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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 7 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्नश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
पर्यावरण नैतिकता से अभिप्राय है वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं। यह ठीक ही कहा गया है, “पर्यावरण संकट मन और आत्मा के संकट की बाहरी अभिव्यक्ति है।” यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि हम कैसे सोचते हैं और कैसे कार्य करते हैं। यदि हम सोचते हैं कि “मनुष्य इस पृथ्वी पर सर्वशक्तिमान और सवोच्च प्राणी है और मनुष्य प्रकृति का स्वामी है और अपनी इच्छा से उसका उपयोग कर सकता है, तो यह हमारी मानव केंद्रित विचारधारा को दर्शाता है।
दूसरी ओर, अगर हम सोचते हैं कि “प्रकृति ने हमें एक सुंदर जीवन जीने के लिए सभी संसाधन प्रदान किए हैं और वह एक माँ की तरह हमारा पोषण करती है, तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए और उसका पालन-पोषण करना चाहिए। यह पृथ्वी केंद्रित विचारधारा है। इस प्रकार मानव केंद्रित विचारधारा के अनुसार, मनुष्य प्रकृति का स्वामी है और वह इसे मनचाहे रूप में प्रयोग कर सकता है। इसके विपरीत पृथ्वी और प्रकृति केंद्रित विचारधारा के अनुसार, पृथ्वी हमारी जननी है। अत: हमें पृथ्वी का आदर करना चाहिए। पहले मत के अनुसार, पृथ्वी केवल एक ग्रह है इसलिए हमें वैज्ञानिक तकनीक द्वारा प्रौद्योगिकी का निरंतर विकास करना होगा और पर्यावरण के अपघटन को रोकना होगा ताकि एक स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण और बेहतर भविष्य की नींव रखी जा सके।
साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, आधिपत्य के लिए संघर्ष, विश्वयुद्ध आदि ने अपने-अपने ढंग से पर्यावरण को संकट में डाला है। आज फिर आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता से बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति के शोषण ने संपूर्ण विश्व में पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है, जो घातक सिद्ध हो सकता है। यह विवादास्पद है कि विकास आधारित प्रौद्योगिकी वरदान है या विनाश का कारण।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। मानव-केंद्रित विचारधारा में निहित है
1. पृथ्वी पर वैज्ञानिक तकनीक द्वारा प्रौद्योगिकी का निरंतर विकास करना
2. पर्यावरण के अपघटन को रोकना
3. बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करना
4. मनुष्य द्वारा पृथ्वी का मनचाहे रूप से प्रयोग करना
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) 1 और 2 सही हैं गद्यांश के अनुसार, मानव-केंद्रित विचारधारा में निहित है-पृथ्यी पर वैज्ञानिक तकनीक द्वारा प्राद्योगिकी का निरंतर विकास करना तथा पर्यावरण के अपघटन को रोकना, जिससे पर्यावरण स्वस्थ व स्वछ्छ रहे।
(ख) पर्यावरण नैतिकता से क्या अभिप्राय है?
(i) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की केवल क्रियाओं को दर्शाते हैं।
(ii) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच केवल प्रतिक्रियाओं को दर्शति हैं।
(iii) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाति हैं।
(iv) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच तुलना को दर्शति हैं।
उत्तर :
(iii) वे विषय, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं प्रस्तुत गद्यांश में पर्यावरण नैतिकता से अभिमाय है उन विषयों, सिद्धांत और दिशा-निर्देश, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं को दर्शाते हैं।
(ग) ‘पृथ्वी हमारी जननी है’ यह विचारधारा है
(i) मानव केंद्रित
(ii) पृथ्वी और प्रकृति केंद्रित
(iii) प्रौद्योगिकी केंद्रित
(iv) मानव और प्रौद्योगिकी केंद्रित
उत्तर :
(ii) पृथ्वी और प्रकृति केंद्रित प्रस्तुत गद्यांश में बताया गया है कि पृथ्यी और प्रकृति केंद्रित विचारधारा के अनुसार, पृथ्यी हमारी जननी है। हमें इसका आदर करना चाहिए।
(घ) मानव केंद्रित विचारधारा के अनुसार प्रकृति का स्वामी है
(i) मनुष्य
(ii) वैज्ञानिक
(iii) तकनीक
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) मनुष्य प्रस्तुत गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि मानव केंट्रित विचारधारा के अनुसार प्रकृति का स्वामी मनुष्य है और वह जैसे चाहे वैसे प्रकृति का प्रयोग कर सकता है।
(ङ) कथन (A) आधुनिक प्रौद्योगिकी ने प्रकृति पर संकट पैदा कर दिया है।
कारण (R) औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति का शोषण किया जा रहा है।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है आज प्रौद्योगिकी की सहायता से बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन के लिए प्रकृति के शोषण ने संपूर्ण विश्व तथा प्रकृति पर पर्यावरणीय संकट पैदा कर दिया है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) बंजर जमीन के उपजाऊ होने की वजह-
कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) साँवली साँझ का सुनसान जंगल के किनारे आना
(ii) हल के नोक से खेत को जोतना
(iii) जंगलों की रात का मिटना
(iv) सभ्यता के चाँद का खिलना
विकल्प
(क) कथन (i) व (iii) सही हैं।
(ख) कथन (iv) सही है।
(ग) कथन (ii) सही है।
(घ) कथन (i) व (iii) सही हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (ii) सही है।
(2) ‘झांझ-सा बीहड़ झनकता’ का आशय है-
(क) बीहड़ में संगीत बज रहा है
(ख) झींगुर की आवाज के मधुर संगीत से वन गूँज रहा है
(ग) वन में ‘झांझ’ नामक वाद्य यंत्र बज रहा है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ख) झींगुर की आवाज के मधुर संगीत से वन गूँज रहा है
(3) किस कारण जली हुई मछलियाँ भी वापस जल में समा गईं?
