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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 6 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए है।
- प्रश्न-पत्न के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य है।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न है, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्य भी दिए गए है। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
घ खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का दोहन कर प्राकृतिक संतुलन ही नहीं, बल्कि स्त्रियों के साथ अन्याय कर, स्त्री-पुरुष के लिंगानुपात को घटाने का अमानवीय कार्य भी किया है। लिंगानुपात में आई भारी गिरावट का मुख्य कारण कन्या भूरण हत्या है। गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण के पश्चात् कन्या भूरण होने की स्थिति में उसे माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि लड़कियाँ हमेशा उपभोक्ता होती हैं और लड़के उत्पादक होते हैं। अभिभावक समझते हैं कि लड़का उनके लिए जीवन भर कमाएगा और उनका ध्यान रखेगा, जबकि लड़की की शादी होगी और वह ससुराल चली जाएगी।
विदेशी आक्रमणों और समाज में पर्दा-प्रथा, सती-प्रथा जैसी कुप्रथाओं के कारण महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा तथा धार्मिक और सामाजिक रूप से पुरुषों को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा एवं महिलाओं को घर तक सीमित कर दिया गया है, जिससे संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा समाज में विकसित हो गई। इसका अन्य महत्त्वपूर्ण कारण दहेज प्रथा भी है। पहले के समय में माता-पिता अपनी पुत्रियों की शादी में जरूरी घरेलू चीजें दिया करते थे। कई परिवार कुछ सोना और चाँदी भी देते थे। यह उसके भविष्य को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से किया जाता था, परंतु धीरे-धीरे यह एक रिवाज बन गया है। अब दूल्हे का परिवार जो माँगता है, उसे दुल्हन के परिवार को देना पड़ता है, चाहे उनको उसके लिए किसी से कर्जा लेना पड़ जाए या अपना घर गिरवी रखना पड़ जाए। लेकिन उन्हें लड़के वालों की माँग पूरी करनी पड़ती है।
किसी भी देश की प्रगति तब तक संभव नहीं है, जब तक वहाँ की महिलाओं को प्रगति के पर्याप्त अवसर न मिलें। जिस देश में महिलाओं का अभाव हो, उसके विकास की कल्पना कैसे की जा सकती है? कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने में महिलाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हो सकती है। अतः इसके लिए महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि शिक्षित महिला उस तरह का औजार है, जो भारतीय समाज पर और अपने परिवार पर अपने हुनर तथा ज्ञान से सकारात्मक प्रभाव डालती है।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा के कारणों में निहित है/हैं
1. महिलाओं को घर तक सीमित रखना।
2. दहेज प्रथा का प्रचलन होना।
3. विदेशी आक्रमणों का होना।
4. प्रकृति का दोहन करना।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) 1 और 2 सही हैं गद्यांश के अनुसार, समाज में संतान के रूप में नर शिशु की कामना करने की गलत परंपरा के कारणों में निहित हैंमहिलाओं को घर तक सीमित रखना तथा दहेज प्रथा का प्रचलन होना।
(ख) भारतीय समाज में लिंगानुपात में हुए परिवर्तन का कारण है
(i) विदेशी आक्रमण
(ii) कन्या भूण हत्या
(iii) सामाजिक कुप्रथाएँ
(iv) ये सभी
उत्तर :
(ii) कन्या भूण हत्या गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि भारतीय समाज में लिंगानुपात में हुए परिवर्तन का प्रमुख कारण कन्या सूण हत्या है।
(ग) विदेशी आक्रमणों से महिलाओं की स्थिति पर व्या प्रभाव पझ़ा?
(i) महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा
(ii) महिलाओं को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा
(iii) देश में महिलाओं का अभाव होने लगा
(iv) महिलाओं को प्रगति के अवसर मिलने लगे
उत्तर :
(i) महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा विदेशी आक्रमणों से महिलाओं की स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। महिलाओं को शिक्षा से वंचित किया जाने लगा तथा उन्हें घर तक सीमित कर दिया गया। धार्मिक और सामाजिक रूप से पुरुषों को अधिक महत्त्व दिया जाने लगा।
(घ) देश की प्रगति का संबंध किससे बताया गया है?
(i) मनुष्य की स्वार्थ पूर्ति से
(ii) कन्या भूण हत्या से
(iii) महिलाओं को प्रगति के प्राप्त अवसर से
(iv) महिलाओं को दहेज के लिए प्रताड़ित करने से
उत्तर :
(iii) महिलाओं को प्रगति के प्राप्त अवसर से देश की प्रगति का संबंध महिलाओं को प्रगति के प्राप्त अवसर से है अर्थात् जिस देश में महिलाओं को सम्मान, अधिकार व उन्नति के अवसर मिलते हैं, वही देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।
(ङ) कथन (A) समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति हो गई।
कारण (R) महिलाओं को मानवीय अधिकारों से वंचित कर दिया गया।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति हो गई, क्योंकि उन्हें उनके मानवीय अधिकारों से वंचित कर दिया गया। इस प्रकार, अपने अधिकारों से वंचित हो जाने के कारण समाज में उनका स्तर गिरता गया।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं।
भरी थकन में सोते फिर भी-
उठते बड़े सवेरे हैं।
धरती की सेवा करते हैं
कभी न मेहनत से डरते हैं
लू हो चाहे ठण्ड सयानी
चाहे झर-झर बरसे पानी
ये तो मौसम हैं हमने
तूफानों के मुँह फेरे हैं।
खेत लगे हैं अपने घर से
हमको गरज नहीं दफ्तर से
दूर शहर से रहने वाले
सीधे-सादे, भोले-भाले
रखवाले अपने खेतों के
जिनमें बीज बिखेरे हैं।
हाथों में लेकर हल-हँसिया
गाते नई फ़सल के रसिया
धरती को साड़ी पहनाते
दूर-दूर तक भूख मिटाते
मुट्ठी पर दानों को रखकर
कहते हैं बहुतेरे हैं।
हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं।
भरी थकन में सोते फिर भी-
उठते बड़े सवेरे हैं।।
(1) ‘हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं । ‘ से आशय है-
(क) हम धरती के बहुत परिश्रमी बेटे हैं।
(ख) हम धरती के बहुत आलसी बेटे हैं।
(ग) हम धरती के बहुत बुद्धिमान बेटे हैं।
(घ) हम धरती के बहुत अज्ञानी बेटे हैं।
उत्तर:
(क) हम धरती के बहुत परिश्रमी बेटे हैं।
(2) कवि ने किसानों को ‘फ़सलों का रसिया’ क्यों कहा है?
