CBSE Class 7 Hindi निबंध-लेखन Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi . Here we have given NCERT Class 7 Hindi निबंध-लेखन.
CBSE Class 7 Hindi निबंध-लेखन
- निबंध निर्धारित शब्द-सीमा के अंतर्गत ही लिखा जाता है।
- निबंध के वाक्य क्रमबद्ध और सुसंबद्ध होने चाहिए तथा विचार मौलिक हो। निबंध की भाषा प्रभावशाली और विषयानुकूल हो तथा उसमें विराम-चिह्नों का यथास्थान प्रयोग किया जाता हो।
- निबंध दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर ही लिखा गया हो।
- निबंध में दिए गए संकेतों के आधार पर विषय वस्तु अलग-अलग अनुच्छेदों में व्यक्त हो। अनावश्यक बातों का वर्णन निबंध में नहीं होना चाहिए।
निबंध चार प्रकार के होते हैं-
- विचारात्मक निबंध
- भावात्मक निबंध
- वर्णनात्मक निबंध
- विवरणात्मक निबंध।
1. समाज, साहित्य, राजनीति, धर्म आदि विषयों पर जब अपने विचार रखे जाते हैं तो वे विचारात्मक निबंध कहलाते हैं।
2. जब व्यक्तिगत या सामाजिक अनुभवों को रोचक व भाव प्रधान ढंग से लिखा जाता है तो वे भावात्मक निबंध कहलाते हैं।
3. प्राकृतिक दृश्य, मेला, घटना आदि का वर्णन पर आधारित निबंध, वर्णनात्मक निबंध कहलाते हैं।
4. ऐतिहासिक स्थल, संस्मरण या काल्पनिक घटनाओं पर आधारित निबंध विवरणात्मक निबंध कहलाते हैं।
निबंध के अंग
1. भूमिका/प्रस्तावना –
किसी विषय का प्रारंभिक परिचय देते हुए एक अनुच्छेद में जो पंक्तियाँ लिखी जाती हैं उन्हें भूमिका कहते हैं। इसे ही प्रस्तावना भी कहते हैं। भूमिका सारगर्भित होने के साथ-साथ कौतूहल और जिज्ञासा जगाने वाली होनी चाहिए।
2. विषय विस्तार/प्रतिपादन –
इसमें विषय की पूरी तरह जाँच-पड़ताल की जाती है। उसमें कई अनुच्छेद होने चाहिए।
3. उपसंहार –
निबंध में कही कई बातों को सार रूप में प्रस्तुत कर विषय का निष्कर्ष निकाला जा सकता है या पाठकों को एक संदेश दिया जा सकता है।
1. समय का सदुपयोग
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।।
पल में परलै होयगी, बहुरि करोगे कब।
2. गणतंत्र दिवस
भारत की पवित्र भूमि पर अनेक पर्व तथा उत्सव मनाए जाते हैं। इन पर्वो का अपना विशेष महत्त्व होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वो के अतिरिक्त कुछ ऐसे पर्व हैं जिनका संबंध सारे राष्ट्र के जन-जीवन से होता है। इन्हें ‘राष्ट्रीय पर्व’ कहते हैं। 26 जनवरी इन्हीं में से एक है। यह भी एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय त्योहार है। इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र का अर्थ है- जनता का राज्य। यह दिन हमारे लिए बड़ा शुभ है। इस दिन हमारा देश गणतंत्र बना था। भारत को स्वतंत्रता तो 15 अगस्त 1947 को ही मिल गई थी, परंतु जब सारे नियम बनाकर संविधान की पुस्तक तैयार कर दी गई तब 26 जनवरी 1950 के दिन भारत को पूरी तरह से स्वतंत्र गणतंत्र बना दिया गया। सारे संसार में इसकी घोषणा हो गई। भारत 26 जनवरी 1950 में पूरी तरह से स्वतंत्र है और यहाँ जनता का अपना राज्य है। कोई भी मनुष्य भारत का राष्ट्रपति बन सकता है। सबसे पहले राष्ट्रपति डॉ० राजेंद्र प्रसाद थे। वे बिहार के एक गाँव के किसान के लड़के थे, परंतु अपनी योग्यता के कारण राष्ट्रपति बने थे।
3. होली
रंगों का त्योहार होली वसंत ऋतु के आगमन का संदेशवाहक है। इसे वसंत का यौवन कहा जाता है। हमारे पूर्वजों ने होली के उत्सव को आपसी प्रेम का प्रतीक माना है। इसमें छोटे-बड़े सभी मिलकर पुराने भेद-भाव को भुला देते हैं। होली हँसी-खुशी का त्योहार है। यह एकता, भाई-चारे, मिलन और खुशी का प्रतीक है।
4. हमारा देश-भारत वर्ष
भारत एक अत्यंत प्राचीन देश है जो कभी ‘सोने की चिड़िया’ कहलाता था। यह देश ऋषि-मुनियों साधु-संतों, महापुरुषों आदि का देश है। स्वयं भगवान ने भी इसी देश में अवतार लिया। यह देश देवताओं का भी दुलारा है। राजा दुष्यंत के पुत्र के नाम पर इसका नाम ‘भारत’ पड़ा। यह एक विशाल देश है। जनसंख्या के आधार पर यह संसार में दूसरे नंबर पर है। यह हमारी प्रिय मातृ भूमि है। भारत की प्राकृतिक बनावट एवं इसकी संपदा अद्भुत है। भारत के उत्तर में हिमालय है और शेष तीन ओर समुद्र हैं। यहाँ पर अनेक पर्वत, नदियाँ, मैदान और मरुस्थल हैं।
5. विद्यार्थी जीवन
