Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 2 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions
निर्देश समय : 3
घंटे पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए है।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जीवन में सफल वही होता है, जो उपयुक्त चुनाव करना जानता है। चुनाव करने में तनिक भी भूल-चूक होने से हानि सुनिश्चित होती है। कुछ चुनाव हमारे वश में नहीं होते; जैसे-माता-पिता का, जन्म-मृत्यु का आदि, किंतु कुछ चुनाव हमारे वश में होते हैं, जिन पर हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है; जैसे-अच्छी-बुरी संगति का चुनाव, आलस्य और परिश्रम का चुनाव आदि। ‘संगति का चुनाव’ इन सब चुनावों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है, क्योकि इस चुनाव पर हमारा आचरण, कर्म, विचार, भाषा, स्तर, मनुष्यता और हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है। मनुष्य का चित्त बुराइयों और बुरे लोगों की ओर जल्दी आकृष्ट होता है। जिस तरह पानी सदा नीचे की ओर जाता है, उसी तरह मनुष्य का मन भी बुराइयों की ओर शीघ्र भागता है।
जिस प्रकार ऊँचाई तक जाने में कष्ट उठाना पड़ता है, उसी प्रकार अच्छाई की ओर जाने में परिश्रम करना पड़ता है। हम विवेक से काम लेकर अच्छे और बुरे का चुनाव कर सकते हैं और इसी विवेक के आधार पर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, क्योकि संगति मनुष्य को संमार्ग की ओर अग्रसर करती है। संगति व्यक्ति को उच्च सामाजिक स्तर प्रदान करती है, विकास के लिए सुमार्ग की ओर प्रेरित करती है, बड़ी-से-बड़ी कठिनाइयों का सफलतापूर्वक सामना करने की शक्ति प्रदान करती है और सबसे बढ़कर व्यक्ति को स्वाभिमान प्रदान करती है। संगति के प्रभाव से पापी पुण्यात्मा और दुराचारी हो जाते हैं। ऋषियों की संगति के प्रभाव से ही, वाल्मीकि जैसे भयानक डाकू महान कवि बन गए तथा अंगुलिमाल ने महात्मा बुद्ध की संगति में आने से हत्या, लूटपाट के कार्य को छोड़कर सदाचार के मार्ग को अपनाया।
संगति एक प्राण वायु है, जिसके संसर्ग मात्र से मनुष्य सदाचरण का पालक बन जाता है दयावान, विनम्र, परोपकारी एवं ज्ञानवान बन जाता है। दयावान, विनम्र, परोपकारी एवं ज्ञानवान बन जाता है।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर नीचे दिए सही विकल्प का चयन कीजिए जीवन में संगति का चुनाव महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि
1. इस पर हमारा आचरण निर्भर करता है।
2. इस पर हमारे कर्म निर्भर करते हैं।
3. इस पर हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है।
4. इस पर हमारे विचार निर्भर करते हैं।
कूट
(i) केवल 2 सही है
(ii) 1 और 3 सही हैं
(iii) 1, 3 और 4 सही है
(iv) 1, 2, 3 और 4 सही है
उत्तर :
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं जीवन में संगति का चुनाव सर्वाधिक महत्त्पूूर्ण होता हैं, क्योंकि इस चुनाव पर हमारा आचरण, कर्म, बिचार, भाषा स्तर, मनुष्यता और हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है।
(ख) निम्नलिखित में से किसका चुनाव हमारे वश में नहीं होता है?
(i) अच्छी-बुरी संगति का
(ii) माता-पिता का
(iii) आलस्य और परिश्रम का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) माता-पिता का जीवन में कुछ यीजों का चुनाव करना हमारे वश में नहीं होता; जैसे-माता-पिता तथा जन्म-मृत्यु का चुनाव।
(ग) गद्यांश में मानव मन की तुलना किससे की गई है?
(i) तेज बहने वाली पवनों से
(ii) सदा नीचे की ओर बहने वाले पानी से
(iii) परिश्रमी व्यक्ति से
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) सदा नीचे की ओर बहने वाले पानी से गद्यांश के अनुसार सदा नीचे की ओर बहने वाले पानी की तरह ही मानव मन भी नीच कार्यों अर्थात् बुराइयों की ओर अधिक आकर्षित होता है।
(घ) मनुष्य का चित्त किस ओर जल्धी आकृष्ट होता है?
(i) बुराइयों और बुरे लोगों की ओर
(ii) अच्छाइयों की ओर
(iii) परिश्रम की ओर
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) बुराइयों और बुरे लोगों की ओर मनुष्य का चित्त बुराइयों और बुरे लोगों की ओर जल्दी आकृष्ट होता है।
(ङ) कथन (A) एक सफल व्यक्ति अपने विवेक के आधार पर ही सफलता प्राप्त कर सकता है। कारण (R) अपने विवेक से ही उसे सही-गलत के चुनाव की जानकारी होती है।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या है व्यक्ति अपने विवेक की सहायता से सही-गलत का निर्णय करके जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। अपने विवेक से ही उसे सही-गलत के चुनाव की जानकारी होती है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा सँभालो
चट्टानों की छाती से दूध निकालो।
है रुकी जहाँ भी धार शिलाएँ तोड़ो,
पीयूष चंद्रमाओं को पकड़ निचोड़ो
चढ़ तुंग शैल शिखरों पर सोम पियो रे।
योगियों नहीं, विजयी के सदृश जियो रे।
छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए,
मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
मरता है जो, एक ही बार मरता है।
तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे।
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे।
स्वातंत्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है,
बाहरी वस्तु यह नहीं, भीतरी गुण है।
नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है,
स्वाधीन जगत् में वही जाति रहती है।
वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे।
(क) ‘युवकों को आदर्श जीवन जीना चाहिए’ प्रस्तुत कथन को पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए
1. युवकों के मन में जोश भरा होना चाहिए।
2. युवकों में देशभक्ति की भावना जागृत होनी चाहिए।
3. युवकों को अपनी युवावस्था का सदुपयोग करना चाहिए।
4. युवाओं को पराक्रमी वीर के समान होना चाहिए। कूट
(i) 1 और 2 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 2,3 और 4 सही हैं
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iv) कथन 1, 2, 3 और 4 सही हैं भारत के युवाओं को आदर्श जीवन जीने हेतु जोश से भरा होना चाहिए। उनमें देशभक्ति की भावना जागृत होनी चाहिए तथा युवावस्था का सदुपयोग करना चाहिए। युवाओं को एक पराक्रमी वीर के समान जीवन जीना चाहिए न की योगियों की तरह।
(ख) कवि के अनुसार कैसे लोग प्रत्येक संकट का सामना बहादुरी से करते हैं?