(क) नल को मिले श्राप के कारण
(ख) राजा नल के दुःखी होने के कारण
(ग) (क) व (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
(क) नल को मिले श्राप के कारण
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) : राजा नल का मछलियों को ताल से निकालकर पकाना
कारण (R) : सुनसान जंगल की किनारी साँवली बनना
विकल्प
(क) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत हैं किंतु कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) व (R) सही हैं, और कथन (A), (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं, किंतु कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तरः
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं, किंतु कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
(5) इस कविता में किसे लाल रंग का बताया गया है ?
(क) पत्थर तथा मिट्टी को
(ख) कंकड़-बजरी को
(ग) ढाक के वन के फूलों को
(घ) उपर्युक्त सभी को
उत्तरः
(घ) उपर्युक्त सभी को
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘जैसे ही वर्षा हुई वैसे ही मोर नाचने लगे।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) जब वर्षा हुई तब मोर नाचे
(ii) जब वर्षा होती है तब मोर नाचते हैं
(iii) वर्षा होते ही मोर नाचते हैं
(iv) वर्षा हुई और मोर नाचने लगे
उत्तर :
(iv) वर्षा हुई और मोर नाचने लगे
(ख) ‘मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया’ इसका सरल वाक्य होगा
(i) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया
(ii) जैसे ही मूर्तिकार ने सुना, जवाब दिया
(iii) मूर्तिकार ने पहले तो सुना और फिर जवाब दिया
(iv) जब मूर्तिकार ने सुना, उसने जवाब दिया
उत्तर :
(i) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया
(ग) निम्नलिखित में से मिश्र वाक्य है
(i) तुम सच बोलते हो, इसलिए महान हो
(ii) वह जूते खरीदने के लिए बाजार गया
(iii) जो छात्र अच्छे होते हैं, वे गुरु की आज्ञा मानते हैं
(iv) उन्होंने मूति को देखा और रूक गए
उत्तर :
(iii) जो छात्र अच्छ होते हैं, वे गुरु की आज्ञा मानते हैं
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में सरल वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए।
1. मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया
2. जब सभा समाप्त हुई, तो सब लोग चले गए
3. वे अकेले ही नदी की ओर चले गए
4. जब सुबह हुई, तो भौरे गुनगुनाने लगे
कूट
(i) केवल 2 सही है
(ii) केवल 3 सही है
(iii) 1,3 और 4 सही है
(iv) 1,2,3 और 4 सही है
उत्तर :
(ii) केवल 3 सही है
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. जब अरुण घर में आया तो तरुण चला गया था। | 1. सरल वाक्य |
B. अरुण से मिलकर तरुण बहुत खुश हुआ। | 2. संयुक्त वाक्य |
C. अरुण घर आया, परंतु तरुण चला गया। | 3. मिश्रित वाक्य |
कूट
A B C
(i) 2 3 1
(ii) 1 2 3
(iii) 2 3 1
(iv) 3 2 1
उत्तर :
(i) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) ‘वह क्या खा रहा है ? ‘- रचना के आधार पर वाच्य का उचित भेद बताइए-
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) प्रश्नवाचक वाक्य
उत्तरः
(क) कर्तृवाच्य
(2) कृष्णा सितार बजाती है – कर्मवाच्य में बदलिए-
(क) कृष्णा के द्वारा सितार बजाया जाता है।
(ख) कृष्णा से सितार बजता है ।
(ग) सितार कृष्णा से बजाया जाता है।
(घ) कृष्णा ने सितार बजाया ।
उत्तर :
(क) कृष्णा के द्वारा सितार बजाया जाता है।
(3) सुनीता विलियम्स द्वारा उद्घाटन किया गया – कर्तृवाच्य में बदलिए-
(क) सुनीता विलियम्स से उद्घाटन हुआ।
(ख) सुनीता विलियम्स उद्घाटन करती है।
(ग) सुनीता विलियम्स ने उद्घाटन किया।
(घ) सुनीता विलियम्स उद्घाटन करेगी।
उत्तर:
(ग) सुनीता विलियम्स ने उद्घाटन किया।
(4) दर्द के कारण वह चल नहीं सकती – भाववाच्य में बदलिए-
1. उसके बहुत दर्द है, इसलिए वह चल नहीं सकती ।
2. वह चल नहीं सकती, क्योंकि उसके बहुत दर्द है।
3. दर्द के कारण उससे चला नहीं जा रहा है।
4. दर्द के कारण उससे चला नहीं जाता।
(क) 1 और 2 सही हैं ।
(ख) केवल 4 सही है।
(ग) केवल 3 सही है ।
(घ) सभी गलत हैं ।
उत्तरः
(ख) केवल 4 सही है ।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) माँ से अब भारी काम नहीं किया जाता | (i) कर्तृवाच्य |
(2) निशि द्वारा संदेश भेजा गया | (ii) भाव वाच्य |
(3) भारत शांतिप्रिय देश है | (iii) कर्म वाच्य |
(क) 1-ii, 2-1, 3-iii
(ख) 1-iii, 2-ii, 3-i
(ग) 1-ii, 2-iii, 3-i
(घ) 1-1, 2-ii, 3-iii
उत्तर:
(ग) 1-ii, 2-iii, 3-i
प्रश्न 5.