भारतीय संस्कृति में मानव जीवन को चार अवस्थाओं या आश्रमों में विभक्त किया गया है- ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम, तथा संन्यास आश्रम। जन्म से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के काल को ब्रह्मचर्य आश्रम कहा जाता था। यही विद्यार्थी जीवन है। इस काल में विद्यार्थी को गुरुकुल में रहकर विद्याध्ययन करना पड़ता था। विद्यार्थी जीवन मनुष्य जीवन
की सबसे अधिक मधुर तथा सुनहरी अवस्था है। विद्यार्थी जीवन सारे जीवन की नींव है। अतः मानव जीवन की सफलताअसफलता विद्यार्थी जीवन पर ही आश्रित है। इसी काल में भावी जीवन की भव्य इमारत की आधारशिला का निर्माण होता है। यह आधारशिला जितनी मजबूत होगी, भावी जीवन भी उतना ही सुदृढ़ होगा। इस काल में विद्याध्ययन तथा ज्ञान प्राप्ति पर ध्यान न देने वाले विद्यार्थी जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पाते।
विद्यार्थी को संयमी होना पड़ता है। व्यसनों में फँसने वाले विद्यार्थी कभी उन्नति नहीं कर सकते। शिक्षकों तथा माता-पिता के प्रति आदर और श्रद्धा भाव रखना विद्यार्थी के लिए नितांत आवश्यक है। अनुशासन प्रियता, नियमितता, समय पर काम करना, उदारता, दूसरों की सहायता, पुरुषार्थ, सत्यवादिता, देश-भक्ति आदि विद्यार्थी जीवन के आवश्यक गुण हैं। इन गुणों के विकास
के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। इसके लिए उन्हें कुसंगति से बचना चाहिए तथा आलस्य का परित्याग करके विद्यार्थी जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए। आज के विद्यार्थी वर्ग की दुर्दशा के लिए वर्तमान शिक्षा पद्धति भी जिम्मेदार है। अतः उसमें परिवर्तन आवश्यक है।
6. विज्ञान-वरदान या अभिशाप
आधुनिक युग विज्ञान का युग कहलाता है। विज्ञान ने अनेक चमत्कारिक आविष्कार किए हैं। इसने मनुष्य के व्यक्तिगत, सामाजिक तथा आर्थिक जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन ला दिए हैं। आज मनुष्य चंद्रमा और अन्य ग्रहों-उपग्रहों तक पहुँचकर अपनी कीर्ति-पताका फहरा रहा है। यह सब विज्ञान की ही देन है।
7. मित्रता
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। मनुष्य को जीवन में अनेक वस्तुओं की आवश्यकता होती है। वह अपनी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा नहीं कर सकता है। अतः उसे दूसरे लोगों की सहायता की जरूरत पड़ती है। यही आवश्यकता मित्रता को जन्म देती है। मित्रता अनमोल धन है। इसकी तुलना हीरे-मोती या सोने-चाँदी से नहीं की जा सकती। एक सच्चा और प्रिय मित्र वही है जो सुख-दुख में साथ दे। सच्चे मित्रों के बीच किसी भी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थिति के कारण व्यवधान नहीं हो सकता। मित्रता मनुष्य के हृदय को जोड़ती है, प्राणों के तार मिलाती है।
8. दशहरा (विजयादशमी)
‘दशहरा’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘दस सिरों का हारना’ क्योंकि श्रीराम ने रावण को जिसके दस सिर थे, हरा दिया था, इसलिए इसका नाम ‘दशहरा’ पड़ गया। इसके अतिरिक्त इस पर्व को ‘विजयदशमी’ भी कहा जाता है। यह त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। दशहरा धर्म की अधर्म पर तथा न्याय की अन्याय पर विजय का प्रतीक है। इस समय वर्षा की ऋतु के बाद शरद् ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन श्रीराम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके विजय प्राप्त की थी। रावण पर विजय प्राप्त करने की स्मृति में यह त्योहार मनाया जाता है।
9. ‘प्रदूषण’
‘प्रदूषण’ शब्द में दो शब्द मिले हैं-प्र + दूषण अर्थात दूषयुक्त। प्रदूषण का साधारण अर्थ है पर्यावरण के संतुलन का दोषपूर्ण हो जाना। प्रदूषण के कारण ही जल, थल और वायु दूषित हो गई है।
True
10. वसंत ऋतु
शीतल मंद सुगंध पवन हर लेता श्रम है। पेड़ ऋतुओं का विविध दृश्ययुक्त अद्भुत क्रम है। धन्य है भारतीय जो स्वर्ग से भी सुंदर धरा पर निवास करते हैं। भारत में छह ऋतुएँ पाई जाती हैं- वर्षा, शरद, शिशिर, हेमंत, वसंत और ग्रीष्म। सभी ऋतुओं की अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं। अपनी-अपनी सुंदरता है। इन सभी ऋतुओं में वसंत ऋतु सबसे सुंदर मानी जाती है।
CBSE Class 7 Hindi -