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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 11 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-‘अ’ और ‘ब’। खंड ‘अ’ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड ‘ब’ में वस्तुनिष्ठ/वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 हैं और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
- खंड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’
(बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न)
खंड ‘अ’ में अपठित गद्यांश-पद्यांश, व्यावहारिक व्याकरण व पाठ्य-पुस्तक से संबंधित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
भारतीय धर्म और दर्शन में योग का अत्यधिक महत्त्व है। आध्यात्मिक उन्नति या शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग की आवश्यकता व महत्त्व को प्राय: सभी दर्शनों व भारतीय धार्मिक संप्रदायों ने एकमत व मुक्तकंठ से स्वीकार किया है। आधुनिक युग में योग का महत्त्व बढ़ गया है। इसके बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है। यदि मनुष्य शारीरिक रूप से स्वस्थ है, तो वह संसार में रहकर जीवन का सुख भोग सकता है और अपने सभी कर्त्तव्यों एवं मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है। शरीर ही वह माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने सभी कार्यो को संपन्न कर सकते हैं। इसलिए अपने शरीर को स्वस्थ रखना हमारा प्रथम कर्त्तव्य है, जिसे योग द्वारा स्वस्थ बनाया जा सकता है।
21 जून, 2015 को प्रथम बार संपूर्ण विश्व में ‘विश्व योग दिवस’ मनाया गया। इसके साथ ही यह घोषणा भी की गई कि प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा। योग प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति का अंग रहा है। हमारे पूर्वजों ने बहुत समय पहले ही इसका आविष्कार कर लिया था और इसके महत्त्व को पहचान लिया था। इसलिए योग पद्धति सदियों बाद भी जीवित है। योग करने से न केवल तन की थकान दूर होती है, बल्कि मन की थकान भी दूर होती है। योग करने वाला व्यक्ति अपने अंग-प्रत्यंग में एक नए उत्साह एवं स्फूर्ति का अनुभव है, बल्क मन की थकान भोग दरन से शरीर के प्रत्येक अंग में रक्त का संचार सुचारु रूप से होता है तथा शरीर रोगमुक्त रहता है। अत: योग दिवस का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में योग पूर्णतः सक्षम है।
(क) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। मनुष्य को शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए, क्योंकि
1. वह स्वस्थ रहकर ही जीवन के समस्त सुख भोग सकता है।
2. वह स्वस्थ रहकर ही अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण कर सकता है।
3. वह स्वस्थ रहकर ही मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकता है।
4. वह स्वस्थ रहकर ही जीवन की व्यस्तताओं से बच सकता है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 1 और 3 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है मनुष्य को शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ रहकर ही वह जीवन के समस्त सुखों को भोग सकता है।
(ख) गय्यांश के आधार पर बताइए कि योग का महत्त्व बढ़ने का क्या कारण है?
(i) व्यस्तता और मन की व्यग्रता
(ii) अकेलापन
(iii) चिंतनशील प्रवृत्ति
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) व्यस्तता और मन की व्यग्रता गद्यांश में बताया गया है कि योग का महत्व बढ़ने का कारण व्यस्तता और मन की व्यग्रता है।
(ग) गद्यांश के आधार पर बताइए कि हमारा प्रथम कर्त्तव्य क्या है?
(i) शरीर को स्वस्थ रखना
(ii) योग करना
(iii) मनोकामनाओं को पूर्ण करना
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) शरीर को स्वस्थ रखना गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि हमारा प्रथम कर्त्तव्य शरीर को स्वस्थ रखना है और शरीर को योग के माध्यम से स्वस्थ रख सकते हैं।
(घ) योग दिवस किस उद्देश्य से मनाया जाता है?
(i) संपूर्ण विश्व को योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति जागरूक करना
(ii) भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक करना
(iii) मानसिक रूप से स्वस्थ रखना
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(i) संपूर्ण विश्व को योग से प्राप्त होने वाले लामों के प्रति जागरूक करना योग दिवस का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
(ङ) कथन (A) योग का आविष्कार अर्वाचीन समय का ही है।
कारण (R) मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में योग पूर्णतः सक्षम नहीं है।
(i) कथन A गलत है, कितु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(ii) कथन A तथा कारण R दोनों गलत हैं योग का आविष्कार अर्वाचीन समय का ही है तथा मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में योग पूर्णतः सक्षम नहीं है। ये दोनों कथन गलत है, क्योंकि योग का आविष्कार प्राचीनतम है तथा योग में मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की पूर्ण क्षमता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जो बीत गई सो बात गई, जीवन में एक सितारा था माना, वह बेहद प्यारा था, वह डूब गया तो डूब गया अंबर के आनन को देखो, कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे, जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर, कब अंबर शोक मनाता है? जो बीत गई सो बात गई। जीवन में वह था एक कुसुम, थे उस पर नित्य निछावर तुम वह सूख गया तो सूख गया, मधुबन की छाती को देखो सूखी कितनी इसकी कलियाँ,
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ जो मुरझाई फिर कहाँ खिलीं, पर बोलो सूखे फूलों पर कब मधुबन शोर मचाता है? जो बीत गई सो बात गई। जीवन में मधु का प्याला था, तुमने तन-मन दे डाला था वह टूट गया तो टूट गया, मदिरालय का आँगन देखो कितने प्याले हिल जाते हैं, गिर मिट्टी में मिल जाते हैं जो गिरते हैं कब उठते हैं, पर बोलो टूटे प्यालों पर कब मदिरालय पछताता है? जो बीत गई सो बात गई।
(क) इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सबसे सही विकल्प चुनिए।
1. हमें बीती हुई दुःखद यादों पर शोक नहीं मनाना चाहिए।
2. बीती बातों को याद करते रहना चाहिए।
3. बीती हुई बातों पर पछतावा करते रहना चाहिए।
4. बीत गए वक्त के वापस लौट आने का इंतजार करते रहना चाहिए।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 3 सही है
(iii) 1,3 और 4 सही है
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत पद्यांश में यह बताया गया है कि हमें बीती हुई दु:खद यादों पर शोक नहीं मनाना चाहिए। उन्हें बीता हुआ कल मानकर भुला देना चाहिए।
(ख) अंबर के शोक मनाने से क्या आशय है?