‘निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) राजा ने अपने शत्रु पर चढ़ाई कर दी। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिग, कर्मकारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुर्लिग, कर्मकारक
(iii) जातिवाचक संज़ा, बहुवचन, पुर्लिग, कर्ताकारक
(iv) भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्रीलिंग, कर्मकारक
उत्तर :
(iv) चढ़ाई भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्मकारक
(ख) वे स्त्रियाँ संस्कृत नहीं बोलतीं। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज्ञा (स्त्रियाँ) का विशेषण
(ii) संख्यावाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज़ा (स्त्रियां) का विशेषण
(iii) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज्ञा (स्त्रियाँ) का विशेषण
(iv) सार्वनामिक विशेषण, पुल्लिग, बहुवचन, क्रिया (बोलना) का विशेषण
उत्तर :
(iii) वे सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, संज्ञा (स्त्रियाँ) का विशेषण
(ग) रंग-बिरंगे फूल देखकर मन प्रसन्न हो गया। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिग
(ii) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिग
(iii) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग
(iv) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग
उत्तर :
(i) रंग-बिरंगे गुणवाचक विशेषण, बहुवथन, पुल्लिग
(घ) मंजू ऊपर आ रही है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(ii) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(iii) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(iv) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
उत्तर :
(iii) ऊपर स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-आ रही है
(ङ) वह व्यक्ति बहुत परिश्रमी था। वह कल ही चला गया। दोनों वाक्यों के ‘वह’ का सामान्य पद परिचय होगा
(i) पहला वह-गुणवाचक विशेषण, दूसरा वह-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(ii) पहला वह-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा वह-निश्चयवाचक सर्वनाम
(iii) पहला वह-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा वह-पुरुषवाचक सर्वनाम
(iv) पहला वह-पुरुषवाचक सर्बनाम, दूसरा वह-सार्वनामिक विशेषण
उत्तर :
(iii) पहला वह-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा वह-पुरुषवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) सहस किरन जो सूरज दिपई ।
देखि लिलार सोइ छिपि जई ॥
में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) मानवीकरण
(ख) उपमा
(ग) उत्प्रेक्षा
(घ) अतिशयोक्ति ।
उत्तरः
(घ) अतिशयोक्ति ।
(2) प्राची का मुख तो देखो।
में प्रयुक्त अलंकार है-
(क) अनुप्रास
(ख) मानवीकरण
(ग) यमक
(घ) श्लेष ।
उत्तर:
(ख) मानवीकरण
(3) किस अलंकार में उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती है ?
(क) उपमा
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) यमक
(घ) श्लेष।
उत्तरः
(ख) उत्प्रेक्षा
(4) उपमेय का क्या अर्थ है ?
(क) जिसकी तुलना की जाए
(ख जिससे तुलना की जाए
(ग) तुलना करने वाले शब्द
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) जिसकी तुलना की जाए
(5) “जहाँ गाँठ तहाँ रस नहीं, यह जानत सब कोई ।” में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?
(क) मानवीकरण
(ख) यमक
(ग) श्लेष
(घ) प्रतीप
उत्तर:
(ग) श्लेष
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
खेती बारी करते, परिवार रखते भी, बालगोबिन भगत साधु थे-साधु की सब परिभाषाओं में खरे उतरने वाले। कबीर को ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते। कभी झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते। किसी से भी दो टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से खामखा झगड़ा मोल लेते। किसी की चीज नहीं छूते, न बिना पूछे व्यवहार में लाते। इस नियम को कभी-कभी इतनी बारीकी तक ले जाते कि लोगों को कौतूहल होता। कभी वह दूसरे के खेत में शौच के लिए भी नहीं बैठते। वह गृहस्थ थे, लेकिन उनकी सब चीज ‘साहब’ की थी। जो कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे साहब के दरबार में ले जाते-जो उनके घर से चार कोस दूरी पर था-एक कबीरपंथी मठ से मतलब! वह दरबार में ‘भेंट’ रूप रख लिया जाकर ‘प्रसाद’ रूप में जो उन्हें मिलता, उसे घर लाते और उसी से गुजर चलाते।
(क) लेखक के अनुसार बालगोबिन भगत साधु क्यों थे?
(i) क्योंकि वे साधु की तरह दिखते थे
(ii) क्योंकि वे मोह-माया से दूर थे
(iii) क्योंकि वे सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे
(iv) क्योंक वे किसी से लड़ते नहीं थे
उत्तर :
(iii) क्योंकि वे सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे प्रस्तुत गद्यांश में लेखक बताता है कि बालगोबिन भगत सच्चे साधुओं की तरह आचार-विचार रखते थे। वे साधु की सभी परिभाषाओं पर खरे उतरते थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे तथा सबसे खरा व्यवहार रखते थे। इस कारण बालगोबिन भगत साधु थे।
(ख) बालगोबिन भगत का कौन-सा कार्य-व्यवहार लोगों के आश्चर्य का विषय था?
(i) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से आपने आचरण में पालन करना
(ii) गीत गाते रहना
(iii) किसी से झगड़ा न करना
(iv) अपना काम स्वयं करना
उत्तर :
(i) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से आपने आथरण में पालन करना, बालगोबिन भगत जीवन के सिद्धांतों व आदर्शों का गहराई से पालन करते थे। यही लोगों के आश्चर्य का विषय बन गया था।
(ग) बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे वे सर्वप्रथम किसे भेंट कर देते?
(i) गरीबों में
(ii) घर में
(iii) मंदिर में
(iv) कबीरपंथी मठ में
उत्तर :
(iv) कवीरपंथी मठ में बालगोबिन भगत के खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे वे सर्वप्रथम कबीर पंथी मठ में भेंट करते थे।
(घ) ‘वह गृहस्थ थे, लेकिन उनकी सब चीज ‘साहब’ की थी।’ यहाँ ‘साहब’ से क्या आशय है?
