित्सा जाँच शिविर
आप सभी को सूचित किया जाता है कि आपके विद्यालय (सेन्ट कॉलम बस स्कूल) में पुष्पांजलि अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञ दिनांक 29/xx/2xxx को प्रात: 8.00 बजे आ रहे हैं। 8.00 से 10.00 बजे तक उनके महत्त्वपूर्ण व्याख्यान हैं तथा 10.00 से शाम 5.00 बजे तक आपके स्वास्थ्य की जाँच की जाएगी। आप सभी से अनुरोध है कि आप सभी अपने अभिभावकों एवं परिजनों के साथ आकर इस कार्यक्रम को सफ़ल बनाएँ तथा निःशुल्क चिकित्सा जाँच शिविर का लाभ उठाएँ।
धन्यवाद
स्वास्थ्य संगठन सचिव
मोहन
अथवा
(ii) संस्कृति क्लब की ओर से “एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए तथा सहभागिता के लिए प्रेरित करते हुए अध्यक्ष की ओर से सूचना लिखिए।
उत्तर:
संस्कृति क्लब
‘फतेहाबाद रोड, आगरा
सूचना
दिनांक: 14/xx/2xxx
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
आप सभी को सूचित किया जाता है कि संस्कृत क्लब की ओर से दिनांक 16/xx/2/xxx को शाम 4.00 बजे से 8.00 बजे तक “एक भारत श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अनेक सांस्कृतिक गतिविधियाँ होंगी जिसके लिए आपके सहयोग की आवश्यकता होगी अतः आप समय से पहुँच कर अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दें।
धन्यवाद
सांस्कृतिक कार्यक्रम अध्यक्ष
राकेश शर्मा
प्रश्न 17.
‘साधना स्वयंसेवी संस्था’ की ओर से एक विज्ञापन 40 शब्दों में लिखिए। (3×1=3)
अथवा
‘नेत्रदान महादान’ विषय को आधार बनाकर 40 शब्दों में विज्ञापन लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में लघुकथा/ई-मेल लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) “पश्चाताप’ विषय पर लघुकथा लगभग 100 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
पश्चाताप
एक बार एक व्यक्ति अपनी गरीबी से बहुत परेशान हो गया और उसने परेशान होकर अपना जीवन समाप्त करने का निर्णय ले लिया। इसके बाद वह एक काएँ के पास पहुँचा जैसे ही वह कुएँ में छलांग लगाने लगा तभी वहाँ एक महात्मा आ गए और उन्होंने उस व्यक्ति को ऐसा करने से मना कर दिया। तब व्यक्ति ने महात्मा को अपनी परेशानी के बारे में बताया। महात्मा ने व्यक्ति की परेशानी सुनकर कहा मेरे पास एक विद्या है जिससे जादुई घड़ा बन जाता है। तुम जो भी इस घड़े से माँगोगे, वह तुम्हें मिल जाएगा परन्तु जिस दिन यह घड़ा फूट गया उसी समय जो कुछ भी इस घड़े ने दिया था वह सब गायब हो जाएगा। महात्मा ने कहा कि यदि तुम एक वर्ष तक मेरे आश्रम में रहो, तो यह घड़ा मैं तुम्हें दे सकता हूँ और यदि चार वर्ष तक मेरे आश्रम में रहो तो मैं यह घड़ा बनाने की विद्या तुम्हें सिखा दूँगा। अब तुम बताओ कि तुम कया चाहते हो ? व्यक्ति ने कहा कि महाराज मैं तो एक साल ही आपकी सेवा करना चाहूँगा। मुझे तो जल्द-से-जल्द यह घड़ा चाहिए। मैं इसे सँभाल कर रखूँगा। कभी इसे फूटने नहीं दूँगा। इस तरह एक वर्ष सेवा करने के बाद व्यक्ति घड़ा प्राप्त करके अपने घर आ गया। उसने घड़े से अपनी हर इच्छा पूरी ‘की। जिसमें मकान, महल, नौकर, धन आदि सम्मिलित थे। एक दिन वह धन के नशे में इतना चूर हो गया कि घड़ा लेकर नाचने ‘लगा। इसी दौरान घड़ा उसके हाथ से चटकर ‘फूट गया। घड़ा फूटते ही सभी गायब हो गया जो घड़े से उसे मिला था। अब वह व्यक्ति पश्चाताप करने लगा कि काश मैंने लालच न किया होता और महात्मा से घड़ा बनाने की विद्या सीख ली होती तो आज मेरा यह हाल न होता।
अथवा
(ii) आपके बैंक खाते में गलती से 5000 रुपए की राशि अधिक आ गई है। इसकी जानकारी बैंक अधिकारी को ईमेल लिखकर दीजिए।
(शब्द-सीमा- लगभग 100 शब्द)
उत्तर:
ई-मेल लेखन
From :
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दिनांक – ………….
विषय- बैंक खाते में अधिक राशि आने के सम्बन्ध में
महोदय
विनम्र निवेदन है कि मेरा नाम रमनदीप है और मैं आपकी बैंक का खाता धारक हूँ। मैं आपको यह जानकारी देना चाहता हूँ कि गलती से मेरे बैंक खाते में 5000 रु. की राशि अधिक आ गई है। यह राशि किसी गरीब व्यक्ति की भी हो सकती है तो मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि इस राशि की जानकारी जुटाकर आप इसके असली हकदार को पहुँचाने का कष्ट करें।
सधन्यवाद
आपका खाता धारक
रमनदीप सिंह