(i) आकाश टूटे तारों पर शोक नहीं मनाता
(ii) आकाश दूटने वाले तारों की गिनती रखता है
(iii) आकाश टूटे तारों पर शोक मनाता है
(iv) आकाश में तारे टूटते ही रहते हैं
उत्तर :
(i) आकाश टूटे तारों पर शोक नहीं मनाता अंबर के शोक मनाने से यहाँ आशय है कि आकाश टूटे हुए तारों पर शोक नहीं मनाता।
(ग) काव्यांश में ‘सूखे फूल’ व ‘मधुबन’ किसके प्रतीक के रूप में प्रयुक्त हुए हैं?
(i) बीता हुआ समय व जीवन
(ii) आने वाला समय व सुख
(iii) दु:ख व सुख
(iv) सुख व भाग्य
उत्तर :
(i) बीता हुआ समय व जीवन काव्यांश में ‘सूखे फूल’ बीते हुए समय और ‘मधुबन’ जीवन के पतीक के रूप में प्रयुक्त हुए हैं।
(घ) काव्यांश में ‘जीवन में एक सितारा’ किसे माना गया है?
(i) अत्यंत प्रिय व्यक्ति या वस्तु को
(ii) मदिरालय को
(iii) मधुबन को
(iv) अतीत को
उत्तर :
(i) अत्यंत प्रिय व्यक्ति या वस्तु को काव्यांश में ‘जीवन में एक सितारा’ उस व्यक्ति, वस्तु तथा परिस्थिति या समय, जो हमें अत्यंत प्रिय है, को माना गया है।
(ङ) ‘मधुबन कभी शोर नहीं मचता कि’ कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. उसके फूल सूखने लगे हैं।
2. उसमें कितने पेड़ सूख गए हैं।
3. उसमें कितने फूल लगे हैं।
4. मौसम कैसा हो रहा है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 2 और 3 सही है
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है मधुबन कभी शोर नहीं मचाता कि उसके फूल सूखने लगे हैं। हमें भी अपने अतीत को याद करते हुए शोक नहीं मनाना चाहिए।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “मुझे देखकर तुम रुक गए थे।” संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(i) तुमने मुझे देखा और रूक गए।
(ii) जैसे ही तुमने मुझे देखा, तुम रूक गए।
(iii) जब तुमने मुझे देखा, तो तुम रुक गए थे।
(iv) मुझे देखते ही तुम रुक गए थे।
उत्तर :
(i) तुमने मुझे देखा और रुक गए
(ख) “उस महिला को बुलाओ जिसके पास छतरी है।” सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(i) जिसके पास छतरी है, उस महिला को बुलाओ।
(ii) छतरी वाली महिला को बुलाओ।
(iii) जिस महिला ने छतरी ली है, उसे बुलाओ।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) छतरी वाली महिला को बुलाओ
(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य छाँटिए।
(i) श्याम घर से निकला और वर्षा होने लगी।
(ii) जैसे ही श्याम घर से निकला वैसे ही वर्षा होने लगी।
(iii) श्याम के घर से निकलते ही वर्षा होने लगी।
(iv) जब श्याम घर से निकला, वर्षा होने लगी।
उत्तर :
(i) श्याम घर से निकला और वर्षा होने लगी
(घ) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सही विकल्प को चुनिए।
1. रात को देर तक जागने से मेरे सिर में दर्द हो गया।
2. जब मैं रात को देर तक जागा, तो मेरे सिर में दर्द हो गया।
3. मेरे सिर में दर्द हो गया।
4. देर रात तक जागने से मेरे सिर में दर्द है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 2 सही है
(iii) 4 और 3 सही है
(iv) 1 और 4 सही है
उत्तर :
(ii) केवल 2 सही है
(ङ) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. मोनिका मिठाई खरीदने बाजार जा रही है। | 1. संयुक्त वाक्य |
B. मोनिका बाजार जा रही है और मिठाई खरीदेगी। | 2. मिश्रित वाक्य |
C. मोनिका इसलिए बाजार जा रही है, ताकि मिठाई खरीद सके। | 3. सरल वाक्य |
कूट
A B C
(i) 2 3 1
(ii) 1 2 3
(iii) 3 1 2
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(iii) A-3, B-1, C-2
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. पल्लवी से दौड़ा नहीं जाता। | 1. कर्तृवाच्य |
B. पल्लवी दौड़ नहीं सकती है। | 2. कर्मवाच्य |
C. पल्लवी द्वारा दौड़ा जाता है। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 2 1 3
(ii) 3 1 2
(iii) 3 2 1
(iv) 1 2 3
उत्तर :
(ii) A-3, B-1, C-2
(ख) निम्नलिखित में से कर्तृवाच्य वाला वाक्य छँटिए।
(i) कारखाना बंद करा दिया गया।
(ii) दिनेश शिकार करता है।
(iii) गोपाल से पत्र लिखा जाता है।
(iv) बच्चे से भागा नहीं गया।
उत्तर :
(ii) दिनेश शिकार करता है।
(ग) “हम इस खुले मैदान में दौड़ सकते है।” इसका भाववाच्य होगा
(i) हम दौड़ सकते हैं इस खुले मैदान में।
(ii) हम इस खुले मैदान में दौड़ सकेंगे।
(iii) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जाएगा।
(iv) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जा सकता है।
उत्तर :
(iv) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जा सकता है।
(घ) “मंत्री जी सभी का स्वागत कर रहे थे।” कर्मवाच्य में परिवर्तित कीजिए।
(i) मंत्री ज़ी ने सभी का स्वागत किया।
(ii) मंत्री जी से सभी का स्वागत कराया गया।
(iii) मंत्री जी द्वारा सभी का स्वागत किया गया।
(iv) सभी का स्वागत मंत्री जी के द्वारा करवाया गया।
उत्तर :
(iii) मंत्री जी द्वारा सभी का स्वागत किया गया।
(ङ) भाववाच्य का उदाहरण है
(i) आओ, नौका विद्हार किया जा सके।
(ii) आओ, नौका विहार किया जाए।
(iii) आकर नौका विहार करें।
(iv) आओ, नौका विहार करते हैं।
उत्तर :
(ii) आओ, नौका विहार किया जाए।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) अरे! आप तो यहाँ बैठे हैं? रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) विस्मयादिबोधक अव्यय, आश्चर्यसूचक
(ii) समुच्चयबोधक, हर्षसूचक
(iii) परिमाणवाचक विशेषण, संबंधबोधक
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) अरे विस्मयादिबोधक अव्यय, आश्चर्यसूचक
(ख) गणतंत्र दिवस पर जगह-जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘दिवस’
(ii) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘दिवस’
(iii) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिग, विशेष्य ‘दिवस’
(iv) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिग, विशेष्य ‘दिवस’