(i) गुरु
(ii) मुखिया
(iii) कबीर
(iv) भगवान
उत्तर :
(iii) कबीर ‘साहब’ से आशय है-कबीर। बालगोबिन भगत गृहस्थ थे फिर भी उनकी सब चीज साहब अर्थात् कबीर की थी।
(ङ) कथन (A) बालगोबिन भगत कबीर के ही आदर्शों पर चलते थे। कारण (R) वे कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों ही गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है गद्यांश के अनुसार, बालगोबिन भगत कबीर के ही आदर्शों पर चलते थे, क्योंकि वे कबीर की विचारधारा से प्रभावित थे। वे कबीर को ‘साहब’ मानते थे तथा उन्हीं के आदेशों पर चलते थे।
प्रश्न 8.
‘क्षितिज’ के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) भगत की पतोहू अपने भाई के साथ जाने को तैयार नहीं थी, क्योंकि-
(क) उसे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का ज्ञान था ।
(ख) वह अपने ससुर के प्रति अपार श्रद्धा एवं आत्मीयता रखती थी।
(ग) वह अपने ससुर की सेवा को ही अपना धर्म समझती थी।
(घ) उपर्युक्त सभी कारण थे
उत्तरः
(घ) उपर्युक्त सभी कारण थे।
(2) मानव-जीवन पर ‘कबीर पंथ’ का क्या प्रभाव पड़ता है?
(क) कबीर पंथ मनुष्य को सांसारिक आकर्षणों से दूर रहने की प्रेरणा देता है।
(ख) वह मानव के अंदर असत्य और छल-कपट का विकास करता है।
(ग) वह ईर्ष्या-द्वेष तथा माया – मोह आदि अवगुणों को अपनाने की प्रेरणा देता है।
(घ) कबीर पंथ के अनुसार मनुष्य को स्वार्थ और लालच को अपनाना चाहिए।
उत्तरः
(क) कबीर पंथ मनुष्य को सांसारिक आकर्षणों से दूर रहने की प्रेरणा देता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
हमारैं हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करूई ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौपौ, जिनके मन चकरी।
(क) ‘हमारैं हरि हारिल की लकरी पंक्ति में ‘हारिल की लकरी’ किसे कहा गया है?
(i) गोपियों को
(ii) श्रीकृष्ण को
(iii) उद्धव को
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) श्रीकृष्ण को पस्तुत काव्यांश में श्रीकृष्ण को ‘हारिल की लकड़ी’ कहा गया है। इसका आशय यह है कि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में लकड़ी को दबाए रहता है। उसी प्रकार हमने भी मन, कर्म और वाणी से भकृषण्ण को अपने हृदय में बसा लिया है।
(ख) ‘तिनहि लैं सौंपौ’ पंक्ति में किसकी ओर संकेत किया गया है?
(i) जिनका मन चकरी के समान चंचल है
(ii) जिनका मन स्थिर है
(iii) जो योग का संदेश देते हैं
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) जिनका मन चकरी के समान च’ → है ‘तिनहिं ले साँपौ’ पंक्ति में उनकी ओर संकेत किया गया है, जिनका मन चकरी के समान चंचल है।
(ग) गोपियाँ योग की शिक्षा क्यों नहीं लेना चाहती थीं?
(i) क्योंकि उनके पास पहले से ही योग की शिक्षा थी
(ii) क्योंकि वे अपने-अपने कार्य में बहुत व्यस्त थीं
(iii) क्योंकि वे योग की शिक्षा श्रीकृष्ण से लेना चाहती थीं
(iv) क्योंकि उनके हुदय में कृष्ग बसे हुए थे
उत्तर :
(iv) क्योंकि उनके इदय में कृष्ण बसे हुए थे प्रस्तुत काव्यांश में गोपियों ने योग की शिक्षा पर उद्धव को कहा कि हम योग की शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकत्ती, क्योंकि हमने मन, वचन, कर्म से श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसा लिया है। अब हमारा मन श्रीकृष्ण में स्थिर हो गया है। अतः अब उसमें योग की शिक्षा नहीं ठहर पाएगी।
(घ) योग का नाम सुनते ही गोपियों को कैसा लगता है?
(i) जैसे श्रीकृष्ण उनके पास आ गए हों
(ii) जैसे पैरों में काँटा चुभ गया हो
(iii) जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो
(iv) जैसे कानों में मधुर रस घुल गया हो
उत्तर :
(iii) जैसे उनके मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो प्रस्तुत काव्यांश में योग का नाम सुनते ही गोपियों को यह बीमारी के समान लगता है, जिसका नाम सुनते ही उन्हें ऐसा लगता है, जैसे मुँह में कड़वी ककड़ी चली गई हो, इसलिए वे उद्धव से कहत्ती हैं कि इस योग को तो आप श्रीकृष्ण को ही सौंप दो। उनका ही मन बहुत चंचल है।
(ङ) ‘देखी सुनी न करी’ पंक्ति में गोपियाँ क्या कहना चाहती हैं?