(i) जो प्रत्येक संकट का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं
(ii) जो संकट से ड्रा जाते हैं
(iii) जो आलसी होते हैं
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) जो प्रत्येक संकट का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं कवि के अनुसार, जो लोग प्रत्येक संकट का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं, वे हर संकट का सामना बहादुरी से करते हैं।
(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि कैसी परिस्थितियों में मनुष्य को मृत्यु की चिता नहीं करनी चाहिए?
(i) जब अपनी आन दाँव पर लगी हो
(ii) जब युद्ध में भाग लेना हो
(iii) जब अचूक अस्त्रों से लड़ना पड़े
(iv) यदि शत्रु अधिक शक्तिशाली हो
उत्तर :
(i) जब अपनी आन दाँव पर लगी हो काव्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जब अपनी आन अर्थात् अपना आत्मसम्मान दाँव पर लगा हो, तब मनुष्य को मृत्यु की भी चिंता नहीं करनी चाहिए।
(घ) कवि के अनुसार कौन-सी जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है?
(i) जो जाति झुकना जानती है
(ii) जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती
(iii) जो तलवारों की चोट का सामना करने पर हार मान लेती है
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी ह्वार नहीं मानती कवि के अनुसार, संसार में केयल वही जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है, जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती अर्थात् झुकना नहीं जानती।
(ङ) कथन (A) भारत के युवकों को साहस भरा और सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहिए। कारण (R) युवाओं को प्रत्येक संकट का सामना करना चाहिए।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है भारत के युवकों को साहस भरा और सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहिए। मनुष्य को कभी भी स्वाधीनता का जीवन नहीं जीना चाहिए, चाहे उसे कितनी ही विपत्तियों का सामना करना पड़ जाए। यहाँ कारण (R) के वल युवाओं को संकट का सामना करने के बारे में ही बात कर रहा है, परंतु यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि भारत के युवकों को साहस भरा व सम्मानपूर्वक जीवन क्यों जीना चाहिए।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘पत्नी के बीमार होने के कारण वह कार्यालय नहीं गया।’ इसका मिश्र वाक्य होगा
(i) वह इसलिए कार्यालय नहीं गया, क्योकि उसकी पत्नी बीमार है।
(ii) पत्नी की बीमारी के कारण वह कार्यालय नहीं गया।
(iii) पत्नी बीमार थी, इसलिए वह कार्यालय नहीं गया।
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(i) वह इसलिए कार्यालय नहीं गया, क्योंकि उसकी पत्नी बीमार है।
(ख) ‘रीता पढ़ रही है और लिख रही है।’ इसका सरल वाक्य होगा
(i) रीता पढ़ रही है, परंतु लिख भी रही है।
(ii) रीता पढ़कर लिख रही है।
(iii) रीता पढ़ रही है, इसलिए लिख रही है।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) रीता पढ्कर लिख रही है।
(ग) ‘रघु सड़क पर चल रहा था, उसे एक साँप दिखाई दिया।’ इसका संयुक्त वाक्य होगा
(i) रघु सड़क पर चल रहा था और उसे एक साँप दिखाई दिया।
(ii) रघु को सड़क पर चलते हुए एक साँप दिखाई दिया।
(iii) रघु जब सड़क पर चल रहा था, तो उसे एक साँप दिखाई दिया।
(iv) जैसे ही रघु सड़क पर चल रहा था, उसे एक साँप दिखाई दिया।
उत्तर :
(i) रघु सड़क पर चल रहा था और उसे एक साँप दिखाई दिया।
(घ) निम्नलिखित में से संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए
1. राम ने खाना खाया और खेलने चला गया।
2. ज्यों ही राम ने खाना खाया त्यों ही खेलने चला गया।
3. राम खाना खाकर खेलने चला गया।
4. राम को खेलना था इसलिए खाना खाकर चला गया। कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 1 और 4 सही हैं
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(iii) 1 और 4 सही हैं।
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. रवि पत्र लिखकर डाकघर चला गया। | 1. संयुक्त वाक्य |
B. रवि ने पत्र लिखा और डाकघर चला गया। | 2. मिश्र वाक्य |
C. जैसे ही रवि ने पत्र लिखा, वह डाकघर चला गया। | 3. सरल वाक्य |
A B C
(i) 3 1 2
(ii) 2 3 1
(iii) 2 1 3
(iv) 123
उत्तर :
(i) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं
चार
प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है –
(क) रवीना गजल नहीं गा पाती है
(ख) रवीना से गजल नहीं गाई जाती है
(ग) रवीना पैदल नहीं चल पाती है
(घ) रवीना से पैदल नहीं चला जाता है
उत्तर:
(ख) रवीना से गजल नहीं गाई जाती है
व्याख्यात्मक हल:
दिए गए विकल्पों में से विकल्प (क) और (ग) कर्तृवाच्य के उदाहरण हैं जबकि विकल्प (घ) अकर्मक क्रिया होने के कारण भाववाच्य है अतः विकल्प (ख) कर्मवाच्य का सही उत्तर है।
(ii) “दादी जी पढ़ नहीं सकतीं।’ इसका भाववाच्य होगा –
(क) दादी जी कुछ भी पढ़ नहीं पाएँगी
(ख) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकेगा
(ग) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकता
(घ) दादी जी कुछ भी पढ़ नहीं पाती हैं
उत्तर:
(ग) दादी जी से पढ़ा नहीं जा सकता
व्याख्यात्मक हल:
इसमें कर्त्ता (दादी) के साथ ‘से’ का प्रयोग है, वाक्य में ‘पढ़ना’ अकर्मक क्रिया का भाव प्रमुख है, क्रिया एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में है तथा कार्य की असमर्थता प्रकट करने के लिए “नहीं” का प्रयोग किया गया है।
(iii) ‘बिना सहारे बूढ़ी माँ से अब चला नहीं जाता है। ‘ इसका कर्तृवाच्य होगा –
(क) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं सकेंगी
(ख) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाती हैं
(ग) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाएँगी
(घ) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं सकती हैं
उत्तर:
(ख) बिना सहारे बूढ़ी माँ अब चल नहीं पाती हैं
व्याख्यात्मक हल:
इसमें क्रिया का विधान कर्त्ता के अनुसार है तथा दिए गए वाक्य के सही काल का प्रयोग है, जबकि अन्य तीनों वाक्यों में क्रिया का काल अथवा रूप परिवर्तित है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में भाववाच्य का उदाहरण है –
(1) चलो, अब घर चलें
(2) चलो, अब घर चला जाए
(3) कैरम के बाद अब शतरंज खेली जाए
(4) हमारे द्वारा शतरंज खेली जा सकती है
विकल्प
(क) केवल (1) सही है।
(ख) (2) और (3) सही है।
(ग) (3) और (4) सही है।
(घ) (2) और (1) सही है।
उत्तर:
(क) केवल (1) सही है।