उत्तर :
(iii) गणतंत्र गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘दिवस’
(ग) शहनाई की इसी मंगल ध्वनि के नायक बिस्मिल्ला खाँ थे। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(ii) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(iii) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुबचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(iv) सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
उत्तर :
(i) इसी सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य ‘मंगल ध्वनि’
(घ) बच्चे उधर खेल रहे हैं। रेखांकित अंश का पद परिचय है
(i) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘बेल रहे हैं’
(ii) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘ खेल रहे है”
(iii) परिमाणवाचक क्रिया, विशेष्य क्रिया ‘खेल रहे हैं’
(iv) कालवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘खेल रहे हैं’
उत्तर :
(i) उधर स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘खेल रहे हैं’
(ङ) अधिक लोग यहाँ नहीं आए। यहाँ पानी अधिक है। दोनों वाक्यों के ‘अधिक’ का सामान्य पद परिचय होगा
(i) पहला अधिक-निश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा अधिक-गुणवाचक विशेषण
(ii) पहला अधिक-अनिश्चयवाचक सर्बनाम, दूसरा अधिक-परिमाणवाचक विशेषण
(iii) पहला अधिक-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा अधिक-परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
(iv) पहला अधिक-निश्चितवाचक विशेषण, दूसरा अधिक-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
उत्तर :
(iii) पहला अधिक-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा अधिक-परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘चाहनहार सुवर्ण के, कविजन और सुनार’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत पंक्ति में सुवर्ण शब्द के दो अर्थ निकलकर आ रहे हैं, सुवर्ण-सुंदर और साफ रंग, सुवर्ण-सोना (धातु)। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ख) ‘सखि! सोहत गोपाल के उर गुंजन की माल।
बाहर लसत मनो पिए दावानल की ज्वाल।।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रेक्षा प्रस्तुत पंक्ति में उपमेय ‘गुंजन की माल’ में उपमान ‘ज्वाला’ की संभावना प्रकट की गई है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ग) ‘रावण सर सरोज बनचारी।
चलि रघुवीर सिलीमुख।।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्त्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति प्रस्तुत पंक्तियों में सिलीमुख शब्द के दो अर्थ निकल रहे हैं। इस शब्द का पहला अर्थ बाण एवं दूसरा अर्थ भ्रमर है। अतः यहाँ अतिशियोक्ति अलकार है।
(घ) ‘खुले बाल, खिले बाल चंदन की टीको लाल। ‘ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अविशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष पंक्ति में बाल शब्द दो बार आया है, जिनमें से पहले का अर्थ है- खुले हुए सिर के बाल और दूसरे का अर्थ है- बालक अर्थात् यहाँ पर श्लेष अलंकार है।
(ङ) ‘फूल हँसे कलिया मुस्काई।’ इस काव्य-पंवित में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण प्रस्तुत पंक्ति में फूल व कलियों पर मानवीय क्रियाओं (हंसना व मुस्कुराना) का आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सवीधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
अब हालदार साहब को बात कुछ-कुछ समझ में आई। एक चश्मे वाला है, जिसका नाम कैप्टन है। उसे नेताजी की बगैर चश्मे वाली मूर्ति बुरी लगती है, बल्कि आहत करती है, मानो चश्मे के बगैर नेताजी को असुविधा हो रही हो। इसलिए वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से एक नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है, लेकिन जब कोई ग्राहक आता है और उसे वैसे ही फ्रेम की दरकार होती है जैसा मूर्ति पर लगा है, तो कैप्टन चश्मे वाला मूर्ति पर लगा क्रेम संभवत: नेताजी से क्षमा माँगते हुए लाकर ग्राहक को दे देता है और बाद में नेताजी को दूसरा फ्रेम लौटा देता है। वाह! भई खूब! क्या आइडिया है। लेकिन भाई! एक बात अभी भी समझ में नहीं आई। हालदार साहब ने पान वाले से फिर पूछा, नेताजी का ओरिजिनल चश्मा कहाँ गया? पान वाला दूसरा पान मुँह में ढूँस चुका था। दोपहर का समय था, ‘दुकान’ पर भीड़-भाड़ अधिक नहीं थी। वह फिर आँखों-ही-आँखों में हँसा। उसकी तोंद थिरकी। कत्ये की डंडी फेंक, पीछे मुड़कर उसने नीचे पीक थूकी और मुसकराता हुआ बोला, मास्टर बनाना भूल गया।
(क) हालदार साहब को किस विषय पर बात कुछ-कुछ समझ में आई थी?
(i) कैप्टन नाम एक चश्मे वाले का है
(ii) कैप्टन नाम का चश्मे वाला मूतिं पर चश्मे लगाता है
(iii) मूर्ति नेताजी सुभाषचंद्र बोस की थी
(iv) पान वाला कैप्टन चश्मे वाले के बारे में जानता था
उत्तर :
(ii) कैप्टन नाम का चश्मे वाला मूर्ति पर चश्मे लगाता है हालदार साहब चौराहे से गुजरते हुए प्रतिदिन नेताजी की मूर्ति पर नया चश्मा लगा देखते थे। यह बात उनकी समझ में नहीं आई। अतः उन्होंने चौराहे पर ही एक पान की दुकान वाले से इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि यह सब कैप्टन चश्मे वाला करता है।
(ख) कैप्टन को आहत करता/करती है
(i) नेताजी की बगैर चश्मे की मूर्ति
(ii) नेताजी की चश्मे वाली मूर्ति
(iii) मूति का रंग-रूप
(iv) मूर्ति का बदलता चश्मा
उत्तर :
(i) नेताजी की बगैर चश्मे की मूर्ति प्रस्तुत गद्यांश में एक चश्मे वाला जिसका नाम कैप्टन है, उसे नेताजी की बगेर चश्मे वाली मूर्ति आहत (दु:खी) करती है। उसे मूर्ति को बिना चश्मे के देखकर ऐसा लगता था कि मानो नेताजी को असुविधा हो रही हो।
(ग) कैप्टन चश्मे वाला मूर्ति से चश्मे कब बदलता था?