(क) किसान फसलों को उगाते हैं ।
(ख) किसान फसलों को काटते हैं।
(ग) किसान फसलों से प्रेम करते हैं।
(घ) किसान फसलों को बेच देते हैं।
उत्तर:
(ग) किसान फसलों से प्रेम करते हैं।
(3) किसान ‘धरती की सेवा’ करते हैं ।
(क) खेतों में फसल उगाकर
(ख) सर्दी, गर्मी, बरसात सहकर
(ग) बिना विश्राम परिश्रम कर
(घ) खेतों के पास घर बनाकर
उत्तरः
(क) खेतों में फसल उगाकर
(4) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए-
(A) – हमारे घर खेतों के पास स्थित होते हैं।
(R) – हमारे घर शहरों से दूर होते हैं।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
ख) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) व (R) सही हैं, और कथन (A), (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं, और कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं, और कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
(5) ‘हम किसानों ने धरती को फसलों के आवरण से ढक दिया है।’ कविता की पक्ति …………………… का आशय है-
(क) तूफानों के मुँह फेरे हैं
(ख) रखवाले अपने खेतों के
(ग) धरती को साड़ी पहनाते
(घ) दूर-दूर तक भूख मिटाते
उत्तर:
(ग) धरती को साड़ी पहनाते
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “तुम घर गए और वह रोने लगी।” इसका सरल वाक्य होगा
(i) तुम घर गए तब वह रोने लगी
(ii) तुम घर पहुँचे और वह रोने लगी
(iii) तुम्हारे घर जाते ही वह रोने लगी
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) तुम्हारे घर जाते ही वह रोने लगी
(ख) “घंटी बजी, छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकले।” इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) घंटी बजी और छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर निकल गए
(ii) घंटी बजी और छात्र पुस्तके लेकर कक्षा से बाहर निकले
(iii) घंटी बजते ही छात्र पुस्तकें लेकर बाहर चले गए
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) घंटी बजी और छात्र पुस्तके लेकर कक्षा से बाहर निकले
(ग) “राहुल के बाहर आने पर सभी घर की ओर चल दिए।” इसका मिश्र वाक्य होगा
(i) जैसे ही राहुल बाहर आया, सभी घर की ओर चल दिए
(ii) राहुल के बाहर आते ही सभी घर की ओर चल दिए
(iii) राहुल बाहर आया और सभी घर की ओर चल दिए
(iv) राहुल बाहर आया, इसलिए सभी घर की ओर चल दिए
उत्तर :
(i) जैसे ही राहुल बाहर आया, सभी घर की ओर चल दिए
(घ) निम्नलिखित में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए।
1. नीरजा बहुत प्रसन्न थी, क्योंकि उसे पुरस्कार मिला था
2. घर आते ही राजेश अपने मित्र से मिलने चला गया
3. यद्यपि मिराज की गलती नहीं थी, फिर भी उसे दंड मिला
4. अध्यापक ने चपरासी को बुलाया और फाइल उसे दे दी कूट
(i) केवल 2 सही है
(ii) केवल 3 सही है
(iii) 1,3 और 4 सही हैं
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) केवल 3 सही है
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. खरगोश जंगल में गया और गाजर ले आया। | 1. सरल वाक्य |
B. गाजर मीठी होने के कारण खरगोश को अच्छी लगी। | 2. मिश्र वाक्य |
C. खरगोश ने खुश होकर कहा कि गाजर मीठी हैं। | 3. संयुक्त वाक्य |
कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 2 3 1
(iii) 1 2 3
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iv) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- [1 × 4 =4]
(1) बालगोबिन भगत कबीर को ‘साहब’ मानते थे । (कर्म वाच्य में बदलिए)
(क) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता था।
(ख) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता है।
(ग) बालगोबिन भगत कबीर को ‘साहब’ मानते हैं।
(घ) बालगोबिन भगत से कबीर को ‘साहब’ माना जाता है।
उत्तरः
(क) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता था।
(2) भोर में लोगों से बालगोबिन भगत का गीत नहीं सुना गया । वाक्य में वाच्य है-
उत्तर:
(क) कर्म वाच्य
(ख) भाव वाच्य
(क) कर्मवाच्य
(ग) कर्तृ वाच्य
(घ) कर्तृ और कर्म वाच्य दोनों
Note : बोर्ड द्वारा जारी मार्किंग स्कीम में उत्तर गलत [(ख) भाव वाच्य] दर्शाया गया है, सही उत्तर (क) होगा।
(3) ‘धान के पानी भरे खेतों में बच्चे उछल रहे हैं। ‘ उदाहरण है-
(क) भाव वाच्य
(ख) कर्तृ वाच्य
(ग) कर्म वाच्य
(घ) विचार वाच्य
उत्तर:
(ख) कर्तृ वाच्य
(4) निम्नलिखित वाक्यों में भाव वाच्य का उदाहरण है-
(i) माता जी मिठाई बना सकती हैं।
(ii) मुझसे बैठा नहीं जाता ।
(iii) भगवान द्वारा हमारी रक्षा की जाती है ।
(iv) गर्मियों में छत पर सोया जाता है।
(क) (i) और (ii) सही है ।
(ख) (ii) और (iii) सही है ।
(ग) (i) और (iv) सही है।
(घ) (ii) और (iv) सही है ।
उत्तर:
(घ) (ii) और (iv) सही है।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए ।
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) गर्मियों में लोग खूब नहाते हैं । | (i) भाव वाच्य |
(2) गोपाल से पत्र लिखा जाता है। | (ii) कर्तृ वाच्य |
(3) धूप में चला नहीं जाता । | (iii) कर्म वाच्य |
विकल्प
(क) 1-1, 2-ii, 3-iii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-i, 2-iii, 3-ii
(घ) 1-ii, 2-i, 3-iii
उत्तर:
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) मै अपनी मातृभूमि पर मर मिटूँगी। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, वर्तमान काल