(v) सूची (1) को सूची (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
सूची (1) | सूची (2) |
(1) भारत द्वारा मैच जीत लिया गया | (i) कर्तृवाच्य |
(2) गेंदबाज़ों ने मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया | (ii) कर्मवाच्य |
(3) विपक्षी बल्लेबाजों से क्रीज़ पर रुका नहीं जा सका | (iii) भाववाच्य |
विकल्प
(क) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
(ख) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(ii)
(ग) (1)-(ii) (2)-(iii), (3)-(i)
(घ) (1)-(i) (2)-(ii), (3)-(iii)
उत्तर:
(क) (1)-(ii), (2)-(i), (3)-(iii)
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ दिए गए कॉलम में वाक्य सं. (1) कर्मवाच्य (ii), वाक्य सं. (2) कर्तृवाच्य (i) और वाक्य सं. (3) भाववाच्य (iii) है, अत: विकल्प (क) सही उत्तर है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) पहले श्याम यहाँ रहता था। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्वा कारक
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, बहुवचन, कर्म कारक
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) श्याम व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकववन, कर्ता कारक
(ख) उन्होंने मुझे इनाम में दस रुपये दिए। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) समूहवाचक संज्ञा, बहुवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक
(ii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिग, कर्म कारक
(iii) जातिवाचक संजा, बहुवचन, पुल्लिग, कर्म कारक
(iv) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिग, कर्ता कारक
उत्तर :
(iii) रुपये जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिग, कर्म कारक
(ग) दौडकर बाजार चले जाओ। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिग, कर्तृवाच्य
(ii) द्विकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिग, कर्तृवाच्य
(iii) पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
(iv) अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिग, कर्मवाच्य
उत्तर :
(iii) दौड़कर पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
(घ) समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है। रेखांकित अंश का पद परिचय होगा
(i) अकर्मक, संयुक्त क्रिया, आसन्न भूत, कर्तृवाच्य
(ii) सकर्मक, संयुक्त क्रिया, कर्म-खेत, आसन्न भूत, कर्तृंवाच्य
(iii) पूर्वकालिक क्रिया, आसन्न भूत, कर्तृवाच्य
(iv) प्रेरणार्थक क्रिया, आसन्न भूत, कर्तृवाच्य
उत्तर :
(i) उतर पड़ा है अकर्मक संयुक्त क्रिया, आसन्न भूत, कर्तृवाच्य
(ङ) वह यहाँ अपने आप आया था। आप वहाँ कल चले जाते। दोनों वाक्यों के ‘आप’ का सामान्य पद परिचय होगा
(i) पहला आप-अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, दूसरा आप-निजवाचक सर्वनाम
(ii) पहला आप-निजवाचक सर्वनाम, दूसरा आप-अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
(iii) पहला आप-संबंधवाचक सर्वनाम, दूसरा आप-निजवाचक सर्वनाम
(iv) पहला आप-निश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा आप-अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
उत्तर :
(ii) पहला आप-निजवाचक सर्वनाम, दूसरा आप-अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं
चार
प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) “अर्थ बिना कब पूर्ण हैं, शब्द, सकल जग-काज।
अर्थ अगर आ जाए तो, ठाठ-बाट औ, राज ॥” इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(क) श्लेष
व्याख्यात्मक हल:
इस काव्य पंक्ति में प्रयुक्त ‘अर्थ’ शब्द के दो अर्थ – (1) मतलब (2) धन होने के कारण श्लेष अलंकार है।
(ii) “कैसे कलुषित प्राण हो गए।
मानो मन पाषाण हो गए॥ ”इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ख) उत्प्रेक्षा
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ कलुषित प्राणों में ‘मन के पाषाण हो जाने’ की संभावना होने के कारण “उत्प्रेक्षा’ अलंकार है।
(iii) “इधर उठाया धनुष क्रोध में और चढ़ाया उस पर बाण।
धरा, सिंधु, नभ काँपे सहसा, विकल हुए जीवों के प्राण॥ ”इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(घ) अतिशयोक्ति
व्याख्यात्मक हल:
इस काव्य-पंक्ति में धनुष पर बाण चढ़ाते ही धरा, सागर और नभ के काँप जाने के अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन के कारण “अतिशयोक्ति” अलंकार है।
(iv) “एक दिवस सूरज ने सोची, छुट्टी ले लेने की बात।
सोचा कुछ पल सुकूँ मिलेगा, चलने दो धरती पर रात॥” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ग) मानवीकरण
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ सूरज को मानवीय क्रियाएँ करते दिखाए जाने के कारण ‘मानवीकरण’ अलंकार है।
(v) “कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए।
हिमकणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए॥” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है –
(क) श्लेष
(ख) उत्प्रेक्षा
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ख) उत्प्रेक्षा
व्याख्यात्मक हल:
यहाँ उत्तरा के अश्रुपूर्ण नेत्रों में ओस कणों से युक्त कमल पुष्पों की कल्पना के कारण “उत्प्रेक्षा’ अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सवाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5 ) बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी, जीवन-ज़िद्गी सब कुछ छोड़ देने वालों पर भी हैसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढती है। दु;खी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुज़रे। कस्बे में घुसने से पहले ही ख्याल आया कि कस्बे कि हुदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिस्थापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा….! क्योकि मास्टर बनाना भूल गया।… और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे।
(क) हालदार साहब के दुःख का क्या कारण था?
(i) नेताजी की आँखों पर चश्मा न देखकर
(ii) नेताजी जैसे व्यक्तित्व का मज़ाक उड़ाने के कारण
(iii) नेताजी की मूर्ति के पास न रुकने के कारण
(iv) कैप्टन की मृत्यु हो जाने के कारण
उत्तर :
(i) नेताजी की आँखों पर चश्मा न देखकर गद्यांश के अनुसार हालदार साहब के दु:ख का कारण नेताजी की मूर्ति पर चश्मे को न देख पाना था, क्योंकि कैप्टन जो बार-बार मूर्ति पर चश्मा बदल-बदल कर लगाता था। उसकी मृत्यु हो गई थी।
(ख) हालदार साहब क्या सोच रहे थे?