(i) जब ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आ जाता था
(ii) जब मूर्ति पर लगा चश्मा टूट जाता था
(iii) जब वह चश्मा लगाना भूल जाता था
(iv) जब उसके पास चश्मे ज्यादा होते थे
उत्तर :
(i) जब ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आ जाता था कैप्टन चश्मे वाले की दुकान में गिने-चुने ही चश्मे के फ्रेम थे, परंतु जब भी किसी ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा पसंद आ जाता, तो वह मूर्ति पर लगे चश्मे को ग्राहक को दे देता था तथा उस पर दूसरा चश्मा लगा देता था।
(घ) चश्मेवाला नेताजी से क्षमा क्यों माँगता था?
(i) दूसरा चश्मा पहनाते हुए
(ii) चश्मा बेचते हुए
(iii) उनके पास बैठते हुए
(iv) मूर्ति के पास से जाते हुए
उत्तर :
(i) दूसरा चश्मा पहनाते हुए ग्राहक द्वारा मूर्ति पर लगा चश्मा मीगने पर कैप्टन चश्मे वाला उसे मूर्ति पर लगा चश्मा देकर वहाँ (मूर्ति के चेहरे पर) दूसरा चश्मा पहना देता था। ऐसा करते हुए वह नेताजी से क्षमा मॉग लिया करता था, क्योंकि उसे लगता था कि नेताजी की मूर्ति से चश्मा उतारने पर तथा दूसरा चश्मा लगाने पर नेता जी को कष्ट होता होगा।
(ङ) कथन (A) कैप्टन चश्मे वाले की दुकान की विशेषता है।
कारण (R) कम सामान वाली छोटी-सी चश्मे की दुकान है।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों ही गलत हैं।
उत्तर :
(ii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R क्थन A की सही व्याख्या है कैप्टन चश्मे वाले की दुकान कस्बे के छोटे-से बाजार में थी तथा वह दुकान बहुत छोटी थी और उसमें सामान अर्थात् चश्मे के फ्रेम्म मी गिने चुने ही थे।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर बताइए कि मुहर्रम के दिन बिस्मिल्ला खों की आँखें नम क्यों रहती हैं?
(i) मुहर्रम के दिन शहनाई न बजा पाने के कारण
(ii) लंबी यात्रा से होने वाली थकान के कारण
(iii) दूसरों के दु:ख-दर्द देखने के कारण
(iv) इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोगों की शहादत के कारण
उत्तर :
(iv) इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोगों की शहादत के कारण मुहर्रम के दिन बिस्मिल्ला खां की आँखें नम रहती थीं, क्योंकि इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोगों की शहादत उन्हें उनकी याद में रोने को मजबूर कर देती थी।
(ख) नवाब साहब खीरे को बाहर फेंककर क्यों लेट गए?
(i) वे खीरे की तैयारी व इस्सेमाल से थक गए थे
(ii) उन्हें खीरा खाकर नींद आ गई थी
(iii) वे लेखक को अपने खानदानी शौक दिखाना चाहते थे
(iv) खीरा खाकर उनका पेट भर गया था
उत्तर :
(i) वे खीरे की तैयारी व इस्तेमाल से थक गए थे नवाब साहब खीरे को बाहर फेंककर लेट गए, क्योंकि वे खीरे को काटने, उस पर नमक-मिर्च बुरकने आदि की तैयारी व इस्तेमाल से थक गए थे।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा। बार बार मोहि लागि बोलावा।।
सुनत लखन के बचन कठोरा। परसु सुधारि धरेउ कर घोरा।
अब जनि देइ दोसु मोहि लोगू। कटुबादी बालकु बधजोगू।।
बाल बिलोकि बहुत मैं बाँचा। अब बेहु मरनिहार भा साँचा।।
कौसिक कहा छमिअ अपराधू। बाल दोष गुन गनहिं न साधू।
खर कुठार मैं अकरुन कोही। आगे अपराधी गुरुद्रोही।।
उतर देत छोड़ौं बिनु मारे। केवल कौसिक सील तुम्हारे।।
न त येहि काटि कुठार कठोरे। गुरहि उरिन होतेउँ श्रम थोरे।।
(क) काव्यांश के आधार पर बताइए कि लक्ष्मण के किस कथन से उनकी निडरता का परिचय मिलता है?
(i) परशुराम से यह कहना कि बार-बार आवाज़ लगाकर काल को मेरे लिए बुला रहे हो
(ii) कड़वे कथन बोलने से
(iii) अपराध करने से
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(i) परशुराम से यह कहना कि बार-बार आवाज़ लगाकर काल को मेरे लिए बुला रहे हो लक्ष्मण परशुराम से कहते हैं कि ऐसा लगता है कि आप बार-बार हाँक (आवाज) लगाकर काल (मृत्यु) को मेरे लिए बुला रहे हैं। इस कथन से लक्ष्मण की निडरता का परिचय मिलता है।
(ख) परशुराम ने क्रोध आने पर लक्ष्मण के बारे में क्या कहा?
(i) कटु बोलने वाला यह बालक मारे जाने योग्य है
(ii) मृु बोलने वाले इस बालक को मैं जीवित छोड़ दूंगा
(iii) अहंकारी वचन बोलने वाले इस बालक को मरना होगा
(iv) निर्भयी पुरुष की तरह बात करने वाला यह बालक कौन है?
उत्तर :
(i) कटु बोलने वाला यह बालक मारे जाने योग्य है परशुराम ने सभा में उपस्थित सभी लोगों से कहा कि इतना कटु बोलने वाला यह बालक अब निश्चय हीं मारे जाने योग्य है।
(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि परशुराम के क्रोध को देखकर विश्वामित्र ने क्या कहा?
(i) लक्ष्मण अभी नादान है
(ii) अपराध क्षमा कीजिए
(iii) आप अधिक क्रोध न करें
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) अपराध क्षमा कीजिए काव्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि परशुराम के अधिक क्रोध को देखकर विश्वामित्र ने हाथ जोड़कर कहा-अपराध क्षमा कीजिए।
(घ) परशुराम लक्ष्मण पर क्यों क्रोधित हो गए?