(i) गोपियों ने उद्धव के बारे में न तो कभी सुना है और न ही उसे देखा है
(ii) गोपियों ने योग के बारे में न तो कभी सुना है और न ही किया है
(iii) गोपियाँ श्रीकृष्ण के पास जाना चाहती थीं
(iv) गोपियों को उद्धव से योग की शिक्षा लेनी है
उत्तर :
(ii) गोपियों ने योग के बारे में न तो कभी सुना है और न ही किया है ‘ देखी सुनी न करी ‘ पंक्ति से गोपियों का यह तात्पर्य है कि इस योग की बीमारी को न तो हमने कभी पहले देखा है, न सुना है और न ही कभी व्यवहार करके देखा है। उनका कहना है कि इस योग को तो आप ही संभालों। हमारा मन तो बस श्रीकृष्ण के प्रेम में ही रम गया है।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) गोपियों के वाक्चातुर्य की विशेषताएँ हैं-
(क) निर्भीकता
(ख) स्पष्टवादिता
(ग) व्यंग्यात्मकता
(घ) ये सभी
उत्तरः
(घ) ये सभी
(2) ‘तुम मुझे खून दो’ नेताजी का यह नारा हमें क्या प्रेरणा देता है ?
(क) तरक्की करने की
(ख) रक्तदान करने की
(ग) देश के लिए बलिदान देने की
(घ) देश से प्रेम करने की
उत्तर:
(ग) देश के लिए बलिदान देने की
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्यापाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 -30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 0)
(क) भगत जी की पतोहू अपने भाई के साथ वापिस क्यों नहीं जाना चाहती थी? उसकी क्या इच्छा थी? ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर भगत जी की पतोहू अपने पति के ही घर रहकर अपने सतुर का ध्यान रखना एवं उनकी सेवा करना चाहती थी, इसलिए वह अपने भाई के साथ वापिस नहीं जाना चाहती थी। पति की मृत्यु के बाद उसे चिता थी कि उसके ससुर का ध्यान कौन रखेगा? अतः उसकी इच्छा थी कि वह अपने ससुर के साथ ही रहकर उनके भोजन आदि का प्रबंध एवं उनकी सेवा करे।
(ख) यदि हालदार साहब को कैप्टन की मृत्यु के पश्वात् मूर्ति पर चश्मा लगा नहीं मिलता, तो उनके मन में किस प्रकार का भाव आता? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘नेताजी का वश्मा ‘ पाठ के अनुसार यदि हालदार साहब को कैप्टन की मृत्यु के बाद नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगा नहीं मिलता, तो उनका यह भाव विश्वास में बदल जाता कि वर्तमान समय में लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना नहीं रही। समाज में देशभक्ति तथा
(ग) लेखक को नवाब साहब नई कहानी के लेखक किस प्रकार लगे? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘लखनवी अंदाज ‘ पाठ के आधार पर लेखक ने जब नवाब साहब को खीरे की उन सुस्वाद फाँकों (टुकड़ों) को बिना खाए ट्रेन की खिड़की के बाहर फेंकते हुए देखा, तो उसे लगा कि नवाब साहब ने खीरे को केवल सूँघने मात्र से ही अपना काम चला लिया है। इस प्रकार नई कहानी का लेखक भी बिना किसी विषय, घटना आदि के द्वारा ही कहानी की रचना कर लेता है। लेखक को इस अर्थ में नवाब साहब नई कहानी के लेखक लगे।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ के जीवन में संगीत को समृद्ध करने वाले व्यक्तियों व घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
बिस्मिल्ला खों के जीवन में संगीत को अनेक लोगों ने समृद्ध किया। इनमें रसूलन बाई, बतूलन बाई, मामूजान अली बखाश खों, नाना, कुलसुम हलवाइन, अभिनेत्री सुलोचना इत्यादि प्रमुख हैं। रसूलन बाई और बतूलन बाई की ठुमरी, टप्पे और दादरा को सुनकर उनके मन में संगीत की ललक जागी। बाद में वे अपने नाना को मधुर स्वर में शहनाई बजाते देखते थे, तो वे उनकी शहनाई को खोजा करते थे। मामूजान जब शहनाई बजाते-बजाते सम पर आते, तो बिर्भिल्ला खां धड़ से एक पत्थर जमीन पर मारकर दाद देते थे। बिस्मिल्ला खां कुलसुम की कचौड़ी तलने की कला में भी संगीत का आरोह-अवरोह देखा करते थे।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(क) सूरदास के पदों के आधार पर गोपियों का योग – साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें ।
उत्तरः
सूरदास द्वारा रचित इन पदों में गोपियाँ योग साधना को अपने लिए निरर्थक मानती हैं। वे कहती हैं कि हमने तो मन, क्रम और वचन से श्रीकृष्ण को दृढ़तापूर्वक पकड़ लिया है जिस प्रकार हारिल पक्षी लकड़ी को पकड़े रहता है। हम हर समय श्रीकृष्ण का ही ध्यान करती हैं। हमारे लिए ये योग किसी कड़वी ककड़ी की भाँति हैं। योग उनके लिए उपयुक्त है जिनका मन चंचल है। हमारा मन श्रीकृष्ण में ही रमा हुआ हैं। हमारे लिए यह व्यर्थ है ।
(ख) आत्मकथा सुनाने के सन्दर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है ?