(ii) अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भविष्यत् काल
(iii) अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, बहुवचन, भविष्यत् काल
(iv) सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भविष्यत् काल
उत्तर :
(iv) मर मिटूँगी सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भविष्यत् काल
(ख) नेहा आज तक उससे उबर नहीं पाई है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(iv) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
उत्तर :
(iii) नेहा व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ग) अब हम क्या करें, मरते दम तक न यह शहनाई छूटेगी न काशी। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक
(ii) संबंधाचक सर्वनाम, पुल्लिग, मध्यम पुरुष, कर्म कारक
(iii) पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, उत्तम पुरुष, कर्म कारक
(iv) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, उत्तम पुरुष, कत्ता कारक
उत्तर :
(i) हम पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक
(घ) ‘रीना ध्यानपूर्वक पढ़ रही है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पद्र रही है
(ii) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
(iii) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
(iv) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
उत्तर :
(ii) ध्यानपूर्वक रीतियाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया-पढ़ रही है
(ङ) कोई व्यक्ति दरवाजे पर खड़ा है। राथा से कोई कल मिला था। दोनों वाक्यों के ‘कोई’ का सामान्य पद परिचय है
(i) पहला कोई-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कोई-सार्वनामिक विशेषण
(ii) पहला कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा कोई-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
(iii) पहला कोई-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(iv) पहला कोई-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
उत्तर :
(iii) पहला कोई-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए-
(1) ‘सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी’ में अलंकार है-
(क) उत्प्रेक्षा
(ख) श्लेष
(ग) यमक
(घ) अनुप्रास
उत्तर:
(क) उत्प्रेक्षा
(2) ‘कहीं साँस लेते हो घर-घर भर देते हो’ पंक्ति में निहित अलंकार है-
(क) उपमा
(ख) रूपक
(ग) यमक
(घ) मानवीकरण
उत्तर:
(घ) मानवीकरण
(3) ‘उस काल मारे क्रोध के, तन काँपने उसका लगा। मानो हवा के जोर से, सोता हुआ सागर जगा । ‘में अलंकार है-
(क) उत्प्रेक्षा
(ख) रूपक
(ग) श्लेष
(घ) उपमा
उत्तरः
(कं) उत्प्रेक्षा
(4) निम्नलिखित में उत्प्रेक्षा अलंकार है-
(क) बादल, गरजो !
(ख) घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
(ग) ललित ललित, काले घुँघराले
(घ) चित्रकूट जनु अचल अहेरी
उत्तर:
(घ) चित्रकूट जनु अचल अहेरी
(5) ‘सुबरन को खोजत फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर । ‘में अलंकार है-
(क) उपमा
(ख) रूपक
(ग) यमक
(घ) श्लेष
उत्तर:
(घ) श्लेष
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
पूरी बात तो अब पता नहीं, लेकिन लगता है कि देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी नहीं होने और अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से कहीं बहुत ज़्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी-पत्री में बरबाद हुआ होगा और बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने की घड़ियों में किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया होगा और अंत में कस्बे के इकलौते हाई स्कूल के इकलौते ड्राइंग मास्टर मान लीजिए, मोतीलाल जी को ही यह काम सौंप दिया गया होगा, जो महीने भर में मूर्ति बनाकर ‘पटक देने’ का विश्वास दिला रहे थे।
(क) गद्धांश के आधार पर बताइए कि मूर्ति बनाने का अवसर किसे दिया गया?
(i) स्थानीय कलाकार को
(ii) लेखक के सहयोगी को
(iii) सरकारी कार्यालयों को
(iv) विदेशी कलाकारों को
उत्तर :
(i) स्थानीय कलाकार को प्रस्तुत गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जल्दबाजी में किसी स्थानीय कलाकार को ही मूर्ति बनाने का अवसर दिया गया होगा।
(ख) मूर्ति बनाने के मार्ग में क्या-क्या परेशानियाँ आई होंगी?
(i) अच्छे मूर्तिकारों का अभाव
(ii) बजट उपलब्ध होना
(iii) साधन की उपलब्यता
(iv) स्थानीय कलाकार का गुणी होना
उत्तर :
(i) अच्छे मूर्तिकारों का अभाव प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर यह कहा जा सकत्ता है कि मूर्ति बनाने के लिए एक तो अच्छे मूर्तिकारों का अभाव होगा तथा दूसरा, जो बजट दिया गया होगा, वह अच्छी मूर्ति बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।
(ग) मोतीलाल जी ने मूर्ति बनाने का कार्य कब पूरा करने का विश्वास दिलाया?
(i) महीने भर में
(ii) हफ्ते भर में
(iii) सप्ताह भर में
(iv) साल भर में
उत्तर :
(i) महीने भर में प्रस्तुत गद्यांश में कहा गया है कि मोतीलाल जी ने मूर्ति बनाने का कार्यक्रम पूरे एक माह का बताया और विश्वास दिलाया कि एक माह में मूर्ति पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगी।
(घ) मूर्ति बनाने में काफी समय ऊहापोह तथा चिट्ठी-पत्री में क्यों बरबाद हुआ?