(i) लक्ष्मण के कठोर वचन सुनकर
(ii) लक्ष्मण की व्यंग्य भरी बातें सुनकर
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) शिव धनुष टूटने से
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों लक्ष्मण के कठोर वचन तथा व्यंग्य भरी बातें सुनकर परशुराम उन पर क्रोधित हो गए।
(ङ) काव्यांश के आधार पर बताइए कि गुरु के ऋण से कौन और कैसे मुक्त होना चाहता है?
(i) लक्ष्मण जी परशुराम के साथ युद्ध कर
(ii) श्रीराम जी क्षमा माँगकर
(iii) परशुराम जी लक्ष्मण को मारकर
(iv) राजा जनक बीच सभा को छोड़कर
उत्तर :
(iii) परशुराम जी लक्ष्मण को मारकर परशुराम जी विश्वामित्र से कहते हैं कि तुम्हारे कारण में इसे छोड़ रहा हूँ अन्यथा मैं लक्ष्मण को मारकर गुरु के ऋण से मुक्त हो जाऊँंगा।
प्रश्न 10.
पाठ्ययुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘अट नहीं रही है’ कविता के माध्यम से कवि किस ओर आकर्षित करना चाहता है
(i) फागुन की सुंदरता बढ़ नहीं रही है
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है
(iii) चारों ओर फूल खिल नहीं पा रहे हैं
(iv) पेड्ड-पौधे वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं
उत्तर :
(ii) फागुन की सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है ‘अट नहीं रही है’ कविता के माध्यम से कवि सभी का ध्यान फागुन की प्राकृतिक सुंदरता अर्थात् सुषमा की ओर आकर्षित करना चाहता है। कवि कहता है कि फागुन की प्राकृतिक सुषमा इतनी अद्भुत है कि उसकी सुंदरता कहीं भी समा नहीं रही है।
(ख) ‘पद’ में उद्धव के व्यवहार की तुलना किससे की गई है?
(i) कमल के उस पत्ते से जो पानी के अंदर रहते हुए भी पानी व कीचड़ के दाग-धब्बों से अछूता रहता है
(ii) जल में रखी तेल की मटकी से
(iii) (i) और (ii) दोनों
(iv) उपरोक्त में से कोई नही
उत्तर :
(iii) (i) और (ii) दोनों ‘पद’ में उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के उस पत्ते से की गई है, जो पानी के अंदर रहते हुए भी पानी व कीचड़ के दाग-धब्बों से अछूता रहता है। दूसरा, जल में रखी हुई तेल की उस मटकी से, जिसकी एक बूँद का भी प्रभाव जल पर नहीं पड़ता है।
खंड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में शासन तंत्र की कार्य प्रणाली पर व्यंग्य किया गया है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में लेखक ने नगरपालिका की कार्यपद्धति पर व्यंग्य किया है कि नगरपालिका का बहुत सारा समय असमंजस में तथा चिट्ठी-पत्री जैसी औपचारिकताओं में नष्ट हो जाता है, जिसके कारण कार्य होने में विलंब हो जाता है। अंत में जल्दबाज़ी में कार्य ठीक ढंग से भी नहीं किया जाता। तात्पर्य यह है कि नगरपालिका की कार्यपद्धति में औपचारिकता तथा दिखावे को ही अधिक महत्त्व दिया जाता है।
(ख) बालगोबिन भगत का अपने खेत की पैदावार को कबीरपंथी मठ पर जाकर चढ़ा देना क्या प्रकट करता है? पाठ ‘वालगोबिन भगत’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
‘बालगोबिन भगत’ के खेतों में जो पैदावार होती थी, वह उसे कबीरपंथी मठ में भेंट के रूप में चढ़ा देते थे। वहीं से जो कुछ प्रसाद के रूप में मिलता था, उसी से अपने और अपने परिवार का गुजारा करते थे। इससे यह प्रकट होता है कि वह कबीर के भक्त थे और उन्हीं को अपना साहब मानते थे, उनका आदर करते थे तथा अपनी सभी वसतुओं पर उनका अधिकार समझते थे।
(ग) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर लेखिका की माँ के स्वभाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखिका की माँ का स्वभाव अपने पति जैसा नहीं था। वह एक अनपढ़ महिला थी। वह अपने पति के क्रोध को चुपचाप सहते हुए स्वयं को घर के कामों में व्यस्त किए रहती थी। अनपढ़ होने पर भी लेखिका की माँ धरती से भी अधिक घैर्य और सहनशीलता वाली थी। उन्होंने अपने पति के सभी अत्याचारों को भाग्य समझा। उन्होंने परिवार में किसी से कुछ न मांगा, बल्कि दिया ही दिया है।
(घ) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि नवाब साहब का व्यवहार किस वर्ग पर व्यंग्य करता है?
उत्तर :
‘लखनवी अंदाज’ के पात्र नवाब साहब का व्यवहार पतनशील सामंती वर्ग और उसकी बनावटी जीवन-शैली पर व्यंग्य करता है। नवाब बनावटी जीवन-शैली अपनाने में विश्वास करते हैं और इसी में अपना पूरा जीवन बिता देते है। उन्हें जीवन के यथार्थ और कड़वी सच्चाइयों से कोई सरोकार नहीं होता। नवाब साहब वास्तविकता से बेखबर कृत्रिम जीवन जीने में विश्वास करते हैं तथा सामान्य जीवन से कोसों दूर रहते हुए स्वयं को विशिष्ट श्रेणी का सदस्य मानते हैं।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।
(2 × 3 = 6)
(क) लक्ष्मण और परशुराम के मध्य हुए वाद-विवाद का क्या कारण था? ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
लक्षमण श्रीराम के छोटे भाई थे। अपने बड़े भाई श्रीराम के प्रति उनकी अपार श्नद्धा थी। परशुराम सभा में आकर राम पर क्रोध कर रहे थे और उन्हें शिवधनुष भंग करने का अपराधी मान रहे थे। अपने बड़े भाई का पक्ष लेने के लिए लक्ष्मण के लिए परशुरामजी से वाद-विवाद करना आवश्यक हो गया था।
(ख) कवि ने बादलों की सुंदरता का बखान किस प्रकार किया है? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर वर्णन कीजिए।
उत्तर :
कविता के अनुसार बादल सुंदर, काले और घुंघराले बालों जैसे हैं। उनके छ्दय में बिजली का निवास है। वे अपनी भयंकर गर्जना से उत्साह प्रकट करते हैं। ये वर्षा करके सभी को नया जीवन प्रदान करते हैं और साथ-ही पीड़ित-प्यासे मनुष्य की इच्छाओं को भी पूरा करते हैं।
(ग) ‘आत्मकथ्य’ पाठ के आधार पर कवि अपने जीवन की दुर्बलताओं को क्यों नहीं बताना चाहता था?