उत्तरः
कवि का मानना है कि उसके जीवन में ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है जिससे लोगों को प्रेरणा प्राप्त हो सके। उसे लगता है कि अभी आत्मकथा लिखने का उचित समय भी नहीं है क्योंकि अभी उसकी सारी व्यथाएँ सोई हुई हैं । उसका चित्त शांत है। वह आत्मकथा लिखकर अपने मन को व्यथित और व्याकुल नहीं करना चाहता।
(ग) कवि की आँख फाल्गुन की सुन्दरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तरः
अट नहीं रही है’ कविता में प्रकृति का सौन्दर्य सब जगह व्याप्त है। कोई भी स्थान प्राकृतिक सौन्दर्य से अछूता नहीं है। फाल्गुन की सुन्दरता फूटी पड़ रही है। पेड़ हरे और लाल पत्तों से लदे हुए हैं। सुगन्धित पवन चल रही है। रंग-बिरंगे फूल खिल रहे हैं। पक्षी पंख फड़फड़ाकर उड़ने को आतुर हैं। चारों ओर सौन्दर्य – राशि बिखरी हुई है । यह दृश्य इतना मोहक है कवि की आँख हट नहीं रही है ।
(घ) संगतकार की आवाज़ में एक हिचक – सी क्यों प्रतीत होती है ? विचार कीजिए ।
उत्तरः
संगतकार प्रभावशाली स्वर में नहीं गाता है, क्योंकि वह नहीं चाहता है कि मुख्य गायक से उसका स्वर तेज़ हो जाए। संगतकार सोचता है कि अगर उसका स्वर तेज़ हो गया, तो मुख्य गायक का स्वर एवं प्रभाव क्षीण हो सकता है। वह मुख्य गायक के प्रति श्रद्धा रखता है, जिसके परिणामस्वरूप संगतकार की आवाज़ में हिचक – सी प्रतीत होती है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित पर निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) मनुष्य अंधाधुंध वृक्षों की कटाई तथा नदियों के जल को दूषित कर रहा है। पहाड़ों को पर्यटन स्थल बनाकर प्रदूषण फैला रहा है, मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं के लिए प्रकृति को अत्यधिक नुकसान पहुँचा रहा है। इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर :
आज की पीढ़ी स्वार्थपरक हो गई है। वह प्रकृति को अनेक प्रकार से हानि पहुँचा रही है। मनुष्य अपने लाभ के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है, जिससे वन समाप्त हो रहे हैं। मनुष्य द्वारा नदियों के जल को दूषित करने एवं जल का गलत प्रयोग करने से अनेक स्थानों पर पानी की कमी तथा जलीय जीवों की संख्या का हास हो रहा है। मनुष्य पहाड़ों को पर्यंटन स्थल बनाकर वहाँ पर प्रदूषण फैला रहा है, जिससे प्राकृतिक प्रक्रियाएँ; जैसे-बर्फ़ का गिरना कम होता जा रहा है। इन सभी कारणों से प्रदूषण में वृद्धि हुई है। इसे रोकने के लिए हमें उचित उपाय करने होंगे; जैसे-प्रत्येक व्यक्ति द्वारा पेड़ लगाए जाएँ, नदियों में कूड़ा-करकट न डालें, अधिक पर्यटक स्थल न बनाएँ तथा सतत विकास की अवधारणा का अनुपालन करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करें।
(ख) सभी लोग मिल-जुलकर रहते हैं तथा प्रकृति के करीब हैं। बच्चे शारीरिक खेल खेलते हैं। अपने परिवार के साथ घुल-मिलकर रहते हैं।’माता का अँचल’ पाठ में ग्रामीण परिवेश के चित्रण को दर्शाते हुए पाठ के आधार पर शहरी और ग्रामीण जीवन के अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ में लेखक ने ग्रामीण परिवेश का चित्रण करते हुए वहाँ की जीवन-शैली का उल्लेख किया है। जहाँ सामूहिक वातावरण है, लोगों के मध्य आत्मीयता की भावना है, लोग मकृति के करीब हैं। इसके विपरीत शहरों में लोग एकल जीवनयापन करने की प्रवृत्ति की ओर उन्मुख हो रहे हैं, लोगों के बीच आत्मीयता की कमी है, माता-पिता दोनो के द्वारा नौकरी करने के कारण वे अपने बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाते, जितना ग्रामीण माता-पिता देते हैं। इस प्रकार ग्रामीण व शहरी जीवन में अत्यधिक अंतर दिखाई देता है।
(ग) हिरोशिमा की घटनाओं के बारे में सुनकर तथा उनके कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी विस्फोट का भोक्ता नहीं बन पाया। ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर लेखक ने अपने आप को हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और कैसे महसूस किया?