(i) अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान व उपलख्ध बजट से ज्यादा होने के कारण
(ii) स्थानीय कलाकारों की ज्यादा उपलब्यता होने के कारण
(iii) मुख्य मूर्तिकारों की ज्यादा उपलब्धता होने के कारण
(iv) विदेशों से बुलाए गए मूर्तिकार के कारण
उत्तर :
(i) अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान व उपलब्ध बजट से ज्यादा होने के कारण अच्छी मूर्ति की लागत अनुमान और उपलब्ध बजट से बहुत ज्यादा होने के कारण काफी समय ऊहापोह और चिट्ठी पत्री में बरबाद हुआ।
(ङ) स्थानीय कलाकार को मूर्ति बनाने का कार्य क्यों सौंपा गया? कथन को पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी के अभाव में
2. नगरपालिका बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने के कारण
3. अच्छी मूर्ति बनाने के लिए
4. विदेशों से बुलाए गए मूर्तिकारों के कारण
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 1,2 और 3 सही हैं
(iv) 1 और 2 सही हैं
उत्तर :
(iv) 1 और 2 सही हैं स्थानीय कलाकार को मूर्ति बनाने का कार्य इसलिए सौंपा गया, क्योंकि एक तो अधिकारियों को देश के अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी का अभाव था और दूसरा नगरपालिका बोर्ड की शासनावधि समाप्त होने वाली थी।
प्रश्न 8.
‘क्षितिज’ के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 2 = 2]
(1) बालगोबिन भगत के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
(क) आडंबर से दूर रहकर ईश्वर भक्ति करने की
(ख) कृषि आधारित जीवन व्यतीत करने की
(ग) सामाजिक रुढ़ियों का समर्थन करने की
(घ) पूजा-पाठ और यज्ञ आदि करने की
उत्तरः
(क) आडंबर से दूर रहकर ईश्वर भक्ति करने की
(2) अमीरउद्दीन को रसूलनबाई और बतूलनबाई के घरवाला रास्ता क्यों पसंद था ?
(क) संगीत के प्रति असीम रुचि के कारण
(ख) संगीत के प्रति अरुचि के कारण
(ग) वह छोटा रास्ता था
(घ) वह रास्ता साफ-सुथरा था
उत्तरः
(क) संगीत के प्रति असीम रुचि के कारण
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
अट नहीं रही है हट नहीं रही है।
घर-घर भर देते हो,
आभा फागुन की तन
पत्तों से लदी डाल
मंद-गंध-पुष्प-माल,
सट नहीं रही है।
उड़ने को नभ में तुम
कही हरी, कहीं लाल,
पाट-पाट शोभा-श्री
कहीं साँस लेते हो,
पर-पर कर देते हो,
कहीं पड़ी है उर में
पट नहीं रही है।
आँख हटाता हूँ तो
(क) फागुन के साँस लेने से क्या हो रहा है?
(i) संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है
(ii) पेड्र-पौधों को नव-जीवन मिल रहा है
(iii) चारों ओर पक्षी चहचहा रहे हैं
(iv) पेड़ों पर नई कोंपले विकसित हो रही हैं
उत्तर :
(i) संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है फागुन के साँस लेने से संपूर्ण प्रकृति सुगंध से भर रही है।
(ख) ‘अट नहीं रही है’ से कवि का क्या आशय है?
(i) फागुन की सुंदरता बढ़ नहीं रही है
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है
(iii) चारों ओर फूल खिल नहीं पा रहे हैं
(iv) पेड़-पौधे वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं
उत्तर :
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है ‘अट नहीं रही है’ से कवि का यह आशय है कि फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है।
(ग) कवि ने बादलों को ‘कवि’ की संज्ञा क्यों दी है?
(i) कल्पना के विस्तार के समान होने के कारण
(ii) बिजली को पैदा करने के कारण
(iii) वर्षा करने के कारण.
(iv) नवीन कविता के समान नई चेतना का संचार करने के कारण
उत्तर :
(iv) नवीन कविता के समान नई कविता को संचार करने के कारण कवि ने बादलों को ‘कवि’ की संज्ञा नवीन कविता के समान नई चेतना का संचार करने के कारण दी है।
(घ) ‘पाट-पाट शोभा श्री’ का अर्थ है
(i) वृक्षों पर फूल-पत्ते लदे पड़े हैं
(ii) स्थान-स्थान पर सौंदर्य बिखरा हुआ है
(iii) मौसम सुहावना हो गया है
(iv) आसमान में सुंदर पक्षी उड्ड रहे हैं
उत्तर :
(ii) स्थान-स्थान पर सौददर्य बिखरा हुआ है ‘पाट-पाट शोभा श्री ‘ से कवि का यह आशय है कि स्थान-स्थान पर फागुन का सौददर्य बिखरा हुआ है।
(ङ) कवि किस ओर से आँखें नहीं हटाना चाहता?
(i) काले-काले बादलों की ओर से
(ii) प्राकृतिक सुंदरता की ओर से
(iii) विशाल पर्वत भृंखला से
(iv) त्रियतमा की ओर से
उत्तर :
(ii) प्राकृतिक सुंदरता की ओर से प्राकृतिक सुंदरता की ओर से कवि अपनी ऑखें नहीं हटाना चाहता।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 2 = 2]
(1) ‘दंतुरित मुस्कान’ कविता में कवि को शिशु का धूल-धूसरित शरीर प्रतीत होता है-
(क) स्नान करवाने योग्य ।
(ख) वस्त्र – आभूषण से सजाने योग्य।
(ग) खिले हुए सुंदर कमल के समान
(घ) मिट्टी से सने हुए पौधे के समान
उत्तर:
(ग) खिले हुए सुंदर कमल के समान
(2) संगतकार पाठ के अनुसार संगतकार की मुख्य विशेषता क्या होती है ?