उत्तर :
कवि अपने जीवन की दुर्बलताओं को किसी से नहीं कहना चाहता था, क्योंकि उसके जीवन में सुख के पल कभी नहीं आए। उसका जीवन अभावों से भरा था, जिसे सुनकर किसी को भी सुख प्राप्त नहीं होगा, अपितु वह उनके मध्य हैंसी का पात्र बनेगा।
(घ) ‘भ्रमर गीत’ में सूरदास ने गोपियों की विरह-विवशता को कैसे प्रकट किया है?
उत्तर :
‘भ्रमर गीत’ में सूरदास ने उद्द्रव द्वारा ज्ञान योग का संदेश देते ही गोपियाँ उपालंभ देती हुई अपनी विरह-विवशता प्रकट करती हैं। गोपियाँ कहती हैं कि हमारे मन की बात मन में ही रह गई। अब तक मिलने की आस में हम समय व्यतीत कर रही थीं, परंतु कृष्ण के ज्ञान योग संदेश ने उस विरह की अग्नि की और अधिक बढ़ा दिया है। गोपियों ने कहा कि वे तो रात-दिन, सोते-जागते कृष्ण का नाम जपती हैं।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) लेखक के मन में हिरोशिमा पर गिरे अणु बम के कारण विज्ञान के इस दुरुपयोग के प्रति विद्रोह था। उसके मन में एक विवशता का जन्म हुआ। ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर लेखक की इस भीतरी विवशता का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
लेखक की भीतरी विवशता का वर्णन करना बड़ा कठिन है। लेखक विज्ञान का विद्यार्थी रहा है और उसकी नियमित शिक्षा भी विज्ञान विषय में ही हुई है। अणु का सैद्धांतिक झान लेखक को पहले से ही था, परंतु जब हिरोशिमा में अणु बम गिरा, तब लेखक ने उससे संबंधित खबरें पढ़ीं, साथ ही उसके परवर्ती प्रभावों का विवरण भी पढ़ा। विज्ञान के इस दुरुपयोग के प्रति बुद्धि का विद्रोह स्वाभाविक था। लेखक ने इसके बारे में लेख आदि में कुछ लिखा भी, पर अनुभूति के स्तर पर जो विवशता होती है, वह बौद्धिक पकड़ से आगे की बात है।
(ख) पर्यावरण को संरक्षित करना मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है। इसे संरक्षित करने में आपकी क्या भूमिका हो सकती है? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ को दृष्टि में रखते हुए उत्तर लिखिए।
उत्तर :
पर्यावरण को संरक्षित करना हमारा नैतिक कर्त्तव्य है। हम इस कार्य में निम्न प्रकार से अपना योगदान दे सकते हैं
(i) हमें अपने शहर को हरा-भरा तथा प्रदूषण रहित बनाने के लिए अधिक-से-अधिक संख्या में पेड़ लगाने चाहिए। हमें सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने में सरकार का सहयोग करना चाहिए।
(ii) सभी प्रकार के प्रदूषणों को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करना चाहिए; जैसे-सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का प्रयोग करना, नदियों में कूड़ा न फेंकना आदि।
(iii) समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण के अभियान चलाकर अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करना होगा।
(ग) बच्चे आपस में हुए झगड़े, रोना-धोना आदि को मन में अधिक देर तक नहीं रखते। ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर इस कथन पर उदाहरण सहित अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘माता का अँचल’ पाठ में भोलानाथ और उसके मित्र बाग में बिच्छू को देखकर डर गए और भागकर आ रहे थे कि रास्ते में उन्हें मूसन तिवारी नामक एक व्यक्ति मिल गया। मोलानाथ का मित्र बैजू उन्हें चिढ़ाकर बोला-‘ बढढ़ा बेईमान लागे करैला का चोखा। उसकी मित्र मंडली ने भी उसका साथ दिया और उन्हें चिढ़ाने लगे। इस पर मूसन तिवारी ने उन्हें पकड़ने के लिए चार लड़कों को भेजा। बैजू तो वहाँ से भाग गया, किंतु भोलानाथ पकड़ा गया। पाठशाला के गुरुजी ने भोलानाथ को बहुत डाँटा। जब यह बात उसके पिता को पता चली तो वे उसे पाठशाला से लेने गए। पिता को देखकर भोलानाथ जोर-जोर से रोने लगा, परंतु रास्ते में घर जाते समय पुन: अपनी मित्र मंडली देखकर वह अपना रोना-थोना तथा पीड़ा को भूलकर उनमें जा मिला। इस घटना से स्पष्ट होता है कि बच्चे रोना-चोना, पीड़ा, आपसी झगड़े ज्यादा देर तक अपने साथ नहीं रख सकते हैं।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6)
(क) समय का सदुपयोग
संकेत बिंदु
- भूमिका
- समय की उपेक्षा का परिणाम
- सफल जीवन का रहस्य
- समय की उपयोगिता के लाभ
उत्तर :
समय का सदुपयोग
समय के सदुपयोग का अर्थ है-समय का सही उपयोग। दूसरे शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि सही समय पर सही कार्य करना ही ‘समय का सदुपयोग’ कहलाता है। किसी भी प्रकार की सफलता का रहस्य समय का सदुपयोग है। समय वह धन है, जिसका दुरुपयोग करने से पछतावे के अतिरिक्त और कुछ नहीं मिलता।
समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य निहित है। समय सभी के लिए समान रहता है-चाहे वह निर्धन हो या धनवान, राजा हो या रंक, मूर्ख हो या विद्वान्। इसलिए सभी को अपना जीवन सफल और सार्थक बनाने हेतु समय का सदुपयोग करना ही पड़ता है। आज तक जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं, सभी ने समय के महत्त्व को एक मत में स्वीकार किया है। समय का सदुपयोग सामान्य व्यक्ति को भी महान् बना देता है और महान् व्यक्ति को भी अत्यंत सामान्य।