(i) कैप्टन की मृत्यु हो गई होगी
(ii) नेताजी की आँखों पर चश्मा नहीं होगा
(iii) आज वहाँ रूकेंगे नहीं, पान नहीं खाएंगे
(iv) मूर्ति की ओर न देखकर सीधा निकल जाएँगे
उत्तर :
(ii) नेताजी की औँखों पर चश्मा नहीं होगा हालदार साहब सोच रहे थे कि अब जब भी वह करबे से जाएँगे, तो उन्हें नेताजी की ऑँखों पर चश्मा लगा हुआ नहीं दिखेगा।
(ग) सुभाष की प्रतिमा कहाँ प्रतिस्थापित थी?
(i) शहर के बीचो-बीच में
(ii) गाँव के बीचों-बीच में
(iii) गाँव से शहर जाने वाले मार्ग के बीच
(iv) कस्बे के चौराहे पर
उत्तर :
(iii) कस्वे के चौराहे पर सुभाष की प्रतिमा कस्बे के चौराहे पर स्थित थी।
(घ) देश की खातिर घर-गृहस्थी, जीवन-ज़िदगी सब कुछ छोड़ देने वालों के ऊपर कौन हैसता है?
(i) देशभक्तों का मजाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम
(ii) सच्चे देशभक्त
(iii) कैप्टन और पानवाला
(iv) हालदार साहव
उत्तर :
(i) देशभक्तों का मजाक उड़ाने वाली बिकाऊ कौम देश की खातिर घर-गृहस्थी, जीवन जिंदगी सब कुछ छोड़ देने वालों के ऊपर देशभक्तों का मजाक उड़ाने वाली बिकाफ कौम हैसती है।
(ङ) हालदार साहब चौराहे पर क्यों नहीं रुकना चाहते थे?
(i) आज उनका मन पान खाने का नहीं था।
(ii) आज उन्हें बहुत काम था।
(iii) वे कहीं भी व्यर्थ रूकना नहीं चाहते थे।
(iv) कैप्टन के मरने से मूर्ति पर आज चश्मा नहीं होगा
उत्तर :
(iv) कैष्टन के मरने से मूर्ति पर आज चश्मा नहीं होगा गद्यांश के आधार पर कैप्टन के मरने से मूर्ति पर चश्मा नहीं होगा। यह सोथकर हालदार साहब चौराहे पर नहीं रुकना चाहते थे, क्योंकि उनको मूर्ति पर चश्मा लगा देखने की आदत हो गई थी।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 2 = 2)
(i) बालगोबिन भगत साधु की सभी परिभाषाओं पर किन गुणों के कारण खरे उतरते थे ?
(क) मधुर गायन, खेतीबाड़ी करना, गाँधीवादी दर्शन, सारा समय पूजा-पाठ में बिताना।
(ख) मृत्यु से न घबराना, हर समय भजन में लीन रहना, बेटे व बहू से बहुत प्रेम करना।
(ग) सात्विक गृहस्थ जीवन, सत्यवादिता, शुद्ध व्यवहार, कबीर दर्शन से सज्जित आत्मा।
(घ) आस्तिकता, समाज-सेवा, प्रतिदिन मंदिर जाना, रास्ते में जो भी मिले, उसे उपदेश देना।
उत्तर:
(ग) सात्विक गृहस्थ जीवन, सत्यवादिता, शुद्ध व्यवहार, कबीर दर्शन से सज्जित आत्मा।
व्याख्यात्मक हल:
सात्विक गृहस्थ जीवन व्यतीत करने, सदा सत्य बोलने , सबसे खरा व्यवहार करने और कबीर के दर्शन के प्रति सच्ची आस्था रखने के कारण बालगोबिन भगत एक सच्चे साधु की सभी परिभाषाओं पर खरे उतरते थे।
(ii) काशी को संस्कृति की पाठशाला इसलिए कहा गया है, क्योंकि –
(क) यहीं से सांस्कृतिक संरक्षण अभियान का शुभारंभ हुआ था
(ख) यहाँ के लोग अपने बच्चों को धार्मिक संस्कार देते हैं
(ग) यहाँ गली-गली में पाठशालाएँ हैं, जिनमें संस्कार सिखाए जाते हैं
(घ) यह विद्वानों, कला-मर्मज्ञों, कलाकारों, स्नेह व सद्भावना की पावन स्थली है
उत्तर:
(घ) यह विद्वानों, कला-मर्मज्ञों, कलाकारों, स्नेह व सद्भावना की पावन स्थली है
व्याख्यात्मक हल:
काशी विद्वानों, कलाकारों, साहित्य प्रेमियों, कला-मर्मज्ञों, प्रेम, अपनत्व और धार्मिक तथा सांप्रदायिक सद्भावना से युक्त पवित्र – पावन भूमि है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मधुप गुन-गुनाकर कह जाता कौन कहानी यह अपनी, मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी। इस गंभीर अनंत-नीलिमा में असंख्य जीवन-इतिहास यह लो, करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य-मलिन उपहास तब भी कहते हो-कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती। तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे-यह गागर रीती। किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वालेअपने को समझो, मेरा रस ले अपनी भरने वाले।
(क) कवि पद्यांश में किसके माध्यम से अपनी कथा का उल्लेख करते हैं?
(i) तितली
(ii) भौरें
(iii) फूल
(iv) चंद्रमा
उत्तर :
(ii) भौरें के पद्यांश में भौरें के माध्यम से अपनी कथा का उल्लेख करते हैं।
(ख) कवि का जीवन किससे भरा हुआ है?
(i) सुखों
(ii) अभावों
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) बुराइयों
उत्तर :
(iii) (ii) और (iii) दोनों कवि आकाश की ओर देखते हैं और फिर बड़े ही उल्लास के साथ कहते हैं कि कवि का जीवन सुखों और अभावों से भरा हुआ है।
(ग) कवि ने अपने मन को किसके समान बताया है?
(i) समुद्र के समान
(ii) खाली गागर के समान
(iii) प्रकृति के समान
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) खाली गागर के समान कवि ने अपने-अपने मन को खाली गागर के समान बताया है
(घ) कवि के अनुसार, उसके खाली जीवन को देखकर किसे सुख प्राप्त होगा?
(i) पुत्र को
(ii) समाज को
(iii) मित्रों को
(iv) पत्नी को
उत्तर :
(iii) मित्रों को कवि के अनुसार, उसके खाली जीवन को देखकर उसके मित्रों को सुख प्राप्त होगा।
(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. कवि के जीवन की इच्छाएँ उचित वातावरण न पाकर मुरझाकर गिर रही हैं।
2. महान पुरुषों की कथाओं को पढ़कर ऐसा लगता है जैसे वह स्वयं का उपहास करते हैं।
3. कवि अपने जीवन में अनेक सुखों का आनंद ले चुके थे। इन कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
कूट
(i) केवल 1
(ii) 1 और 2
(iii) केवल 3
(iv) 2 और 3
उत्तर :
(ii) 1 और 2 गद्यांश के अनुसार, कवि के जीवन की इच्छाएँ उचित वातावरण न पाकर मुरझाकर गिर रही हैं तथा महान पुरुष्षों की कथाओं को पढ़कर ऐसा लगता है जैसे-वह स्वयं का उपहास करते हैं।
प्रश्न 10.