(क) उसकी मानवीयता
(ख) उसकी कलात्मक श्रेष्ठता
(ग) उसकी प्रतिभा प्रदर्शन की आकांक्षा
(घ) उसकी आत्ममुग्धता
उत्तरः
(क) उसकी मानवीयता
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 – 30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लेखिका के पिताजी के सकारात्मक गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
लेखिका के पिताजी अजमेर आने से पूर्व आर्थिक रूप से खुशहाल थे। वे जरूरतमंदों की आवश्यकता के अनुसार सहायता भी करते थे। वे एक दरियादिल इंसान थे। किसी के भी दुःख से द्रवित हो जाते थे। इस प्रकार उनमें संवेदनशीलता भी विध्यमान थी। अतः लेखिका के पिताजी में हृद्य की कोमलता, संवेदनशीलता, दरियादिली जैसे सकारात्मक गुण थे।
(ख) कैप्टन चश्मे वाले की मृत्यु पर हालदार साहब की क्या स्थिति थी? ‘नेताजी का चशमा’ पाठ के आथार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
हालदार साहब कैप्टन चश्मे वाले की मृत्यु पर दुःखी और विचलित थे। हालदार साहब के अनुसार कत्ब्बे ने एक सच्ये देशभक्त को खो दिया था। वे सोच रहे थे कि कर्बे में पहले की भौति सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति अवश्य होगी, परंतु कैष्टन की भौति मूर्ति को चश्मा पहनाने वाला कोई नहीं होगा और अब मूर्ति बिना चश्मे के ही देखने को मिलेगी।
(ग) ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बताइए कि बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के आश्चर्य का विषय क्यों थी?
उत्तर :
‘बालगोबिन भगत’ सुबह उठकर स्नान करते और दोनों समय गीत गाते थे। वे हर वर्ष गंगा स्नान के लिए जाते और संत समागम में भाग लेते। वे कबीर को अपना ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों का पालन करते। ईश्वर की आराधना में डूबे रहने के बाद भी वे अपनी गृहस्थी के कार्यो में लगे रहते थे। वे खेतीबाड़ी का कार्य भी देखते थे। इतनी आयु होने के बाद भी उनकी अनुशासित दिनचर्या लोगों के आश्चर्य का कारण थी।
(घ) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि नमक-मिर्च छिड़ककर दिए गए खीरे की फॉकों को देखकर लेखक की क्या स्थिति थी?
उत्तर :
नमक-मिर्च छिड़ककर दिए गए खीरे की फाँकों को देखकर लेखक उन्हें खाने के लिए लालायित हो रहे थे, किंतु वह पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अतः उन्होंने उस समय आत्मसम्मान निभाना ही उचित समझा था।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- [2 × 3 = 6]
(क) गोपियों ने श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को किन उदाहरणों के द्वारा स्पष्ट किया है?
उत्तरः
श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को प्रकट करने के लिए गोपियों ने स्वयं को हारिल पक्षी और श्री कृष्ण को उसकी लकड़ी की भाँति बताया है। गोपियाँ श्री कृष्ण के प्रति मन, वचन और कर्म से पूर्णतया समर्पित हैं । वे हारिल के समान श्री कृष्ण को दृढ़ता से पकड़े हुए हैं। श्री कृष्ण के बिना उनका कोई अस्तित्व नहीं है। वे गुड़ पर चिपकी हुई चींटियों के समान श्री कृष्ण को कभी भी अपने-आप से अलग नहीं होने देना चाहतीं हैं।
(ख) ‘साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है।’ इस कथन पर ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
साहस और शक्ति के साथ यदि व्यक्ति में विनम्रता भी हो तो उसका व्यक्तित्व अद्वितीय हो जाता है। विनम्रता हमें दूसरों का आदर करना सिखाती है व व्यक्ति को सदाचारी व व्यवहार को मधुर बनाती है । विनम्र व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों को आसानी से सँभाल लेता है। जिस प्रकार शिव – धनुष भंग होने के पश्चात् स्वयंवर सभा में उपस्थित परशुराम के क्रोध को जब लक्ष्मण अपनी व्यंग्योक्तियों द्वारा और अधिक बढ़ा देते हैं, तब श्रीराम अपनी विनम्रता और शीतल वचनों द्वारा उन्हें शांत कर परिस्थिति को सँभाल लेते हैं।
(ग) आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है ?