किसी विचारक ने ठीक ही कहा है कि ‘जो व्यक्ति समय को बर्बाद करते है, एक दिन समय उन्हें बर्बाद कर देता है। अंग्रेजी में भी समय को धन कहा गया है। जो व्यक्ति इस धन को यूँ ही लुटाता रहता है, वह एक दिन समय का रोना रोता है, किंतु बाद में पछताने से कुछ नहीं होता है। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। खोया हुआ धन, पुन: अर्जित किया जा सकता है। खोया हुआ वैभव, पुनः प्राप्त किया जा सकता है। खोया हुआ स्वास्थ्य, उचित चिकित्सा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। भूली हुई विद्या पुनः अर्जित की जा सकती है, किंतु समय को एक बार खोने के बाद उसे पुन: प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह निरंतर गतिशील है। अतः हमें इसके साथ कदम मिलाकर चलते रहुना चाहिए। अन्यथा हमें समय की उपेक्षा का दंड झेलना ही पड़ता है।
व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए अपना निश्चित कार्यक्रम बनाकर एवं एकाग्रचित्त होकर कार्य करना चाहिए, तब ही सफलता उसका वरण करेगी। प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना ही बुद्धिमानी है। अतः समय की महता को समझना व पहचानना चाहिए। महादेवी वर्मा ने भी लिखा है-
“तू मोती के द्वीप स्वप्न में रहा खोजता, तब तो बहता समय शिला-सा जम जाएगा”
(ख) खेलकूद का महत्त्व
संकेत बिंदु
- भूमिका
- समग्र व्यक्तित्व का विकास
- खेलकूद से लाभ
- खेलकूद की आवश्यकता
उत्तर :
खेलकूद का महत्त्व
बेलकूद मनुष्य के लिए वरदान स्वरूप माने जाते है। इससे व्यक्ति का मस्तिक्ष पूर्ण रूप से स्वस्थ रहता है। यदि व्यक्ति का मस्तिष्क स्वस्थ न रह, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है। किसी भी व्यक्ति का मस्तिक्क तभी स्वस्थ रह सकता है, जब उसका शरीर भी स्वस्थ रहें।
खेलकूद के अनेक लाभ हैं- इससे शरीर की मांसपेशियाँ एवं हड्डिडाँ मज़बूत रहती हैं। रक्त का संचार सुचारु रूप से होता है, पाथन क्रिज्या सुदृद रहती है, शरीर को अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलती है और खेलकूद से रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है।
खेल मनुष्य के शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है। अतः एक व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना आवश्यक है और खेल व्यायाम का एक ऐसा प्रकार है, जिसमें व्यक्ति का शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक मनोरंजन भी होता है। खेल से मानसिक तनावों को झेलने की क्षमता बढ़ती है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “यदि तुम गीता के मर्म को समझना चाहते हो, तो खेल के मैदान में जाकर फुटबॉल खेलो।” सचमुच जीवन में शिक्षा की भांति खेल के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता। खेल के महत्त्वपूर्ण होने के पश्चात् भी यदि व्यक्ति पेशेवर खिलाड़ी नहीं है, तो उसके लिए इस बात का ध्यान रखना अनिवार्य हो जाता है कि खेल को खेल के समय ही खेला जाए, काम के समय नहीं। इस प्रकार हम निष्कर्ष के रूप में कह सकते हैं कि मनुष्य के सर्वांगीण एवं संतुलित विकास के लिए खेलकूद को जीवन में पर्याप्त स्थान दिया जाना चाहिए।
(ग) विकास की देन दूषित पर्यावरण
संकेत बिंदु
- भूमिका
- विज्ञान के आविष्कार
- विकास के नकारात्मक प्रभाव
- पर्यावरण का बचाव
उत्तर :
विकास की देन दूषित पर्यावरण
पर्यावरण और विकास परस्पर जुड़े हुए हैं। पर्यावरण पर विचार किए बिना विकास के बारे में नहीं सोचा जा सकता। विकास एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। हालाँकि विकास के कुछ सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम होते हैं। यदि पर्यावरण पर विचार किए बिना विकास किया जाता है, तो इसका पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पर्यावरण से तात्पर्य वायु, जल और भूमि से है। इन सभी कारकों का मानव के साथ अंतरंबंध होता है। आज मनुष्य दिनों-दिन विकास के मार्ग में अग्रसर है, किंतु इस विकास के चलते वो अपना अस्तित्व ही खतरे में डाल रहा है तथा वह इस बात से अनभिज है।
ज्यों-ज्यों मानव सभ्यता का विकास हो रहा है, त्यों-त्यों पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। इसे बढ़ाने में मनुष्य के क्रिया-कलाप और उसकी जीवन-शैली काफी हद तक जिम्मेदार हैं। सभ्यता के विकास के साथ-साथ मनुष्य ने कई नए आविष्कार किए हैं, जिनसे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला है। आधुनिकीकरण एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण मनुष्य दिन-प्रतिदिन वनों की कटाई करते हुए खेती और घर के लिए जमीन को पेड़ों से खाली करता जा रहा है।
विज्ञान हर नए अनुसंधान के साथ मानव जीवन को अधिक सरल बनाता चला जा रहा है। आज विश्रान के बढ़ते चहुं ओर विकास के कारण मानव दुनिया के हर क्षेत्र में अग्रसर दिखाई दे रहा है। मानव ने विशान की सहायता से पृथ्वी पर उपलब्ब हर चीज़ को अपने काबू में कर लिया है। विशान की सहायता से आज हम ऊँचे आसमान में उड़ सकते हैं व गहरे पानी में सास ले सकते हैं। आज विज्ञान के नित नए आविष्कार हमारे जीवन में रोज चमत्कार उत्पन्न कर रहें हैं। आविष्कारों ने हमारे जीवन को जटिलता से सरलता की ओर ला दिया है, किंतु इसका हमें बहुत बड़ा नुकसान भी उताना पड़ रहा है और वो है-प्रदूषित पर्यावरण।
अंततः कहा जा सकता है कि किसी भी समाज के लिए विकास करना अपेक्षाकृत काफी कठिन होता है, किंतु विकास के साथ-साथ हमें अपने पर्यावरण का भी ध्यान रखना होगा, तभी विकास सफल कहलाएगा अन्यथा हमें दूषित वातावरण ही मिलेगा।
प्रश्न 15.