पाठ्य पुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(i) “यह दंतुरित मुस्कान’ कविता में कवि ने स्वयं को ‘प्रवासी’ और ‘ अन्य’ क्यों कहा है?
(क) कवि अतिथि के समान एक लंबे अंतराल के बाद घर आया है
(ख) क्योंकि बच्चा कवि को पहचान नहीं पा रहा है
(ग) कवि का उस घर से कोई संबंध नहीं है
(घ) उपर्युक्त सभी कथन गलत।
उत्तर:
(क) कवि अतिथि के समान एक लंबे अंतराल के बाद घर आया है
व्याख्यात्मक हल:
अपने घुमक्कड़ स्वभाव के कारण कवि अधिकतर घर से बाहर ही रहता है। वह अतिथि के समान ही एक लंबे अंतराल के बाद घर आया है, इसलिए उसने स्वयं को अन्य कहा है।
(ii) ‘संगतकार’ की प्रमुख विशेषता क्या होती है? है
(क) वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं
(ख) वे मुख्य कलाकार को पीछे छोड़कर आगे निकल जाते हैं
(गं) वे अपनी योग्यता को छिपाकर मुख्य कलाकार के कृतित्व को बढ़ाने में पूर्ण योगदान देते हैं
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
उत्तर:
(गं) वे अपनी योग्यता को छिपाकर मुख्य कलाकार के कृतित्व को बढ़ाने में पूर्ण योगदान देते हैं
व्याख्यात्मक हल:
संगतकार की विशेषता होती है कि वह अपनी योग्यता को न दर्शाकर मुख्य गायक या कलाकार की श्रेष्ठता को प्रतिष्ठित ‘करता है।
खंड ‘ब’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 – 30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) पाठ ‘बालगोबिन भगत’ में अपने पुत्र से अत्यधिक स्नेह करने के उपरांत भी बालगोबिन भगत ने उसकी मृत्यु होने पर उसे गले क्यों नहीं लगाया?
उत्तर :
बालगोबिन भगत अपने इकलौते पुत्र से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने एक सुशील लड़की से अपने पुत्र का विवाह किया। जब बीमारी के कारण उसकी मृत्यु हो गई, तो उन्हें इसका दु:ख तो बहुत हुआ, किंतु उस दुःख को दिल से नहीं लगाया। उसे ईश्वर की इच्छ मानकर स्वीकार कर लिया। उनके अनुसार, आत्मा परमात्मा से जा मिली है, इसलिए दुःख नहीं, उत्सव मनाना चाहिए। इसी विचारधारा के कारण उन्होंने अपना दु:ख व्यक्त नहीं किया और पुत्र को गले नहीं लगाया।
(ख) जब नवाब साहब ने खीरा खाया ही नहीं, तो उनकी ओर से ‘डकार’ का शब्द किस प्रकार सुनाई दिया? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
नवाब साहब ने खीरे की फाँकों में जीरा-नमक लगाया, उन पर थोड़ी मिर्च डाली और उसके बाद उन्होंने सूँघ-सूँचकर उन फाँकों को एक-एक करके ट्रेन की खिड़की से बाहर फेंक दिया, क्योंकि लेखक ने खीरे को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया था। खीरे को न खाने पर भी केवल उसे सूँघ लेने से ही नवाब साहब को परम संतुष्टि हो गई। इसी कारण खीरा न खाने पर भी उनकी ओर से ‘डकार’ का शब्द सुनाई दिया।
(ग) आपके विचार से ‘पान वाला’ या ‘कैप्टन’ में से असली लॉँगड़ा कौन है? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर :
शारीरिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो कैप्टन लैगड़ा है, परंतु ‘असली लैंगड़ा’ पान वाला है। कैप्टन की विकलांगता ईश्वर प्रदत्त है, वह देशभक्तों के प्रति सम्मान की भावना रखता है तथा देशभक्ति जैसे महत्त्वपूर्ण मूल्य का निर्वाह भी करता है, परंतु पान वाले के मन में देशभक्ति की भावना नहीं है। वह एक अस्वस्थ तथा संवेदनहीन मानसिकता का परिचय देते हुए देशमक्तों का उपहास करता है। अतः असली लेंगड़ा ‘पान वाला’ ही है।
(घ) “मेरे मालिक सुर बखा दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।”
‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सुमधुर सुरों को सुनकर व्यक्ति इतना भाव-विभोर हो जाता है कि उसकी आंखों से आँसू निकल आते हैं। ये औँसू सच्चे मोती की तरह होते हैं। इनके निकल आने पर सुर की परीक्षा हो जाती है। बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सजदे में खुदा से ऐसे ही सुर की माँग करते हैं, वे सुर को खुदा की देन मानते थे। उनके लिए सुरों से बढ़कर कोई चीज़ कीमती नहीं थी।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(i) ‘सूरदास’ के पद के आधार पर लिखिए कि गोपियों ने किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं।
उत्तर:
गोपियों ने उद्धव को उलाहने देते हुए कहा है कि तुम तो जल में पड़े हुए कमल के पत्ते के समान हो जो जल में तो रहता है पर एक दाग भी उस पर नहीं लगता तथा जल में पड़ी हुई उस तेल की गागर के समान हो जो जल में रहकर भी जल की एक बूँद के साथ
अपना संबंध नहीं रखती।
(ii) परशुराम के प्रति लक्ष्मण के व्यवहार पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
लक्ष्मण वीर, साहसी, निडर किन्तु स्वभाव से उग्र हैं। वे परशुराम के कठोर बचनों को सुनकर शांत नहीं रहते वरन् अपने बचनों सैवे भी व्यंग्य-प्रहार करते हैं, परन्तु किसी भी बात की अति बुरी होती है। लक्ष्मण क्रोधावेश में अपनी मर्यादा भूलकर परशुराम को नृपद्रोही और न जाने क्या-क्या कह जाते हैं। वे उनकी उम्र और पद की गरिमा का भी ध्यान नहीं रखते इसीलिए सारी प्रजा “हाय-हाय” कहकर उन्हें ही अनुचित कहती है।
(iii) आत्मकथ्य के कवि ने खाली करने वाले किसे और क्यों कहा है ?