उत्तरः
कवि जयशंकर प्रसाद का मानना है कि आत्मकथा लिखने से उसकी सुप्त पीड़ाएँ जीवंत हो उठेंगी और वह उन कष्टों को याद कर दुखी नहीं होना चाहते। कवि का जीवन संघर्षों से भरा था। वे अपने अभावग्रस्त जीवन के दुखों को स्वयं तक सीमित रखना चाहते हैं इसीलिए ‘अभी समय भी नहीं….’ कहकर कवि आत्मकथा लिखने से बचना चाहता है।
(घ) फसल ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा’ किस प्रकार है ? विचार कीजिए ।
उत्तरः
खेतों में लहलहाती फसलें श्रमशील किसानों के अथक परिश्रम और देखभाल का ही परिणाम हैं। मनुष्य के हाथों के परिश्रम के बिना फसल का उगना और फलना-फूलना संभव नहीं है। खेतों में बीज बोने से लेकर उनकी देखभाल और फसल कटने तक किसान दिन-रात परिश्रम करते हैं, इसीलिए कवि नागार्जुन ने फसल को ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा’ कहा है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 -60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) जब पंगत बैठ जाती है तब बाबूजी भी धीरे-धीरे आकर जीमने के लिए बैठ जाते थे, उन्हें देखकर बच्चे बहुत हैँसते थे। “लेखक के पिता का बच्चों के साथ खेलना उच्चित है। ‘ ‘माता का अँचल’ पाठ के आथार पर इस कथन के पक्ष या विपक्ष में अपना मत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर लेखक के पिता का बच्चों के साथ खेलना पूर्णतः उचित है। लेखक अपने मित्रों के साथ अपनी रुचि और अपने ग्रामीण परियेश के अनुसार खेल खेला करता था। लेखक के पिता अपने बेटे को बहुत प्यार करते थे। उसकी एक-एक गतिविधि को वे बड़े ध्यान से देखा करते थे। जब उनका खेल पूरा होने लगता, तब वे बीच में ही पहुँच जाते और खेल का अंग बन जाते। कुछ देर तक वे बच्चों के संग खेलते, उनके खेल की सराहना करते, बच्चों की प्रशंसा करते और इस प्रकार, अपना भी मनोरंजन करते थे। वास्तव में, वे उनका आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश करते थे।
(ख) वर्तमान समय में शहरी जीवन की भाग-दौड़ और मनुष्य का अपनी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रक्रिया ने एकाकी बना दिया है और “यंत्रों की दुनिया ने मनुष्य को यांत्रिक व भाव शून्य बनाने का कार्य किया है, जबकि यात्राएँ मनुष्य को भाव शून्य होने से रोकती हैं।’ ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आथार पर इस कथन के पक्ष या विपक्ष में अपना मत दीजिए।
उत्तर :
“यात्राएँ मनुष्य को भाव शून्य होने से रोकती हैं।” में इस कथन से पूर्णतः सहमत हूँ। मनुष्य की नीरस होती जीवन-शैली से मुक्ति दिलाने में यात्राएँ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में लेखिका का प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत होकर अर्थात् हिमालय पर गिरी बर्फ, सतत प्रवाहमान झरने, अत्यंत बेग से गिरती तिस्ता नदी, प्रियुता व रूडोडेंड्रो के महकते फूल इत्यादि प्राकृतिक सौंदर्य से आसक्त होकर यह सोचना कि जीवन का आनंद इसी सौदर्य में है, यह स्पष्ट करता है कि यात्राएँ मनुष्य के जीवन में परिवर्तन लाने में सक्षम है।
(ग) ‘माता का अँचल’ नामक पाठ में लेखक ने तत्कालीन समाज के पारिवारिक परिवेश का जो चित्रण किया है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ में लेखक ने तत्कालीन समाज के पारिवारिक परिवेश का चित्रण किया है। तत्कालीन पारिवारिक परिवेश अत्यंत आत्मीय एवं प्रगाढ़ था। उस समय बच्चे अपने माता-पिता के अत्यंत निकट थे। माता-पिता भी उनकी प्रत्येक गतिविधि तथा खेल में सहमागी रहते थे। भोलानाथ भी अपने पिताजी के अत्यंत निकट था। अपने पिताजी के साथ गंगाघाट पर जाकर स्नान करना, पूजा-पाठ करना, भोजन करना आदि उसका नित्य प्रति का काम था। वहीं दूसरी ओर अपनी माताजी से उसका घनिष्ठ आत्मीय संबंध था। साँप के भय से भागकर पिताजी के बुलाने पर भी भोलानाथ मों की गोद में जाकर छिप जाता है। अधिकांशतः सभी बच्चे साथ मिलकर शारीरिक खेल खेलते थे। उस समय के सामाजिक परिवेश में बालक खेल-खेल में नैतिक मूल्यों; जैस-सहयोग, प्रेम, एकता आदि गुणों को सहज हीं अपना लेते थे। इस प्रकार, तत्कालीन समाज का पारिवारिक परिवेश स्वच्छंद और आनंदमय था।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- [6 × 1 = 6]
(क) स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव
संकेत बिन्दु-
भूमिका
अमृत महोत्सव का अर्थ
इस महोत्सव में होने वाले समारोह
इस महोत्सव का महत्व निष्कर्ष
उत्तर:
आजादी का अमृत महोत्सव
15 अगस्त, 2022 की भारत के आजादी के स्वर्णिम 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतवर्ष आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है। 12 मार्च, 2021 को महात्मा गांधी जी के नमक सत्याग्रह ( दांडी मार्च ) के 91 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात के साबरमती आश्रम से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ का शुभारंभ किया, जिसका 75 सप्ताह पश्चात् 15 अगस्त, 2023 को समापन होगा। इस महोत्सव का उद्देश्य नागरिकों के मन में देशभक्ति और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान – भावना जाग्रत कर महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना है। इस महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों में स्वतंत्रता सेनानियों से सम्बन्धित प्रदर्शनियाँ, साइकिल जत्था, वृक्षारोपण, जुलूस, हस्तशिल्प प्रदर्शनी तथा देश की संस्कृति को दर्शाने वाले अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही इसके लिए एक आत्मनिर्भर इनक्यूबेटर शुरू किया गया जो पारम्परिक कला में शामिल लगभग 40,000 परिवारों की मदद करेगा। इस महोत्सव के द्वारा निश्चय ही हम भारत की स्वतंत्रता की स्वर्णिम गाथा और सांस्कृतिक एकता और अखंडता को विश्व पटल पर दर्शाने में सक्षम हो पाएँगे।