उत्तर :
‘में क्यों लिखता हू’ पाठ के आधार पर लेखक हिरोशिमा की घटनाओं के बारे में सुनकर तथा उनके कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी विस्फोट का भोक्ता (भोगने वाला) नहीं बन पाया। एक दिन वह जापान के हिरोशिमा नगर की एक सड़क पर घूम रहा था। अचानक उसकी नजर एक पत्थर पर पड़ी। उस पत्थर पर एक मानव की छया छपी हुई थी। वास्तय में, परमाणु विस्फोट के समय कोई मनुष्य उस पत्थर के पास खड़ा रहा होगा, रेडियोधर्मी किरणों ने उस आदमी को भाप की तरह उड़ाकर उसकी छाया पत्थर पर डाल दी थी। उसे देखकर लेखक के मन में पीड़ा से भरी अनुभूति जाग गई। उसके मन में विस्फोट का प्रत्यक्ष दृश्य साकार हो उठा। उस समय उसने स्वयं को बिस्फोट का भोक्ता महसूस किया।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में सारगर्भित अनुच्छेद लिखिए-
(क) प्रदूषण कारण और निवारण
संकेत बिन्दु-
भूमिका अर्थ
प्रकार और कारण
निवारण उपसंहार
उत्तरः
(क) प्रदूषण कारण और निवारण
प्रदूषण चार प्रकार का होता है – वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि-प्रदूषण और भूमि – प्रदूषण । वायु प्रदूषण का कारण है- बढ़ता हुआ औद्योगीकरण। कारखानों की चिमनियों से निकलने वाले धुएँ तथा सड़क पर चलने वाले वाहनों ने वातावरण को विषाक्त बना दिया है। कारखानों से निकलने वाला कचरा, नदी-तालाबों को हानि पहुँचाता है, ये सभी जल प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं। प्रदूषित जल से अनेक बीमारियाँ फैलती हैं। तेज आवाजें हमारी श्रवण शक्ति और हृदय की बीमारियों को जन्म देती हैं। उपज बढ़ाने के लिए विभिन्न रासायनिक खादों का प्रयोग हमारे खाद्यान्न को प्रदूषित करता है। प्रदूषण से बचने के लिए वृक्षारोपण सर्वश्रेष्ठ साधन है। वृक्षों के अधिक कटाव पर भी रोक लगानी चाहिए । औद्योगिक कचरे और धुएँ को बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। लाउडस्पीकर आदि के प्रयोग को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
(ख) मुड़ो प्रकृति की ओर
संकेत बिन्दु-
भूमिका
प्रकृति! सहचरी
उपसंहार
हमारा कर्तव्य
प्रकृति से छेड़छाड़ से हानियाँ
उत्तर:
(ख) मुड़ो प्रकृति की ओर
प्रकृति स्वभाव से प्राणियों की सहचरी रही है। उसने हमेशा हर रूप में मानव को लाभान्वित किया है। जब से मनुष्य ने विज्ञान की शक्ति पाकर प्रकृति से छेड़छाड़ प्रारंभ की, तभी से वह प्राकृतिक सुखों से वंचित होता गया । वनों की अंधाधुन कटाई के कारण पर्वत-स्खलन, भू-क्षरण, बाढ़, बे-मौसमी बरसात तथा पर्यावरण- प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण शहरों में रहने वाले लोगों का दम घुटता जा रहा है। आज आवश्यकता इस बात की है कि मानव पुनः प्रकृति की ओर मुड़े, प्रकृति से पुन: सामंजस्य स्थापित कर सके तथा उसे सहचरी समझकर उसका सम्मान करे । पाँच जून को समूचे विश्व में ‘पर्यावरण दिवस’ मनाया जाना इस बात का साक्षी है कि अब मानव ने प्रकृति के महत्व को स्वीकार लिया है तथा उसके संरक्षण के हर संभव प्रयास की ओर गंभीरता से विचार करने पर विवश हुआ है।
(ग) हमारे समाज में नारी का स्थान
संकेत बिन्दु –
भूमिका
समाज में नारी की दशा
आधुनिक नारी
निष्कर्ष
उत्तर:
(ग) हमारे समाज में नारी का स्थान
प्राचीन काल में हमारे समाज में नारी का महत्व नर से कहीं बढ़कर होता था। समय के बदलाव के साथ नारी – दशा में भी बदलाव आया। मध्यकाल में नारी की स्थिति अत्यंत शोचनीय हो गई। वह केवल भोग्या और विलासिता की वस्तु बनकर रह गई । शिक्षा के प्रचार-प्रसार के फलस्वरूप अब नारी की स्थिति में सुधार हुआ है। नारी आज समाज में प्रतिष्ठित और सम्मानित हो रही है । वह अब घर से बाहर दायित्व निर्वाह करने के लिए आगे बढ़ गई है। वह घर की चारदीवारी से अपने कदमों को बढ़ाती हुई समाज की विकलांग दशा को सुधारने के लिए प्रयासरत हो रही है। नारी में किसी प्रकार की शक्ति और क्षमता की कमी नहीं है। केवल अवसर मिलने की देर होती है। नारी के इस रूप में समाज में प्रतिष्ठा व स्वीकार्यता मिलनी भी शुरू हो गई है। इस प्रकार नारी का स्थान हमारे समाज में आज अधिक समादृत और प्रतिष्ठित है।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
आप सौरभ श्रीवास्तव हैं। आप सेक्टर 35 में रहते हैं। आपके क्षेत्र में पुस्तकालय की कोई व्यवस्था नहीं है, उसके लिए दूर जाना पड़ता है। अतः आप अपने क्षेत्र में एक नया पुस्तकालय स्थापित करने हेतु सांसद महोदय को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
अथवा
आप राहुल शर्मा हैं। आपके विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया, जिसमें आपकी भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। अपने छोटे भाई को कार्यक्रम के प्रति अपना अनुभव बताते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
फरीदाबाद।
दिनांक 19 मार्थ, 20XX
सेवा में,
माननीय सासद महोदय
फरीदाबाद।
विषय क्षेत्र में नया पुस्तकालय खोलने हेतु।
महोदय,
निवेदन है कि मैं सेक्टर- 35 में रहता हूँ। सेक्टर- 20 से सेक्टर -65 तक बहुत आबादी बस चुकी है। यहाँ की जनसंख्या पिछले पाँच वर्षो की तुलना में तीन गुना हो धुकी है, किंतु इस क्षेत्र में पुस्तकालय की व्यवस्था नहीं है। पुस्तकालय से संबंधित किसी भी कार्य के लिए लोगों को यहों से बहुत दूर सेक्टर -14 में जाना पड़ता है, जिसमें बहुत परेशानी होती है। विशेषकर वृद्धों और महिलाओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है। केवल विद्यार्थी ही इसका लाभ ले पाते हैं।
मेरा सांसद महोदय से विनम्र अनुरोध है कि इस क्षेत्र की आवश्यकता और परेशानी को देखते हुए इस क्षेत्र में शीघ्र ही एक पुस्तकालय खुलवाने की व्यवस्था करें, जिससे यहाँ के नागरिकों को पठन-पाठन की होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सके।
धन्यवाद!