उत्तर:
कवि ने उन मित्रों को खाली करने वाला बताया है जिन्होंने उसे आत्मकथा लिखने को कहा था। कवि के निजी अनुभव बहुत कटु रहे हैं। हो सकता है कि उसके मित्रों ने ही उसकी खुशी में बाधा डाली हो । इस प्रकार उसके जीवन को खुशियों से वंचित कर दिया
हो।
(iv) फ़सल नदियों के पानी का जादू, हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा तथा मिट्टी का गुण धर्म किस प्रकार है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फ़सल बिना पानी के न तो उग सकती है, न बढ़ सकती है और न पक सकती है। इसमें एक नहीं अनेक व्यक्तियों का परिश्रम तथा उनके हाथों के श्रम के साथ-साथ बीज-खाद व मिट्टी का भी योगदान होता है। यदि ये सब नहीं होगा तो बीज का न तो अंकुर बनेगा, न फ़ुसल और न दाना, अतः फ़सल इनकी गरिमा एवं महिमा के साथ-साथ मिट्टी का गुण धर्म है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) पहाइों पर पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का जीवन अधिक कठिनाइयों से भरा है। उन कठिनाइयों का निवारण वे कर्तव्यपरायणता से ही करती हैं। पाठ ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ के आधार पर सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
पहाड़ों पर पुरुष्षों की अपेक्षा स्त्रियों का जीवन अधिक कठिनाइयों से भरा होता है, क्योंकि घरेलू जिम्मेदारियों का भार स्त्रियों को ही वहन (सहन) करना पड़ता है। घर के सभी सदस्यों के लिए पीने के पानी का प्रबंध करना, खाना बनाने के लिए ईंधन इकट्ठा करना, मवेशियों को चराना आदि कार्य स्त्रियों को ही करने पड़ते हैं। इसके लिए उन्हें काफ़ी परिश्रम करना पड़ता है। अपने परिवार की आर्थिक सहायता के लिए वे सड़के बनाने जैसा दुसाध्य कार्य भी करती हैं। वे इन सभी कठिनाइयों का निवारण अत्यंत कर्त्तव्यपरायणता से करती हैं। भूख, मृत्यु, गरीबी और जीवित रहने की जंग में भी वे मुस्कुराकर अपने कर्त्तब्यों का सहज भाव से पालन करती हैं।
(ख) ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बताइए कि तत्कालीन व वर्तमान ग्रामीण संस्कृति में आपको क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं तथा इन्होंने हमारे मूल्यों को कितना प्रभावित किया है?
उत्तर :
‘माता का अँचल’ उपन्यास में तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का वर्णन किया गया है, जिसमें लोगों के बीच में भाईचारा, सहयोग और आपसी प्रेम था। बच्चे अपने परिवार के सदस्यों से अत्यंत घुले-मिले रहते थे। आज की ग्रामीण संस्कृति में अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं; जैसे-सादगी का स्थान चकाचौंध और बनावटीपन ने ले लिया है, व्यवहार और बातयीत में सादगी के स्थान पर चालाकी तथा धूर्तता आ गई है। सुख-दु:ख में परिवार के सद्य पहले की भाँति एकसाथ एकत्र नहीं हो पाते हैं। अब संबंधों में अपनत्व नहीं रहा है, उनमें धन और स्वार्थ आ गया है। इन परिवर्तनों ने हमारे मूल्यों को अत्यधिक प्रभावित किया है। अब लोगों के बीच वह आत्मीयता, प्रेम, सहयोग नहीं दिखाई देता, जो तत्कालीन संबंधों में दिखाई देता था।
(ग) जापान में जब हिरोशिमा और उस अस्पताल को देखा जहाँ रेडियम पदार्थ से आहत लोग वर्षों से कष्ट पा रहे थे, उन्हें देखकर यह प्रत्यक्ष अनुभव हुआ कि अनुभव से अनुभूति गहरी चीज है। मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर प्रस्तुत कथन के विषय में अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
एक बार लेखक ने जापान जाने पर हिरोशिमा के उस अस्पताल को भी देखा, जहाँ रेडियोधर्मी पदार्थ से आहत लोग वर्षों से कष्ट पा रहे थे। इस प्रकार उसे इसका प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। उसे लगा कि कृतिकार के लिए अनुभव से अनुभूति गहरी चीज़ है। यही कारण है कि हिरोशिमा में सब देखकर भी उसने तत्काल कुछ नहीं लिखा। फिर एक दिन उसने वहीं सड़क पर घूमते हुए देखा कि एक जले हुए पत्थर पर एक मानव की लंबी उजली छाया है। उसकी समझ में आया कि विस्फोट के समय कोई वहाँ खड़ा रहा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियोधर्मी पदार्थ की किरणों ने उसे भाप बनाकर उड़ा दिया होगा। यह देखकर उसे लगा कि समूची ट्रेजडी जैसे पत्थर पर लिखी गई है। अणु विस्फोट के वे क्षण उसके मन में साकार हो उठे।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 20 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए – (6 × 1 = 6)
(i) पर्यावरण संरक्षण : समय की माँग
- मानव और पर्यावरण में अटूट संबंध,
- संरक्षण की आवश्यकता क्यों ?
- संरक्षण की योजनाओं का प्रभाव,
- सुझाव
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण : समय की माँग
पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी मांग है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि यह माँग सिर्फ किसी सरकार या प्रशासन से नहीं बल्कि आमजन से प्रकृति की, उसकी ही रक्षा के लिए की जा रही है।
मानव प्रत्येक प्रकार के क्रियाकलापों के लिए पर्यावरण पर निर्भर है। मानव एक कलाकार के रूप में पर्यावरण द्वारा प्रदत्त रंगमंच पर कार्य करता है। कहीं पर्यावरण उसे प्रभावित करता है तो कहीं वह उसके साथ अनुकूलन तथा परिवर्तन करता है। इसे पर्यावरण समायोजन भी कहते हैं। मानव विभिन्न प्राकृतिक साधनों का उपयोग अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिएकरता आ रहा है। खाद्यान्नों और अन्य कच्चे पदार्थों की पूर्ति के लिए उसने भूमि को जोता है, सिंचाई और शक्ति के विकास के लिए उसने वन्य पदार्थों एवं खनिजों
का शोषण और उपयोग किया है।
संसाधन हमारी पृथ्वी पर एक निश्चित मात्रा तक पाए जाते हैं। उन्हें बनने में कई करोड़ों वर्षों का समय लगता है, हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए उन्हें बेहतर भविष्य देने के लिए संसाधनों का बहुत कम उपयोग करना है जिससे हम एक श्रेष्ठ भविष्य की कल्पना कर सकें। भूमि संरक्षण के अन्तर्गत ऊपरी भूमि में 100 × 100 × 10 आकार के तालाब का निर्माण तथा ड्रेनेज लाइन पर भी गड्ढों का निर्माण किया जाता है, जिससे भूमि एवं जल का संरक्षण होता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए घर की खाली जुमीन, बालकनी व छत पर पौधे लगाए जाएँ, आर्गेनिक खाद या जैविक खाद का उपयोग किया जाए। कपड़े के बने झोले-बैले लेकर निकलें, पॉलिथीन प्लास्टिक न लें, खिड़की से पर्दे हटाएँ व दिन में सूरज की रोशनी से काम चलाया जाए।
(ii) एक भारत, श्रेष्ठ भारत
- योजना का प्रारंभ कब?