(ख) भाग्य और पुरुषार्थ
संकेत बिन्दु-
भूमिका
आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है
भाग्यवादी व्यक्ति उदासीन रहता है
परिश्रमी व्यक्ति अपने भाग्य को बदल लेता है
निष्कर्ष
उत्तर:
भाग्य और पुरुषार्थ
भाग्य और पुरुषार्थ एक-दूसरे के पूरक हैं। जीवन में सफलता भाग्य से नहीं वरन् कर्म और पुरुषार्थ से मिलती है। आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। कर्म का मार्ग पुरुषार्थ का मार्ग है । कर्मशील व्यक्ति जीवन की विषम परिस्थितियों में भी संघर्ष करते हुए निरंतर सफलता के पथ पर अग्रसर रहते हैं। इसके विपरीत अकर्मण्य अपने भाग्य को दोष देते हुए कर्महीन हो जीवन यापन करते हैं। आलसी व्यक्ति जीवन मार्ग में आने वाली बाधाओं से घबरा जाता है और निराश, उदास और पराश्रित रहता है जबकि परिश्रमी व्यक्ति अपने परिश्रम द्वारा भाग्य को बदल देता है। इतिहास साक्षी है कि पुरुषार्थी व्यक्तियों ने अपने परिश्रम के बल पर असाध्य को साध्य कर दिखाया है । महात्मा गाँधी ने सत्य और अहिंसा के बल पर भारतवर्ष को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराया। अब्राहम लिंकन अपने पुरुषार्थ द्वारा ही अमेरिका के राष्ट्रपति बने । विश्व के अग्रणी देशों के नागरिक भाग्यवादी नहीं पुरुषार्थी हैं । पुरुषार्थी व्यक्ति ही जीवन में यश अर्जित करते हैं । अत: हमें भाग्य के भरोसे अकर्मण्य न रहकर निरंतर पुरुषार्थ करते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करनी चाहिए ।
(ग) पर्वतीय स्थल की यात्रा
संकेत बिन्दु-
भूमिका
प्राकृतिक सौंदर्य
यात्रा वर्णन
सांस्कृतिक महत्व
उत्तरः
पर्वतीय क्षेत्र की यात्रा
हमारे देश के खूबसूरत पर्वतीय स्थल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण अनेक देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। पिछले वर्ष ग्रीष्मावकाश में अपने मित्र के आमंत्रण पर मैंने अपने माता-पिता से अनुमति लेकर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला जाने का निश्चय किया। मैं ट्रेन द्वारा प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त घुमावदार रास्तों और सुरंगों से गुजरते हुए शिमला पहुँचा । चारों ओर ऊँची-ऊँची पर्वत श्रृंखलाएँ, उन पर घिरते सुंदर बादल, शीतल सुवासित मंद पवन और देवदार के ऊँचे वृक्ष मन को मोह रहे थे।
मेरा मित्र मुझे स्टेशन पर लेने आया था। घर में सभी ने मेरा हर्षोल्लास से स्वागत किया। शाम को हम दोनों ने वन क्षेत्रों की सैर की। चारों ओर चहचहाते पक्षी और फूलों से आच्छादित मनोरम घाटियाँ थीं। मैंने स्वास्थ्यवर्धक पहाड़ी हवा का भरपूर आनंद लिया । ऊँचे-नीचे पहाड़ी स्थानों पर चलने से हमारा व्यायाम भी हो जाता था । मैंने शिमला में संग्रहालय, अनाडेल मैदान में स्केटिंग रिंग देखा तथा कुफरी, तारा देवी मंदिर और जाखू मंदिर के भी दर्शन किए। उन दिनों शिमला के ‘रिज’ में हिमाचल प्रदेश के लोकनृत्यों, सांस्कृतिक परंपराओं, वेशभूषा और जनजीवन को दर्शाने वाले ‘समर फेस्टिवल’ का आयोजन भी हो रहा था । उसे देखना मेरे शिमला प्रवास का एक अविस्मरणीय अनुभव था।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
आप संगीता कोठारी हैं। चुनाव के दिनों में राजनीतिक कार्यकर्ता घरों, विद्यालयों और मार्गदर्शक चित्रों आदि पर पोस्टर लगा देते हैं। इससे लोगों को होने वाली असुविधा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आप चिन्मय सिन्हा हैं। आप दिल्ली में रहते हैं और आपका मित्र छोटे कस्वे में रहता है। आप अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर बताइए कि महानगरीय जीवन किस प्रकार सुखद भी है और दुःखद भी।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
मेरठ।
दिनांक 20 मार्च, 20XX
सेवा में,
संपादक महोदय
दैनिक जागरण, मेरठ।
विषय पोस्टर लगाने से होने वाली असुविधा हेतु।
मान्यवर,
में बेगम बाग की निवासी हूं तथा आपके लोकप्रिय दैनिक समाथार-पत्र के माध्यम से रजनीतिक दलों, नगर निगम तथा चुनाव आयोग अधिकारियों का ध्यान चुनाव के दिनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा स्थान-स्थान पर लगाए जाने वाले होर्डिग्स और कागज़ के पोस्टरों से उत्पन्न होने वाली समस्या की ओर ले जाना चाहती हूँ।
इस समय चुनाव का माहौल होने के कारण राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता दीवारों पर जगह-जगह पोस्टर चिपका देते हैं व सरकारी संस्था इसकी खोज-खबर नहीं लेती है। इस बारे में चुनाव आयोग को आगे आकर इस संदर्भ में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। जिस राजनीतिक दल का पोस्टर दीवारों या दरवाजों पर लगा हो, उससे हर्जाना लिया जाना चाहिए।
मुझे आशा ही नहीं, बल्कि पूरा विश्वास है कि सामान्य जनता के हित में सभी राजनीतिक दल, चुनाव आयोग तथा नगर निगम अपने कर्त्तव्यों का सावधानीपूर्वक निर्वाह करेंगे तथा ऐसा कोई भी कार्य नहीं करेंगे, जो जनता के लिए असुविधापूर्ण हो। धन्यवाद!