भवदीय
सौरभ श्रीवास्तव
अथया
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 12 अक्टूबर, 20XX
प्रिय अनुज,
सस्नेह।
आज हमारे विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री पधारे थे। उन्होंने वृक्षों की महत्ता बताते हुए पर्यावरण संबंधी महत्त्वपूर्ण तथ्यों से छात्रों को अवगत करवाया। उनके साथ कई अन्य अधिकारी भी आए थे। उपमुख्यमंत्री, अधिकारियों, प्रधानाध्यापक, अध्यापकों एवं कुछ छात्रों ने मिलकर वृक्ष लगाए। मुझे भी इस समारोह में वृक्ष लगाने का अवसर प्राप्त हुआ। वृक्षारोपण करके हमें बहुत प्रसन्नता हुई। इस अवसर पर छात्रों ने भिन्न-भिन्न कार्यक्रम; जैसे-नाटक, नृत्य आदि भी प्रस्तुत किए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दिया गया।
यह समारोह सभी के लिए विशिष्ट बन गया। यदि तुम्हें अवसर मिले तो तुम भी वृक्षारोपण करके पर्यावरण के प्रति अपने कर्त्तव्य एवं दायित्व का पालन करना, तुम्हें भी इस कार्य से अत्यधिक प्रसन्नता एवं गर्व का अनुभव होगा। शुभकामनाओं सहित!
तुम्हारा भाई
राहुल शर्मा
प्रश्न 16.
(क) आप महेश / मनीषा हैं आपने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना अध्ययन पूरा कर लिया है और किसी प्रसिद्ध अखबार में पत्रकार पद के लिए आवेदन भेजना है। इसके लिए एक स्ववृत्त बनाइए। (लगभग 80 शब्दों में)
अथवा
(ख) आप ए. पी. एस. स्कूल के छात्र/छात्रा हैं। आपके पिताजी का स्थानांतरण होने के कारण आपको विद्यालय छोड़ के जाना होगा। अपने विद्यालय के प्राचार्य को लगभग 80 शब्दों में इस विषय में ई-मेल कीजिए ।
उत्तर:
(क) सेवा में,
संपादक,
अमर उजाला,
पानीपत |
विषय – पत्रकार पद के लिए आवेदन हेतु ।
महोदय,
आज दिनांक 10 अप्रैल, 2022 को अमर उजाला से प्रकाशित विज्ञापन से पता चला है कि आपके कार्यालय को पत्रकार की आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
नाम: महेश कुमार
पिता का नाम: सुरेश कुमार
जन्म तिथि: 9-10-1995
वर्तमान पता: 65ए विकास नगर, पानीपत
स्थायी पता: 65ए विकास नगर, पानीपत
टेलीफोन: 0184-4546840
मोबाइल: 9478895XXX
ई-मेल:
[email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ:
परीक्षा | बोर्ड | विषय | श्रेणी | प्रतिशत |
दसवीं | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड | हिंदी, अंग्रेजी, साइंस, गणित, संस्कृत | प्रथम | 90% |
बारहवीं | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड | हिंदी, अंग्रेजी, साइंस, गणित, संस्कृत | प्रथम | 90% |
स्नातक | कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय | हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित | प्रथम | 92% |
पत्रकारिता | कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय | पत्रकारिता | प्रथम | 96% |
इस योग्यता के साथ-साथ मैं कई वर्षों से स्वतंत्र लेखन से भी जुड़ा हूँ। मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूँ कि मैं अपना कार्य पूरी निष्ठा से करूँगा। आपसे अनुरोध है कि कृपया मुझे कार्य करने का अवसर प्रदान करें।
सधन्यवाद ।
भवदीय, महेश
अथवा
To :
[email protected]
cc:
[email protected]
Subject-स्थानांतरण प्रमाण-पत्र हेतु
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं ‘अ’ का छात्र हूँ। मेरे पिताजी का स्थानांतरण आगरा हो गया है। हमारा समस्त परिवार अब आगरा जा रहा है। मुझे वहाँ नए विद्यालय में प्रवेश करने के लिए इस विद्यालय से स्थानांतरण प्रमाण-पत्र की आवश्यकता है। अतः आपसे अनुरोध है कि आप मुझे स्थानांतरण प्रमाण-पत्र, और चरित्र प्रमाण-पत्र शीघ्रातिशीघ्र जारी करने की कृपा करें।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
अ.ब.स.
कक्षा-दसवीं ‘अ’
अनुक्रमांक-5
प्रश्न 17.
आपके बडे भाई एक संस्कृति नंदनी ग्रुप चलाते हैं। वे उसके प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में सांस्कृतिक एकता प्रदर्शनी का विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप स्वाति गर्ग हैं। आपके दादा जी की मृत्यु का समाचार देते हुए लगभग 40 शब्दों में एक शोक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
शोक संदेश
दिनांक : 7 अगस्त, 20XX
समय : 1: 00 बजे दोपहर।
मान्यवर! अत्यंत दु:ख के साथ सूथित करना पड़ रहा है कि मेरे दादाजी मनोज तिवारी जी का स्वर्गवास दिनांक 1 अगस्त, 20XX रविवार को हो गया था। उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध का आयोज़न 13 अगस्त, 20XX शुक्रवार को सुनिश्चित किया गया है। अतः आपसे निवेद्न है कि आप इस अवसर पर आकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर हमें कृत्तार्थ करें।
शान्ति भोज स्थल-ग्राम रामदत्तपुर, पोस्ट नगर
जिला अयोध्या (फ्रजाबाद)
शोक संतृप्त
स्वाति गर्ग तथा समस्त परिवार
मो. 0123XXXX