किसी एक विशय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
आप श्वेता तिवारी हैं। आपके शहर में बढ़ते मद्यपान के आंदोलन की शुरुआत करने के लिए दैनिक जागरण अ ब स नगर के संपादक को एक समाचार प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आप गौरव सिह हैं। आपको विद्यालय की ओर से खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मुंबई भेजा गया। खेल प्रतियोगिता के अपने अनुभव को बताते हुए अपने मित्र को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर :
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 17 मार्च, 20XX
सेवा में,
प्रधान संपादक
हिंदुस्तान,
नई दिल्ली।
विषय मद्यपान के विरुद्ध आंदोलन शुरू करने हेतु।
महोदय.
मैं आपके समाचार-पत्र की नियमित पाठिका हूँ। मुझे भली-भांति पता है कि आपका समाचार-पत्र सामाजिक दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वाह कर रहा है, इसलिए में आपसे आग्रह करती हूँ कि आप अपने प्रतिष्ठित एवं लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मध्धपान के विरुद्ध आंदोलन की शुरुआत करें। इससे मद्यपान के विरुद्ध जनमत जागृत करने में अत्यधिक सहायता मिलेगी। इस सामाजिक समस्या के विरुद्ध वातावरण बनाने की आवश्यकता है, ताकि इसका उन्मूलन किया जा सके। आशा है कि आप मेरे विचारों से सहमत होंगे और इस दिशा में यथासंभव प्रयास करेंगे।
सधन्यवाद।
भवदीया
श्वेता तिवारी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली!
दिनांक 16 मार्च, 20XX
प्रिय मित्र,
सपेम नमस्ते!
आशा है तुम कुशलपूर्वक होंगे। हम सब भी यहाँ पर कुशलतापूर्वक हैं। मैंने अपने विद्यालय की ओर से खेल प्रतियोगिता में भाग लिया था। इस खुशी और प्रतियोगिता के अनुभवों को तुम्हें बताना चाहता हूँ। हमारे विद्यालय की ओर से मेरे सहित पाँच विद्यार्थियों का चयन मुंबई में होने वाली बेसबोल राष्ट्रीय स्पर्द्धा के लिए किया गया। हम पाँचों खिलाड़ियों ने एक सप्ताह पहले मुंबई के लिए प्रस्थान किया। आयोजित स्थान पर अलग-अलग विद्यालयों के छात्र उपस्थित थे। हमारे साथ हमारे कोच भी थे। बेसबॉल की खेल प्रतियोगिता में हमने जी-जान लगाकर खेला और हम स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। हम सभी खिलाड़ी बहुत खुश थे। खेल प्रतियोगिता के बाद हमने मुंबई के अनेक स्थानों का भ्रमण किया। यह सात दिन हमारे लिए बहुत सुखद थे। वहाँ खींचे गए फ़ोटो मैं तुम्हें मिलने पर अवश्य दिखाऊँगा।
तुम्हारा प्रिय मित्र
गौरव सिंह
प्रश्न 16.
आप तरुण शर्मा हैं। आप एम.कॉम कर चुके हैं। आपको डी.ए.वी. स्कूल में अ ब स नगर कंप्यूटर अध्यापक पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। अथवा
आप सुनील जाँगिड हैं। आपने बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाया है, लेकिन आपको अभी तक चैक बुक नहीं मिली। इसके लिए शिकायत करते हुए बैंक प्रबंधक को चैक बुक भिजवाने के लिए लगभग 80 शब्दों में ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त –
नाम : तरुण शर्मा
पिता का नाम : श्री सुनील शर्मा
माता का नाम : श्रीमती राथा शर्मा
जन्म तिथि : 16 मार्च, 19XX
वर्तमान पता : डी-31, आनंदपुरी, एम डी रोड, जयपुर
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 01415468XX
मोबाइल नंबर : 78XXOCXXXX
ई-मेल :
[email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम.एस, ऑफिस, एक्सेल, इंटरनेट)
- अंग्रेजी भाषा का ज्ञान
उपलच्थियाँ
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय वर्ष 2014) में प्रथम पुरस्कार।
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राष्ट्रीय स्तर वर्ष 2017) में प्रथम पुरस्कार।
कार्येत्तर गतिविधियाँ और अभिरुचियाँ
- सांख्यिकी विभाग (राज्य सरकार) में तीन माह की जनगणना के आंकड़ों को एकत्र करने तथा उनका विश्लेषण करने से संबंधित प्रोजेक्ट किया।
- सामान्य ज्ञान से संबंधित पत्रिकाओं का नियमित पाठन किया।
- सामान्य पन्र का नियमित पाठन किया।
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- श्री मोहन लाल शर्मा, प्रिंसिपल, राजकीय विद्यालय, राजापार्क, जयपुर
- श्री दिकल्प गुप्ता, प्रोफेसर, राजस्थान कॉलेज, जयपुर।
तिथि : 6.10.20xx
स्थान : जयपुर
हस्ताक्षर
तरुण शर्मा
अथवा
प्रश्न 17.
आपके भाई ने एक कार ड्राइविंग सेंटर खोला है। वे प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप शिल्पा जैन हैं और आपके शहर में दीपावली के अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की सेल लगाई जा रही है, जिसके लिए अपने क्षेत्रवासियों को सूचित करने हेतु लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर :
अथवा
धमाका सेल संबंधी संदेश
अभिजीत इलेक्ट्रॉनिक शॉप
दिनांक : 18 नवंबर, 20XX
समय : 2:00 बजे दोपहर
आप सभी क्षेत्रवासियों को सूचित किया जाता है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद मोबाइल, टी.वी., फ्रिज, वॉशिंग मशीन आदि की धमाका सेल (20 नवंबर से 23 नवंबर तक)। सभी उत्पाद विभिन्न रंगों व डिजाइनों में उपलब्ध हैं। फ्री होम डिलीवरी की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके साथ ही HDFC Bank के क्रेडिट, डेबिट कार्ड पर $10 \%$ का इंस्टैंट डिस्काउण्ट भी दिया जा रहा है। जल्दी कीजिए ऑफर सीमित समय के लिए उपलब्ध है।
शिल्पा जैन