- ऐसी योजनाओं की आवश्यकता क्यों ?
- विद्यालयों में इसे कार्य रूप में कैसे लाया गया?
- प्रभाव
उत्तर:
एक भारत, श्रेष्ठ भारत
“एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम, 31 अक्टूबर 2015 को महान् व्यक्ति और स्वतन्त्रता सेनानी सरदार बल्लभ भाई पटेल की 40 वीं जयन्ती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा शुरू किया गया। इस योजना में देश का कोई भी एक राज्य दूसरे राज्य से हर साल एक-दूसरे की विरासत जैसे-संस्कृति, परम्परा, भाषा आदि को बढ़ावा देने के लिए जुड़ेगा। एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम अधिक पारस्परिक समझ को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य के साथ विभिन्न भारतीय राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में रहने वाले विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच सक्रिय रूप से सम्बन्ध सुधारने का प्रयास करता है।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के नाम से एक नई पहल शुरू करने के लिए 31 अक्टूबर 2015 को राष्ट्रीय एकता दिवस संबोधन की घोषणा की थी उदाहरणार्थ, हरियाणा राज्य तमिलनाडु से जुड़ सकता है और साहित्यिक कार्यक्रमों,
पुस्तक उत्सवों, खाद्य उत्सवों, गति उत्सवों , हरियाणा के लोगों के पर्यटन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी समृद्ध रियासतों को लोकप्रिय बना सकता है।
इस योजना के माध्यम से एक राज्य के लोगों को अन्य राज्यों की परम्परा, संस्कृति और अन्य प्रथाओं का उचित ज्ञान मिलेगा जो लोगों के बीच समझ और सम्बन्ध को बढ़ाएगा जिससे भारत की एकता और अखण्डता में वृद्धि होगी।
यह देश भर में लोगों को लोगों से जोड़ने का एक कार्यक्रम है। भारत एक ऐसा देश है जो ‘ विविधता में एकता ‘ का सबसे अच्छा उदाहरण है। यह कार्यक्रम भारत में एकता की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी एक पहल है। उन्होंने अपने ‘मन की बात ‘ कार्यक्रम में यह भी कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना भारत को एक सर्वोच्च भारत बनाने के लिए है। देश में एकता और सद्भाव की संस्कृति को समृद्ध करने के मुख्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोगों को आसान तरीके से जोड़ने के लिए इसे विशिष्ट और प्रतिष्ठित योजना बनाने की योजना है।
(iii) ऑनलाइन शिक्षा: शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
- वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनिवार्यता,
- सकारात्मक प्रभाव,
- कमियाँ,
- सुझाव
उत्तर:
ऑनलाइन शिक्षा: शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
आधुनिक समय में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली एक वरदान की तरह है। जिसने किसी कारण शिक्षा ग्रहण नहीं की वह ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से नए आयाम हासिल कर सकता है इसे शिक्षा का नवीनतम् रूप माना जाता है। वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैद्य शिक्षा माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया गया है, जिन्हें प्रयुक्त भाषा में दूरस्थ शिक्षा कहा जाता है। इसमें निर्धारित पाठ्यक्रम की VS/डी वी डी और इन्टरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। बड़ी-2 सेवाओं जैसे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और मेडिकल, आदि की शिक्षा भी आज कई संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध करवा रहे हैं।
बदलते परिवेश में टेक्नोलॉजी के भी कई बदलाव हुए हैं और इसके उपयोग भी बढ़े हैं। ऑनलाइन शिक्षा से समय बचता है साथ ही आप घर बैठे आराम से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। बच्चे लगातार अपने शिक्षकों से ऑनलाइन कक्षा में पढ़ने के तरीकों को सीखते हैं और पढ़ने में भी रुचि रखते हैं। उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार द्वारा स्माइल प्रोजेक्ट के तहत स्कूली बच्चों को व्हाट्सएप के माध्यम से रोजाना स्टडी मेटेरियल, वीडियो, ऑडियो आदि पहुँचाए जाते हैं। इस नई पहल से शिक्षा व्यवस्था बाधित होने की बजाए अधिक आसान हुई है। बदलते अध्ययन वातावरण ने शिक्षण को और भी रोमांचक बनाया है। इसमें आप अपने वीडियो को फिर से देख सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने PMeViDYA नामक प्रोग्राम की शुरूआत की। अभी ऑनलाइन शिक्षाप्रणाली पर अमल इतना नहीं हुआ है। महामारी के चलते शिक्षण संस्थानों और छात्रों को इसके अनुरूप ढालना एक चुनौती के समान है। इंटरनेट स्पीड भी एक बड़ी समस्या है। दूसरा कारण आज भी कई मध्यम वर्गीय परिवारों में स्मार्ट फोन जैसी मूल सुविधा उपलब्ध नहीं है। पाठ्यक्रम की असमानता सबसे बड़ी चुनौती है। आधुनिक युग में इसका उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अगर देखा जाए तो शिक्षक और छात्र अधिकतर आठ घंटे ऑनलाइन टाइम बिताते हैं जो कि मानसिक और शारीरिक स्थिति के लिए हानिकारक है। दूसरा घर की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण माता-पिता बच्चों को मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकते।
आज के इस डिजिटल युग में ऑनलाइन शिक्षा के प्रोत्साहन से छात्र नए-से-नए ज्ञान से परिचित हो सकेंगे।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। आप कंचन मिश्रा हैं। अपने क्षेत्र में बिजली वितरण की अव्यवस्था की ओर बिजली अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने हेतु दैनिक जागरण अ. ब. स. नगर के संपादक को एक समाचार प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आप काव्य चौधरी हैं। आपके पिताजी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर आपके मित्र संभव ने आपकी बहुत सहायता की तथा आपको स्थिति का सामना करने का हौसला दिया, उसे धन्यवाद देते हुए 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
मेरठ।
दिनांक 25 फरवरी, 20XX
सेवा में,
प्रधान संपादक महोदय
दैनिक जागरण,
मेरठ।
विषय विद्युत वितरण की अव्यवस्था और उससे उत्पन्न परेशानी हेतु।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से में अपने क्षेत्र में विद्युत वितरण की अव्यवस्था और इससे होने वाली परेशानियों के विषय में सरकार तथा संबंधित विभाग का ध्यान आकर्षित कराना चाहती हूँ। मुझे आशा है कि विषय की गंभीरता को देखते हुए आप इस पत्र को अपने समाचार-पत्र में अवश्य ही प्रकाशित करेंगे। आजकल हमारे शहर में विद्युत वितरण विभाग की ओर से बिजली की अत्यधिक कटौती की जा रही है। दिन में कटौती के साथ-साथ रात्रि में भी कटौती की जा रही है। इस गर्मी के मौसम में बिजली की इस प्रकार की जाने वाली कटौती जन-जीवन के लिए संकट उत्पन्न कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख उद्योग, व्यापारिक संस्थान तथा विट्यार्थी इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
मेरा प्रदेश सरकार तथा विद्युत विभाग के अधिकारियों से विनम्र अनुरोध है कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए विद्युत आपूर्ति नियमित कराने का प्रबंध किया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को इस भयंकर गर्मी से राहत मिल सके।
धन्यवाद सहित!