भवदीया
संगीता कोठारी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 19 अप्रेज, 20XX
प्रिय मित्र
नमस्कार।
बहुत दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। में काफ़ी दिनों से सोच रहा था कि तुम्हें पत्र लिखूँ परंतु रोज़ इतनी भागदौड़ भरी जिदंगी में में इसके लिए समय नहीं निकाल पा रहा था।
तुम्हें तो पता है कि दिल्ली भारत की राजधानी है। इसका अपना बहुत पुराना इतिहास है। यह शहर अनेक बार उजड़ा और अनेक बार बसा है। यहाँ भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के लोग आए और गए। यहाँ की चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, ऐतिहासिक स्थल आदि मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। यहाँ सभी प्रकार की सुविधाएँ और जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं, परंतु साथ ही इसका दु-खद पहलू भी है। महानगर होने के कारण यहाँ घंटों जाम रहता है, जिससे समय का अत्यधिक अपव्यय होता है।
यहाँ आवास की भी बड़ी विकट समस्या है एवं पारस्परिक सद्भाव का अत्यधिक अभाव है। यहाँ का जीवन बहुत अधिक यांत्रिक है और निर्थन लोगों का जीवन बहुत दूभर है। आशा करता हूँ कि तुम्हें दिल्ली जैसे महानगरीय जीवन के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पक्षों का परिचय मिल गया होगा। शेष सब कुशल है। छोटों को प्यार एवं बड़ों को प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र
चिन्मय सिन्हा
प्रश्न 16.
(क) आपका नाम सुनीता / सुरेश है। आप राजेन्द्र नगर के निवासी हैं। दैनिक समाचार-पत्र से पता चला है कि स्थानीय राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष का पद रिक्त है। आप उक्त पद की योग्यता (बी. लिब. / पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक) को धारण करते हैं । उक्त रिक्त पद हेतु राजकीय माध्यमिक विद्यालय के विद्यालय प्रमुख को आवेदन भेजने हेतु लगभग 80 शब्दों में अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त लिखिए । [5 × 1 = 5]
अथवा
(ख) आपका नाम सुनीता / सुरेश है। आप राजेन्द्र नगर के निवासी हैं। पिछले कुछ दिनों से आपके क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति अव्यवस्थित है। अपने क्षेत्र में अनियमित विद्युत आपूर्ति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए राज्य विद्युत आपूर्ति निगम के महानिदेशक के नाम एक शिकायती ई-मेल लिखिए ।
उत्तरः
(क) सेवा में,
विद्यालय प्रमुख,
राजकीय माध्यमिक विद्यालय,
राजेंद्र नगर ।
दिनांक 15 मार्च, 20XX
विषय – पुस्तकालय अध्यक्ष के रिक्त पद के आवेदन हेतु
महोदय,
निवेदन है कि दैनिक समाचार पत्र ‘अमर उजाला’, दिनांक 8 मार्च, 20XX में दिए गए विज्ञापन के अनुसार आपके विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष के रिक्त पद के आवेदन हेतु मैं अपना स्ववृत्त प्रेषित कर रहा हूँ-
नाम : सुरेश
पिता का नाम: श्री दिनेश चंद्र
माता का नाम: श्रीमती सरोजिनी देवी
जन्मतिथि: 25 अगस्त, 1999
वर्तमान पता : 12/02, घंटाघर चौक, राजेन्द्र नगर
मोबाइल नं. : 9644XXXXXX
ई-मेल पता :
[email protected]
शैक्षणिक योग्यता
कार्यानुभव, रुचियाँ एवं अन्य योग्यताएँ: मॉर्डन पब्लिक स्कूल, राजेंद्र नगर में पुस्तकालय अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यानुभव
हिंदी भाषा में दक्षता और अंग्रेजी का कार्यसाधक ज्ञान
नवाचार प्रयोग में रुचि
उपलब्धियाँ – विद्यालय एवं कॉलेज स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त
हस्ताक्षर ………….
दिनांक. ……………….
स्थान. ………………
अथवा
संलग्नक – सभी शैक्षिक एवं अन्य प्रमाण-पत्रों की छायाप्रतियाँ
आशा है आप मेरी योग्यताओं के आधार पर मुझे साक्षात्कार में भाग लेने का अवसर अवश्य प्रदान करेंगे।
सधन्यवाद
सुरेश
अथवा
(ख) From:
[email protected]
दिनांक: 27 मार्च, 20XX
To:
[email protected]
Subject: अनियमित विद्युत् आपूर्ति के संबंध में शिकायत
महोदय,
निवेदन है कि लगभग एक माह से हमारे क्षेत्र राजेंद्र नगर में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है । कभी बिजली का वोल्टेज बहुत कम हो जाता है तो कभी-कभी पूरी रात के लिए बिजली गायब हो जाती है । इस समय विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएँ चल रही हैं, ऐसे में निरंतर अनियमित विद्युत् आपूर्ति से हमारी पढ़ाई में व्यवधान पड़ रहा है। बहुत लंबे समय तक विद्युत् आपूर्ति बाधित होने से इन्वर्टर भी चार्ज नहीं हो पा रहे हैं।
अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया इस संदर्भ में शीघ्र कार्रवाई करने की कृपा करें।
सधन्यवाद ।
निवेदिका
सुनीता
निवासी – राजेंद्र नगर
मो. 9897XXXXXX
प्रश्न 17.
आपके चाचा जी एक विद्यालय शिशु विद्या निकेतन चलाते हैं। वे प्रचार-प्रसार के लिए समाचार-पत्र में विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप माही शर्मा हैं। आपके पिताजी की अनुपस्थिति में चाचा जी से प्राप्त संदेश को लगभग 40 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
अथवा
पिताजी को संदेश
दिनांक 4 अगस्त, 20XX
समय 2:00 बजे दोपहर
आदरणीय पिताजी,
आपकी अनुपस्थिति में चाचाजी का फोन आया था। उन्होंने हम सबके के विषय में पूछा और फिर अपने विषय में बताया कि वहाँ सब कुशल मंगल है, परंतु किसी कारणवश वे आज शाम के कार्यक्रम में नहीं आ सकेंगे। इसके लिए उन्हें खेद है। वे मुझे अपने न आने का कारण नहीं बता सके, परंतु वे शीघ्र ही हम सबसे मिलने घर आएँगे और हमारे साथ रहेंगे।
अतः आप स्वयं उनसे बात करके पूछ लीजिए कि वे किस कारणवश नहीं आ रहे हैं।
आपकी पुत्री
माही शर्मा