भवदीय
कचन मिश्रा
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 12 जुलाई, 20XX
प्रिय मित्र संभव,
सप्रेम नमस्कार!
मित्र कल ही मुझे तुम्हारा पत्र मिला। पत्र पढ़कर पता चला कि तुम मेरे पिताजी के स्वास्थ को लेकर बहुत चिंतित हो। मित्र, पिताजी का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर है और वे धीरे-धीरे दुर्घटना के प्रभाव से उबर रहे हैं। अकस्मात् ही सड़क दुर्घटना में पिताजी को गंभीर चोट लगने से मेरे और मेरे परिवार के ऊपर विपत्तियों का पहाड़ ही टूट पड़ा था। उस समय तुमने मेरे साथ अस्पताल में रुककर मेरी बहुत सहायता की और मुझे इस मुश्किल वक्त का सामना करने की हिम्मत दी। तुम्हारे साथ के कारण ही में पिताजी की उचित देखभाल कर सका। इस विपत्ति के समय साथ देकर तुमने यह सिद्ध कर दिया कि तुम मेरे सच्चे मित्र हो। में हृदय से तुम्हारा आभार प्रकट करता हूँ। भविष्य में यदि में तुम्हारे कुछ काम आ सकूँ, तो मुझे बड़ी खुशी होगी।
घर के सभी बड़ों को मेरा प्रणाम।
तुम्हारा मित्र
काव्य चौधरी
प्रश्न 16.
आपतरुणवैश्य/तरुणा वैश्य हैं। आपबी. एड कर चुके हैं, आपको विवेक इंटरनेशनल स्कूल, अब सनगर में हिंदी अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5 × 1 = 5)
उत्तर:
सेवा में,
प्रबंधक.
विवेक इंटरनेशनल स्कूल
अब स नगर
विषय : हिंदी अध्यापिका के पद हेतु।
महोदय,
स्थानीय रोजगार समाचार पत्र दिनांक 05 मार्च 20xx में निकले विज्ञापन के सन्दर्भ में मैं आपके विद्यालय में हिंदी अध्यापिका के रिक्त पद हेतु अपना आवेदन प्रस्तुत करते हुए स्ववृत्त प्रेषित कर रही हूँ, जो निम्नवत् है –
नाम : कु. तरुणा वैश्य
पिता का नाम : श्री विवेक वैश्य
माता का नाम : श्रीमती सरला वैश्य
जन्मतिथि ; 4 नवंबर 1996
वर्तमान पता : 77/12 दयालबाग ,आगरा
मोबाइल न॑ : 0999xxxxxx
ई-मेल पता :
[email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ –
अन्य सम्बन्धित योग्यताएँ –
- कंप्यूटर में एक वर्षीय डिप्लोमा
- हिंदी, अंग्रेजी में दक्षता और जर्मन भाषा का कार्य साधक ज्ञान
- जिम्मास्टिक का एक वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त
अभिरुचियाँ –
- संगीत गायन एवं वादन
- शिक्षण में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने में अभिरुचि
- खेलकूद एवं योग
स्थान
तिथि
हस्ताक्षर
अथवा
किसी कॉलेज में हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी के लिए ई-मेल करें।
उत्तर:
From:
[email protected]
To:
[email protected]
Cc:
[email protected]
दिनांक: 22-04-xx
विषय- हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी हेतु
कला संकाय प्रमुख
डी.ई.आई, दयालबागृ
आगरा-282005
माननीय महोदय,
सादर सूचित करना चाहती हूँ कि मैं माधुरी वैश्य हिन्दी विभाग की शोध छात्रा हूँ। मेरी पी.एच-डी. समाप्त होने की ओर अग्रसर है। महोदय हिन्दी विभाग में सहायक अध्यापक के कुल कितने पद रिक्त हैं ? कृपया जानकारी प्रदान करें।
आपसे सहयोग की अपेक्षा में
धन्यवाद
शोधार्थी
माधुरी वैश्य
हिन्दी विभाग
कला संकाय
रजिस्ट्रेशन क्रमांक: 184186
माधुरी
Mob: 84470703xx
प्रश्न 17.
आपके शहर में होली के अवसर पर हास्य कवि सम्मेलन होने वाला है। इसके लिए आर्य समाज की ओर से लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (4)
अथवा
आप अमाया सिंघल हैं। आपका मित्र सड़क दुर्घटना में घायल हो गया है। आप उससे मिलने नहीं जा सकते। अतः इसके लिए लगभग 40 शब्दों में सांत्वना संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
सांत्वना संदेश
दिनांक : 10 जनवरी, 20XX
समय : 9:00 बजे प्रात:
प्रिय मित्र
मुझे यह जानकर बहुत दु:ख हुआ कि कुछ समय पहले सड़क दुर्घटना में तुम बहुत घायल हो गए थे। यह जानते हुए भी मैं COVID-19 के चलते तुमसे मिलने नहीं आ सकी, क्योंकि उस समय सभी जगह लॉकडाउन लगा हुआ था, इसका मुझे जीवनभर खेद रहेगा, परंतु में जानती हूँ कि तुम बहुत धैर्यवान व हिम्मत वाले हो और इस कठिन समय से भी जल्दी ही बाहर निकल जाओगे। तुम अपना ध्यान रखो, तुम्हारे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए में भगवान से प्रार्थना करूँगी तथा बहुत जल्द तुमसे मिलने आऊँगी।
तुम्हारी मित्र
अमाया सिंघल